Friday, April 23, 2010

raj sharma stories-कमसिन कन्या पार्ट--4

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
कमसिन कन्या पार्ट--4

गतांक से आगे......................


.....कमसिन लड़कियां जिस प्रकार पागल हो जाती हैं वैसा किसी उम्र में नहीं होतीं यह मैंने बाद में जाना, वो अपने आप को पूर्ण समर्पित करती हैं और आपसे भी वही चाहती हैं ..उनके लिए वासना एक तूफ़ान की तरह होती है, जबरदस्त आवेश, कभी कभी इस आवेश से डर लगने लगे, ऐसा उन्माद की आप सोचे की वासना में पागल इस लड़की को कैसे शांत करूँ ... ऐसा ही कोमल और मेरे साथ हुआ, अब बात कुछ दूसरी ही थी, कोमल मुझे लुभाने में लग गयी, यहाँ तक की अपने स्वाभाविक शर्म को भी छोड़ दिया, उसे दोपहर का इंतजार भी नहीं था, ये एक उन्माद था, उसने आँखों से इशारा कर अपने बगल में बैठने को कहा, जैसे ही मैं बैठा उसने मेरे जांघों पर हाथ रख दबाया और मुस्कुरा दी, मैं अचंभित था, माँ हमें नाश्ता करा रहीं थी, मुझे डरथा की कहीं उन्होंने देख लिया तो, लेकिन कोमल को डर नहीं था, वो बार बार मुझे छेड़ रही थी, छूने और छेड़ने से लिंग पैंट में फटक रहा था, उसने मेरे जिप पर हाथ रक्खा और लिंग को पकड़ जोरों से दबा दिया, मुझे आर्डर देती हुई सी बोली नाश्ता कर जल्दी ऊपर आओ, तुमसे काम है. उसकी आवाज में रोबाब था, मेरे पर हुक्म चलाने जैसा, जबसे आई थी मैंने देखा था उसमे एक शान थी शायद अपने हुस्न और जवानी की ताकत का अंदाज़ा था उसे, और अब जब वो मेरे पीछे दिवानी थी तब भी वही अंदाज़, कोमल उठके ऊपर चली गयी, हमारे घर में छत पर दो कमरे हैं, नीचे मेरा और मेहमानों का कमरा है आँगन बैठक और रसोई है और ऊपर माँ-पिताजी का कमरा और एक कमरा है जो ख़ाली रहता है और बहुत बड़ी छत है, घर के चारों और खुली जगह और सामने गेराज और फुलवारी है , ऊपर छत पर कोई नहीं होता, माँ-पिताजी ज्यादा समय नीचे ही होते हैं बैठक में या फिर सामने बगीचे में. मैं कुछ कुछ कोमल के ऊपर छत पर बुलाने का मतलब समझ रहा था फिर भी विश्वास नहीं हो रहा था, मैं ऊपर छत पर आया तो देखा कोई नहीं, पानी टंकी के पीछे कोमल खड़ी थी, मुझे नजदीक बुलाया,
" सुबह क्या किया तुमने ?" कोमल बोली
"मैंने क्या किया, तुमने ही मेरे मुह में चोकलेट डाल दी नींद में "
"तो तुम भी मुहं में लगाते , वहां क्यों लगाया" कहकर कोमल ने
अपना हाथ स्कर्ट पर योनी की जगह रख इशारा किया,
"जैसे तुम्हारी वैसे मेरी मर्जी, कहीं लगाऊं, पर मैंने कुछ किया नहीं ? " अनजान बनता हुआ मैं बोला,
"बनो म़त, तुमने क्या किया दिखाऊँ ? " कहते हुए कोमल ने अपनी स्कर्ट ऊपर कर दी
ये क्या, मैं देखता रह गया, उसने पैंटी नहीं पहनी रक्खी थी, गोरी, चमकती सुनहरे
बालों के बीच की योनी मेरे सामने एकदम नंगी थी, दो जांघो के बीच की छोटीसी गद्देदार जगह, बीच में एक गुलाबी फांक, मैं सुन्न था, समझ में नहीं आया क्या बोलूँ, मैं देख रहा था और कोमल निःसंकोच मुझे अपनी नंगी योनी दिखा रही थी, उसकी आँखें में एक चंचल मुस्कराहट थी,
" देखो कैसी लाल कर दी तुमने" उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी योनी पर लगाया, मेरी हालत ख़राब थी, मैं उसकी योनी सहला रहा था और वो आँखें बंद कर जमीन पर बैठ गयी, योनी छिद्र पर हाथ लगा तो पाया बुरी तरह से पानी निकल रहा था, योनी चिकनी होकर गीली हो गयी थी, उसने हाथ बढ़ा कर मेरे जिप को खोल मेरा मोटा लिंग बाहर निकाल लिया और हसरत भरी नजरों से देखने लगी, कोमल होशियार हो गयी थी, पुरी चमड़ी पीछे कर सुपाड़े को बाहर निकाला और अपने गालों और होठों से उसे छु कर प्यार करने लगी, लिंग भी गीला हो पानी छोड रहा था, उसने उसे चूस लिया और फिर अचानक ही पूरा सुपाडा मुहं में डाल चूसने लगी, यह मैंने सोचा भी नहीं था की कोमल ऐसा करेगी और बिना मेरे बोले हुए अपनी मर्जी से इतने मज़े में मेरा सुपाडा चूस रही थी, मैंने उसका सर पकड़ लिया लिंग को अन्दर बहार करने लगा, वो सुबह लंड को देख व्याकुल हो चकी थी और अब उसको अपने ऊपर कण्ट्रोल नहीं था, .............मेरा रस कोमल के मुहं में ही निकलने ही वाला था की मैंने उसे दूर किया, लेकिन लिंग का रस जोरों से फूट ही पड़ा और कोमल के गले और आँखों पर पिचकारी सा मारता हुआ बहने लगा, कोमल ने आँखें खोली, उसका चेहरा लाल था, पसीने की बूँदें चहरे पर और मासूमियत और ख़ूबसूरती बढ़ा रही थी, वो फिर भी लिंग के आकर्षण में बंधी उसे छोड़ने को तैयार नहीं औए कुछ कुछ स्तब्ध आश्चर्यचकित नज़रों से उसे देखे जा रही थी, ऐसा लग रहा था की इसके पहले उसने किसी युवक का लिंग इस प्रकार पूर्ण नंगा और रस निकालते हुए देखा नहीं था और सोचा भी नहीं होगा की पुरुष लिंग क्या ऐसा होता है, मैंने उसे उठाया, और सीने से लगा कर चूम लिया, वो पूर्ण रूप से समर्पित, अपने रूमाल से उसके चेहरे पर फैले वीर्य को साफ़ किया और उसके होठों और स्तनों को चूमते हुए उसे दोपहर में मिलने को कहा, वो चुपचाप थी, शर्म से नजर नहीं मिला रही थी, लेकिन मुझे छोड़ नीचे जाने को भी तैयार नहीं, किसी तरह उसे मना कर भेजा और तीन बजे उसे उसी जगह बुलाया, उस समय सभी सो जाते थे, मेरा लिंग अब शांत हो गया था, मैं भी थोड़ी देर बाद नीचे आया, कोमल बाथरूम में थी, मैं बाज़ार की और चला गया, कोमल और मेरे माँ-पिताजी शाम को किसी मित्र परिवार से मिलने जाने वाले थे और रात का खाना भी वहीं था, मेरा मन सातवें आसमान पर था, समझ में नहीं आ रहा था की क्या ये सचमुच मेरे साथ हो रहा था, मन कहीं नहीं लगा और मैं वापस एक बजे तक घर आगया, गर्मी का मौसम था, सभी दोपहर को सो रहे थे, मेरा खाना डाइनिंग टेबल पर लगा था, भाई भी बाहर था, आज सुबह से 2 बार वीर्य स्खलन हो गया था, कामुक मन शांत था, लेकिन दिल कहीं कोमल के पास था, देखा माँ और कोमल किचेन में थे, मुझे देखते ही कोमल बाहर आयी और मुझसे मुस्कुराते हुए खाना खाने को कह कर माँ से बोली " मैं रजत को खाना खिला देती हूँ ", उस समय कोमल ने खाना खिलाया, माँ रसोई में बना रही थी, खिलाते पूरे समय कोमल मेरे साथ बदमाशी करती रही, कभी मेरे पैर को अपने पैर से दबा देती, कभी मेरे गाल खींच लेती, एक बार तो मेरा कान ही जोरों से काट लिया, माँ खाना खिला कर ऊपर अपने कमरे में चली गयी, कोमल से कहा वो भी अपने माँ के कमरे में जा कर सो जाये शाम को बाहर जायेंगे , कोमल ने बड़ी सहजता से कहा "ठीक है आंटी" और मुझे आँखें दबा कर कुछ इशारा किया, नीचे मैं और कोमल अकेले रह गए थे, उसके माँ बाबूजी महमानों के कमरे में सो रहे थे, हम कुछ देर इधर उधर की बातें करते रहे, फिर कोमल ने कहा मैं आती हूँ और अपनी माँ के कमरे में देख कर आयी, कहा माँ-बाबूजी दोनों गहरी नींद में हैं, चलो हमलोग तुम्हारे कमरे में चलते हैं, मैंने कहा कोई जग जायेगा लेकिन कोमल बोली "कुछ नहीं होगा तुम डरपोक हो, एक दो घंटे कोई जगने वाला नहीं, मैं तो लड़की होकर भी नहीं डरती " और मेरा हाथ खींच कर मेरे कमरे में ले गयी और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया, मुझे बेड पर धकेल मेरे ऊपर गिर पड़ी और मुझे दबा कर जोरों से होठों को चूमने लगी. अपने युवा स्तनों के दबाव से मुझे काबू में कर लिया, आज याद करता हूँ तो लगता है कोमल पागल हो गयी थी, मतवाली हथिनी की तरह, बेफिक्र और उन्माद में मस्त, उसे सिर्फ अब चाहिए था की मैं उसकी जवानी से खेलूँ और उसे आनंद दूं, उसने सारी शर्म और लज्जा किनारे कर दी थी, सुबह के अनुभवों ने उसे वासना के लिए लाचार कर दिया, सच पूछें दोस्तों तो मुझे अपनी जीत और उसकी लाचारी पर एक विजय भावना और अपनी ताकत का एहसास हो रहा था, वो पुरी तरह समर्पित थी, लेकिन साथ ही एक प्यार भी आ रहा था और उसकी गज़ब जवानी को रौंद देने का विचार भी...... पलट कर उसे अपने नीचे किया और उसके स्तनों को आजाद किया, दोस्तों इस कमसिन उम्र में लड़की के स्तनों का आनंद जैसा रसभरा होता है है वैसा सिर्फ एक बार और थोड़े समय के लिए जब वो नवजात बच्चे की माँ होती है तब होता है...,

क्रमशः......................


दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े .................................
आपका दोस्त
राज शर्मा

कमसिन कन्या पार्ट--1
कमसिन कन्या पार्ट--2
कमसिन कन्या पार्ट--3
कमसिन कन्या पार्ट--4
कमसिन कन्या पार्ट--5
कमसिन कन्या पार्ट--6
कमसिन कन्या पार्ट--7
कमसिन कन्या पार्ट--8
कमसिन कन्या पार्ट--9
कमसिन कन्या पार्ट--10























Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator