raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
मर्दों की दुनिया पार्ट--5
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
"आप एक दम बेफिक्र रहें, कोई मर्द इनके पास भी नही फटक पाएगा," मालकिन ने कहा, "अब तुम दोनो जाकर मेरे कमरे मे मेरा इंतेज़ार करो, तब तक में दोनो बच्चो को जाकर खुश खबरी सुनाती हूँ." "नही शांति उन्हे कुछ ना बताना वरना दोनो काम धंधा छोड़ कर यहाँ भाग कर आ जाएँगे." मालिक ने हंसते हुए कहा. करीब दो घंटे बाद मालिकिन हमारे पास आई. "तो तुम दोनो मीना और उमा की बेटियाँ हो. बहुत सुंदर हो." मालिकिन हमे घूरते हुए बोली. मालिकिन के प्रभाव से हम इतना डरे हुए थे कि हम अपनी गर्दन भी नही हिला पा रहे थे. "अपने कपड़े उतारो? में भी देखूं की तुम दोनो ने कपड़े के नीचे क्या छुपा रखा है? मालकिन ने कहा. हम दोनो तो बुत बने खड़े रहे लेकिन जानते थे कि मालकिन का हुकुम ना मानने पर सज़ा भी तगड़ी मिलती है इसलिए हम जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी. "अति सुंदर, तुम्हारी चुचियाँ तो बड़ी प्यारी है," मालकिन हमारी चुचियों को मसल कर और निपल को भींचते हुए बोली, "और कसी कसी भी है बहोत अच्छा" हम दोनो शर्मा गयी लेकिन चुप चाप खड़ी रहीं. "तुम्हारी झाँते क्या हुई? वो हमारी सफ़ा चट चूत पर उंगली गढ़ाते हुए बोली. हम दोनो कुछ नही बोली. "जवाब दो में इंतेज़ार कर रही हूँ तुम्हारे इंतेज़ार का." वो मुस्कुराते हुए बोली. "वो क्या है मालकिन आज सुबह हमारी मा ने इन्हे सॉफ कर दिया." रीमा ने जवाब दिया. "तुम्हारी मा काफ़ी समझदार है. उन्हे पता है कि मर्द को कैसे रिझाया जाता है" मालकिन ने कहा, "हमेशा ऐसे ही अपनी चूत को सफ़ा चट रखना ... समझी." "जी मालकिन" हमने जवाब दिया. "तुम्हे किसी ने आज तक चोदा तो नही है ना? मालकिन ने हमारी चूत मे उंगली घूसाते हुए कहा. "नही मालकिन हमारी चूत बिल्कुल कोरी है." हम दोनो ने जवाब दिया. "बहुत अच्छी बात है" कहकर वो घूम कर हमारे पीछे आ गयी और हमारे चूतड़ को हाथ मे पकड़ कर बोली, "तुम दोनो की गंद भी काफ़ी भारी और गोल गोल है, मेरे लड़कों को बहोत पसंद आएगी." फिर अचानक हमारी चूत की पंखुड़ी को अपनी उंगली और अंगूठे से भेंचती हुई बोली, "तुम्हे मालूम है मेरे बेटे तुम्हारे साथ क्या करेंगे? "दीदी मैं बीच मे एक बात बताना चाहती हू कि जिस तरह उन्होने हमारी चूत को छुआ था और कोई दिन होता तो शायद हमारी चूत गीली हो गयी होती लेकिन उनके डर की वजह से हमारी चूत तो एक दम सुखी ही रही." रीमा मोना के बात के बीच मे बोली. "आछा हुआ तुमने खुद बता दिया वरना में तुम्हे पूछने ही वाली थी, फिर क्या हुआ." मेने कहा. "हमे पता था कि उनके बेटे हमारी चूत के साथ क्या करेंगे लेकिन डर की वजह से हम कुछ कह नही पाए." "वो तुम्हारी चूत फाड़ेंगे और फिर चोदेन्गे. हो सकता है वो तुम्हारी गंद भी मारेंगे." मालकिन हंसते हुए बोली. "वो हमारी चूत फाड़ेंगे और हमे चोदेन्गे ये तो हम जानते थे लेकिन गंद मारने की बात से हम डर गये थे. " मोना ने कहा. "इसमे डरने वाली कोई बात नही है," शायद उन्होने हमारे दिल की बात पढ़ ली थी. "शुरू मे तो दर्द होता ही है चूत हो या गांद हाँ बाद मे बहोत मज़ा आता है, तुम दोनो को भी मज़ा आएगा." "हां मालकिन" हमने धीरे से कहा. "दोनो मेरी बात ध्यान से सुनो... जितनी मर्ज़ो उतना छुड़वाना, बहोत मज़े लेना लेकिन एक बात का ध्यान रहे अगर तुम मे से कोई गर्भवती हो गयी तो मुझसे बुरा कोई नही होगा." मालकिन ने कहा. "हमारी समझ मे नही आया कि हम क्या कहें? "मालकिन अगर वो हमे चोदेन्गे तो बच्चा तो होगा ही." रीमा ने मासूमियत से कहा. "ज़रूरी नही है." मालकिन ने कहा, "ये मर्दों की दुनिया है, मर्द को सिर्फ़ अपनी खुशी और मज़े से मतलब है, उसे अंजाम से कोई मतलब नही, अगर औरत चाहे तो हर अंजाम से बच सकती है." "हमारी समझ मे नही आ रहा था हम कैसे इस अंजाम से बच सकते है कैसे हम..... " तभी मालकिन बीच मे बोल पड़ी. "ये लो." फिर उन्हने हमारे हाथ मे गोलियों की दो शीशी पकड़ा दी, "ये गोलिया लेबल पर लीखे अनुसार बराबर लेती रहना तो गर्भ नही ठहरेगा, अगर तुम गर्भवती हो गयी तो में समझ जाउन्गि की तुम दोनो ने मेरा कहना नही माना फिर क्या सज़ा मिलेगी ये तुम अच्छी तरह से जानती हो? हम उनके गुस्से और उनकी सज़ा को भी जानते थे इसलिए उनसे वादा किया कि हम पूरा ख़याल रखेंगे फिर उन्होने ने हमारी मा को बुला भेजा. जब हमारी मा आ गयी तो उन्होने उनसे कहा, "मीना और उमा आज से मोना और रीमा हमारी सेवा मे हैं ये लोग सुबह 6.00 बजे काम पर आएँगी और शाम को 6.00 बजे तक रहेंगी. तुम दोनो की ज़िम्मेदारी है कि इन्हे टाइम पर यहाँ छोड़ कर जाओ और तीमने पर यहाँ से ले जाओ. घर के पहुँचने के बाद ये दोनो तुम्हारी नज़रों से ओझल नही होनी चाहिए, और रात मे तुम इनके साथ सोवॉगी... समझी तुम?" "जी मालकिन" हमारी मम्मी ने कहा. करीब डेढ़ महीने के बाद दोनो छोटे मालिक घर आए. रात के खाने के बाद मालिकिन हमे उनके कमरे मे ले गयी. दोनो मालिक खाली पयज़ामा पहने हुए थे और सोने की तय्यारी कर रहे थे. "बच्चो देखो तुम्हारे पिताजी ने तुम दोनो के लिए उपहार भेजा है, सुमित आज से मोना तुम्हारी पर्सनल नौकरानी होगी और रीमा अमित की." उन्होने कहा फिर हमसे बोली, "आज ये तुम्हारे मालिक है, देखना इन्हे कोई शिकायत का मौका नही देना और जो ये कहे वैसे ही करना." "जी मालिकिन" हम दोनो ने धीरे से कहा. "अगर इनका इनाम चाहिए तो देखना कि इन्हे कोई शिक्यायत ना हो? मालकिन ने आख मारते हुए कहा. हमे पता था कि आज हमारी चुदाई होने वाली है. इस ख़याल से ही हमारी चूत गीली हो गयी थी और शरीर मे एक मीठी सी लहर दौड़ रही थी. "दोनो ने हमे उपर से नीचे तक घूरा फिर बोल पड़े, "मम्मी आप चिंता मत करें" अमित मुस्कुराते हुए बोला, "हम इनका पूरा ख़याल रखेंगे और इस जनम मे तो क्या ये अगले जनम मे भी हमारा हुकुम मानेंगी..क्या कहते हो भैया?" "हान मम्मी, ये वादा है हमारा आपसे." सुमित ने मुस्कराते हुए कहा. "गुड नाइट और नही की पूरी रात जागते रहो, थोड़ा सोने की भी कोशिश करना." ये कहकर मालिकिन वहाँ से चली गयी. अगले दस मिनिट तक दोनो भाई सिर्फ़ हमे निहारते रहे, "ओह अमित ये दोनो कितनी प्यारी है." सुमित सर ने कहा. 'हां प्यारी तो हैं" अमित सर ने कहा, "लेकिन पहले ये तो देख लें कि सारी के पीछे क्या छुपा है? लड़कियों अपने कपड़े उतारो." हमे पता था कि हमने क्या छुपा रखा है और हमने कपड़े उतार दिए. हम दोनो खुश थे कि उन दो बुद्धों की जगह हम दो नौजवानो के साथ थे. "अमित देखो तो कितनी तय्यारी के साथ आई हैं दोनो, इन्होने तो अपनी झाँते भी सॉफ कर रखी है,सीमित सर ने कहा, "लगता है कि इनके साथ काफ़ी मज़ा आएगा." "हां वो तो है, लेकिन इन्हे भी देख लेना चाहिए कि हम इनका ख़याल किस चीज़ से रखेंगे." अमित ने हंसते हुए कहा. फिर दोनो मालिक ने अपने पयज़ामा नीचे खिसका दिए और अपने खड़े लंड को बाहर निकाल लिया. हमने पहले कई बार लड़कों को नंगा देखा था, लेकिन किसी मर्द का लंड पहली बार देख रहे थे. इतने बड़ा और मोटा लंड देख कर में सोचने लगी कि ये मेरी इतनी छोटी सी चूत मे घुसेगा कैसे. "आओ मोना यहाँ मेरे पास आओ." सुमित सर ने कहा और अपनी बाँहे मेरी कमर मे डाल मुझे अपने पास खींच लिया और मेरी चुचियों को मसल्ते हुए मुझे बिस्तर पर ले गये. जब हम चारों पलंग पर थे तब सुमित सर ने कहा, "अमित मुझे तो मोना ज़्यादा कसी हुई लगती है." "ये तो देखना अभी बाकी है, सुमित क्यों ना हम साथ साथ इन दोनो की चूत का उधघाटन करें" अमित सर ने कहा. "हां ये ठीक रहेगा, तीन की गिनती पर किला फ़तेह होना चाहिए." सुमित सर ने कहा. हमारी समझ मे नही आ रहा था कि वो क्या कह रहे है लेकिन थोड़ी ही देर मे हम समझ गये. "एक" सुमित सर ने कहा और वो दोनो हमारे उपर आ गये. "दो" अमित सर ने कहा और दोनो हमारी टाँगों को फैला अपने लंड हमारी चूत के द्वार पर रख दिए. "अमित क्या तुम तय्यार हो? तीन" सुमित सर ने कहा और दोनो ने ज़ोर का धक्का मार अपने लंड को हमारी चूत मे घुसा दिया. हम दोनो तो दर्द के मारे जोरों से चिल्ला पड़ी और उनका लंड हमारी झिल्ली को फाड़ता हुआ चूत के गहराई तक घुस गया. जब वो हमे एक बार चोद चुके तो अमित सर ने कहा, "सुमित मुझे तो लगता है कि रीमा की चूत ज़्यादा कसी हुई है." "वो अभी पता कर लेते है," कहकर सुमित सर ने हमे जगह बदली करने को कहा, उस रात दोनो ने ने हमे चार बार चोदा और आखरी मे हमारी गंद भी मार दी. "क्या तुम दोनो को चुदवाने मे मज़ा आया?" अनु ने मोना से पूछा. "ओह्ह्ह दीदी बता नही सकती, बहोत मज़ा आया ऐसा लगा कि हम जन्नत के सैर कर रहे है. हम तो और चुदना चाहते थे लेकिन चोथी चुदाई के बाद दोनो मालिक थक कर सो गये." रीमा ने कहा. "तुम दोनो मे से उन्हे किस की चूत ज़्यादा कसी हुई लगी? मैने उत्सुकता वश पूछा. "हमे नही पता क्यों कि दोनो कुछ बोले ही नही इस विषय पर," रीमा ने कहा, "मुझे तो लगता है कि बस वो हम दोनो को चोदना चाहते थे इसलिए ऐसा कहा था." "हां मुझे भी ऐसा ही लगता है." मेने हंसते हुए कहा,"फिर उसके आगे क्या हुआ? "सुबह दोनो ने हमे एक एक बार और चोदा." "हमे कुछ ज़रूरी काम है इसलिए हम बाहर जा रहे है और खाने के वक़्त लौटेंगे लेकिन तुम दोनो यहीं हमारे कमरे मे रहना." अमित सर ने कहा और वो बाहर जाने के लिए तय्यार होने लगे. "पर छोटे मालिक हम दोनो को नहाना भी है और नये कपड़े भी पहनने है." रीमा ने कहा. "जहाँ तक नहाने का सवाल है, तुम दोनो हमारे बाथरूम मे नहा सकते हो और कपड़ों की तुम्हे कोई ज़रूरत नही है, इसलिए जैसे हो वैसे ही रहना हमारे आने तक." सुमित सर हंसते हुए बोले. उनके जाने के बात हमने कमरे की सफ़ाई की और हमारे खून से भरी चादर को पलंग पर से बदल दिया. फिर नहाने के बाद उनके आने तक हम टी.वी देखते रहे." "ये हुई ना बात." अमित सर ने कमरे मे आते हुए कहा. "क्या तुम दोनो को भूक लगी है?" सुमित सर ने पूछा. "हमने अपनी गर्दन हां मे हिला दी, हमने सुबह से एक कप चाइ और दो बिस्कट के अलावा कुछ नही खाया था." "हमने खाने के लिए कह दिया, महाराज आधे घंटे मे खाना दे जाएगा.," सुमित सर ने कहा, "लेकिन तब तक हम तुम दोनो कुछ देंगे जिससे तुम्हे भूक ना लगे, क्यों भाई सही बोल रहा हूँ ना." "अब तुम दोनो नीचे घुटनो के बल बैठ जाओ, वहाँ नही यहाँ हमारी टांगो के बीच." अमित सर ने कहा, और दोनो पलंग पर बैठ गये और अपनी टाँगे फैला दी. जब हम उनकी टॅंगो के बीच नीचे घुटनो के बल बैठ गये तो उन्होने अपने लंड अपनी पॅंट से बाहर निकाल लिए. "अब हमारे लंड को अपने मुँह लेकर चूसो," अमित सर ने कहा. हम दोनो उनके लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगे, और उन्होने अपना पानी हमारे मुँह मे छोड़ दिया, "इसे थूकना नही बल्कि पी जाओ." सुमित सर ने कहा और हम उनकी अग्या मानते हुए उनके लंड का पानी पी गये. पूरे एक साप्ताह तक उन दोनो ने हमे अपने कमरे मे ही रखा, एक साप्ताह तक हमने कपड़े नही पहने और नंगी ही रही उनके साथ. जब भी जैसे भी दोनो का मन करता वो हमे चोद्ते. हमे कोई चीज़ की ज़रूरत होती तो हमे कमरे मे ही मिल जाती. वो तो बड़े मालिक ने एक दिन उन्हे डांटा तब वो सहर वापस चले गये. "ये हमारे कहानी है." मोना ने कहा. "क्या ये दोनो अब भी तुम दोनो को चोद्ते है?" अनु ने पूछा. "जिस दिन से दोनो मालिक की आप दोनो से सगाई हुई उस दिन से आज तक उन्होने हमे छुआ भी नही है." रीमा ने कहा. "फिर तो इतने महीने से बिना चुदे तुम दोनो की चूत बहोत खुज़ला रही होगी.... और तुम्हारी चुदाई की इच्छा भी बहोत हो रही होगी." मैने कहा. "हां हो तो रही है.." मोना ने कहा. "और किस किस ने तुम दोनो को चोदा है?" अनु ने पूछा. "दोनो छोटे मालिक के अलावा हमे किसी ने छुआ तक नही है, और ये सच है." मोना ने कहा. "हमे तुम दोनो की बातों पर विश्वास है, अगर वो तुम दोनो को फिर से चोदना चाहे तो तुम दोनो क्या करोगी?" मेने पूछा. "जब तक आप हुकुम नही देंगी हम उनसे नही चुदवायेन्गी." रीमा ने कहा. "तुम ये कहना चाहती हो की तीन महीने से तुम दोनो ने चुदवाया नही है फिर भी तुम उन्हे चोदने से मना कर दोगि.... बिना चुदे तुम रहती कैसे हो? अनु ने पूछा. "ज़रूर ये एक दूसरे की चूत चूस्ति होंगी और चूत मे उंगल करती होंगी." मेने कहा. "दीदी आप भी ना कुछ भी कहती है, हमने आज तक अपनी जिंदगी मे किसी की चूत नही चूसी." मोना ने कहा. "फिर तो लगता है कि तुम दोनो को चूत चूसना सीखना ही पड़ेगा." अनु हंसते हुए बोली. "क्या हमारी चूत चूसोगी?" मेने पूछा. में सोच रही थी कि पता नही ये दोनो क्या कहेंगी. लेकिन उनका जवाब सुनकर में चौंक भी पड़ी और खुस भी हो गयी. "दीदी अगर आप आग्या देंगी तो क्यों नही चूसेंगे." रीमा ने कहा. "हां हम अग्या दे रहे हैं." अनु खुशी से उछलती हुई बोली. फिर वो पलंग पर लेट गयी और अपनी नाइटी उठाते हुए बोली, रीमा तुम मेरी चूत चूसो." "मोना तुम मेरी चूत चूसो" मेने अपनी चूत को खोलेते हुए कहा. दोनो अपने घुटनो पर हो गयी और हमारी चूत पर जीभ फिराने लगी. "नही ऐसे मज़ा नही आ रहा, तुम दोनो एक काम करो यहाँ पलंग पर आ जाओ और हमारी टाँगो के बीच अछी तरह बैठ कर चूसो." मेने दोनो को समझाते हुए कहा. सही मे मोना की जीभ कमाल दिखा रही थी. वैसे तो वो पहली बार किसी की चूत चूस रही थी लेकिन एक लड़की होने के नाते शायद उसे पता था कि चूत के किस हिस्से पर चूसाई करनी चाहिए. मेरी उत्तेजना सातवे आसमान पर थी. अगले कई घंटों तक वो हमारी चूत चूसति रही और इस दौरान में कितनी बार झड़ी मुझे भी याद नही. में थक चुकी थी और सोना चाहती थी. "बस मोना में थक गयी और थोड़ी देर सोना चाहती हूँ." मैने कहा. "तुम भी थक गयी होगी जाओ जाकर आराम करो." "नही रीमा तुम नही, बस थोड़ी ही देर की बात है....मेरा छूटने वाला है...... ओह चोदो मुझे अपनी जीभ से ओह हाआँ और अंदर तक घुसा डोओओ ओःःः में गयी...." अनु सिसकते हुए रीमा से अपनी चूत चूस्वा रही थी. उसके बाद रात को मोना मुझे उठा रही थी. "दीदी उठिए छोटे मालिक को खाना चाहिए." मोना ने कहा. "खाना ... क्या टाइम हुआ है?" मेने आँखे मलते हुए पूछा. "नौ से उपर हो गये है," मोना ने जवाब दिया. "तुम्हारे मालिक कब आए?" मेने पूछा. "हर रोज़ की तरह शाम 7.00 बजे." मोना ने जवाब दिया. "फिर तुमने हमे उठाया क्यों नही?" "हम तो उठना चाहते थे लेकिन मालिक ने मना कर दिया कि सोने दें आप दोनो को." रीमा ने कहा. मेने देख कि रीमा अनु को उठाने की कोशिश कर रही थी. "क्या तुमने उन्हे बताया कि हम दोनो सो रहे है?" मेने कहा. "नही हमने नही बताया..." मोना ने कहा. "ठीक है तुम जाकर टेबल पर खाना लगाओ, हम हाथ मुँह धो कर आते है." मैने दोनो से कहा. थोड़ी देर बाद में और अनु नाइटी पहने खाने के टेबल पर पहुँचे. मेने देखा की दोनो भाई कपड़े बदल कर अपने नाइट सूयीट मे थे. शायद उन्हे नौकारैनियों को चोदने के जल्दी थी... मैने सोचा. दोपहर के खाने की तरह इस बार भी कोई कुछ नही बोला. खाने के बाद में बोली, "आप दोनो कमरे मे आइए मुझे कुछ बात करनी है." जब हम कमरे मे पहुँच गये तो अमित ने कहा, "अब बात करने को रखा ही क्या है?" "क्या तुम्हारा इरादा पक्का है कि तुम दोनो हमारे साथ सोना नही चाहते?" मेने पूछा शायद उनका इरादा बदल गया हो. "हां मेरी जान हमारा इरादा पक्का है और इसे बदला नही जा सकता." सुमित ने कहा. "मतलब तुम हमारी प्यारी और कम्सीन चूत छोड़ कर नौकरानियों की चूत चोदना पसंद करोगे? अनु ने रोते हुए पूछा. "मेरी जान उनकी चूत तुम्हारी चूत की तरह ही प्यारी और कम्सीन है.... ठहरो में तुम दोनो को दिखाता हूँ," कहकर अमित खड़ा हुआ और नौकरानियों को आवाज़ दी. जब वो दोनो कमरे मे आ गयी..तो उसने कहा, "तुम्हारी मालकिन तुम्हारी चूत देखना चाहती है... अपने कपड़े उतारो और इन्हे दीखाओ." अमित ने उन्हे हुकुम दिया. लेकिन दोनो नौकरानिया वहीं खड़ी रही बुत बनी हुई. "तुम दोनो ने सुना नही, मेने क्या कहा? अमित गुस्से मे बोला, "अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ? मोना और रीमा नज़रें झुकाई वैसे ही खड़ी रही लेकिन दोनो ने अपने कपड़े नही उतारे. "क्या इन दोनो ने तुम दोनो से कुछ कहा है? अमित हमारी तरफ इशारा करते हुए गुस्से मे बोला. "नही मालिक इन्होने कुछ नही कहा," मोना ने जवाब दिया, "ये हमारा फ़ैसला है की हम कपड़े नही उतारेंगे." "मुझे विश्वास नही हो रहा कि तुम दोनो हमारा हुकुम मानने से इनकार सकती हो," अमित गुस्से मे अपना हाथ उठाते हुए बोला. "अमित कोई फ़ायदा नही है, ये हमारा कहा नही मानेंगी, इन्हे अपने बदन का डर समाया हुआ है." सुमित ने कहा. "तुम्हारा कहने का क्या मतलब है? अमित ने कहा. "इन्हे जाने दो में फिर बताता हूँ." सुमित ने जवाब दिया. 'फट्ट्टो यहाँ से और अपनी शकल मत दिखाना....." अमित चिल्लाते हुए बोला. मोना और रीमा चुपचाप वहाँ से चली गयी. "अमित मेने तुम्हे पहले नही बताया क्यों की ज़रूरी नही समझता था लेकिन हमारे यहाँ आने से पहले मेने मम्मी को इनसे बात करते सुन लिया था. " सुमित ने कहा. "क्या कहते थे सुना था तुमने?" अमित ने पूछा. "मम्मी ने कहा था कि तुम्हारी मालकिन का हुकुम सर्वोत्तम है, उनकी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करना और अगर मुझे पता चल गया तो में अपने हाथों से तुम दोनो की चमड़ी खुरछ खुरछ कर बदन से अलग कर दूँगी ये याद रखना." सुमित ने बताया. "ओह तो ये कारण है इनका हमारा हुकुम ना मानने का? अब हम क्या करें," अमित ने कहा, फिर बोला, "क्यो ना हम इन्हे ज़बरदस्ती चोद दें. इससे इन्हे सज़ा भी नही मिलेगी और हमारा मकसद भी हल जाएगा." "तुम पागल तो नही हो गये हो? अगर मम्मी को पता चल गया तो वो इस उम्र में भी हमारा लंड काट कर हमारे हाथ मे दे देंगी." सुमित ने कहा, "भाई में तो नही कर सकता, अगर तुममे हिम्मत है तो कर लो में तुम्हे रोकुंगा नही." "तुम सही कह रहे हो सुमित. फिर तुम ही बताओ हम क्या करें?" अमित ने कहा. "करने को तो बहोत कुछ कर सकते है," सुमित ने कहा, "अच्छा देवियों तुम दोनो कहो क्या कहना चाहती हो? "हम दोनो चाहती हैं कि पहले की ही तरह तुम दोनो हमारे साथ सोवो और हम वादा करते है कि तुम दोनो की दोनो शर्तें हम पूरा करेंगे." मेने कहा. "वही वादा जो एक लड़की शादी के वक़्त अपने पति से करती है." अमित ने कहा. "अमित वो शादी से पहले की बात है." सुमित ने कहा. "हां लेकिन इन्हे हमे बेवकूफ़ बनाने की क्या ज़रूरत थी कि ये दोनो कुँवारी है.' अमित थोड़ा खीजते हुए बोला. "अमित ये दोनो और क्या करती? क्या पेपर में इश्तहार देती कि इनकी चूत फॅट गयी है और ये कुँवारी नही है," सुमित ना कहा, "अमित ठंडे दीमाग से सोचो अगर तुम इनकी जगह पर होते तो क्या ऐसा नही करते, भाई में तो ऐसा ही करता... इनके पास और कोई उपाय भी तो नही था." "में तुम दोनो को ज़ुबान देती हू," मेने फिर से कहा, "तुम्हारी दोनो शर्तें पूरी होगी." "सुमित एक बार फिर से सोच लो इनपर भरोसा करना चाहिए कि नही." अमित ने कहा. "अमित मे भी तुमसे कह रहा हूँ कि मेरा विश्वास करो.. ये दोनो अछी लड़कियाँ है.. और जिंदगी मे एक ग़लती तो हर इंसान से होती है." सुमित ने समझाते हुए कहा. "ठीक है में तुम पर चोद्ता हूँ कि इनके साथ क्या करना चाहिए." अमित ने कहा. सुमित थोड़ी देर सोचता रहा फिर बोला, "हम तुम दोनो की बात मान सकते है लेकिन एक ही शर्त पर." "फिर से शर्त......." हम दोनो चौंक पड़े. mardon ki duniya paart--5 "Aap ek dam befikra rahen, koi mard inke paas bhi nahi fatak payega," maalkin ne kaha, "ab tum dono jaakar mere kamre me mera intezaar karo, tab tak mein dono bacchon ko jaakar khush khabri sunati hoon." "Nahi Shanti unhe kuch na batana warna dono kaam dhanda chod kar yahan bhaag kar aa jayenge." Maalik ne hanste hue kaha. Kareeb do ghante baad maalikin hamare paas aayi. "To tum dono Mina aur Uma ki betiyan ho. Bahot sunder ho." maalikin hame ghoorte hue boli. Maalikin ke prabhav se hum itna dare hue the ki hum apni gardan bhi nahi hila paa rahe the. "Apne kapde uttaro? Mein bhi dekhun ki tum dono ne kapde ke neeche kya chupa rakha hai? Maalkin ne kaha. Hum dono to but bane khade rahe lekin jaante the ki malkin ka hukum na manne par saza bhi tagdi milti hai islilye humne jaldi jaldi apne kapde uttar kar nangi ho gayi. "Ati sunder, tumhari chuchiyan to badi pyaari hai," malkin hamari chuchiyon ko masal kar aur nipple ko bheenchte hue boli, "aur kasi kasi bhi hai bahot accha" Hum dono sharma gayi lekin chup chap khadi rahin. "Tumhari jhaante kya hui? wo hamari safa chat chot par ungli gadate hue boli. Hum dono kuch nahi boli. "Jawab do mein intezar kar rahi hun tumhare intezar ka." wo muskurate hue boli. "Wo kya hai malkin aaj subah hamari maa ne inhe saaf kar dee." Reema ne jawab diya. "Tumhari maa kafi samajhdar hai. Unhe pata hai ki mard ko kaise rijhaya jaata hai" malkin ne kaha, "hamesha aise hi apni choot ko safa chat rakhna ... samjhi." "Ji malkin" humne jawab diya. "Tumhe kisi ne aaj tak choda to nahi hai na? Malkin ne hamari choot me ungli ghoosate hue kaha. "Nahi malkin hamari choot bilkul kori hai." hum dono ne jawab diya. "Bahot acchi baat hai" kehkar wo ghoom kar hamare peeche aa gayi aur hamare chootad ko haht me pakad kar boli, "tum dono ki gand bhi kafi bhari aur gol gol hai, mere ladkon ko bahot pasand aayegi." Phir achanak hamari choot ki pankhudi ko apni ungli aur anguthe se bhenchti hui boli, "tumhe malum hai mere bete tuhare sath kya karenge? "Didi mein beech me ek baat batana chahti hon ki jis tarah unhone hamari choot ko chua tha aur koi din hota to shayad hamari choot geeli ho gayi hoti lekin unke dar ki wajah se hamari choot to ek dam sukhi hi rahi." Reema Mona ke baat ke beech me boli. "Aacha hua tumne khud bata diya warna mein tumhe puchne hi wali thi, phir kya hua." meine kaha. "Hame pata tha ki unke bete hamari choot ke sath kya karenge lekin dar ki wajah se hum kuch keh nahi paye." "Wo tumhari choot phadenge aur phir chodenge. Ho sakta hai wo tumhari gand bhi mareein." Malkin hanste hue boli. "Wo hamari choot phadenge aur hame chodenge ye to hum jaante the lekin gand marne ki baat se hum dar gaye the. " Mona ne kaha. "Isme darne wali koi baat nahi hai," shayad unhone hamare dil ki baat padh lee thi. "shuru me to dard hota hi hai choot ho ya gaand haan baad me bahot mazaa ata hai, tum dono ko bhi mazaa ayega." "Haan malkin" humne dheere se kaha. "Dono meri baat dhyaan se suno... jitni marzo utna chudwana, bahot maze lena lekin ek baat ka dhyaan rahe agar tum me se koi garbhvati ho gayi to mujhse bura koi nahi hoga." Maalkin ne kaha. "Hamari samajh me nahi aaya ki hum kya kahen? "Maalkin agar wo hame chodenge to baccha to hoga hi." Reema ne maasumiyat se kaha. "Jaroori nahi hai." maalkin ne kaha, "ye MARDON KI DUNIYA HAI, mard ko sirf apni khushi aur maze se matlab hai, use anjaam se ko matlab nahi, agar aurat chahe to har anjaam se bach sakti hai." "Hamari samajh me nahi aa raha hi hum kaise is anjaam se bach sakte hai kaise hum..... " tabhi malkin beech me bol padi. "Ye lo." phir unhne hamare hath me goliyon ki do sheeshi pakda di, "ye goliya label par leekhe anusar barabar leti rahna to garbh nahi thehrega, agar tum garbhvati ho gayi to mein samajh jaungi ki tum ddono ne mera kehna ahi mana phir kya saza milegi ye tum acchi tarah se jaanti ho? Hum unke gusse aur unki saza ko bhi jaante the isliye unse vada kiya ki hum pura khayal rakhenge phir unhone ne hamari maa ko bula bheja. Jab hamari maa aa gayi to unhone unse kaha, "Meena aur Uma aaj se Mona aur Reema hamari sewa me hain Ye log subah 6.00 baje kaam par aayenggi aur shaam ko 6.00 baje tak rahengi. Tum dono ki jimmedari hai ki inhe time par yahan chod kar jao aur timne par yahan se le jao. Ghar ke pahunchne ke baad ye dono tumhari nazron se ojhal nahi honi chahiye, aur raat me tum inke sath sovogi... samjhi tum?" "Jee malkin" hamari mummy ne kaha. Kareeb dedh mahine ke baad dono chote maalik ghar aaye. Raat ke khane ke baad maalikin hame unke kamre me le gayi. Dono maalik khali payjama phene hue the aur sone ki tayyari kar rahe the. "Bacchon dekho tumhare pitaji ne tum dnono ke liye upahaar bheja hai, Sumit aaj se Mona tumhari personal naukarani hogi aur Reema Amit ki." unhone kaha phir hamse boli, "aaj ye tumhare maalik hai, dekhna inhe koi shikayat ka mauka nahi dena aur jo ye kahe waise hi karna." "Jee maalikin" hum dono ne dheere se kaha. "Agar inka inaam chahiye to dekhna ki inhe koi shikyayat na ho? Malkin ne aakh marte hue kaha. Hame pata tha ki aaj hamari chudai hone wali hai. Is khayal se hi hamari choot geeli ho gayi thi aur sharir me ek meethi si lehar daud rahi thi. "Dono ne hame upar se neeche tak ghoora phir bol pade, "mummy aap chinta mat karen" Amit muskurate hue bola, "hum inka pura khayal rakhenge aur is janam me to kya ye agle janam me bhi humara hukum manengi..kya kehte ho bhaiya?" "Haan mummy, ye vada hai hamara aapse." Sumit sir ne muskrate hue kaha. "Good night aur nahi ki puri raat jaagte raho, thoda sone ki bhi koshish karna." ye kehkar maalikin wahan se chali gayi. Agle dus minute tak dono bhai sirf hame niharte rahe, "OH AMIT YE DONI KITNI PYAARI HAI." Sumit sir ne kaha. 'Haan pyaari to hain" Amit sir ne kaha, "lekin pehle ye to dekh len ki saree ke peeche kya chupa hai? ladkiyon apne kapde uttaro." Hame pata tha ki hamne kya chupa rakha hai aur hamne kapde uttar diye. Hum dono khush the ki un do buddhon ki jagah hum do naujawano ke sath the. "Amit dekho to kitni tayyari ke sath aai hain dono, inhone to apni jhaante bhi saaf kar rakhi hai,Simit sir ne kaha, "lagta hai ki inke sath kafi mazaa aayega." "Haan wo to hai, lekin inhe bhi dekh lena chahiye ki hum inka khayal kis cheez se rakhenge." Amit ne hanste hue kaha. Phir dono maalik ne apne payjama neeche khiske diye aur apne khade lund ko bahar nikal liya. Hamne phele kai bar ladkon ko nanga dekha tha, lekin kisi mard ka lund pehli baar dekh rahe the. Itne bada aur mota lund dekh kar mein sochne lagi ki ye meri itni choti si choot me ghusega kais. "Aao Mona yahan mere paas aao." Sumit sir ne kaha aur api bahe meri kamar me dal mujhe apne pas kheench liya aur meri chuchiyon ko masalte hue mujhe bistar par le gaye. Jab hum charon palang par the tab Sumit sir ne kaha, "Amit mujhe to Mona jyada kasi hui lagti hai." "Ye to dekhna abhi baaki hai, Sumit kyon na hum sath sath in dono ki choot ka udhaghatan karen" Amit sir ne kaha. "Haan ye thik rahega, teen ki ganti par kila fateh hona chahiye." Sumit sir ne kaha. Hamari samajh me nahi aa raha tha ki wo kya keh rahe hai lekin thodi hi der me hum samajh gaye. "Ek" Sumit sir ne kaha aur wo dono hamare upar aa gaye. "Do" Amit sir ne kaha aur dono hamari tangon ko faila apne lund hamari choot ke dwar par rakh diye. "Amit kya tum tayyar ho? Teen" Sumit sir ne kaha aur dono ne jor ka dhakka mar apne lund ko hamari choot me ghusa diya. Hum dono to dard ke mare joron se chilla padi aur unka lund hamari jhilli ko phadta hua choot ke gehrai tak ghus gaya. Jab wo hame ek bar chod chuke to Amit sir ne kaha, "Sumit mujhe to lagta hai ki Reema ki choot jyada kasi hui hai." "Wo abhi pata kar lete hai," kehkar Sumit sir ne hame jagah badli karne ko kaha, us raat dono ne ne hame chaar bar choda aur aakhri me hamari gand bhi mar di. "Kya tum dono ko chudwane me maza aaya?" Anu ne Mona se pucha. "Ohhh didi bata nahi sakti, bahot mazaa aya aisa laga ki hum jannat ke sair kar rahe hai. Hum to aur chudwana chahte the lekin chothi chudai ke baad dono maalik thak kar so gaye." Reema ne kaha. "Tum dono me se unhe kis ki choot jyada kasi hui lagi? meien utsukta vash pucha. "Hame nahi pata kyon ki dono kuch bole hi nahi is vishay par," Reema ne kaha, "mujhe to lagta hai ki bas wo hum dono ko chodna chahte the isliye aisa kaha tha." "Haan mujhe bhi aisa hi lagta hai." meine hanste hue kaha,"phir uske aage kya hua? "Subah dono ne hame ek ek bar aur choda." "Hame kuch jaruri kaam hai isliye hum bahar jaa rahe hai aur khane ke waqt lautenge lekin tum dono yahin hamare kamre me rehna." Amit sir ne kaha aur wo bahar jane ke liye tayyar hone lage. "Par chote maalik hum dono ko nahana bhi hai aur nai kapde bhi pahne hai." Reema ne kaha. "Jahan tak nahane ka sawal hai, tum dono hamare bathroom me baha sakte ho aur kapdon ki tumhe koi jaroorat nahi hai, isliye jaise ho waise hi rehna hamare aane tak." Sumit sir hanste hue bole. Unke jaane ke bat humne kamre ki sfai ki aur haamre khoon se bhari chaadar ko palang par se badal diya. Phir nahane ke baad unke aane tak hum T.V dekhte rahe." "Ye hui na baat." Amit sir ne kamre me aate hue kaha. "Kya tum dono ko bhook lagi hai?" Sumit sir ne pucha. "Hamne pni gardan haan me hila di, hamne subah se ek cup chai aur do biscuit ke alawa kuch nahi khaya tha." "Hamne khane ke liye keh diya, maharaj aadhe ghante me khana de jayega.," Sumit sir ne kaha, "lekin tab tak hum tm dono kuch denge jisse tumhe bhook na lage, kyon bhai sahi bol raha hun na." "Ab tum dono neeche ghutno ke bal baith jao, wahan nahi yahan hamri tango ke beeech." Amit sir ne kaha, aur dono palang par baith gaye aur apni tange faila di. Jab hum unki tango ke beech neeche ghutno ke bal baith gaye to unhone apne lund apni pant se bahar nikal liye. "Ab hamare lund ko apne munh lekar chooso," Amit sir ne kaha. Hum dono unke lund ko apne munh me lekar choosne lage, aur unhon apan pani hamare munh me chod diya, "ise thukna nahi balki pee jao." Sumit sir ne kaha aur hum unki agya mante hue unke lund ka pani pee gaye. Pure ek saptah tak un dono ne hame apne kamre me hi rahkha, Ek saptah tak hamne kapde nahi pehne aur nangi hi rahi unke sath. Jab bhi jaise bhi dono ka man karta wo hame chodte. Hame koi cheez ki jaroorat hoti to hame kamre me hi mil jaati. Wo to bade maalik ne ek din unhe daanta tab wo sehar waapas chale gaye. "Ye hamare kahani hai." Mona ne kaha. "Kya ye dono ab bhi tum dono ko chodte hai?" Anu ne pucha. "Jis dins se dono maalik ki aap dono se sagai hui us din se aaj tak unhone hame chua bhi nahi hai." Reema ne kaha. "Phir to itne mahine se bina chude tum dono ki choot bahot khujla rahi hogi.... aur tumhari chudai ki iccha bhi bahot ho rahi hogi." Miene kaha. "Haan ho to rahi hai.." Mona ne kaha. "Aur kis kis ne tum dono ko choda hai?" Anu ne pucha. "Dono chote maalik ke alawa hame kisi ne chua tak nahi hai, aur ye sach hai." Mona ne kaha. "Hame tum dono ki baaton par vishwaas hai, agar wo tum dono ko fir se chodna chahe to tum dono kya karogi?" meine pucha. "Jab tak aap hukum nahi dengi ham unse nahi chudwaingi." Reema ne kaha. "Tum ye kehna chahti ho ki teen mahine se tum dono ne chudwaya nahi hai phir bhi tum unhe chodne se mana kar dogi.... bina chudwaye tum rehti kaise ho? Anu ne pucha. "Jaroor ye ek doosre ki choot choosti hongi aur choot me ungal kart hongi." meine kaha. "Didi aap bhi na kuch bhi kehti hai, hamne aaj tak apni jindagi me kisi ki choot nahi choosi." Mona ne kaha. "Phir to lagta hai ki tum dono ko choot choosna sikhana hi padega." Anu hanste hue boli. "Kya hamari choot choosogi?" meine pucha. Mein soch rahi thi ki pata nahi ye dono kya kahengi. Lekin unka jawab sunkar mein chaunk bhi padi aur khus bhi ho gayi. "Didi agar aap aagya dengi to kyon nahi choosenge." Reema ne kaha. "Haan hum agya de rahe hain." Anu khushi se uchalti hui boli. Phir wo palang par let gayi aur apni nightee uthate hue boli, Reema tum meri choot chooso." "Mona tum meri choot chooso" meine apni choot ko kholete hue kaha. Dono apne ghutno par ho gayi aur hamari choot par jeeb firane lagi. "Nahi aise mazaa nahi aa raha, tum dono ek kaam karo yahan palang par aa jao aur hamari tango ke beech achi tarah baith kar chooso." meine dono ko smjhate hue kaha. Sahi me Mona ki jeeb kamal dikha rahi thi. Waise to wo pehli bar kisi ki choot choos rahi thi lekin ek ladki hone ke naate shayad use pata tha ki choot ke kis hisse par choosai karni chahiye. Meri uttejna satwe aasman par thi. Agle kai ghanton tak wo hamari choot chosti rahi aur is dauran mein kitni bar jhadi mujhe bhi yaad nahi. Mein thak cuki thi aur sona chahti thi. "Bas Mona mein thak gayi aur thodi der sona chahti hun." meiene kaha. "tum bhi thak gayi hogi jao jaakar araam karo." "Nahi Reema tum nahi, bas thodi hi der ki baat hai....MERA CHOOTNE WALA HAI...... OH CHODO MUJHE APNI JEEB SE OHHHH HAAAN AUR ANDAR TAK GHUSA DOOOO OHHH MEIN GAYI...." Anu sisakte hue Reema se apni choot chooswa rahi thi. Uske baad raat ko Mona mujhe utha rahi thi. "Didi uthiye chote maalik ko khana chahiye." Mona ne kaha. "Khana ... kya time hua hai?" meine aankhe malte hue pucha. "Nau se upar ho gaye hai," Mona ne jawab diya. "Tumhare maalik kab aaye?" meine pucha. "Har roz ki tarah shaam 7.00 baje." Mona ne jawab diya. "Phir tumne hame uthaya kyon nahi?" "Hum to uthana chahte the lekin maalik ne maan kar diya ki sone den aap dono ko." Reema ne kaha. Meine dekh ki Reema Anu ko uthane ki koshish kar rahi thi. "Kya tumne unhe bataya ki hum dono so rahe hai?" meine kaha. "Nahi humne nahi bataya..." Mona ne kaha. "Thik hai tum jaakar table par khana lagao, hum hath munh dho kar aate hai." meien dono se kaha. Thodi der baad mein aur Anu nightee pehne khane ke table par pahunche. Meine dekha ki dono bhai kapde badal kar apne night suite me the. shayad unhe naukarainiyon ko chodne ke jaldi thi... meien socha. Dopahar ke khane ki tarah is bar bhi koi kuch nahi bola. Khane ke baad mein boli, "aap dono kamre me aaiye mujhe kuch baat karni hai." Jab hum kamre me pahunch gaye to Amit ne kaha, "Ab baat karne ko rakha hi kya hai?" "Kya tumhara iraada pakka hai ki tum dono hamare sath sona nahi chahte?" Meine pucha shayad unka iraada badal gaya ho. "Haan meri jaan hamara iraada pakka hai aur ise badla nahi jaa sakta." Sumit ne kaha. "Matlab tum hamari pyari aur kamseen choot chod kar naukaraniyon ki choot chodna pasand karoge? Anu ne rote hue pucha. "Meri jaan unki choot tumhari choot ki tarah hi pyaari aur kamseen hai.... thehro mein tum dono ko deekhata hun," kehkar Amit khada hua aur naukraniyon ko awaaz dee. Jab wo dono kamre me aa gayi..to usne kaha, "Tumhari maalkin tumhari choot dekhna chahti hai... apne kapde uttaro aur inhe deekhao." Amit ne unhe hukum diya. Lekin dono naukraniyan wahin khadi rahi but bani hui. "Tum dono ne suna nahi, meine kya kaha? Amit gusse me bola, "apne kapde uttar kar nangi ho jao? Mona aur Reema nazrein jhukai waise hi khadi rahi lekin dono ne apne kapde nahi uttare. "Kya in dono ne tum dono se kuch kaha hai? Amit hamari taraf ishaara karte hue gusse me bola. "Nahi maalik inhone kuch nahi kaha," Mona ne jawab diya, "Ye hamara faisla hai ki hum kapde nahi uttarenge." "Mujhe vishwaas nahi ho raha ki tum dono hamara hukum manne se inkaar sakti ho," Amit gusse me apna hath uthate hue bola. "Amit koi fiada nahi hai, ye hamara kaha nahi manengi, inhe apne badan ka dar samaya hua hai." Sumit ne kaha. "Tumhara kehne ka kya matlab hai? Amit ne kaha. "Inhe jaane do mein phir batata hun." Sumit ne jawab diya. 'FUTTTTTTO HAHAN SE AUR APNI SHAKAL MAT DEEEKHANA....." Amit chillate hue bola. Mona aur Reema chupchaap wahan se chali gayi. "Amit meine tumhe pehle nahi bataya kyon ki jaroori nahi samjhata tha lekin hamare yahan aane se pehle meine mummy ko inse baat karte sun liya tha. " Sumit ne kaha. "Kya kehte the suna tha tumne?" Amit ne pucha. "Mummy ne kaha tha ki tumhari maalkin ka hukum sarvottam hai, unki marzi ke khilla kuch nahi karna aur agar mujhe pata chal gaya to mein apne hathon se tum dono ki chamdee khurach khurach kar badan se alag kar doongi ye yaad rakhna." Sumit ne bataya. "Oh to ye karan hai inka hamara hukum na manne ka? Ab hum kya karen," Amit ne kaha, phir bola, "kyn na hum inhe jabardasti chod den. Isse inhe saza bhi nahi milegi aur hamara maksad bhi hal jayega." "Tum pagal to nahi ho gaye ho? Agar mummy ko pata chal gaya to wo is umra mein bhi hamara lund kaat kar hamare hath me de dengi." Sumit ne kaha, "Bhai mein to nahi kar sakta, agar tumme himmat hai to kar lo mein tumhe rokunga nahi." "Tum sahi keh rahe ho Sumit. Phir tum hi batao hum kya karen?" Amit ne kaha. "Karne ko to bahot kuch kar sakte hai," Sumit ne kaha, "Accha deviyon tum dono kaho kya kehna chahti ho? "Hum dono chahti hain ki pehle ki hi tarah tum dono hamare sath sovo aur hum vada karte hai ki tum dono ki dono shartein hum pura karenge." meine kaha. "Wahi vada jo ek ladki shaadi ke waqt apne pati se karti hai." Amit ne kaha. "Amit wo shaadi se pehle ki baat hai." Sumit ne kaha. "Haan lekin inhe hame bewkoof banane ki kya jaroorat thi ki ye dono kunwari hai.' Amit thoda kheejte hue bola. "Amit ye dono aur kya karti? kya paper mein ishtahar deti ki inki choot phat gayi hai aur ye kunwari nahi hai," Sumit na kaha, "Amit thande deemag se socho agar tum inki jagah par hote to kya aisa nahi karte, bhai mein to aisa hi karta... inke paas aur koi upay bhi to nahi tha." "Mein tum dono ko juban deti huan," meine phir se kaha, "tumhari dono shartein puri hogi." "Sumit ek bar phir se soch lo inpar bharosa karna chahiye ki nahi." Amit ne kaha. "Amit me bhi tumse keh raha hun ki mra vishwaas karo.. ye dono achi ladkiyan hai.. aur jindagi me ek galti to har insaan se hoti hai." Sumit ne samjhate hue kaha. "Thik hai mein tum par chodta hun ki inke sath kya karna chahiye." Amit ne kaha. Sumit thodi der sochta raha phir bola, "hum tum dono ki baat man sakte hai lekin ek hi shart par." "Phir se shart......." hum dono chaunk pade.
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया
Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
No comments:
Post a Comment