माँ का दुलारा पार्ट--10
सावधान........... ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक मा बेटे के सेक्स की कहानी है
गतान्क से आगे...............
मोम बेडरूम मे आई तो मैं देखता रह गया. उसने अपने बदन पर बस एक काली बिकिनी पहन रखी थी. एकदम तंग और छोटी जैसी स्वी सूट की माडल पहनती हैं. ब्रा के स्ट्रैप नूडाल स्ट्रैप थे, एकदमा पतले, डॉरो जैसे. कप भी ज़रा ज़रा से थे, बस उसके निपालों को धक रहे थे, उसके बाकी गुदाज स्तन खुले हुए थे. नीचे पैंटी भी एकदमा तंग थी. उसके आगे का भाग बस रीबन जैसा था, मोम की बुर की लकीर को भर धक रहा था. मोम अपने काले सैंडल पहने थी.
मैंने अपने लंड को पकड़कर कहा.
"ममी, ये तो मेरे लिए उपहार हो गया, तुम्हारे लिए नहीं" मोम शैतानी से बोली
"अभी रुक तो, कुछ देर मे देख कैसे अपना उपहार वसूल करती हू, अब चुपचाप लेट जा सीधा, बहुत आदत है तेरी अपने लंड से खेलने की, आज उसीकि खबर लेती हू, ये सब आज ही खरीदा है मैंने"
मोम ने शाम को लाए पैकेट मे से लाल मखमल की छः इंच चौड़ी वेलकरो लगी पत्तियाँ निकालीं. फिर मुझे बाँधने लगी. एक पट्टी मेरे टखानों के चारों ओर लपेट कर कस दीं. फिर दूसरी मेरी जांघों के चारों ओर कसी. एक पट्टी उसने मेरी कमर और हाथों को मिलाकर बाँधी और एक छाती के चारों ओर बाँहों समेत बाँधी.
मैं अब हिल दुल भी नही सकता था. मुश्के बँधा एक गुड्डे की तरह असहाय पड़ा था. बस मेरा लंड मस्त खड़ा था और हिल रहा था. मोम ने उठा कर मुझे ऐसी नज़रों से देखा की खा जाएगी.
"अब लग रहा है किसी उपहार की तरह लाल रीबानों से बँधा हुआ. छोटी बच्चियाँ छोटे गुड्ड़ों से खेलती हैं. मेरे लिए तू बड़ा गुड्डा है खेलने के लिए. अब इस उपहार को मैं कैसे इस्तेमाल करूँ यह मेरी इच्छा पर है, है ना अनिल बेटे?"
मैं कामना से काँप रहा था. आज मैं पूरा मोम के चंगुल मे था. एक खुशी और मीठे डर की लहर मेरे दिल मे दौड़. गयी. मैं समझ गया की मोम आज मुझे बहुत तड़पाएगी.
उस रात मोम ने मेरा जो हाल किया वह मैं ही जानता हू. इतना मीठा टारचर था क़ि मैं कई बार रो कर मोम से गिडगीदाया पर आज वह इसी मूड मे थी. मुझे उसने चूमा, अपने बिकिनी मे कसे स्तनों से मेरे लंड को और शरीर को सहलाया, फिर बिकिनी आधी निकालकर मेरे लंड को अपने मम्मों के बीच की खाई मे सटाकर मुझसे अपने स्तन चुदवाये, फिर बिकिनी के कप से निकालकर मेरे मुँह मे अपनी चुचियाँ तूँसकर चुसवाई. अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाकर बिकिनी की पट्टी थोड़ी बाजू मे करके चटवाई, मुझपर चढ़. कर मुझे चोदा, बिना मुझे झड़ाए, मेरा लंड चूसा, उससे तरह तरह से खेली, बीच मे ही मुझे एक कामुक डांस करके दिखाया, मेरे मुँह पर बैठकर उसे चोदकर मुझे अपना रस पिलाया, बस झदने नही देती थी.
अंत मे उसने मेरे सामने मेरी छाती पर बैठकर अपनी उंगलियाँ चूत मे डाल कर हस्तमैथुन किया. मुझे पास से उसकी रसीली लाल बुर मे चलती लाल नेल पेंट मे रंगी उसकी उंगलियाँ दिख रही थीं, बहता शहद सा गाढ़ा सफेद पानी दिख रहा था, पर मैं कुछ नही कर सकता था. मोम की आत्मरती मैं पहली बार देख रहा था और वह मुझे पागल कर रही थी. मोम ने झदने के बाद अपनी उंगलियाँ चटाते हुए कहा भी कि
अनिल बेटे, तू पूछता था ना कि इतने दिन मैं कैसी अकेली रही, तो यह देख कैसे मैं खुद को ठंडा करती थी" उस रात मैं बस दो बार झाड़ा पर ऐसा की जान निकल गयी. पहली बार तब जब एक घंटे मुझसे खेलने के बाद उसने मेरे लंड को चूसा. मन लगाकर मेरे गाढ़े वीर्य का मज़ा लिया. मुझे फिर जल्दी उत्तेजित करने को उसने अपनी सैंडालों और चप्पालों का सहारा लिया. अपनी सारी चप्पले ले आई और मेरे नीचे तकिया बना कर रख दिया. अपने सैंडल पहने पाँव वह मेरे मुँहा पर और गाल पर रगड़ने लगी. उनकी मादक सुगंध ने मुझे जल्द ही तैयार कर दिया. जब मैं उससे बार बार चोदने को कहने लगा तो रबर की चप्पल का पँजा मेरे मुँहे मे ठूंस कर मेरी बोलती बंद कर दी.
आख़िर जब उसने मुझे चोद कर आखरी बार झड़ाया तो रात का एक बज गया था. उसके बाद उसने मुझे खोल दिया. मैं बस लास्ट सा पड़ा था. सोते समय मोम ने मुझे पूछा
"कैसा है मेरा खिलौना? पसंद आया मामी का मदर्स डे गिफ्ट बनना?" मैंने मीठी शिकायत की कि मोम तुमने कितना तरसाया आज. मुझे पागल करने मे कोई कसर नही छोड़ी. मोम बोली
"मुझे तो बहुत मज़ा आया. अब तो तुझे ऐसा हमेशा बाँधूंगी. बोल है तैयार? हफ्ते मे एक बार? तू मेरी गांद मारता है ना, बस अब गांद मराने की कीमत ऐसा गुड्डा बनाना मेरा!" मैं बिना कुछ कहे उसके आगोश मे सिमटकर सो गया. ऐसा मीठा अत्याचार मोम रोज करती तो भी मैं उसे सहना करता!
बस इसी तराहा हमारा अच्छा ख़ासा जीवन चल रहा था, एक सुंदर सपने की तरह, एक दूसरे को भोगने के नित नये तरीके खोजते हुए.
एंड
क्रमशः.................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
माँ का दुलारा पार्ट -1
माँ का दुलारा पार्ट -2
माँ का दुलारा पार्ट -3
माँ का दुलारा पार्ट -4
माँ का दुलारा पार्ट -5
माँ का दुलारा पार्ट -6
माँ का दुलारा पार्ट -7
माँ का दुलारा पार्ट -8
माँ का दुलारा पार्ट -9
माँ का दुलारा पार्ट -10
gataank se aage...............
mom bedaruma me aayi to mai dekhata raha gaya. usane apane padan par bas ek kaali bikini pahan rakhi thi. ekadam tang aur choti jaisi swi suit ki maadal pahanati haim. bra ke straip nudal straip the, ekadama patale, dorom jaise. kap bhi jara jara se the, bas usake nipalom ko dhak rahe the, usake baaki gudaaj stan khule hue the. niche paimti bhi ekadama tamg thi. usake aage ka bhaag bas riban jaisa thaa, mom ki bur ki lakir ko bhar dhak raha tha. mom apane kaale saimdal pahane thi.
maimne apane lund ko pakad.akar kaha.
"mami, ye to mere liye upahaar ho gayaa, tumhaare liye nahim" mom shaitaani se boli
"abhi ruk to, kuch der me dekh kaise apana upahaar wasul karati hum, ab chupachaap let ja sidhaa, bahut aadat hai teri apane lund se khelane ki, aaj usiki khabar leti hum, ye sab aaj hi khareda hai maimne"
mom ne shaama ko laaye paiket me se laal makhamala ki chaha imch chaudi velkro lagi pattiyaam nikaalim. fir mujhe baamdhane lagi. ek patti mere takhanom ke chaarom or lapet kar kas dim. fir dusari meri jaamghom ke chaarom or kasi. ek patti usane meri kamar aur haathom ko milaakar baamdhi aur ek chaati ke chaarom or baamhom samet baamdhi.
mai ab hila dula bhi nahi sakata tha. mushke bamdha ek gudde ki taraha asahaaya pada tha. bas mera lund mast khada tha aur hil raha tha. mom ne utha kar mujhe aisi najarom se dekha ki kha jaayegi.
"ab lag raha hai kisi upahaar ki taraha laal ribanom se bamdha hua. choti bachchiyaam chote guddom se khelati haim. mere liye tu bada gudda hai khelane ke liye. ab is upahaar ko mai kaise istemaal karum yaha meri ichcha par hai, hai na anil bete?"
mai kaamana se kaamp raha tha. aaj mai pura mom ke chamgul me tha. ek khushi aur mithe dar ki lahar mere dil me daud. gayi. mai samajh gaya ki mom aaj mujhe bahut tadapaayegi.
us raat mom ne mera jo haal kiya wah mai hi jaanata hum. itana mitha taarchar tha ki mai kai baar ro kar mom se gidagidaaya par aaj wah isi mud me thi. mujhe usane chumaa, apane bikini me kase stanom se mere lund ko aur sharir ko sahalaayaa, fir bikini aadhi nikaalakar mere lund ko apane mammom ke bich ki khaayi me sataakar mujhase apane stan chudawaaye, fir bikini ke kap se nikaalakar mere mumha me apani chuchiyaam thumsakar chusawaayim. apani chut mere mumha ke paas laakar bikini ki patti thodi baaju me karake chatawaayi, mujhapar chadh. kar mujhe chodaa, bina mujhe jhad.aaye, mera lund cusaa, usase taraha taraha se kheli, bich me hi mujhe ek kaamuk daams karake dikhaayaa, mere mumha par baithakar use chodakar mujhe apana ras pilaayaa, bas jhad.ane nahi deti thi.
amt me usane mere saamane meri chaati par baithakar apani umgaliyaam chut me daal kar hastamaithun kiya. mujhe paas se usaki rasili laal bur me chalati laal nel pemt me ramgi usaki umgaliyaam dikh rahi thim, bahata shahad sa gaadha safed paani dikh raha thaa, par mai kuch nahi kar sakata tha. mom ki aatmarati mai pahali baar dekh raha tha aur wah mujhe paagal kar rahi thi. mom ne jhadane ke baad apani umgaliyaam chataate hue kaha bhi ki
anil bete, tu puchata tha na ki itane din mai kaisi akeli rahi, to yaha dekh kaise mai khud ko thamda karati thi" us raat mai bas do baar jhad.a par aisa ki jaan nikal gayi. pahali baar tab jab ek ghamte mujhase khelane ke baad usane mere lund ko chusa. man lagaakar mere gaadh.e virya ka maja liya. mujhe fir jaldi uttejit karane ko usane apani saimdalom aur chappalom ka sahaara liya. apani saari chappale le aayi aur mere niche takiya bana kar rakh diya. apane saimdal pahane paamv wah mere mumha par aur gaal par ragadane lagi. unaki maadak sugamdh ne mujhe jald hi taiyaar kar diya. jab mai usase baar baar chodane ko kahane laga to rabar ki chappal ka pamja mere mumhe me thums kar meri bolati bamd kar di.
aakhir jab usane mujhe chod kar aakhari baar jhad.aaya to raat ka ek baj gaya tha. usake baad usane mujhe khol diya. mai bas last sa pada tha. sote samaya mom ne mujhe pucha
"kaisa hai mera khilaunaa? pasamd aaya mami ka madars de gift bananaa?" maimne mithi shikaayat ki ki mom tumane kitana tarasaaya aaj. mujhe paagal karane me koi kasar nahi chodi. mom boli
"mujhe to bahut maja aaya. ab to tujhe aisa hamesha baamdhumgi. bol hai taiyaar? hafte me ek baar? tu meri gaamd maarata hai naa, bas ab gaamd maraane ki kimat aisa gudda banana meraa!" mai bina kuch kahe usake aagosh me simatakar so gaya. aisa mitha atyaachaar mom roj karati to bhi mai use sahana karataa!
bas isi taraha hamaara achcha khaasa jivan chal raha thaa, ek sumdar sapane ki taraha, ek dusare ko bhogane ke nit naye tarike khojate hue.
End
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
2 comments:
kam se kam puri kahani to khatam kar diya karo taki padhane me maza aye
kam se kam kahani to puri khatam kar diya karo
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