गाओं की मस्ती पार्ट--3
कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम
गतान्क से आगे............
उस दिन शाम को जगन अपने दोस्त देव के घर गया और दोनो नीम के पेऱ नीचे बैठ कर मिल कर इधर उधर की बातें करने लगे. देवकी अपने घर के काम काज मे ब्यस्त थी और चोरी चोरी जगन को देख रही थी. जैसे शाम होने लगी जगन देव से बोला कि मैं चलता हूँ और अपने घर की तरफ चल परा. देवकी अपने घर की गेट के पास जगन के लिए इंतेजर कर रही थी. जैसे जगन पास आया देवकी धीरे से बोली,
"जगन आज रत को 10.00 बजे मेरे घर पर आना, पिछला दरवाजा खुला रहेगा और मैं तुम्हारी इन्तिजार करूँगी" और देवकी अपने घर चली गयी. जगन को देवकी की बहादुरी पर ताज्जुब हुआ. उसको इसमे ख़तरा लगने लगा, लेकिन उसको एह सोच करके कि आज रात वो फिर देवकी को चोद पाएगा वो बहुत खुश हुआ और रात को देवकी के पास जाने का निस्चाया कर लिया. वो अपने घर गया और नहा धो कर एक साफ सुथरा धोती और कमीज़ पहन कर करीब 10.00 बजे रात को देवकी के घर के पिछवारे पहुँच गया. जगन वहाँ इंटिजार करने लगा. उसको वहाँ कोई नही दिखा. अंदर एक माटी के तेल का दिया जल रहा था और पिछवारे का दरवाजा आधा खुला था लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नही सुनाई पर रहा था.
"जगन भाई शहाब अंदर आ जाइए," जगन को देवकी की दबी जवान सुनाई दिया. देवकी अनदर से निकल कर आई और जगन को अपने साथ अंदर एक दूसरे कमरे में ले गयी. दूसरे कमरे मे ज़मीन पर बहुत साफ सुथरा बिस्तर लगा हुआ था और उसपर दो तकिया भी लगा हुआ था. जगन अपने दोस्त देव के बारे मे पूछा.
"वो जल्दी सो जाता है और वो जब सोता है तो भूकंप भी उसको जगा नही पाता, मगर फिर भी हम लोगों को चुप चाप रहना चाहिए," देवकी धीरे से जगन से बोली. फिर देवकी माटी के तेल वाली दिया कमरे में ले आई और धीरे से दरवाजा बंद कर दिया. देवकी तब जगन के पास आई और उसको अपने बाहों मे बाँधते हुए बोली,
"आज सुबह हम लोग जो कुच्छ भी किया जल्दी मे किया, फिर्भी मुझे बहुत मज़ा आया. अब हम चाहते हैं कि हम तुमसे फिर से वही मज़ा लूटे और तुम मुझे रात भर धीरे धीरे चोदो, क्यों चोदोगे ना?" जगन अपना सर हिला कर हामी भरी और बोला,
"मैं भी तुमको पूरा पूरा चखना चाहता हूँ, सुबह जो भी हुआ वो बहुत जल्दी जल्दी हुआ". जगन ने देवकी को अपने पास खींच लिया और उसके पीठ पर हाथ फेरने लगा. उसने देवकी की होटो पर चुम्मा दिया और उसकी ब्लाउस के बटन खोलने लगा. जगन देवकी की ब्लाउस और ब्रा उतार कर उसकी सारी उतारना शुरू कर दिया. देवकी चुप चाप खरी हो कर अपना सारी उतरवाने लगी. जगन फिर धीरे से देवकी की पेटिकोट का नारा भी खोल दिया और देवकी की पेटिकोट उतार कर उसकी पैरों का पास गिर गया. अब देवकी पूरी तरह से जगन के सामने नंगी खरी थी. जगन तब एक कदम पिछे हाथ कर देवकी का नग्न रूप देखने लगा. हालंकी देवकी का बदन भरा पूरा था, लेकिन उसकी शरीर बहुत ही ठोस थी. देवकी की चूंची बरी बरी थी लेकिन लटकी नही थी.
चूंची की निपल करीब 1" लूंबी थी और काली थे. देवकी की निपल इस समय खरी खरी थी. जगन तब धीरे धीरे चल कर देवकी के पीछे गया और देवकी की गोल गोल शानदार भारी भारी चूतर और शानदार जांघों को देखने लगा.
"तुम बहुत ही सुंदर हो," जगन धीरे से बोला. जगन फिर से उसे पास खींच लिया और उसको अपने बाहों मे भर कर चूमने लगा. अब तक जगन का लंड खरा हो चुक्का था और अपने लिए देवकी की चूत को चाह रहा था. देवकी भी जगन के बाहों मे खरी खरी अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ने लगी.
"अब मेरी बारी है," देवकी बोली और जगन का शर्ट उतारने लगी. देवकी जगन के छाती पर अपना मूह मलते हुए धोती को खींच कर निकाल दिये और अब जगन भी देवकी के जैसा नंगा हो गया. जैसे ही देवकी जगन को अपने बाहों मे लिया उसको जगन का खरा हुआ लंड अपनी पेरू पर चुभने लगा. देवकी अपनी शरीर को जगन के नंगे शरीर से रगर्ने लगी. फिर देवकी झुक कर जगन के सामने अपने घुटनो पर बैठ गयी. अब जगन का खरा हुआ लंड देवकी के चहेरे से कुच्छ ही दूर था. देवकी लंड अपने दोनो हाथों से पकर लिया और उसका लाल लाल बरा सा सुपरा को खोल दिया. उस पर चुम्मा देते हुए बोली,
"कितना अक्च्छा है तुम्हारा यह सुपरा. कितना लंबा और मोटा और कितना करा. देखो देखो एह कैसे उछाल रहा है. मैं ऐसे ही एक लंड के लिए अब तक परेशान थी. ज़रूर भगवान ने इसे मेरे लिए बनाया है. क्या मस्त चीज़ है. इसको खा कर मेरी चूत पूरी तरह से मस्ती से भर उठेगी" वो बोलने लगी. देवकी तब लंड अपने दानो हाथों मे रख कर धीरे धीरे दबाने लगी और मसल मसल कर उसकी ताक़त और गर्मी का अंदाज़ा लगाने लगी. देवकी तब लंड अपने चहेरे और गालों पर रगर्ने लगी और फिर धीरे से उसको चूम लिया. देवकी नीचे झुक कर लंड उठा कर उसके अंडों को देखने लगी और उनको अपने हाथों मे ले कर ततौलने लगी.
"वाह कितना सुन्दर तुम्हारी एह सुपरियाँ है! एह बरे बरे है और भरे भरे है. मैं इनको जल्दी ही खाली कर दूँगी," देवकी मुस्कुरा कर बोली. वो पहले तो उनको छाती फिर एक को अप'ने मूह मे भर कर एक के बाद दूसरे को चूसने लगी. देवकी की चुसाइ इतनी धीमी थी कि जगन को पूरे शरीर मे झुरजूरी फैलने लगी. अंदो के बाद देवकी उसके लंड पर अपना मूह फेरने लगी और धीरे धीरे से सुपरे को अपने मूह मे ले लिया.
देवकी जगन के लंड को अपने हाथों मे पकर कर पूरे लंड पर अपनी जीव फिराने लगी. फिर देवकी खरी हो गयी. जगन देवकी के चूंची को च्छुआ, उसको इस समय सुबहा जैसी जल्दी नही थी इसलिए वो देवकी की चूंची धीरे धीरे छ्छू कर उसकी चूंची के सुंदरता को उसके ठोस पन को परखने लगा. उसने उन चूंची को अपने दोनो हाथों मे लेकर उनको तौलने लगा. देवकी को चुदाई की मस्ती काफ़ी चढ़ चुकी थी और इसलिए उसके चूंची तन कर खरी हो गयी थी. उसके चूंची के निपल भी तन कर खरी हो गयी थी.
जगन झुक कर देवकी की निपल को मूह मे ले कर चूसने लगा, लेकिन देवकी जगन को रोक दिया. फिर देवकी ज़मीन पर बिछे बिस्तेर पे लेट गयी और फिर जगन से अपने चूंची को पीने के लिए बोली. वो अपने दोनो हाथों से अपनी चूंची को साइड पकर कर उठा कर जगन को चूसने के लिए भेंट किया. जगन उन चुचियो को अपने दोनो हाथों से पकर कर दबाने लगा और फिर मसल्ने लगा. देवकी की चूंचिया जगन के हाथों से मसल्ने पर और बरी और करी हो गयी. जगन तब उन चूंचियो को बारी बारी से अपने मूह मे ले कर चाटने और चूसने लगा और देवकी मस्ती से अपने दोनो हाथों से अपनी चूंची उठा कर जगन से चुसवाने लगी. देवकी को मस्ती चढ़ चुकी थी और वो अप'नी दोनो जांघों को आपस मे रगड़ने लगी.
एह देख कर जगन अपना हाथ देवकी की चूत पर ले गया और उस चूत पर जमे काले काले रेशमी झांतों से खेलने लगा. उसने धीरे से देवकी की चूत के अंदर एक उंगली डाल दी. उसने फिर चूत के फाकॉ पर अपनी उंगली फेरने लगा. देवकी की चूत अब मदनरस छोड रही थी और इसलिए इस समय उसकी चूत बहुत गीली थी. जगन फिर देवकी की चूत की घुंडी को देख कर उसको अपने उँगलेओं से पकर लिया और उसको अपने उंगलीओ से मसल्ने लगा.
देवकी इस'से बहुत उत्तेजीत हो गयी और जगन का चेहरा अपने हाथों से पकर कर उसके होठों को चूमने लगी और अपनी जीव जगन के मूह मे डाल दिया. जगन देवकी के होठ और फिर उसकी जीव को चूसने लगा. जगन फिर से अपनी उंगली उस की चूत मे पेल दिया और उसके चूत मे अपनी उंगली घुमाने लगा. देवकी मारे गर्मी के जगन का हाथ अपनी जांघों में भींच लिया और अपनी चूतर उछालने लगी और बोलने लगी,
"हाई, ऐसा मत कर, मैं मर जाउन्गी, मेरी चूत मे आग लगी है, जल्दी से अपना लंड उसमे डालो और मुझे रगर कर चोदो. क्यों मुझे सता रहे हो, तुम्हारा लंड तो खरा है क्यों उसको मेरी चूत मे पेलते नहीं, मेरी चूत तुम्हारा लंड खाने की लिए देखो कितना लार बहा रही है, जल्दी करो और मुझे रात भर चोदो. मैं बहुत चुदासी हूँ, मेरी चूत की आग बुझाओ. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे डाल इस चूत को चोदो और फाडो."
जगन घूम कर देवकी की जांघों को फैला दिया और उसकी चूत को अपने हाथों से खोल कर चूत के अंदर गौर से देखने लगा. जगन तब अपना नाक देवकी की चूत के पास ले जा कर उसकी सोंधी सोंधी खुसबु को सूंघने लगा. वो फिर झुक कर देवकी की चूत की घुंडी अपने जीव से छुआ और फिर उसको चटा और अपने होठों मे भर कर चूसने लगा. देवकी अपनी जाघो को और फैला दिया जिससे की जगन को अपने काम मे कोई बाधा ना हो. जगन अब देवकी के उप्पेर उल्टा लेट गया और देवकी की चूत को बरे चाब से चाटने और चूसने लगा. उसने देवकी की चूत को अपने हाथों से खोल कर उसमे अपना जीव घुसेर दिया और अंदर से उस चूत के रस को अपने जीव से चॅट चॅट कर पीने लगा. देवकी तब अपने चेहरे के सामने लटक रहा जगन का मोटा और 10: लूंबा लंड अपने मूह मे भर कर चूसने लगी.
देवकी अपने हाथों से जगन का चूतर पकर कर उसके लंड पर अपना मूह उप्पेर नीचे करने लगी और इस'से जगन का लंड देवकी के मूह के अंदर बाहर होने लगा. वो जगन का पूरा का पूरा लंड अपने मुँह मे लेने की कोशिश करने लगी लेकिन उतना लंबा और मोटा उसके मुँह मे नही जा पा रहा था. फिर देवकी जगन के लंड को अपने हाथों से पकर कर ज़ोर ज़ोर से अपने जीव से चाटने और चूसने लगी. उसकी चुसाइ मे इतना ज़ोर था कि उसकी मुँह से स्लपर स्लपर की आवाज़ निकल रही थी. फिर देवकी जगन को खींच कर अपने नीचे कर लिया और खुद जगन के उप्पेर लेट गयी. उप्पेर लेट'ते ही देवकी अपनी चूत उसके मुँह पर ज़ोर से दबा दिया और बोली,
"हाई मेरे राजा, और ज़ोर से मेरी चूत को चॅटो मैं मरी जा रही हूँ, मेरी चूत चॅट कर और चूस कर इसका सारा का सारा पानी पी जाओ." जगन भी अपना पूरा का पूरा जीव देवकी की चूत के अंदर डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा. थोरी देर के बाद जगन देवकी की चूत से अपना मुँह उठा कर बोला,
"हाई मेरी देवकी रानी, क्या मज़ा आ रहा है तुम्हारी चूत चूस कर.सच मे तुम्हारी चूत से निकलता रस बहूत ही मीठा है. मैं तो तुम्हारी चूत चूस कर धान्या हो गया. तुम अब मुझको रोज कम से कम एक बार अपनी चूत चूसने ज़रूर देना." जगन मज़े ले ले कर देवकी की चूत तो चूस्ता रहा. उसने अपने उंगलीओ से इसकी चूत को पूरी तरह से खोल कर उसके रस को जी भर कर पीता रहा. फिट थोरी देर के बाद जगन देवकी की चूत को अपने दोनो होठों मे दबा कर चूसने लगा
जगन को लगा कि देवकी अब झरने वाली है. थोरी देर और चुसाइ के बाद देवकी एकाएक अपनी चूतर उप्पेर उठा दिया. जगन समझ गया कि देवकी झार गयी. जगन के मुँह मे देवकी की चूत से ढेर सारा मीठा मीठा गरम रस निकल कर भर गया और जगन बारे उत्सुकुटा से सारा का सारा रस पी गया. एक भूके कुत्ते की तरह जगन अपनी जीव से देवकी की चूत को चट चट कर सारा रस पी कर साफ कर दिया. देवकी तब जगन के उप्पेर से हट कर ज़मीन पर जगन के बगल मे लेट गयी.
"एह मेरे लिए सब से अक्च्ची चूत की चुसाइ थी" देवकी जगन की तरफ मूर कर मुस्कुरा बोली.
"और तुम्हारी चूत का रस बहूत मीठा था और मैं पहली बार इतना मीठा रस पीया" जगन बोला. हालंकी जगन अभी तक झारा नही था, लेकिन थोरी देर सुसताने से उसका थोरा मुरझा गया. देवकी अब उसका लंड अपने हाथों मे ले कर मसल मसल कर फिर से उसे खरा कर दिया. तब देवकी उस खरे लंड को अपने हाथों से पकर जगन के उप्पेर चढ़ गयी और अपने हाथों से उसको अपने चूत के दरवाजे से लगा दिया और धीरे धीरे उस को अपने चूत को खिलाते हुए उस पर बैठ गयी. देवकी झुक कर जगन के लंड को अपने चूत के अंदर जाते हुए देखती रही. देवकी को जगन के लंड को अपने बcचेदनी को छुते महसूस किया. फिर देवकी अपने दोनो हाथों को जगन के शरीर के दोनो तरफ रख कर अपनी चूतर को उठाया और धीरे धीरे नीचे लाई और इस'से उसकी चूत लंड को धीरे धीरे खाने लगी.
जगन अपना हाथ बढ़ा कर देवकी की दोनो चूंची को पकर लिया और उनको धीरे धीरे मसल्ने लगा. देवकी अब अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया. वो मोटा और लंबा लंड देवकी की चूत मे पूरी तरह से फिट बैठ गया था और इससे देवकी को बहुत मज़ा आ रहा था. थोरी देर के देवकी जगन के लंड पर उछलते उछलते थक गयी और जगन के उप्पेर लेट कर हफने लगी. जगन तब देवकी को अपने से नीचे उतार कर देवकी को घोरी की तरफ चारों हाथ पैर पर रुकने को कहा और खुद देवकी के पिछे जाकर अपना तानया हुआ लंड देवकी की चूत मे घुसेर दिया. जगन अब देवकी को पिछे से कुत्ते को तरह चोद रहा था. जगन के हर धक्के के साथ देवकी की मूह से आह! ओह! की! आवाज़ निकल रही थी.
जगन अब अपना चोदने की स्पीड बढ़ा दिया और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड को चूत मे डालने और निकालने लगा. अब जगन झरने वाला था. जगन अब अपना वीर्य से देवकी की चूत को भरने वाला था. देवकी इस समय चूतर आगे पिछे कर रही थी, जगन को लगा कि देवकी भी झरने वाली है. जगन अब और ज़ोर ज़ोर से देवकी को चोदने लगा और तब तक चोद्ता रहा जब तक उसका पानी निकल कर देवकी की चूत को भर ना दिया. देवकी झरते ही ज़मीन पर उल्टे लेट गयी और जगन उसके उप्पेर निढाल हो कर परा रहा.
देवकी और जगन बहुत खुस थे. वो दोनो हर रात को एक दूसरे की लंड और चूत चट'ते थे चूस्ते थे और दोनो एक दूसरे को चोद्ते थे. जगन जब भी अपने दोस्त देव से मिलता था तो अपने को दोषी महसूस करता. लेकिन वो जब सोचता था कि वो उसकी बीवी को उसके पिछे रोज रात चोद्ता है तो उसको काफ़ी मज़ा मिलता था. एक रात जगन देवकी को चोद कर अपने लंड को सहला रहा था और देवकी बाथरूम मे अपनी ऊट और जगहें धोने को गयी थी. जब देवकी बाथरूम से वापस आई तो देव उसके पिछे पिछे कमरे मे आया और नंग धारंग हो कर अपना तना हुआ लॉरा घुसा दिया.
देवकी अपनी चूत की चुदाई मे इतनी मशगूल थी कि उसको एह भी पता नही था की उसकी चूत मे जगन या देव का लंड घुसा हुआ है. उसको एह भी पता नही था कि उसका पति उसकी चूत जगन के सामने ही चोद रहा है. जगन को कुच्छ समझ मे नही आया और वो चुप चाप अपने लंड को थामे देव और देवकी की चुदाई देखता रहा. देव इस समय देवकी को बुरी तरह से चोद रहा था और हाँफ रहा था और थोरी ही देर मे उसका लंड पानी छोड दिया और उस पानी से देवकी की चूत एक बार फिर से भर गयी. देव झरने के बाद देवकी के बगल मे लेट हफने लगा.
थोरी डेक तक कमरे मे बहुत शान्ती छई रही और सिर्फ़ साँसों की और धरकन की आवाज़ सुनाई देती रही. एह वक़्त जगन के लिए बहुत ही नाज़ुक था. थोरी देर के बाद देवकी उठ कर बैठ गयी और अपने पेटिकोट से अपनी चूत को पोंचछते हुए जगन से बोली,
"कोई चिंता की बात नही. मेरे पति को सब बात मालूम है. हुमारी और तुम्हारी चुदाई के तीसरे दिन ही देव सब कुच्छ देख लिया था और फिर मैने ही देव को सारी बात बता दिया है. मैने देव को अपनी चूत की भूख के बारे मे भी बता दिया है और उसको समझाया है कि वो तुमको मेरे दूसरे पति के रूप मे देखे. चूँकी देव को मालूम है कि उसके लंड मे मेरी चूत की भूख मिटाने की ताक़त नही है और इसलिए देव मेरी बात मान गया है. देव को हमारी चूत मे तुम्हारे लंड का घुसाना और फिर मुझे चोद्ते हुए देखने मे बहुत मज़ा आता है और वो हर रात छुप छुप कर हुमारी चुदाई देखता है. हुमारी चुदाई देख कर उसका लंड खरा हो जाता है और जैसे तुम हमे चोद कर वापस अपने घर जाते हो वो मुझ पर पिल परता है और फिर हमे खूब चोद्ता है." देवकी थोरी देर रुक कर और देव का मुरझाया हुआ लंड अपने मुथी मे लेते हुए जगन से बोली,
"देव ने हमसे कहा रखा है कि उसे हुमारी और तुम्हारी चुदाई से कोई लेना देना नही है, लेकिन एह बात गाओं मे फैलने ना पाए." जगन को एह सब सुन कर बहुत ताज्जुब हुआ लेकिन वो फिर भी चुप रहा. एह एक बहुत मज़ेदार मामला था कि एक आदमी जिसकी बीवी को मैं अभी अभी चोद चुक्का हूँ वो कहे की मैं फिर उसकी बीवी को चोद सकता हूँ.
फिर देवकी और देव ने जगन को सारी बात बता दी. उसे पता चला कि:-
क्रमशः......................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
गाओं की मस्ती पार्ट--1
गाओं की मस्ती पार्ट--2
गाओं की मस्ती पार्ट--3
गाओं की मस्ती पार्ट--4
गाओं की मस्ती पार्ट--5
गाओं की मस्ती पार्ट--6
गाओं की मस्ती पार्ट--7
गाओं की मस्ती पार्ट--8
गाओं की मस्ती पार्ट--9
गाओं की मस्ती पार्ट--10
GAON KEE MASTEE paart--3
gataank se aage............
Us din sham ko Jagan apne dost Deva ke ghar gaya aur dono neem ke peR neeche baith kar mil kar idhar udhar ki baten karne lage. Devkee apne ghar ke kam kaj me baist thee aur chori chori Jagan ko dekh rahee thee. Jaise sham hone lagee Jagan Deva se bola ki mai chalta hun aur apne ghar ki taraf chal para. Devkee apne ghar ki gate ke pas Jagan ke liye intejar kar rahee thee. Jaise Jagan pas aaya Devkee dhire se boli,
"Jagan aaj rat ko 10.00 baje mere ghar par ana, peechla darwaja khula rahega aur mai tumharee intijar karungee" aur Devkee apne ghar chalee gayee. Jagan ko Devkee ki bahaduree par tajjub hua. Usko isme khatra lagne laga, lekin usko eh soch karke ki aaj rat wo phir Devkee ko chod payega wo bahut khush hua aur rat ko Devkee ke paas jane ka nischaya kar liya. Wo apne ghar gaya aur naha dho kar ek saf suthra dhoti aur kameej pahan kar kareeb 10.00 baje rat ko Devkee ke ghar ke pichware pahunch gaya. Jagan wahan intijar karne laga. Usko wahan koi nahee dikha. Andar ek matee ke tel ka diya jal raha tha aur pichware ka darwaja adha khula tha lekin andar se koi awaj nahee sunai par raha tha.
"Jagan bhai shahab andar aa jayie," Jagan ko Devkee ki dabi jawan sunai diya. Devkee anadar se nikal kar ayee aur Jagan ko apne sath andar ek dusre kamre men le gayee. Dusre kamre me jameen par bahut saf suthra bistar laga hua tha aur uspar do takia bhi aga kua tha. Jagan apne dost Deva ke bare me pucha.
"Wo jaldee so jata hai aur wo jab sota hai to bhukamp bhi usko jaga nahee pata, magar phir bhi hum logon ko chup chap rahana chahiye," Devkee dhire se Jagan se boli. Phir Devkee matee ke tel wali diya kamare men le aaee aur dhire se darwaja band kar diya. Devkee tab Jagan ke pas aayee aur usko apne bahon me bandhte hue boli,
"aaj subah hum log jo kuchh bhi kiya jaldee me kiya, phirbhi mujhe bahut maza aaya. Ab hum chahate hain ki hum tumse phir se wahee maza looten aur tum mujhe rat bhar dhire dhire chodo, kyon chodoge na?" Jagan apna sar hila kar hamee bharee aur bola,
"mai bhi tuko pura pura chakhna chahta hun, subah jo bhi hua wo bahut jaldee jaldee hua". Jagan ne Devkee ko apne pas khinch liya aur uske peeth par hath pherne laga. Usne Devkee ki hoton par chumma diya aur uski blouse ke button kholne laga. Jagan Devkee ki blouse aur bra utar kar uski saree utarna shuru kar diya. Devkee chup chap kharee ho kar apna saree utrwane lagee. Jagan phir dhire se Devkee ki petticoat ka nara bhi khol diya aur Devkee ki petticoat utar kar uski pairon ka pas gir gaya. Ab Devkee puri tarah se Jagan ke samne nangee kharee thee. Jagan tab ek kadam pichhe hath kar Devkee ka nagna roop dekhne laga. Halankee Devkee ka badan bhara pura tha, lekin uskee shareer bahut hi thas thee. Devkee ki chunchee baree baree thee lekin latkee nahee thee.
Chunchee ki nipple kareeb 1" lumbee thee aur kaalee the. Devkee ki nipple is samay kharee kharee thee. Jagan tab dhire dhire chal kar Devkee ke peechhe gaya aur Devkee ki gol gol shandar bharee bharee chutar aur shandar janghon ko dekhne laga.
"Tum bahut hi sundar ho," Jagan dhire se bola. Jagan phir se use pas kheench liya aur usko apne bahon me bhar kar chumne laga. Ab tak Jagan ka lund khara ho chukka tha aur apne liye Devkee ki choot ko chaah raha tha. Devkee bhi Jagan ke bahon me kharee kharee apni choot uske lund par ragadne lagee.
"Ab meri baree hai," Devkee boli aur Jagan ka shirt utarne lagee. Devkee Jagan ke chhaatee par apna muh malte hue dhotee ko kheench kar nikal diay aur ab Jagan bhi Devkee ke jaisa nanga ho gaya. Jaise hi Devkee Jagan ko apne bahon me liya usko Jagan ka khara hua lund apni peru par chubhne laga. Devkee apnee sharer ko Jagan ke nange sharer se ragarne lagee. Phir Devkee jhuk kar Jagan ke samne apne ghutno par baith gayee. Ab Jagan ka khara hua lund Devkee ke chehere se kuchh hi dur tha. Devkee lund apne dono hathon se pakar liya aur uska lal lal bara sa supara ko khol diya. Us par chumma dete hue boli,
"Kitana acchha hai tumhara yeh supara. Kitna lumba aur mota aur kitna kara. Dekho dekho eh kaise uchhaal raha hai. Mai aise hi ek lund ke liye ab tak pareshan thee. Jaroor bhagwan ne ise mere liye banaya hai. Kya mast cheez hai. Isko kha kar meri choot puri tarah se mastee se bhar uthegee" wo bolne lagee. Devkee tab lund apne dano hathon me rakh kar dhire dhire dabane lagee aur masal masal kar uskee takat aur garmee ka andaza lagane lagee. Devkee tab lund apne chehere aur galon par ragarne lagee aur phir dhire se usko chum liya. Devkee neeche jhuk kar lund utha kar uske andon ko dekhne lagee aur unko apne hathon me le kar tataulne lagee.
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Jagan jhuk kar Devkee ki nipple ko muh me le kar chusne laga, lekin Devkee Jagan ko rok diya. Phir Devkee jameen par biche bister pe let gayee aur phir Jagan se apne chunchee ko pine ke liye bolee. Wo apne dono hathon se apnee chunchee ko side pakar kar utha kar Jagan ko chusne ke liye bhent kiya. Jagan un chuncheon ko apne dono hathon se pakar kar dabane laga aur phir masalne laga. Devkee ki chunchean Jagan ke hathon se masalne par aur baree aur karee ho gayee. Jagan tab un chuncheon ko bari bari se apne muh me le kar chatne aur chusne laga aur Devkee mastee se apne dono hathon se apni chunchee utha kar Jagan se chuswane lagee. Devkee ko mastee char chukee thee aur wo ap'ne dono janghon ko apas me ragadne lagee.
Eh dekh kar Jagan apna hath Devkee ki choot par le gaya aur us choot par jame kale kale reshmee jhanton se khelne laga. Usne dhire se Devkee ki choot ke andar ek unglee dal dee. Usne phir choot ke phako par apnee unglee pherne laga. Devkee ki choot ab madanras chhoD rahee thee aur isliye is samay uski choot bahut gilee thee. Jagan phir Devkee ki choot ki ghundee ko dekh kar usko apne ungleon se pakar liya aur usko apne ungleeon se masalne laga.
Devkee is'se bahut uttejeet ho gayee aur Jagan ka chehera apne hathon se pakar kar uske hothon ko chumne lagee aur apni jeev Jagan ke muh me dal diya. Jagan Devkee ke hotho aur phir uski jeev ko chusne laga. Jagan phir se apni unglee us ki choot me pel diya aur uske choot me apni unglee ghumane laga. Devkee mare garmee ke Jagan ka hath apnee janghon men bheench liya aur apni chutar uchalne lagee aur bolne lagee,
"hai, aisa mat kar, mai mar jaungee, mere choot me aag lagee hai, jaldee se apna lund usme dalo aur mujhe ragar kar chodo. Kyon mujhe sata rahe ho, tumhara lund to khara hai kyon usko meri choot me pelte naheen, meri choot tumhara lund khane ki liye dekho kitna laar baha rahee hai, Jaldee karo aur mujhe rat bahr chodo. Mai bahut chudasee hun, meri choot ki aag bujhao. Jaldee se apana lund meri choot me dal is choot ko chodo aur pharo."
Jagan ghum kar Devkee ki janghon ko phaila diya aur uski choot ko apne hathon se khol kar choot ke andar gaur se dekhne laga. Jagan tab apna nak Devkee ki choot ke pas le ja kar uski sondhee sondhee khusbu ko sunghne laga. Wo phir jhuk kar Devkee ki choot ki ghundee apne jeev se chhua aur phir usko chata aur apne hothon me bhar kar chusne laga. Devkee apne jaghon ko aur phaila diya jisse ki Jagan ko apne kam me koi badha na ho. Jagan ab Devkee ke upper ulta let gaya aur Devkee ki choot ko bare chab se chatne aur chusne laga. Usne Devkee ki choot ko apne hathon se khol kar usme apna jeev ghuser diya aur andar se us choot ke rus ko apne jeev se chat chat kar pine laga. Devkee tab apne chehre ke samne latak raha Jagan ka mota aur 10: lumba lund apne muh me bhar kar chusne lagee.
Devkee apne hathon se Jagan ka chutar pakar kar uske lund par apna muh upper neeche karne lagee aur is'se Jagan ka lund Devkee ke muh ke andar bahar hone laga. Wo Jagan ka pura ka pura lund apne munh me lene ki koshish karne lagee lekin utna lumba aur mota uske munh me nahee ja pa raha tha. Phir Devkee Jagan ke lund ko apne hathon se pakar kar jor jor se apne jeev se chatne aur chusne lagee. Uski chusai me itna jor tha ki uski munh se slupper slupper ki awaj nikal rahee thee. Phir Devkee Jagan ko khinch kar apne neeche kar liya aur khud Jagan ke upper let gayee. Upper let'te hi Devkee apni choot uske munh par jor se daba diya aur boli,
"hai mere raja, aur jor se meri choot ko chato Mai mari ja rahee hun, meri choot chat kar aur chus kar iska sara ka sara pani pee gao." Jagan bhi apna pura ka pura jeev Devkee ki choot ke andar dal kar uski choot ko chatne laga. Thori der ke bad Jagan Devkee ki choot se apna munh utha kar bola,
"Hai meri Devkee rani, kya maza aa raha hai tumharee chhot chus kar.Such me tumharee choot se nikalta rus bahoot hi meetha hai. Mai to tumharee chhot chus kar dhanya ho gaya. Tum ab mujhko roj kam se kam ek bar apni choot chusne jaroor dena." Jagan maze le le kar Devkee ki choot to chusta raha. Usne apne ungleeon se iski choot ko puree tarah se khol kar uske rus ko jee bhar kar pita raha. Phit thori der ke bad Jagan Devkee ki choot ko apne done hothon me daba kar chusne laga
Jagan ko laga ki Devkee ab jharne wali hai. Thori der aur chusai ke bad Devkee ekaek apni chutar upper utha diya. Jagan samajh gaya ki Devkee jhar gayee. Jagan ke munh me Devkee ki choot se dher sara mitha mitha garam ras nikal kar bhar gaya aur Jagan bare utsukuta se sara ka sara rus pee gaya. Ek bhuke kutte ki tarah Jagan apni jeev se Devkee ki choot ko chat chat kar sara ras pee kar saf kar diya. Devkee tab Jagan ke upper se lurakh kar jameen par Jagan ke bagal me let gayee.
"Eh mere liye sab se acchhee choot ki chusai thee" Devkee Jagan ki taraf mur kar muskura boli.
"Aur tumharee choot ka rus bahoot meeth tha aur mai pahalee bar itna meetha rus pia" Jagan bola. Halankee Jagan abhi tak jhara nahee tha, lekin thori der sustane se uska thora murjha gaya. Devkee ab uska lund apne hathon me le kar masal masal kar phir se use khara kar diya. Tab Devkee us khare lund ko apne hathon se pakar Jagan ke upper char gayee aur apne hathon se usko apne choot ke darwaje se laga diya aur dhire dhire us ko apne choot ko khilate hue us par baith gayee. Devkee jhuk kar Jagan ke lund ko apne choot ke andar jate hue dekhtee rahee. Devkee ko Jagan ke lund ko apne bacchedanee ko chhute mahasus kiya. Phir Devkee apne dono hathon ko Jagan ke sharer ke dono taraf rakh kar apni chutar ko uthaya aur dhire dhire neeche layee aur is'se uski choot lund ko dhire dhire khane lagee.
Jagan apna hath bara kar Devkee ki dono chunchee ko pakar liya aur unko dhire dhire masalne laga. Devkee ab apni chudai ki speed bara diya. Wo mota aur lumba lund Devkee ki choot me puree tarah se phit baith gaya tha aur isse Devkee ko bahut maza aa raha tha. Thori der ke Devkee Jagan ke lund par uchalte uchalte thak gayee aur Jagan ke upper let kar hafne lagee. Jagan tab Devkee ko apne se neeche utar kar Devkee ko ghori ki taraf charon hath pair par rukne ko kaha aur khud Devkee ke pichhe jakar apna tanaya hua lund Devkee ki choot me ghuser diya. Jagan ab Devkee ko pichhe se kutte ko tarah chod aha tha. Jagan ke har dhakke ke sath Devkee ki muh se Ah! Oh! Ki! awaj nikal rahee thee.
Jagan ab apna chodne ki speed bara diya aur jor jor se apna lund ko choot me dalne aur nikalne laga. Ab Jagan jharne wala tha. Jagan ab apna virya se Devkee ki choot ko bharne wala tha. Devkee is samay chutar aage pichhe kar rahee thee, Jagan ko laga ki Devkee bhi jharne walee hai. Jagan ab aur jor jor se Devkee ko chodne laga aur tab tak chodta raha jab tak na uska pani nikal kar Devkee ki choot ko bhar na diya. Devkee jharte hi Jameen par ulte let gayee aur Jagan uske upper nidhal ho kar para raha.
Devkee aur Jagan bahut khus the. Wo dono har rat ko ek dusre ki lund aur choot chat'te the chuste the aur dono ek dusre ko chodte the. Jagan jab bhi apne dost Deva se milta tha to apne ko doshi mahasus karta. Lekin wo jab sochta tha ki wo uski biwi ko uske pichhe roj rat chodta hai to usko kafee maza milta tha. Ek rat Jagan Devkee ko chod kar apne lund ko sahala raha tha aur Devkee bathroom me apni choot aur jaghen dhone ko gayee thee. Jab Devkee bathroom se wapas aayee to Deva uske pichhe pichhe kamare me aaya aur nang dharang ho kar apna tana hua laura ghusa diya.
Devkee apni choot ki chudai me itni mashgool thee ki usko eh bhi pata nahee tha ki uski choot me Jagan ya Deva ka lund ghusa hua hai. Usko eh bhi pata nahee tha ki uska pati uski choot Jagan ke samne hi chod raha hai. Jagan ko kuchh samajh me nahee aaya aur wo chup chap apne lund ko thame Deva aur Devkee ki chudai dekhta raha. Deva is samay Devkee ko buri tarah se chod raha tha aur hanf raha tha aur thori hi der me uska lund pani chhoD diya aur us pani se Devkee ki choot ek bar phir se bhar gayee. Deva jharne ke bad Devkee ke bagal me let hafne laga.
Thori dek tak kamare me bahut shantee chhaee rahee aur sirf sanson ki aur dharkan ki awaj sunaee detee rahee. Eh waqt Jagan ke liye bahut hi nazuk tha. Thori der ke baad Devkee uth kar baith gayee aur apne petticoat se apni choot ko ponchhte hue Jagan se boli,
"koi chinta ki baat nahee. Mere pati ko sab baat maloom hai. Humaree aur tumharee chudai ke tesree din hi Deva sab kuchh dekh liya tha aur phir maine hi Deva ko sari baat bata diya hai. Maine Deva ko apni choot ki bhookh ke bare me bhi bata diya hai aur usko samjhaya hai ki wo tumko mere dusre pati ke roop me dekhe. Chunkee Deva ko malum hai ki uske lund me meri choot kee bhookh mitane ki takat nahee hai aur isliye Deva meri baat man gaya hai. Deva ko hamaree choot me tumhare lund ka ghusna aur phir mujhe chodte huye dekhne me bahut maza aata hai aur wo har rat chhup chhup kar humaree chudai dekhta hai. humaree chudai dekh kar uska lund khara ho jata hai aur jaise tum hume chod kar wapas apne ghar jate ho wo mujh par pil parta hai aur phir hume khoob chodta hai." Devkee thori der ruk kar aur Deva ka murjhaya hua lund apne muthee me lete hue Jagan se boli,
"Deva ne humse kaha rakhha hai ki use humaree aur tumharee chudai se koi lena dena nahee hai, lekin eh baat gaon me phailne na paaye." Jagan ko eh sab sun kar bahut tajjub hua lekin wo phir bhi chup raha. Eh ek bahut mazedar mamla tha ki ek admi jiski biwi ko mai abhi abhi chod chukka hun wo kahe ki mai phir uski biwi ko chod sakta hun.
Phir Devkee aur Deva ne Jagan ko saaree baat bata dee. Use pata chala ki:-
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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