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महिला छात्रावास --3
विकी और असलम बचपन के दोस्त थे । दोनों पास ही पास रहते एक साथ ही खेलते और पढ़ाई करते थे। दोनों हमेशा बदमाशी में अव्वल और पढ़ाई में अव्वल नहीं तो कम भी नहीं थे। दोनों दोस्त साथ साथ खेलते खाते बड़े हुए थे और अब बी एस सी करने के बाद उनकी बदमाशियों को मद्देनजर रखते हुए उनके मॉं बाप ने उन्हें बाहर इन्जिनियरिंग पढ़ने भेजने से पहले उनकी शादी करदेने का फैसला कर दिया था उनकी शादियॉ भी उनकी पसन्द की साथ में ही पड़ने वाली दो लड़कियों नाज़नीन और मोना से हो रही थीं।
विकी असलम के पास पहुँचा। विकी ने सारा किस्सा नाज़नीन की शर्त सहित सुना दिया। सुनकर एक पल को असलम जरा सा चौंका पर दूसरे ही पल अपनी आदत के मुताबिक ठहाका मार के बोला- अबे ये तो तू बड़ी अच्छी खबर लाया है। जरा सोच मुझे मेरी ससुराल में चुदाई की कितनी सहुलियत रहेगी मेरे तो मजे ही मजे हैं। तू भी जब जी चाहे स्वाद बदलने आजाया करना। इसमें तू इतना घबराया हुआ क्यों है और ये क्या मातमी सूरत बना रखी है।
यार मजाक छोड़ मैं नाज़नीन की शर्त की वजह से परेशान हूँ - विकी झल्लाया ।
क्या मोना को ये सब मालुम है - असलम ने पूछा ।
हॉ - विकी ने बताया।
तू इतना घबरा मत मैं कुछ सोचता हूँ - असलम ने उसे दिलासा दी।
थोड़ी देर दोनों खुसुर फुसुर करते रहे फिर कुछ तय करके अपने एक दोस्त रमन को फोन किया और सारी योजना बना लेने के बाद दोनों ने विकी के पिताजी से मिलने का निश्चय किया। विकी के पिताजी प्रो गजेन्द्र पाण्डेय के दफ्तर में मोना के पिताजी बापू ठाकुर वीरेन्द्र चौहान भी बैठे गप्पें मार रहे थे। दोनों वहीं जा धमके। विकी के पिताजी पाण्डेयजी ने जैसे ही दोनों को देखा तो बोल पडे़ - कहॉं से आ रही है तशरीफ इस जुगल जोड़ी की।
जी कुछ नहीं बस ऐसे ही - असलम ने सर झुका के जवाब दिया।
ठाकुर वीरेन्द्र चौहान ने छेड़ा- अब चार रोज में शादी होने को है और तुम लोग हो कि बस ऐसे ही यानि कि कमाल है।
जी उसी सिलसिले में कुछ अर्ज करना चाहते थे - विकी ने मुँह खोला।
पाण्डेयजी - बोलो
जी हम चाहते हैं कि हम दोनों की शादी एक ही दिन एक ही छत के नीचे हो - असलम ने सर झुकाये झुकाये ही जवाब दिया।
मियां बावले हुए हो कहॉं से लाओगे इतनी बड़ी छत कि तुम्हारे निकाह का इतना टीम झाम फिर विकी की शादी का मण्डप फिर कितने सारे लोग - ठाकुर वीरेन्द्र चौहान बड़बड़ाये।
जी उसकी आप फिक्र ना करें।वो हमारा दोस्त है न रमन ओबेरॉय उसने अपने होटल में सब इन्तजाम कर देने का वादा किया है - विकी ने जवाब दिया।
थोड़ी नानुकुर के बाद पाण्डेय जी और ठाकुर वीरेन्द्र चौहान मान गये।
रमन ने अपने वादे के मुताबिक अपने होटल मे सारा इन्तजाम बहुत शान्दार तरीके से करवाया था। न सिर्फ दोनों की शादी का इन्तजाम अगल बगल था बल्कि यहॉ तक कि शादी के बाद दोनों की सुहागरात के कमरे भी अगल बगल थे। शादी के बाद विकी और असलम ने एकदूसरे को मुबारकबाद दी और धड़कते दिल से अपने अपने सुहागरात के कमरे में पहुँचे। जैसे ही विकी कमरे में पहुँचा मोना ने मुस्कुराकर उसकी तरफ देखा और बोली - अपना नाज़नीन से किया वादा याद है ।
विकी - हॉ ।
मोना - तो पूरा करो अपना वादा।
विकी ने दोनों कमरों के बीच का दरवाजा खटखटाया । असलम ने दरवाजा खोला असलम और नाज़नीन दोनों दरवाजे पर ही खड़े थे ।
असलम - आओ विकी ।
विकी - मैं एक बार फिर दोनो लड़कियों से कहना चाहूँगा कि आप दोनो एक बार और सोचले ऐसा न हो कि बाद में अपने दिल में आप दोनों शर्मिन्दगी महसूस करें वैसे मुझे और असलम को कोई फर्क नहीं पड़ता।
नाज़नीन ने विकी का हाथ पकड़ के अपनी तरफ खीचा - अब ये लम्बे लम्बे डायलाग मारने के बजाय कुछ करके दिखा।
लगभग साथ ही मोना असलम को धकियाते अपने कमरे में ले जाते हुए बोली - तू ठीक कहती है नाज़ो ये दोनो हॉकते बड़ी लम्बी-लम्बी हैं। चल उल्लू (मोना असलम को उल्लू कह के ही बुलाती थी) आज मैं देखूँगी कि तू क्या कुछ कर पाता है।
मोना ने असलम को अपने कमरे में धकेल कर पीछे दरवाजा बन्द कर दिया।
इधर नाज़नीन के अचानक खीचने से विकी लड़खड़ाया तो नाज़नीन ने उसे धक्का दे बिस्तर पर गिरा दिया। फिर अपनी साड़ी पेटीकोट समेटते हुए विकी के ऊपर चड़कर बैठ गई। तबतक विकी संभल चुका था। उसकी नजर नाज़नीन की ऊपर को सिमटी साड़ी पेटीकोट के अन्दर से झॉकती गुलाबी गोरी मांसल रेशमी पिंडलियों और जांघों पर पड़ी। एक हाथ से उन्हें सहलाते हुए दूसरे हाथ से साड़ी खीचकर उतार दी। फिर पेटीकोट का नारा खीचकर खोल दिया। नाज़नीन ने स्वयं दोनो हाथों से पकड़ पेटीकोट सिर की तरफ से उतारने में विकी की सहायता की। विकी ने देखा नाज़नीन ने पेटीकोट के नीचे कच्छी नहीं पहनी थी।
विकी के मुँह से निकला -अरे तूने तो कच्छी ही नहीं पहनी है।
नाज़नीन - जब तुझसे सील तुड़वानी ही है कच्छी का झंझट क्यों रखना।
ये सुनकर विकी ने खीचकर उसे अपने ऊपर गिरा लिया और उसके रसभर होठों पर अपने होंठ जमा दिये । नाज़नीन कमर से नीचे बिलकुल नंगी थी। विकी का बायॉ हाथ नाज़नीन के नंगे गदराये संगमरमरी चूतड़ों के उभारों पर मचल रहा था और दायॉं हाथ उसके ब्लाउज के अन्दर गदराये आमों को टटोल रहा था। ब्लाउज के चुटपुटिया वाले बटन ये ज्यादती बरदास्त न कर सके और चटपट खुल गये। विकी ने ब्लाउज उतार फेंका अब नाजनीन के बदन पर सिर्फ* ब्रा बची थी विकी ने देखा गहरे गले की ब्रा में से बड़े बड़े लंगडा आमों जैसे स्तन उछल मचल रहे थे । उसने ब्रा का हुकखोल कर उन्हें आजाद कर दिया और लंगडा आमों को हाथों से और उनपर लगे अंगूरों को दॉतों से पकड़ने की कोशिश करने लगा। नाजनीन के मुँह से सिसकारियॉं छूटने लगीं । इस बीच नाज़नीन ने विकी की शर्ट के बटन और पैंट की बेल्ट खोल डाले थे। जब वो पैंट की जिप खोलकर कर उसका साढ़े सात इंची लण्ड थाम बाहर निकालने लगी तो विकी ने अपने बायें हाथ से पैंट खिसकाकर उतारने में उसकी मदद की। नाजनीन ने उसका लण्ड अपनी जॉघो के बीच में दबाकर मसलते हुए सिसकी ली - हाय विकी आज तू मुझे वही जलवा दिखा दे जिसने मेरी मॉ को तेरा दीवाना बना दिया है मैंने आज ही के दिन के लिए अपनी बुर कोरी बचाके रखी थी।
अब विकी के लिए भी रूकना मुश्किल हो रहा था। उसने नाजनीन को पलट दिया और खुद उसके ऊपर आ गया । वो नाजनीन के गदराये कोमल गुलाबी गदराये बदन को देख देख के पागल हो रहा था और जहॉ तहॉ मुँह मार रहा था। बुरी तरह हाथों से दबोच और मसल रहा था। जब उससे नहीं रहा गया तो वो नाजनीन की दोनों दूध सी सफेद संगमरमरी मांसल टॉगों के बीच में बैठ गया। बारी बारी से दोनो टॉंगे उठा के कन्धों पर रख लीं। नाजनीन की बिना बालों वाली गोरी गुलाबी कुँवारी अनचुदी बुर ऊपर की तरफ उभर आई। विकी उसपर अपना मस्ताना सुपाड़ा रगडते हुए बोला - हाय नाजो तेरी तरह तेरी मॉ की चूत पर भी बाल नही हैं।
हॉ विकी हाय अब और न तड़पा - नाजनीन ने सिसकारी लेते हुए अपने दोनों हॉथों से अपनी बुर की फॉके फैलायी।
विकी ने देखा नाजनीन की बुर बुरी तरह पनिया रही है। उसने अपने लण्ड का सुपाड़ा बुर के मुहाने पर रखा और धीरे धीरे अन्दर की तरफ ठेलने लगा। कुँवारी अनचुदी बुर की सील तोड़ने का उसे अनुभव था नहीं और जोर जबरदस्ती करने का न तो कोई मकसद था न मतलब। लण्ड बार बार फिसल जाता था।
लगभग यही किस्सा बल्कि इससे भी बुरा बगल के कमरे में असलम और मोना का हो रहा था। क्योंकि एक तो असलम का लण्ड लम्बाई में विकी से उन्नीस तो मोटाई में बीस था । ऊपर से असलम की लखनऊआ शराफत आडे़ आ जा रही थी। उसकी लखनऊआ शराफत का बस इसी से अन्दाजा लगाये कि जब मोना उसे धकियाते हुए कमरे में ले गयी थी तो उसने एक बार फिर मोना को ऊँचनीच समझाने की कोशिश की। मोना झुंझला के बोली - ये ऊँचनीच तूने अपनी अम्मा को क्यों नहीं समझाई जब वो मेरे बापू ठाकुर वीरेन्द्र चौहान से उछल उछल के चुदवा रही थी मैंने तुझे दिखाया था न। मैं शर्त लगा सकती हूँ कि आज भी इस शादी ब्याह की गहमा गहमी में वो मेरे बाप के कमरे में ही होगी।
असलम दरअसल छोटी उमर में ही बेवा हो जाने…………
तभी मोना ने अपना बडे़ खरबूजे जैसे बायें स्तन का ढक्कन उसके मुँह पर लगा दिया और बोली - चुप उल्लू फिर बकबक शुरू कर दी। उधर तेरी बीबी अबतक तो अपने यार के गधे जैसे लण्ड से फड़वा भी चुकी होगी …………वगैरह…………वगैरह
हॉ तो मैं बता रहा था इधर विकी के लण्ड का सुपाड़ा नाजनीन की बुर में नही घुस रहा था उधर असलम भी परेशान था उसका मोटा हथौड़े सा सुपाड़ा मोना की मालपुए सी बुर में नहीं जा रहा था। मोना झुंझलाई - जाने कैसे उल्लू से पाला पड़ा है बड़ा चुदक्कड बना फिरता था जाने मेरी किस्मत में तेरे लण्ड से सील तुड़वाना बदा भी है या नहीं।
मोना ने उसे अपने ऊपर से हटाया और बिस्तर से उठ खड़ी हुई। फिर असलम का लण्ड पकड़ के लगभग खीचते हुए दोनों कमरों के बीच के दरवाजे की तरफ ऐसे गई जैसे कोई कुत्ते के पे को खीचते ले जा रहा हो। उसने बीच का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुला तो सामने हैरान परेशान विकी व नाजनीन नगधड़ंग खड़े थे। चारो एकदूसरे की शकल देखकर सारा माजरा समझ गये और अपनी हालत पर ठहाका मार के हॅंस पड़े।
मोना नाजनीन से बोली - लगता है इन दोनो ने अबतक बड़े बड़े भोसड़े ही चोदे हैं नई कोरी बुर की सील तोड़ना इनके बस की बात नहीं। बड़े चुदक्कड़ बने फिरते थे दोनो।
ये बात नहीं सील तो हम अभी तोड़ दें पर तुम्हें दर्द बहुत होगा। सिर्फ इस बात से डरते हैं - असलम ने जवाब दिया।
हमारे दर्द की फिक्र छोड़ अगर आप कुछ करके दिखायें नवाब साहब तो बड़ी मेहरबानी होगी - मोना ने उसी अन्दाज़ में जवाब दिया।
विकी और असलम ने एकदूसरे की तरफ देखा फिर सामने खड़ी दोनों लड़कियों की तरफ देखा। जहॉ नाजनीन का बदन लम्बा गठीला दूध से सफेद बड़े बड़े लगंाड़ा आमों जैसे उरोज उभरे हुए संगमरमरी चूतड़ चिकनी मोटी मोटी गोरी गुलाबी संगमरमरी लम्बी जांघें पिण्डलियां वहीं मोना छोटे कद की गोरी गुलाबी बड़े बड़े खरबूजे जैसे उरोजों और की बड़े बड़े भारी चूतड़ों वाली मांसल गठीले बदन की पर कुछ कुछ गोलमटोल सी लड़की थी।
दोनों लड़कियों ने जब विकी और असलम को अपनी तरफ घूरते देखा तो बोल पड़ी - क्या देख रहे हो।
विकी ने असलम की तरफ देखा और जवाब दिया - हम देख रहे हैं कि रसगुल्ला और रसमलाई साथ साथ खड़े हैं।
असलम मोना पर झपटते हुए बोला - ठीक कहा विकी ने और अब हम उन्हें खाने जा रहे हैं।
विकी ने नाजनीन को और असलम ने मोना को उठाकर उसी कमरे के बिस्तर पर अगल बगल पटक दिया।
नाजनीन और मोना ने खुशी खुशी अपनी बुर की फॉके फैलाईं विकी ने अपना सुपाड़ा नाजनीन की और असलम ने मोना की बुर पर रखा और दोनों ने जोर से धक्का मारा। पर ये क्या लण्ड फिर फिसल गये । ये देख लडकियॉ फिर हॅस पड़ी। मोना बोली ठहरो लड़कों लगता है जोश से नहीं होश से काम लेना होगा।
मोना ने असलम को अपने ऊपर से हटाया और उठकर नाजनीन से बोली - चल बारी बारी से निपटाते हैं।
नाजनीन - क्या मतलब।
मोना - पहले तेरी सील तुड़वाने में मैं तेरी मदद करूँगी हूँ फिर तू मेरी करना।
नाजनीन - वो कैसे
मोना - तू अपनी बूर फैला।
नाजनीन ने अपने दोनो हाथों से अपनी बुर की फॉके फैलाईं। मोना ने विकी का लण्ड थामा और पहली बार नजदीक से देखा गधे जैसा लम्बा लग रहा था। अचानक मोना और विकी की नजर मिली मोना मुस्कराई और बोली - ले नाजो पूरी करले अपने मन की मुराद।
मोना ने नाजनीन की बुर की फैली फॉकों के बीच एक हाथ की उगंलियों से छेद टटोला फिर दूसरे हाथ से विकी के लण्ड का सुपाड़ा छेद के ठिकाने पर रखा। लण्ड पकड़े पकड़े ही विकी को धक्का मारने का इशारा किया। विकी ने धक्का मारा। इसबार सुपाड़ा नहीं फिसला और पकसे सील तोड़ते हुए घुस गया।
नाजनीन चिल्लाई - उई इइइइ मॉअअआााा मर गईइइइ।
मोना - घबरा मत मरेगी नहीं न ही मरी है पर तेरी फट जरूर गयी है पर तू ही तो मेरे मर्द से फड़वाना चाहती थी चल अब तू अपने मर्द से से मेरी फड़वा।
ये कहकर मोना ने विकी का लण्ड जोकि उसने छोड़ा नहीं था अपने हाथ से खीच कर नाजनीन की बुर से बाहर निकाल लिया।
फिर मोना ने लेट कर अपने दोनो हाथों से अपनी बुर की फॉके फैला दीं और बोली - अब चीखना बन्द कर और आ कर मदद कर मेरी, जैसे अभी मैने तेरी की थी।
नाजनीन कराहते हुए उठी । विकी ने उसकी बुर से खुन निकलते देखा तो एक छोटा तौलिया उसकी तरफ बढ़ा दिया। नाजनीन ने बायें हाथ से तौलिया ले कर बुर पर लगा लिया फिर बुर से खुन पोछ कर तौलिया असलम को दिखाते हुए बोली ये देख रहा है न। फिर दाहिने हाथ से पहली बार असलम का लण्ड थामा और खीरे या यों कहें नाइसिल पाउडर के डिब्बे के इतना मोटा सुपाड़ा देख मुस्कराई और बोली - अब तू भी दिखा इसका कमाल इस मोना की बच्ची को। नाजनीन ने मोना की गुदाज बुर की फॉकों के बीच में बड़ी मुश्किल से छेद ढूंढकर सुपाड़ा निशाने पर रखा। मोना ने सिसकी ली - हाय नाजो कितना मोटा है तेरी तो सिर्फ* फटी है मेरी तो चिर भी जायेगी। असलम ने धक्का मारा और नाजनीन ने भी इसबार लण्ड फिसलने नहीं दिया और मोना के मुँह से निकला - अरे मेरी गई रे उई इइइइ मॉअअआााा मर गईइइइ। असलम झुककर उसका निपल चूसने लगा
सुपाड़ा मोना की बुर की सील तोड़कर अन्दर घुस के ऐसे फॅस गया जैसे बोतल मे कार्क का ढक्कन लग गया हो।
नाजनीन बोली अब बोल पहले तो मेरा मजाक उड़ा रही थी।
विकी ने उसे खीचकर बगल में गिरा लिया और उसे सम्भलने का मौका दिए बगैर दोनों टॉगे उठा के कन्धों पे रखते हुए कहा - चल उसे अब तेरी मदद की जरूरत नहीं अब हम दोनों अपना अधूरा खेल पूरा करते हैं उसने बिना देर किये अपने लण्ड का सुपाड़ा नाजनीन की बुर के मुहाने पर रखा एक जोरदार धक्का और पक से सुपाड़ा अन्दर डाल दिया।
नाजनीन - उई धीरे से यार।
क्रमशः ............................................
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
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