Sunday, June 13, 2010

हिंदी कहानियाँ -प्यार का रिश्ता --3

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प्यार का रिश्ता --3

मैने शिवानी को अपने ऊपर से हटा कर बगल मे लिटाया..... और उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और उसका माथा चूम लिया... फिर उसको कहा शिवानी मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हू पर तुम्हारा शरीर मैं गंदा नही करना चाहता.... मेरी भी आत्मा तुम्हारी है... पर मैं तुम्हारी आत्मा को धोका नही देना चाहता और ऐसा कहते कहते मैं शिवानी के गाल , आँख नाक , कान, गर्दन उसके बू(.) (.)ब्स पेर वेट किस कर रहा था मैं शिवानी को किस करता करता नीचे की और बढ़ चला मैने शिवनाई के ना तो मम्मो को टच किया था नही चूत के आस पास शिवानी मेरे हर किस पर कसमसा कर मेरे बालो को पकड़ कर मेरा मूह अपने शरीर मैं गाड़ते जा रही थी.....मैं अब शिवानी के पतले रेशमी गाउन से उसकी नाभि तक पहुच गया था जैसे ही मैने उसकी नाभि को गाउन के ऊपेर से ही अपने मूह मे भर कर चूसना शुरू किया तो शिवानी तड़प उठी... शिवानी शीयी सीयी मनुव्व मैं मार जऊन्गीइ... .... बहुत प्यार करो मुझे, मैं जनम जनम से इस प्यार के लिए तड़प रही हू....... '

कंट्रोल करना तो मेरे लिए भी मुश्किल होता जा रहा था मेरा लंड भी थरथरा रहा था.... पर मे इंतेज़ार कर रहा था की शिवानी कहे की तुम अपना लंड मेरी चूत मे डालू...



मैने उसके ऐसे ही चूमते और सहलाते हुए उसकी चूत के एरिया के आस पास आया वाहा से शिवानी की जवानी की बहुत ही मादक खुसबू निकल रही थी शिवानी की वाइट पॅंटी मुझे गीली लग रही थी...मैने शिवानी की जांगे सहलाते हुए उसकी चूत के ठीक उपर किस किया गाउन और पॅंटी के ऊपेर से ही... शिवानी की सीत्कार बढ़ गयी थी..... और जैसे ही मैने शिवानी की इन्नर थाइस को नाइट गाउन के ऊपेर से किस किया तो शिवानी बहुत जोरो से तड़प उठी और शायद झाड़ गयी थी.. शिवानी के साँसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और वो अपने होंठो को दाँतों से दबा रही थी.....

शिवानी ने कहा "मनु मेरा बदन प्रेम की अगन मे जल रहा है.... कुछ करो प्ल्ज़्ज़...."

"शिवानी .... इस अगन को सम्भालो यह किसी की अमानत है... हम ऐसा नही कर सकते....." मैं फिर भी तड़पाना चाहता था......

" मैं कुछ नही जानती कुछ करो........ "

"क्या करू मैं..." मैने कहा

" वोही जो ऐसे वक़्त तुम अपनी पत्नी से करते हो"

" वोही तो कर रहा हू....."

" नही नही कुछ ज़्यादा करो"

नही शिवानी प्ल्ज़्ज़ अभी कुछ दिन और सबर करो......



और मैं शिवानी के बगल मे लेट गया शिवानी मेरे ऊपेर आ गई जैसे वो मुझे चोद रही हो ऐसे वो अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़ने लगी और बड़बड़ाने लगी.....



मैं कुछ बोलने वाला था तभी उसने मेरे औंठ अपने औंठ मे लेलीए और चूत को मेरे लंड पे रगड़ना तेज़ कर दिया.. मैं रोब पहने हुआ था जिससे रोब खिसक गयी थी और मेरा लंड मेरी चड्डी के अंदर से शिवानी की कुँवारी चूत पर रगड़ खा रहा था शिवानी जोरो से रगड़ते हुए झदने लगी साथ ही साथ मैं भी अपनी चड्डी मे झाड़ गया शिवानी बहाल होकर मेरे ऊपेर लेट गयी........

बहुत देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे और शिवानी को अपने ऊपेर लेटाए हुए ही मैं उसकी पीठ और गर्दन और गांद सहलाता रहा.... शिवानी के मस्त बूब्स मेरी छाती मे दबे हुए थे....



मैने शिवानी का माथा चूमा आँखे चूमि और उससे कहा



" जान मुझे बाथरूम जाना है और प्ल्ज़्ज़ मुझे चाइ मिलेगी क्या एक कप...."



" वो मुझे घूर के देखती रही फिर धीरे से बोली हा.. मेरे सनम मेरे जानम चाइ मिलेगी" और वो उठ गई.... जैसे ही शिवानी हटी तो उसकी पॅंटी मुझे पूरी गीली नज़र आई और उसका पानी भी मुझे अपने पेट और जाँघो पर गिरता हुआ महसूस हुआ... जबकि मेरा लंड अभी पूरा नही बैठा था वो अभी भी आधा खड़ा था.....

"एक बात कहू मनु....."

" हा जान कहो" पूछना क्या

"जैसे तुम मस्त हो वैसे ही तुम्हारा शरीर का हर एक हिस्सा बहुत मस्त है" वो मेरे लंड की तरफ देखते हुए बोली.....



मैं झट से उठकर बाथरूम गया और तारीफ सुनकर लंड मे फिर से जान आने लगी थी सो उसे फिर से मूठ मारकर ठंडा किया.....



मैं अब तक यह नही समझ पा रहा था की इतने पैसे वाली लड़की के इश्क़ मे मैं कैसे गिरफ़्त मे आगेया... और वो तो चुदवाना चाहती है पर मेरा दिल उसको चोदने से मना क्यों कर रहा है....



मैं चड्डी उतार कर बाथरूम मे धोकर वैसे ही रोब पहनकर फिर से आकर बेड पर लेट गया... समय देखा तो इस समय रात के 2 बज रहे थे...शिवानी थोड़ी देर मे चाइ की ट्रॉल्ली लेकर कमरे मे दाखिल हुई मैने रूम की लाइट्स जला दी थी शिवानी के शरीर को देख कर मेरा मन फिर से ललचाने लगा... अब वो अपनी ब्रा और पॅंटी उतार चुकी थी... सेमी त्रस्परेंट गाउन मे से उसके अंग प्रत्यंग सॉफ नज़र आ रहे थे...... हम दोनोने चाइ और कुछ स्नॅक्स लिए फिर बातों का दौर शुरू हुआ.... पता नही बात करते करते कब हम सो गये...... सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं बिल्कुल बिर्थडे सूट मे सोया हुआ था और शिवानी का भी गाउन निकला हुआ था.... वो मेरे से चिपकी सोई पड़ी थी... मैं रात की घटनाओ को अपने दिमाग़ मे सोचता रहा और मेरा ध्यान शिवानी की सॉफ चिकनी चमकती हुई गुलाबी चूत पर केंद्रित हो गया. शिवानी बहुत गहरी नींद मे सोई हुई थी जबकि दिन का उजाला निकल चुका था. शिवानी मदरजात नंगी मेरी बगल मे लेटी हुई किसी ख्वाब मे थी. मेरा लंड फिर से जवान होने लगा था ... एक बार तो इच्छा हुई की जो होगा तो देखा जाएगा अब तो बहुत हो गया अब तो इसे चोद ही डालू पर मैं अपने आप पर काबू रखे रहा.... मैं धीरे से पलंग से उतरा और बाथरूम की और जाने ही वाला था लेकिन शिवानी के मदमाते शरीर ने मुझे रोक लिया मैं आज भरपूर शिवानी को बिल्कुल मदरजात नंगी सोते हुए देख लेना चाहता था..... मन नही माना तो मैं अपने मूह को शिवानी की चूत के पास ले गया वाहा से उसके पेशाब और चूत के रस की मिलीजुली सोंधी सोंधी सी स्मेल आ रही थी जो की मेरे दिमाग़ मे शिवानी के साथ सेक्स करने को प्रेरित कर रही थी पर मैं अपने आत्म बल से कोई स्मझोता नही करना चाह रहा था मुझे मेरा अत्म बल डगमगाता सा लगा. लेकिन फिर कंट्रोल किया मैने एक बार फिर से किसी बंद कमल की पंखुड़ियों की तरह उस गुलाबी चमकती गद्दे दार चूत की तरफ देखा और एक चुम्मा लेलिया और जीभ से उसको थोड़ा सा चॅटा बड़ा अजीब सा स्वाद मिला. मैं शिवानी की पॅंटी लेकर बाथरूम मे घुस गया और जहा उसकी चूत से पॅंटी चिपकती होगी उसको सूँघा सूंघने से शिवानी की पेशाब और रस की मिलीजुली स्मेल मिली मैने उसे मूह मे लेकर चूसना शुरू किया और अपने लंड को फिर मुठिया लिया फ्रेश होकर मैं तैयार होकर ही बाथरूम से निकला तब तक शिवानी भी बेड पर से उठकर ना जाने कहा चली गई थी रूम बाहर से लॉक्ड था. मुझे यह लड़की बहुत ही रेहश्यमय लग रही थी. नही तो कोई भी जवान लड़की किसी अंजान के साथ ऐसे रात क्यों गुज़ारती.

मैने शिवानी के रूम के फोन से शिवानी को फ़ोन करने के लिए जैसे ही रेसिवेर उठाकर अपने कानो से लगाया तो मेरे बिना हरकत किए शिवानी की आवाज़ मेरे कानो से टकराई..

"गूओड़ मॉर्निंग मेरे हमदम..... माइ लव"....

मैं चौंक गया की यह आवाज़ कहा से आ रही है... मैने रेसिवेर के माउत पीस से हेलो बोला तो फिर हेलो की आवाज़ कानो से टकराई...... .. देखा घूम के तो शिवानी चाइ और नाश्ते की ट्रे लिए खड़ी थी शिवानी सलवार सूट पहने हुए थी पिंक कलर की

"गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट" कहते हुए जाकर उसको अपने से लिपटा लिया और एक किस किया



हम दोनो ने चाइ पी और ब्रेकफास्ट लिया फिर मैने शिवानी से अपने होटल जाकर अपना समान और चेकाउट करने के लिए बोला

शिवानी ने कहा " डियर कोई ज़रूरत नही है कही भी जाने की और परेशान होने की आप मेरे दिल के राजा है तो मैं आपका पूरा ख्याल रखूँगी... " " मैने आपका पूरा समान यहा बुलवालिया है आपकी होटेल से और हा... आपका चेकआउट बिल पैड कर दिया गया है यह रहा बिल "



मैने कहा आपने तक़लीफ़ क्यों की मैं खुद ले आता क्या मेरे पे भरोसा नही है...



"नही ऐसी बात नही है...." शिवानी बड़े प्यार से बोली....



"मनु तुम सचमुच मनुता हो.... मैने तुमको रात मे देख लिया यदि तुम्हारी जगह कोई और होता तो मैं आज कुँवारी ना रहती." मैने रात तुम्हारी चाइ मे नसे की गोली डाल दी थी फिर जब तुम सो गये तो मैने तुम्हारे कपड़े उतार कर तुम्हारे उस को बहुत चूसा बहुत मज़ा आया और अपनी वो तुम्हारे उससे बहुत रगडी और तुम्हारे मूह से भी रगडी......फिर मैं भी वैसे ही सो गई......" प्ल्ज़ मुझे माफ़ कर देना....

मैने नकली गुस्सा बताते हुए कहा " शिवानी तुमको ऐसा नही करना चाहिए.... अब तो किया अब आगे मत करना...."



आगे कहती गई " वैसे कौन कम्बखत कुँवारा रहना चाहता है तुम्हारा शरीर देखकर... मेरी दीदी यानी तुम्हारी वाइफ तो बड़ी खुस रहती होगी तुमसे"

"हा रहती तो है..." मैने उसको जवाब दिया...



" वैसे तुमने कंट्रोल कैसे किया......"

" मैने अपने गुरु से काम शस्त्रा सीखा है इसलिए..."

" अछा तो फिर किसी दिन वो हुनर भी देख लेंगे'" शिवानी बोली...

" ज़रूर" " पर उसका सही समय आने पर और सही तरीके से.....



"अछा जनाब उसका भी तरीका होता है" मैं जानना चाहूँगी वो तरीका.....



"खैर छोड़ो यह बताओ..... तुम्हारी पॅकिंग हो गई..." मैने शिवानी से कहा...



" मैं तो अभी तक रेडी और पॅक ही हू..... मेरी पॅकिंग अभी खुली कहा है..." शिवानी द्वियार्थी सेंटेन्स बोल रही थी...



हम दोनो हंस पड़े....



" मैने शिवानी से कहा मैं थोड़ा घूम आऊ फिर आता हू..."

नही मनु मैं तुमको यहा से सीधे रेलवे स्टेशन ले जाऊंगी वो भी आगरा निज़ामुद्दीन नही...

आगरा तक हम दोनो कार से गये और वाहा से हम उसी ट्रेन मे एसी फर्स्ट क्लास मे सागर तक आए....



सागर आकर मैने शिवानी को एक होटेल मे रोका और दूसरे दिन उसकी यूनिवर्सिटी मे अड्मिशन की फॉर्मॅलेटीस पूरी करवाई....अब शिवानी को एक कमरा देखना था लेकिन मैने जब से उसका वैभव देखा था तो उसके लिए मैने एक बढ़िया सा हाई टाइप बंग्लॉ किराए पर ले दिया.... शिवानी और मैं रोज मिलने जुलने लगे..... कुछ दिन नॉर्मल ही बीते. बीच मे शिवानी को कई बार अपने घर भी ले गया और अपने परिवार वालों से मिलाया.. दोनो एक दूसरे से मिलकर बड़े खुस हुए... इधर शिवानी के कई लड़के लड़किया दोस्त हो गये थे यूनिवर्सिटी मे....कुछ से शिवानी ने मेरी भी पहचान और दोस्ती कराई.... शिवानी की एक फास्ट फ्रेंड थी सूची जो की शिवानी के बंग्लॉ पर ही रहती थी वो बहुत चुलबुली थी और मुझे जीजाजी ही बुलाती थी......सूची सेम यूनिवर्सिटी से फार्मेसी कर रही थी. शिवानी को कुछ प्रॉजेक्ट वर्क के लिए कुछ दीनो के लिए घर जाना था सो वो चली गई उसने यहा एक कार रख ली थी.. लेकिन एक दिन सूची का फोन आया.

सूची "जिज़्जु.... उम्म्म्ममम पुचह" उसने मुझे फोन पर किस किया....



"अरे साली जी इस सूखे सूखे किस से काम नही चलेगा" मैने कहा....



" अरे जीजू मैं तो कब से गीली हू आप ही ध्यान नही देते".... सूची बोली.....



मैने टॉपिक बदलते हुए कहा " हा बताओ किसलिए फोन किया...."

" जल्दी से आजाओ आज बहुत खुजली चल रही है"......मेरा मतलब है आपकी बहुत याद आ रही है... जब से शिवानी गई है आपके तो दर्शन ही नही हुए.... मैं वेट कर रही हू मुझे बहुत ज़रूरी काम है.....

" मैने कहा ठीक है मैं अभी थोड़ी देर मे पहुचता हू तुम खोल के रखो.... " मैने भी मज़ाक मे कहते हुए फोन काट दिया.

करीब एक घंटे बाद जब शिवानी के बंग्लॉ पहुचा तो अपनी गाड़ी पार्क करने के बाद मैने जैसे ही डोर बेल बजाई और दरवाजा को हाथ लगाया तो सामने का सीन देखकर मेरे तो होश ही उड़ गये और आँखे फटी की फटी रह गयी......



शिवानी बिकनी पहने हुए हाल मे ही ब्लूफिल्म देख रही थी........ और अपनी पॅंटी के अंदर हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ रही थी......

"जीजू गेट बंद कर दीजिए गा" उसने मुझे ऑर्डर देते हुए कहा........

आक्चुयल मे सूची शिवानी से ज़्यादा खूबसूरत थी और सेक्सी भी मैं कई बार उसके मम्मे दबा चुका था और चूत पर चिकोटी काट चुका था..... शिवानी के साथ साथ सूची को भी चोदना चाहता था......



सो मैं सूची के पास गया और वाहा खड़े होकर सूची को दीवान पर लेटे हुए उसके गोल गोल गुलाबी गालों को , सूकी नुकीली नाक, 38 साइज़ के मम्मे और कम से कम 1.6-2 इंच गहरी नाभि और उसकी बिकनी जो की सिर्फ़ चूत पर धकि थी उसके बगल से झाँकति झांतो और गोरी गोरी जांघों को देखता रहा.....



"जीजू आज तो सारी हदे तोड़ूँगी ..... मुझे आपसे होना है...... समझे कोई ना नुकर नही......" सूची कहती चली गई....



सूची ने अपनी टाँगे सिकोडी और अपनी पॅंटी को सरका दिया और वो नंगी हो गई...... मुझे अपनी झांतों वाली चूत दिखाते हुए बोली....." जीजू जब से शिवानी ने तुम दोनो का दिल्ली वाला किस्सा सुनाया और यह बताया की तुमको झांते पसंद है तो मैने उसी दिन से झांते रखनी सुरू कर दी...." जीजू मुझे अपने लंड का दम दिखाओ देखो मेरी चूत कितनी गरम और पनिया रही है.... उस फिल्म की चुड़क्कड़ लड़की की तरहह....' कहते हुए शिवानी ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया.....प्ल्ज़ जिजूउ देखो ना....
क्रमशः.................................


प्यार का रिश्ता --3

maine shivani ko apne oopar se hata kar bagal mai litaya..... aur uske sir par pyaar se haath phera aur uska maata choom liyaa... phir usko kaha shivani mai bhi tumse bahut pyar karta hoo par tumhara sharir mai ganda nahi karna chahta.... meri bhi atma tumhari hai... par mai tumhari atma ko dhoka nahi dena chahta aur aisa kehte kehte mai shivani ke gaal , aankh naak , kaan, gardan uske b(.) (.)bs per wet kiss kar raha thaa mai shivani ko kiss karta karta neeche ki aur bad chala maine shivnai ke na to mammo ko touch kiya tha nahi choot ke aas paas shivani mere har kiss par kasmasa kar mere baloon ko pakad kar mera muh apne sharir mai gadate jaa rahi thi.....main ab shivani ke patle reshmi gown se uski naavi tak pahuch gaya thaa jaise hi maine uski naabhi ko gown ke ooper se hi apne muh mai bhar kar choosna shuru kiya to shivani tadap uthi... shivani hiii siii Manuvv mai mar jaoongiii... .... bahut pyar karo mujhe, mai janam janam se is pyaar ke liye tadap rahi hoo....... '

control karna to mere liye bhi mushkil hota ja raha tha mera lund bhi tharthara raha tha.... par mai intezaar kar raha tha ki shivani kahe ki tum apna lund meri choot mai daloo...



maine uske aise hi choomte aur sehlate hue uski choot ke area ke ass paas aaya waha se shivani ki jawani ki bahut hi madak khusboo nikal rahi thi shivani ke white panty mujhe geeli lag rahi thiiii...maine shivani ki jaange sehlate hue uske choot ke theek upar kiss kiya gown aur panty ke ooper se hi... shivani ki seetkaar bad gayi thi..... aur jaise hi maine shivani ki inner thighs ko night gown ke ooper se kiss kiyaa to shivani bahut joro se tadap uthi aur shyad jhar gayi thi.. shivani ke saansain bahut tez tez chal rahi thi aur wo apne aunthon ko danton se daba rahi thi.....

shivani ne kaha "Manu mera badan prem ki agan mai jal raha hai.... kuch karo plzz...."

"shivani .... is agan ko sambhalo yeh kisi ki amanat hai... hum aisa nahi kar sakte....." mai fir bhi tadpana chahta tha......

" mai kuch nahi jaanti kuch karo........ "

"Kya karoo mai..." maine kaha

" wohi jo aise waqt tum apni patni se karte ho"

" wohi to kar raha hooooo....."

" nahi nahi kuch jyaada karoo"

nahi shivani plzz abhi kuch din aur sabar karoo......



aur mai shivani ke bagal mai let gaya shivani mere ooper aa gayai jaise wo mujhe chod rahi ho aise wo apni choot mere lund par ragadne lagi aur badbadane lagi.....



mai kuch bolne wala tha tabi usne mere aunth apne aunth mai leliye aur choot ko mere lund pe ragdna tez kar diya.. mai robe pehne hua tha jisse robe khisak gayi thi aur mera lund meri chaddi ke ander se shivani ki kunwari choot par ragad kha raha tha shivani joro se ragadte hue jahrne lagi saath hi saath mai bhi apni chaddi mai jhar gaya shivani behaal hokar mere ooper let gayi........

bahut der tak hum aise hi pade rahe aur shivani ko apne ooper letayae hue hi mai uski peeth aur gardan aur gaand sehlata raha.... shivani ke mast boobs meri chaati mai dabe hue the....



maine shivani ka matha chuma ankhain choomi aur usse kaha



" jaan mujhe bathroom jana hai aur plzz mujhe chai mailegi kya ek cup...."



" wo mujhe ghoor ke dekhti rahi phir dheere se boli haa.. mere sanam mere janam chai milegi" aur wo uth gai.... jaise hi shivani hati to uski panty mujhe poori geeli nazar aayi aur uska paani bhi mujhe apne pet aur jaangho par girta hua mehsoos hua... jabki mera lund abhi poora nahi baitha tha wo abhi bhi adha khada thaa.....

"ek baat kahoo Manu....."

" ha jaan kahoo" poochna kya

"jaise tum mast hoo waise hi tumhara sharir ka har ek hissa bahut mast hai" wo mere lund ki taraf dekhte hue boli.....



main jhat se uthkar bathroom gaya aur tarif sunkar lund mai phir se jaan aane lagi thi so use phir se mutth markar thanda kiya.....



mai ab tak yeh nahi samajh pa raha tha ki itne paise wali ladki ke ishq mey main kaise giraft mai aagaya... aur wo to chudwana chahti hai par mera dil usko chodne se mana kyon kar raha hai....



mai chaddi utar kar bathroom mai dhokar waise hi robe pehankar phir se aakar bed par let gaya... samay dekha to is smay raat ke 2 baj rahe the...shivani thodi der mai chai ki trolly lekar kkamre mai dakhil hui maine room ki lights jala di thi shivani ke sharir ko dekhar mera man fir se lalchane laga... ab wo apni bra aur panty utar chuki thi... semi trasparent gown mai se uske ang pratyan saaf nazar aa rahe the...... hum dono chai aur kuch snacks liye phir baton ka daur shuru hua.... pata nahi baat karte karte kab hum so gaye...... suba jab meri neend khuli to main bilkul birthday suit mai soya hua tha aur shivani ka bhi gown nikla hua tha.... wo mere se chipki soyi padi thi... mai raat ki ghatnaoo ko apne dimaag mai sochta raha aur mera dhyan shivani ki saaf chikni chamakti hui gulaabi choot par kendrit ho gaya. shivani bahut gehri neend mai soyi hui thi jabki din ka ujala nikal chuka tha. shivani madarjaat nangi meri bagal mai leti hui kisi khwab mai thi. mera lund phir se jawan hone laga tha ... ek baar to ikcha hui ki jo hoga to dekha jayega ab to bahut ho gaya ab to ise chod hi daloo par mai apne aap par kaboo rakha rhaa.... mai dheere se palang se utra aur bathroom ki aur jaane hi wala tha lekin shivani ke madmaate sharir ne mujhe rok liya mai aaj bharpoor shivani ko bilkul madarjaat nangi sote hue dekh lena chahta tha..... man nahi mana to mai apne muh ko shivani ki choot ke paas le gaya waha se uski peshaab aur choot ke ras ki milijuli sondhi sondhi si smell a rahi thi jo ki mere dimaag mai shivani ke saath sex karne ko prerit kar rahi thi par mai apne aatma bal se koi smajhota nahi karna chah raha tha mujhe mera atma bal dagmata sa laga. lekin phir control kiya maine ek baar phir se kisi band kamal ki pankhudiyon ki tarah us gulabi chamakti gaade daar choot ki taraf deka aur ek chumma leliya aur jeev se usko thoda sa chata bada ajeeb sa swad mila. mai shivani ki panty lekar bathroom mai ghus gaya aur jaha uski choot se panty chipakti hogi usko soongha sunghne se shivani ki peshaab aur ras ki milijuli smell mili maine use muh mai lekar choosna shuru kiya aur apne lund ko phir muhtiyaa liya fresh hokar mai tyaar hokar hi bathroom se nikla tab tak shivani bhi bed par se uthkar na jaane kaha chali gai thi room bahar se locked tha. mujhe yeh ladki bahut hi rehashyamay lag rahi thi. nahi to koi bhi jawan ladki kisi anjaan ke saath aise raat kyon gujaarti.

maine shivani ke room ke phone se shivani ko phone karne ke liye jaise hi reciver uthakar apne kaano se lagaya to mere bina harkat kiya shivani ki awaj mere kaano se takrai..

"goood morning mere hamdam..... my luv"....

mai chaunk gaya ki yeh awaj kaha se aa rahi hai... maine reciver ke mouth pease se hello bola to phir hello ki awaj kano se takrai...... .. dekha ghoom ke to shivani chai aur nashtey ki tray liye khadi thi shivani salwar suit pehne hue thi pink colour ki

"good morning sweet heart" kehte hue jakar usko apne se lipta liya aur ek kiss kiya



hum dono ne chai pi aur breakfast liya fir maine shivani se apni hotal jakar apna saman aur checkout karne ke liye bola

shivani ne kaha " dear koi jaroorat nahi hai kahi bhi jane ki aur pareshaan hone ki aap mere dil ke raja hai to mai aapka poora khyal rakhoongi... " " maine aapka poora saman yeha bulwaliya hai apki hotel se aur haa... apka chekout bill paid kar diya gaya hai yeh raha bil "



Maine kaha aapne taqleef kyon ki mai khud le aata kya mere pe bharosa nahi hai...



"nahi aisi baat nahi hai...." shivani bade pyaar se boli....



"Manu tum sachmuch Manuta hoo.... maine tumko raat mai dekh liya yadi tumhari jagah koi aur hota to mai aaj kunwari na rehti." maine raat tumhari chai mai nase ki goli daal di thi fir jab tum so gaye to maine tumhare kapde utar kar tumhare us ko bahut choosa bahut maja aaya aur apni wo tumhare usse bahut ragdi aur tumhare muh se bhi ragdi......phir mai bhi waise hi so gai......" plz mujhe maaf kar dena....

maine nakli gussa batate hue kaha " shivani tumko aisa nahi karna chaiye.... ab to kiya ab aage mat karna...."



aage kehti gai " waise kaun kambhakht kunwara rehna chahta hai tumhara sharir dekhkar... meri didi yani tumhari wife to badi khus rehti hogi tumse"

"ha rehti to hai..." maine usko jawab diya...



" waise tumne control kaise kiya......"

" maine apne guru se kaam shastra seekha hai isliye..."

" acha to phir kisi din wo hunar bhi dekh lenge'" shivani boli...

" jaroor" " par uska sahi samay aane par aur sahi tareeke se.....



"acha janab uska bhi tareeka hota hai" mai janna chaungi wo tarika.....



"khair choodo yeh batain..... tumhari packing ho gai..." maine shivani se kaha...



" mai to abhi tak ready aur pack hi ho..... meri packing abhi khuli kaha hai..." shivani dwiarthi sentance bol rahi thi...



hum dono hans pade....



" maine shivani se kaha mai thoda ghoom aao phir aata hoo..."

nahi Manu mai tumko yeha se seede railway station le jaoongi wo bhi aagra nizamuddin nahi...

Agra tak hum dono car se gaye aur waha se hum usi train mai ac first class mai sagar tak aaye....



sagar aakar maine shivani ko ek hotel mai roka aur doosre din uski university mai admission ki formalaties poori karwai....ab shivani ko ek kamra dekhna tha lekin mai jab se uska vaibhav dekha tha to uske liye maine ek badiya sa H type bunglow kiraye par le diya.... shivani aur mai roj milne julne lage..... kuch din normal hi beete. beech mai shivani ko kai baar apne ghar bhi le gaya aur apne pariwar walon se milaya.. dono ek doosre se milkar bade khus hue... idhar shivani ke kai ladke ladkiyaa dost ho gaye the university mai....kuch se shivani ne meri bhi pehchaan aur dosti karai.... shivani ki ek fast friend thi suchi jo ki shivani ke bunglow per hi rehti thi wo bahut chulbuli thi aur mujhe jijaji hi bulati thi......Suchi same university se pharmacy kar rahi thi. shivani ko kuch project work ke liye kuch dino ke liye bhar jana tha so wo chali gai usne yeha ek car rakh li thi.. lekin ek din suchi ka phone aaya.

suchi "jijju.... ummmmmm puchhhhhh" usne mujhe phone par kiss kiya....



"are saali ji is sookhe sookhe kiss se kaam nahi chalega" maine kaha....



" are jiju mai to kab se geeli hoo aap hi dhyan nahi dete".... suchi boli.....



maine topic badalte hue kaha " ha batao kisliye phone kiya...."

" jaldi se aajaao aaj bahut khujli chal rahi hai"......mera matlab hai apki bahut yaad aa rahi hai... jab se shivani gai hai aapke to darshan hi nahi hue.... mai wait kar rahi hoo mujhe bahut jaroori kaam hai.....

" maine kaha theek hai mai abhi thodi der mai pahuchta hoo tum khol ke rakho.... " maine bhi majak mai kehte hue phone kaat diya.

karib ek ghante baad jab shivani ke bunglow pahucha to apni gadi park karne ke baad maine jaise hi door bell bajai aur darwaja ko haath laya to saamne ka sean dekhkar mere to hosh hi ud gaye aur ankhai fati ki fati reh gayi......



shivani bikni pehne hue haal mai hi BF dekh rahi thi........ aur apni panty ke ander haath daal kar apni choot ko ragad rahi thi......



"jiju gate band kar dijiye ga" usne mujhe order dete hue kaha........

actual mai suchi shivani se jyada khoobsurat thi aur sexy bhi mai kai baar uske mamme daba chuka tha aur choot par chikoti kaat chuka tha..... shivani ke saath saath suchi ko bhi chodna chahta tha......



so mai suchi ke paas gaya aur waha khade hokar suchi ko deewan par lete hue uske gol gol gulabi gaalon ko , suki nukeelee naak, 38 size ke mamme aur kam se kam 1.6-2 inch gehri naavi aur uski bikni jo ki sirf choot par dhaki thi uske bagal se jhaankti jhanto aur gori gori jaanghon ko dekhta raha.....



"jiju aaj to saari hadain todungi ..... mujhe aapse hona hai...... samjhe koi na nukar nai......" suchi kehti chali gai....



suchi ne apni tangain sikodi aur apni panty ko sarka diyaa aur wo nangi ho gaii...... mujhe apni jhanton wali choot dikhate hue boli....." jiju jab se shivani ne tum dono ka dilli wala kissa sunaya aur yeh bataya ki tumko jhantain pasand hai to mai usi din se jhantain rakhni suru kar di...." jiju mujhe apne lund ka dum dikhaoo dekho meri choot kitni garam aur paniya rahi hai.... us film ki chudakkad ladki ki tarahhh....' kehte hue shivani ne mera haat apni choot par rakh diya.....plz jijuu dekhoo naa....









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