raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
प्यार का रिश्ता --2
मैं उसके मूह से पहली बार किसी चुदवाने जैसे शब्द को सुनकर चौंक पड़ा..... पर मैने कोई भाव उसके सामने प्रदर्शित नही किया......
"क्या हुआ मेरे राजा!!!! सन्न रह गये क्या मेरे मूह से चुदवाने जैसा सब्द सुनकर" शिवानी गाड़ी चलाते हुए मेरी तरफ देखे बिना कह गई.......
" नही ऐसा बिल्कुल भी नही है रानी!!!.... मैने वो किसी और मक़सद से पूछा था...."
" पर जब तुम बड़ी बेरूख़ी से बोली तो मैं चुप हो गया'''''' खैर कोई बात नही''''' मैने कहा
थोड़ी देर गाड़ी मे सिर्फ़ कीशोर कुमार के रोमॅंटिक गाने गाड़ी के म्यूज़िक सिस्टम पर बजते रहे... सभी खामोश रहे......
तभी शिवानी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरी गर्दन मे डालकर अपनी और खींचा और मेरे गाल पर पप्पी दे दी..... अब की बार मैं वास्तव मे चौंक गया था
" राजा मैने बहुत बहुत लड़के और आदमी देखे तुमसे हॅंडसम भी थे पर सब के सब मुझे मेरे शरीर के भूके नज़र आए पर ना जाने तुम मे क्या कसिस है मैं समझ नही पाई अब तक"
" मेडम अपने आप को संभालिए ज़रा!!!! और काबू मे रखिए !! मैं एक अदद बीबी का पति और दो बच्चियो का बाप हू" मैने कहा.....
" यार तुम भी दकियानूसी बाते करते हो.......दोस्ती और प्यार मे यह सब नही देखा जाता बस दिल की बात मानी जाती है और तुम्ही ने तो कहा था को तुम्हारा जो दिल कहता है वो ही करते हो"
' हा मैने कहा था और वो सही भी है पर क्या है ना की मेरी एक आदत है की किसी अपने की भावनाओ का पूरा कदर करता हू... वो चाहे बीबी हो दोस्त हो कोई हो...."
"यह बताओ मैं कौन हू तुम्हारी..." शिवानी ने अचानक पूछ लिया
' देखो हम कुछ घंटो पहले एक दूसरे को बिल्कुल भी नही जानते थे पर अभी ऐसा लग रहा है की हम तुम बहुत पुराने संबंधी है.......इस नाते एक अछी सी दोस्त ...ह्म्म्म्ममममम. .. बल्कि उससे भी ज़्यादा...." मैने कहा.....
" क्या यार शिवानी इतनी देर से तुम ड्राइव करे जा रही हो..... कही मेरा किडनॅप तो नही कर रही.!?!'
" अरे जानी थोड़ा सबर करो....... अभी बस पहुचने ही वाले है"
उसने गाड़ी एक पौष कॉलोनी के गेट मे अंदर कर दी वाहा बड़े ही सुन्दर सुन्दर बंग्लॉ बने हुए थे......
ऐसे ही एक बंगल के गेट के सामने पहुच कर किसी ससपन्स फिल्म की भाँति उसने 3 बार हॉर्न दिया तो गेट्मन ने गेट विंडो से देखा और गेट खोल दिया.......
गाड़ी जाकर पोर्च मे खड़ी की और हम उतर गये....
उसने मेन गेट खोला और कहा मेरे दिलबर आइए मेरे ग़रीब खाने पर आपका स्वागत है.........
और वो अंदर दाखिल होकर मुझे भी अंदर किया.......
एक बहुत ही शानदार ड्रॉयिंग रूम सज़ा हुआ था पेंटिंग्स अक्वेरियम झाड़, फ़ानूस और ना जाने क्या क्या डेकोरेटिव आइटम्स थे.... लग रहा था किसी राजा या महरजा के महल मे आ गया हू..... मेरे कपड़ों से ज़्यादा कीमती तो उसके घर की खिड़कियों पर पड़े पर्दे थे...
मैं भौचक देखता रह गया ....
" ऐसे क्या देख रहे हो मनु आओ ना प्ल्ज़" शिवानी ने मेरा हाथ पकड़ कर मेरे को खींचते हुए कहा.......
" मैने कहा शिवानी जी आप तो बहुत पैसे वाली है फिर आप 3 टियर का रैली टिकेट की लाइन मे लगी थी.... और वो गाड़ी यह बंग्लॉ..... मुझे कुछ समझ नही आ रही......."
' मनु मेरी जिंदगी इन्ही चार दीवारों की और इन लोहे पत्थर की चीज़ों मे सिमटी है"
"मेरी मा मेरे बचपन मे मेरे को छोड़ कर चल बसी.... मेरी मा के जाने के बाद तो पिताजी और फ्री हो गये और वो दिन और रात नोट छ्चापने की मशीन बन कर रहगए और कुछ महीनो पहले वो भी मुझे इन पथराओं के बीच अकेली छोड़ गये और यह ज़्यादाद छोड़ गये....." मैं बचपन से तन्हा इन्ही दीवारों मे पली बड़ी हुई.. आज तुमसे मिली तब जाना की जिंदगी जीने के लिए एक अदद अच्छा साथी ज़रूरी है........
"खैर छोड़ो क्या पियोगे...... "
मैने कहा तुम्हारी जिंदगी तो बहुत तन्हा है मेरे दोस्त...... मैं कोशिश करूँगा की उसमे कुछ रंगिनियाँ भर सकू...."
"बताओ ना क्या पियोगे.... "
" चह.... चाइ पियूंगा शिवानी जी"
" यह तुम मेरे नाम के आगे जी क्यों लगाने लग गये तुमको क्या हो गया"..... .
" कुछ नही ... वो क्या है आप इतने बड़े एस्टेट की मालकिन और मैं कहा एक अदना सा ब्रामिन'' इसलिए निकल जाता है
"अभी बताती हू तुमको मैं पहले चाइ बना लाऊँ....." शिवानी कहते हुए पता नही उस हाल मे से कहा गायब हो गई
मैं सोच रहा था कही मेरे कपड़ों से सोफा ना गंदा हो जाए और यह चीज़े यह तो बहुत बड़ी लड़की है मैं यहा नही ठहर सकता मुझे यहा से जाना होगा... जैसे ही मेरे मन मे यह विचार आया. तो मैं बाहर जाने के लिए मुड़ा तो मेन गेट जैसे चारो और चार गेट और वैसे ही खिड़किया और सोफे भी वैसे ही सेट किए गये थे... वो एक प्रकार से बड़ा ही रहाशयामय बंग्लॉ था... एक भूल-भुलैया जैसा मैने गेट खोलने की कोशिश करी पर खुला नही.....फिर दूसरा तीसरा और छोटा कोई भी गेट नही खुल रहा था......
" क्यों छटपटा रहे हो मेरी जान........ " मैं शिवानी की आवाज़ सुनकर चौंका..... ..
"क्या हुआ क्यों भाग जाना चाहते हो यहा से...."
" शिवानी जी मुझे यहा से जाने दीजिए प्ल्ज़्ज़... मेरा यहा दम घुट जाएगा....." .... मैने शिवानी से लगभग गिड-गीडाते हुए कहा
" पहले चाइ तो पी लो'''
" हम दोनो ने चाइ पी" और उस दौरान हम दोनो खामोश रहे.....
चाइ ख़तम करके मैं खड़ा हो गया ....
" देखो मनु क्या तुम सच मे अपने दोस्त को छोड़ कर जाना चाहते हो ????? तो मैं तुमको नही रोकूंगी" अरे यार इस दौलत के पीछे तो ना जाने कितने लोग पड़े हुए है... और एक तुम हो जो दौलत से दूर भाग रहे हो.....
" नही शिवानी ग???? मुझ दौलत नही चाहिए? मैं ग़रीब ज़रूर हू पर लालची नही???? ऐसा कीजिए आप मेरे साथ मेरे होटेल चलिए वाहा पर हम दोनो बैठते है....
वो मेरे को लगभग खींचते हुए अपने बेडरूम मे ले गई.....
वाहा मुझे बिठाकर उसने दरवाजा बंद किया और बेतहासा मेरे से लिपट गयी और मेरे को ना जाने कितने किस्सस दिए... मैने पहली बार उसके शरीर का आएशास महसूस किया मैं जैसा था वैसा ही रहा.....
उसने मेरे को ऊपेर से नीचे तक चूमा .......
उसने मेरे लिप्स भी चूसे उसके मस्त मम्मे मेरी छाती मे गड़ रहे थे लेकिन फिर भी आज जो लंड सपनो मे या इमॅजिन करते हुए किसी चूत को या मम्मो का आएशस पाकर खड़ा हो जाता था उसको कुछ नही हुआ था......
" आइ लव यू डियर मनु... मैं तुम्हारी दीवानी हू... तुम्हारी शायरी की दीवानी... तुम्हारी हँसी की दीवानी तुम्हारे हर एक अंग अंग की दीवानी हू."
मन तो मेरा भी कर रहा था की मैं उसे कह दू आइ लव यू टू माइ डियर शिवानी पर डर रहा था. जैसे तैसे मैने हिम्मत बटोरी और कहा " शिवानी यह नही हो सकता.... मेरा मन और दिल तुमको बहुत प्यार करने को चाहता है पर ......"
" पर... तुम शादी सुदा और दो बच्चियो के बाप हो यही ना....!! मेरे लिए इससे कोई फ़र्क नही पड़ता तुम मेरे सचमुच के मनु हो.... मनुता हो तुम मेरे...."
" जानते हो जब मैने तुम्हे तुम्हारी अफीशियल पार्टी मे पहली बार देखा तो पहली ही नज़र मे तुमको अपना सबकुछ बना बैठी..... मैने उसी पल सोच लिया था और ठान लिया था की एक ना एक दिन तुमको पा के रहूंगी..... " और उसी समय से मैं तुम्हारे पीछे लग गई..."
मुझे सब कुछ पता है तुम्हारे बारे मे... अब कुछ नही हो सकता ......" मैं तुम्हारी दासी हू तुम चाहे मेरे साथ जो भी करो मुझे मंजूर है"
मैने उससे कहा " शिवानी मुझे तुम्हारा शरीर तो अछा लगा पर जब हम दोनो मिले तो तुम्हारे लिए मेरे मन मे भी पवित्र प्रेम और भाव जाग गये" उसमे वासना कही दूर चली गई.....
और अब मैं भी उसको चूम रहा था हम दोनो दो शरीर एक हो कर एक दूसरे हुए किसे पेड़ पर जैसे लता चिपकती है ऐसी चिपके हुए थे उसके मम्मे मेरी छाती मे उसकी टाँगो के बीच मे मेरी जाँघ और मेरा लंड जो अब पूरा खड़ा हो चुका था उसके पेट पर गाड़ा हुआ था..... मैं शिवानी को चूमे जा रहा था और उसे लिपताए हुए उसकी पीठ और गर्दन और मस्त गांद सहलाए जा रहा था.. ना जाने कितनी देर तक हम दोनो ऐसे ही लिपटे रहे एक दूसरे की बाँहो मे.....
फिर मैने शिवानी को अपने से अलग किया और उसे साथ लेकर बेड पर आ गया ... हम दोनो अगाल-बगल बैठे थे बेड पर पैर ज़मीन मे लटकाए हुए.....
मैने शिवानी को बोला "बाथरूम कहा है...."
"वो उस तरफ.." एक दरवाजा की तरफ इशारा करते हुए शिवानी ने बताया
चोकी मेरा लंड तना हुआ था और मुझे लग रहा था कि शायद चुदाई हो तो कही जल्दी ना झाड़ जाऊ इसलिए मैं बाथरूम मे गया और मूठ मारकर वापिस आ गया ....
तब तक शिवानी ने भी कपड़े बदल लिए थे अब वो नाइट गाउन मे आ गयी थी.... कमरे मे हॉट ब्लोवर चालू था इसलिए ठंड का ऐएहसास नही हो रहा था....
मैं आकर जैसे ही पलंग पर बैठा तो शिवानी ने कहा मनु कपड़े बदल लो और मेरे को एक गाउन दे दिया.....
गाउन लेकर मैं फिर बाथरूम गया और अपनी जीज़्न्स , स्वेटर वगैरह उतारकर वो रोब पहनकर आ कर बैठ गया ....
मैने शिवानी से कहा " तुम इतने पैसे वाली रुतबे वाली होकर मुझ जैसे आदमी पर क्यों मर मिटी"
शिवानी ने कहा " देखो मनु तुम भले ही शादी शुदा हो पर एक औरत का दिल नही जानते'''
' एक औरत अपने लिए एक मजबूत बाहों का घेरा, दिल मे बहुत सा प्यार और इज़्ज़त की प्यासी होती है" और यह सभी के सभी मैने तुममे देखे....
मैने तुम्हारे दोस्तों का पता किया कोई मुस्किल नही हुई तुम्हारे बारे मे पता करने मे और सभी ने कहा की मनु आज के समय का इंसान नही है वो बहुत ही सीधा सादा और लविंग पर्सन है. मनु के दिल मे दूसरों के लिए दर्द है प्यार है वो हर कीमत पर अपना वादा निभाना जानता है.... बस फिर क्या था मेरी मन की मुराद पूरी हो गई....
मैने निर्णय कर लिया की मेरा शरीर, मेरी आत्मा सब कुछ तुम्हे ही सोपूंगी... मैं तुम्हारी मीरा बन कर रहूंगी....
"शिवानी मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा की कोई इतनी खूबसूरत, इतनी सेक्सी और तो और रुतबे वाली लड़की मेरे पर मरसकती है"
'नही शिवानी नही...... प्लीज़ अपने आप को रोक लो नही तो इस प्यार के मारे मेरे दिल की धड़कन ही ना बंद हो जाए".....मैं इतना अछा नही हू जितना तुम सोचती हो मैं बहुत ही बुरा इंसान हू.....
" तुम जानते हो तुम्हारी सबसे बड़ी खूबी क्या है' शिवानी ने मुझे बेड पर लिटाते हुए कहा...."
"नही" मैने जवाब दिया....
यही की तुम बहुत ही भोले और दिल के सॉफ इंसान हो.....
शिवानी अब मेरे ऊपेर चड़ी चली आ रही थी एक तो उसका गदराया सोने जैसा बदन ऊपेर से उसके बंदन से उसके कवरेपन की आती मादक खुसबू और उसकी गरम जवानी और उसके रूम का माहौल मुझे नसीला बना रही थी मेरा लंड फिर से जवान हो गया था ....
शिवानी का बेड बहुत ही मुलायम और मखमली था और उपर से शिवानी का मखमली बदन अब मैं अपने आपे मे नही रह पा रहा था मैने भी शिवानी को अपने ऊपेर खींच कर उसके गर्दन पर कान के पीछे उसके बूब्स के ऊपेर गालों पर आँखों पर वेट किस करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ शिवानी की चूत को अपने खड़े लंड पर दबा रहा था और उसके मस्त गांद की गोलैईयों को मसल रहा था..... वो तूफान दोनो तरफ उमड़ रहा था...
पर मैं यह प्रेम पवित्र रखना चाहता था... और इंतेज़ार कर रहा था की जब तक शिवानी ना कहेगी उसको चोदुन्गा नही .....
शिवानी की साँसे बहुत तेज़ चलने लगी थी.... उसके औंठ थरथराने लगे थे उसकी आवाज़ निकलनी बंद हो गई थी वो तो पागलो की भाँति अपना बदन मेरे बदन से रगड़ रही थी और उसने मेरे रोब खोल कर मेरे सीने पर किस करना चालू कर दिया था वो मेरे निपल चूस रही थी........ उसके ऐसा करने से मेरे लंड मे तनाव बढ़ता जा रहा था... मेरी प्रतिग्या मुझे टूत्तती हुई से नज़र आ रही थी...... पर शिवानी रुकने का नाम ही नही ले रही थी.....
" हा मनु.....ह्म्म्म्मममम ....ह्म्म्म्मम आइ......ल्ल्ल्लोवे. .. उउउ वेरी मच... मैं तुम्हारी हू मेरा शरीर तुम्हारा है मेरी आत्मा तुम्हारी है.......मनुव्व मुझे अपने मे समा लो.... प्ल्ज़्ज़ मनु.... मेरे को ना जाने क्या हो गया है मुझे नही पता..."
क्रमशः...................
प्यार का रिश्ता --2
mai uske muh se pehli baar kisi chudwane jaise shabd ko sunkar chounk pada..... par maine koi bhaav uske saamne pradarshit nahi kiya......
"kya hua mere raja!!!! sann reh gaye kyaa mere muh se chudwane jaisa sabd sunkar" shivani gadi chalate hue meri taraf dekhe bina keh gai.......
" nahi aisa bilkul bhi nahi hai rani!!!.... maine wo kisi aur maqsad se poocha tha...."
" par jab tum badi berukhi se boli to mai chup ho gayaa'''''' khair koi baat nahi''''' maine kaha
thodi der gadi mai sirf kishore kumar ke romantic gaane gadi ke music system par bajte rahe... sabhi khamohs rahe......
tabhi shivani ne apna haath badakar meri gardan mai dalkar apni aur kheenchaa aur mere gaal par puppi de di..... ab ki baar mai vastav mai chaunk gaya thaa
" raja maine bahut bahut ladke aur aadmi dekhe tumse handsome bhi the par sab ke sab mujhe mere sharir ke bhooke nazar aaye par naa jaane tum me kya kasis hai mai samajh nahi paayi ab tak"
" madam apne aap ko sambhaliye jara!!!! aur kaboo mai rakhiye !! mai ek adad bibi ka pati aur do bachiiyon ka baap hoo" maine kaha.....
" yar tum bhi dakiyanoosi baatain karte hoo.......dosti aur pyar mai yeh sab nahi dekha jaata bas dil ki baat maani jaati hai aur tumhi ne to kaha tha ko tumhara jo dil kehta hai wo hi karte ho"
' ha maine kaha tha aur wo sahi bhi hai par kya hai na ki meri ek adat hai ki kisi apne ki bhavnaoo ka poora kadar karta hoo... wo chahe bb ho dost ho koi ho...."
"yeh batao mai kaun hu tumhari..." shivani ne achanak pooch liyaa
' dekho hum kuch ghanto pehle ek doosre ko bilkul bhi nahi jaante the par abhi aisa lag raha hai ki hum tum bahut purane sambandhi hai.......is naate ek achi si dost ...hmmmmmmmm. .. balki usse bhi jyada...." maine kaha.....
" kyaa yar shivani itni der se tum drive kare ja rahi ho..... kahi mera kidnap to nahi kar rahi.!?!'
" are jaani thoda sabar karoo....... abhi bas pahuchne hi wale hai"
usne gaadi ek paush coloney ke gate mai ander kar di waha bade hi sunder sunder bunglow bane hue the......
aise hi ek bungle ke gate ke same pahuch kar kisi suspance film ki bhanti usne 3 baar horn diya to gateman ne gate window se dekha aur gate khol diya.......
gadi jakar porch mai khadi ki aur hum utar gaye....
usne main gate khola aur kaha mere dilbar aaiye mere garib khane par aapka swagat hai.........
aur wo ander dakhil hokar mujhe bhi ander kiya.......
ek bahut hi shandar drawing room saja hua tha paintings acquarium jhaad, faanoos aur na jane kya kya decorative items the.... lag raha tha kisi raja ya mahraja ke mehal mai aa gaya hoo..... mere kapdon se jyada keemti to uske ghar ki khidkiyon par pade parde the...
mai bhouchak dekhta reh gaya ....
" aise kya dekh rahe hoo Manu aao na plz" shivani ne mera haath pakad kar mere ko kheenchte hue kaha.......
" maine kaha shivani g aap to bahut paise wali hai phir aap 3 teair ka raily ticket ki line mai lagi thi.... aur wo gaadi yeh bunglow..... mujhe kuch samajh nahi aa rahi......."
' Manu meri jindagi inhi chaar diwaron ki aur in lohe patthar ki cheejon mai simti hai"
"meri maa mere bachpan mai mere ko chor kar chal basi.... meri maa ke jaane ke baad to pitaji aur free ho gaye aur wo din aur raat note chhaapne ki machine ban kar rehgaye aur kuch mahino pehle wo bhi mujhe in pathraon ke beech akeli chor gaye aur yeh jyadad chor gaye....." mai bachpan se tanha inhi diwaron mai pali badi hui.. aaj tumse mili tab jaana ki jindagi jeene ke liye ek adad achcha saathi jaroori hai........
"khair chodo kya piyoge...... "
maine kaha tumhari jindagi to bahut tanha hi mere dost...... mai koshish karoonga ki usmai kuch ranginiyaan bhar sakoo...."
"batao na kya piyoge.... "
" chhhh.... chai piyoonga shivani g"
" yeh tum mere naam ke aage g kyon lagane lag gaye tumko kya hogaya"..... .
" kuch nahi ... wo kya hai aap itne bade estate ki malkin aur mai kaha ek adna sa brahmin'' isliye nikal jaata hai
"abhi batati hu tumko mai pehle chai bana laaoon....." shivani kehte hue pata nahi us haal mai se kaha gayab ho gai
mai soch raha tha kahi mere kapdon se sofa na ganda ho jaye aur yeh cheejain yeh to bahut badi ladki hai mai yeha nahi thehar sakta mujhe yeha se jaana hoga... jaise hi mere man mai yeh vichaar aaya. to mai bahar jaane ke liye muda to mai gate jaise chaaro aur chaar gate aur waise hi khidkiya aur sofe bhi waise hi set kiye gaye the... wo ek prakar se bada hi rehashyamay bunglow tha... ek bhool-bhulaiya jaisa maine gate kholne ki koshish kari par khula nahi.....phir doosra teesra aur chota koi bhi gate nahi khul raha tha......
" kyon chatpata rahe ho meri jaan........ " mai shivani ki awaj sunkar chounka..... ..
"kya hua kyon bhaag jaana chahte ho yeha se...."
" shivani g mujhe yeha se jaane dijiye plzz... mera yeha dum ghut jayega....." .... maine shivani se lagbhag gidgidate hue kaha
" pehle chai to pi loo'''
" hum dono ne chai pi" aur us dauraan hum dono khamosh rahe.....
chai khatam karke mai khada ho gaya ....
" dekho Manu kya tum sach mai apne dost ko chorkar jaana chahte ho ????? to mai tumko nahi rokungi" are yaar is daulat ke peeche to na jaane kitne log pade hue hai... aur ek tum ho jo daulat se door bhaag rahe ho.....
" nahi shivani g???? mujh daulat nahi chahiye? mai gareeb jaroor hoo par lalchi nahi???? aisa kijiye aap mere saath mere hotel chaliye waha par hum dono baithte hai....
wo mere ko lagbhag kheenchte hue apne bedroom mai le gai.....
waha mujhe bithakar usne darwaja band kiya aur betahasaa mere se lipat gayi aur mere ko na jaane kitne kisses diyee... maine pehli baar uske sharir ka aeshaas mehsoos kiyaa mai jaisa tha waisa hi raha.....
usne mere ko ooper se neeche tak chooma .......
usne mere lips bhi choose uske mast mamme meri chaati mai gad rahe the lekin fir bhi aaj jo lund sapno mai ya imagine karte hue kisi choot ko ya mammo ka aeshas pakar khada ho jaata tha usko kuch nahi hua tha......
" I love u dear Manu... mai tumhari diwani hoo... tumhari shayari ki diwani... tumhari hansi ki diwani tumhare har ek ang ang ki diwani hoo."
man to mera bhi kar raha tha ki mai use keh du i love u too my dear shivani par dar raha thaa. jaise taise maine himmat batori aur kaha " shivooo yeh nahi ho sakta.... mera man aur dil tumko bahut pyar karne ko chahta hai par ......"
" par... tum shaadi suda aur do bachiyon ke baap hoo yehi na....!! mere liye isse koi fark nahi parta tum mere sachmuch ke Manu ho.... Manuta ho tum mere...."
" jaante ho jab maine tumhe tumhari official party mai pehli baar dekha to pehli hi nazar mai tumko apna sabkuch bana baithi..... maine usi pal soch liya tha aur thaan liya tha ki ek na ek din tumko paa ke rahungi..... " aur usi samay se mai tumhare peeche lag gai..."
mujhe sab kuch pata hai tumhare bare mai... ab kuch nahi ho sakta ......" main tumhari daassi hoo tum chahe mere saath jo bhi karo mujhe manjoor hai"
maine usse kaha " shivani mujhe tumhara sharir to acha laga par jab hum dono mile to tumhare liye mere man mai bhi pavitra prem aur bhaav jaag gaye" usme vaasna kahi door chali gai.....
aur ab mai bhi usko choom raha tha hum dono do shareer ek ho kar ek doosre hue kise ped par jaise lata chipakti hai aisi chipke hue the uske mamme meri chaati mai uski taango ke beech mai meri jaangh aur mera lund jo ab poora khada ho chuka tha uske pet par gada hua thaa..... mai shivani ko choome ja raha thaa aur use liptaye hue uski peeth aur gardan aur mast gaand sehlaye ja raha thaa.. na jaane kitni der tak hum dono aise hi lipte rahe ek doosre ki bahoo mai.....
fir maine shivani ko apne se alag kiya aur use saath lekar bed par aa gaya ... hum dono agal-bagal baithe the bed par pair jameen mai latkaye hue.....
maine shivani ko bola "bathroom kaha hai...."
"wo us taraf.." ek darwaja ki taraf isara karte hue shivani ne bataya
choki mera lund tana hua tha aur mujhe lag raha tha ki shyad chudai ho to kahi jaldi na jhar jaao isliye mai bathroom mai gaya aur mutth maarkar wapis aa gaya ....
tab tak shivani ne bhi kapde badal liye the ab wo night gown mai aa gayi thi.... kamre mai hot blower chaloo tha isliye thand ka aehsaas nahi ho raha tha....
mai aakar jaise hi palang par baitha to shivani ne kaha Manu kapde badal lo aur mere ko ek gown de diya.....
gown lekar mai fir bathroom gaya aur apni jeasns , sweater wagairh utarkar wo robe pehankar aa kar baith gaya ....
maine shivani se kaha " tum itne paise wali rutbey wali hokar mujh jaise aadmi par kyon mar miti"
shivani ne kaha " dekho Manu tum bhale hi shadi shuda ho par ek aurat ka dil nahi jaante'''
' ek aurat apne liye ek majboot bahon ka ghera, dil mai bahut sa pyaar aur ijjat ki pyaasi hoti hai" aur yeh sabhi ke sabhi maine tumme dekhe....
maine tumhare doston ka pata kiya koi muskil nahi hui tumhare baare mai pata karne mai aur sabi ne kaha ki Manu aaj ke samay ka insaan nahi hai wo bahut hi seedha saada aur loving person hai. Manu ke dil mai doosron ke liye dard hai pyar hai wo har keemat par apna wada nibhana jaanta hai.... bas fir kya tha meri man ki muraad poori ho gai....
maine nirnay kar liya ki mera sharir, meri aatma sab kuch tumhe hi sopungi... mai tumhari meera ban kar rahoongi....
"shivani mujhe apni kismat par vishwas nahi ho raha ki koi itni khoobsoorat, itni sexy aur to aur rutbe wali ladki mere par marsakti hai"
'nahi shivani nahi...... please apne aap ko rok lo nahi to is pyaar ke maare mere dil ki dhadkan hi na bandh ho jaye".....mai itna acha nahi hoo jitna tum sochiti hoo mai bahut hi bura insaan hoo.....
" tum jaante ho tumhari sabse badi khoobi kya hai' shivani ne mujhe bed par litate hue kaha...."
"nahi" maine jawab diya....
yehi ki tum bahut hi bhole aur dil ke saaf insaan ho.....
shivani ab mere ooper chadi chali aa rahi thi ek to uska gadraya sone jaisa badan ooper se uske bandan se uske kawarepan ki aati madak khusboo aur uski garam jawani aur uske room ka mahaul mujhe naseela bana rahi thi mera lund phir se jawan ho gaya thaa ....
shivani ka bed bahut hi mulayam aur makhmali tha aur upar se shivani ka makhmali badan ab mai apne aape mai nahi reh pa raha tha maine bhi shivani ko apne ooper kheench kar uske gardan par kaan ke peeche uske boobs ke ooper gaalon par ankhon par wet kiss karna shuru kar diya aur saath hi saath shivani ki choot ko apne khade lund par daba raha tha aur uske mast gaand ki golaiyon ko masal raha thaa..... wo toofaan dono taraf umad raha tha...
par mai yeh prem pavitra rakhna chahta tha... aur intezaar kar raha tha ki jab tak shivani na kahegi usko chodunga nahi .....
shivani ki saansai bahut tez chalne lagi thi.... uske aunth thartharane lage the uski awaj nikalni band ho gai thi wo to pagloon ki bhaanti apna badan mere badan se ragad rahi thi aur usne mere robe khol kar mere seene par kiss karna chaaloo kar diya tha wo mere nipple choos rahi thi........ uske aisa karne se mere lund mai tanav badta jaa raha thaa... meri pratigya mujhe toottati hui se nazar aa rahi thi...... par shivani rukne ka naam hi nahi le rahi thii.....
" haa Manu.....hmmmmmmm ....hmmmmm i......llllove. .. uuu very much... mai tumhari hoo mera sharir tumhara hai meri aatma tumhari hai.......Manuvv mujhe apne mai sama looo.... plzz Manu.... mere ko na jaane kyaa ho gaya hai mujhe nahi pata..."
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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