Friday, April 23, 2010

raj sharma stories-कमसिन कन्या पार्ट--2

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,
कमसिन कन्या पार्ट--2

कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

गतांक से आगे..........................

.....आप सोचें की एक कुंवारी कमसिन कन्या जिसकी उम्र नादान है और जो अभी खिलती हुई कली ही है और एक लड़का जिसने अभी उम्र के सत्रवेंह साल में ही प्रवेश किया है, सेक्स के बारे में कितने उत्सुक और अधीर होंगे, यह मैंने बाद में जाना की कोमल भी सेक्स की रंगीन दुनिया के लिए सोचती थी और कमसिन कन्याएँ जितना सोचती हैं और अधरी होती हैं उतना और किसी उम्र में शायद ही होती होंगी और इस आनंद को प्राप्त करने के लिए नए प्रयोग करने से भी संकोच नहीं करती... कोमल बाथरूम में गयी और सलवार उतार कर अपने योनी स्थान को धोने लगी, बाथ का दरवाज़ा आधा खुला छोड़ दिया था, शायद उसने सोचा नहीं इतनी सुबह कोई होगा और मैं पीछे से देख रहा होऊँगा. अद्भुत दृश्य... बनाने वाले ने गज़ब के नितम्ब और जांघें दी थी, गोल, भरे भरे मांसल,गोरे, बिलकुल जैसे सांचे में ढले हुए, मै उसकी योनी नहीं देख पा रहा था, पानी की धार योनी को साफ़ करती हुई जांघों के बीच से पैरों पर होती हुए नीचे गिर रही थी, उसकी कुर्ती गीली हो गयी थी, मैं दरवाजे के पीछे छुप कर देख ही रहा था की वो अचानक ही मुड़ी और मुझे देख स्तब्ध हो गयी, यही हाल मेरा था, उसने सलवार नहीं पहनी थी, सामने से अर्ध नग्न, योनी जांघें और पैर पानी से गीले, योनी पर के हलके सुनहरे बाल योनी से चिपके हुए, स्तन उन्नत और कुर्ती को फाड़ बाहर आने को तैयार, स्तन का ऊपरी हिस्सा गोरा चिकना आकर्षित कर रहा था, लेकिन हम दोनों को काटो तो खून नहीं ऐसी हालत थी..... कोमल ने हड़बड़ा कर अपनी सलवार खूंटी से खींची और बिना पहने ही अपने कमरे की ओर भागी, मैं देखता रह गया, एक जवान नंगी कन्या के नितंबों को, हिलते और मचलते हुए . मेरा मन बेचैन, रहा नहीं गया, मैं कमरे के तरफ आया, कोमल ने सलवार पेहेन ली थी, बाहर निकलते हुए बोली यह तुमने किया ?

मैंने अनजान बनते हुए पुछा, क्या किया ?

"ज्यादा चालाक मत बनो तुमने मुझे चोकलेट क्रीम से पूरी तरह लस दिया, और इस तरह ?"

"तो किस तरह , तुम ने भी रात को क्या किया"

"पर मैंने तुम्हारे मुहं में लगाया और तुमने......." और बोलते बोलत वो रुक गयी

"और मैंने क्या, तुम्हें जो अच्छा लगा वहां तुमने लगाया, मुझे जो अच्छा लगा वहां मैंने लगाया "

कोमल की तो आवाज ही बंद होगई सुनकर, "तुम गंदे हो " उसने कहा,

"तुमने कपडे ख़राब कर दिए मेरे, मेरी सलवार पर दाग लग गए, कैसे छूटेंगे "

" और मेरे पैंट पर जो दाग लगे वो क्या" मैंने कहा,

"झूठ, मैंने वहां नहीं लगाया " कोमल बोल पड़ी

"तुमने लगाया, यह देख" मैंने अपना अन्दर्वेअर लाकर दिखाया जिसमें रात वीर्य पोंछा था, सूख कर दाग हो गए थे,

"यह चोकलेट थोड़ी है, यह क्या है, मैंने ऐसा कुछ नहीं किया " और कोमल मेरे अन्दर्वेअर को देख शर्मा गयी, उसे समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या बोल रहा हूँ,

" यह तुम्हारी वजह से है, तुम्हारे कारण यह निकला" मैंने कहा,

"निकला ?" उसने अनजाने में पुछा,

" मेरा रस "

" तुम्हारा रस मतलब ?" वो वाकई अनजान थी,

"तुम गुस्सा नहीं हो तो मैं बताऊँगा तुमने क्या किया मेरे साथ " मैं अब उससे कुछ खुल गया था और मुझे अपने पर काबू नहीं था, मैं चाहता था की बात को उस ओर मोड़ कर उसकी प्रतिक्रिया देंखूं,

"बोलो" उसने कहा

"गुस्सा नहीं होना, यह देख क्या किया " कहकर मैंने अपने अपने लिंग पर हाथ रक्खा जो अब फिर से फुफकार रहा था और पैंट के एक तरफ के किनारे को ऊपर कर लिंग की चमड़ी को पूरा पीछे खींच भरपूर लाल सुपाड़े की झलक उसे दिखाई, लिंग था मोटा और लाल, उसकी आँखें पथरा सी गयीं, एकटक निहारने लगी,

"आआअ, उईई, यह क्या है....आआआआ..शी शी शी शी........ओह हो यह क्या है ...." कोमल का चेहरा आश्चर्य से भरा था, आँखें सुपाड़े पर अटकी थी,

और आवाज़ भारी हो गयी जैसे गले में रुंध गयी हो, लिंग फडफडा रहा था, शिष्न बिंदु पर रस की बूँद दिख रही थी, उसने मुझे देखा,

"देख क्या किया, यही रस है, तुमने ऐसा किया " कहकर मैंने सिस्न चमड़ी को आगे पीछे किया, रस की बूँद स्पष्ट थी, सिस्न चिकना और गीला हो गया, कोमल देखे जा रही थी लिंग का रूप, उससे रहा नहीं गया और अनायास वो सिस्न पर फूँक मारने लगी, साथ ही अजीब सी आवाज़ भी कर थी, आह ऊह्ह ... उसने कहा "मैंने तो रात को इसे छुआ भी नहीं फिर यह ऐसा रस सा क्या निकल रहा है " ........ कोमल के नजरें मादक थी, लग रहा था वो सिस्न को हाथ में लेने के लिए बेताब थी, गुस्सा होना तो दूर वो तो अचरज से मरी जा रही थी जैसे कोई बच्चा नए खिलौने के लिए व्याकुल हो, मैं कुछ कहता इससे पहले ही कोमल ने हाथ आगे बढ़ा कर सिस्न को पकड़ लिया और अपने हाथों से चमड़ी को आगे पीछे करने लगी और साथ ही फूँक मार रही थी, लिंग से जैसे लावा ही फूट पड़ेगा ऐसा लगा, मैं किसी और ही दुनिया में था, विश्वास नहीं हो रहा था की कोमल ने मेरे लिंग को थाम रक्खा था और उसे सहला रही थी, " क्या चीज़ है .... आह्ह्ह्ह ये ऐसा क्यों हो गया, इतना लाल और लगता है रो रहा है, ...." कोमल बोल रही थी, उसने मुझे देखा, आँखों में जैसे गुलाबी नशा....."तुमने इसे छोड़ दिया और चोकलेट नहीं खिलाई इसलिए रो रहा है..." मैं बोला और कोमल को कंधे पकड़ कर खड़ा किया, अब उसके होंठ मेरे सामने थे, मैंने धीरे से उनको चूमा, और हाथ कमर के पीछे बाँध उसे आगोश में भर लिया, उसके स्तन मेरे सीने से दब रहे थे, उसने भी मेरे कमर में हाथ डाल मझे अपने से सटा लिया, मैं समझ गया वो लाल मस्त लिंग को देख कर गरम हो गयी थी और सब कुछ भूल कर वासना में बह गयी थी, कोमल की हालत मदहोश जैसी हो गयी, वो मेरे हाथों पर गिर पडी, धीरे से उसे पलंग पर लेटाया..........सिस्न उसके हाथों में पकड़ा कर कुर्ती के ऊपर से उसके उरोजों को सहलाने लगा, धीरे धीरे स्तनों को सहला रहा था, दबा रहा था, मेरा हर काम उसकी कामाग्नी बढ़ा रहा था, उसके मुहं से अजीब सी आवाजें निकल रही थी, मेरे सिस्न को छोड़ने को तैयार ही नहीं, उसे खींच रही थी , दबा रही थी....सिस्न रस से लसपस था, मैंने कुर्ती के ऊपर के बटन खोले बहुत सावधानी से की उसको किसी प्रकार का डर ना लगे.....
सिस्न रस से लसपस था, मैंने कुर्ती के ऊपर के बटन खोले बहुत सावधानी से की उसको किसी प्रकार का डर ना लगे.........दुधिया उरोजों की उठान, कोमल की सांसें तेज चल रही थी, मेरे लिंग के साथ बहुत मजे से खेल रही थी, उसे खींचना, पकड़ कर मचोड़ देना और पूरे लाल सुपाड़े को निकाल कर उसपर फूंक मारना, हैरानी और प्यार से देखना, मैं भी व्याकुल था, कुर्ती के बाकी बटन खोल उरोजों को आजाद किया, मस्त बिलकुल विकसित, बहुत ही गुदाज, दूधिया चमकते उरोजों के जोड़े, गुलाबी घुन्डियाँ और ऐरोला, इस उम्र की लड़कियों का अगर शरीर विकसित हो तो अत्यंत गुदाज और वासनामयी हो जाता है, कोमल अच्छे परिवार से थी, खानपान अच्छा था, इस उम्र में खाती पीती लड़कियों के शरीर में एक प्रकार का भारीपन आजाता है और नितम्ब और कूल्हे भर जातें हैं, वक्ष विकसित हो शान से अपनी उठान दिखाते हैं, अपने वजन से भी झुकते नहीं, चोली हर समय टाईट हो जाती है, झांघें बड़ी और मांसल हो जाती हैं, योनी पट फूल उठते हैं और योनी द्वार को ढक लेते हैं जैसे किसी कीमती चीज़ का बचाव कर रहें हो, योनी पर हलके बाल आ जाते हैं, योनी श्राव शुरू हो जाता है, चेहरा भर जाता है और एक मादकता हर समय चेहरे पर रहती है, आँखें चंचल हो जाती हैं, पसीने में एक नशीली खुशबु हो जाती है, कोई रूप और शरीर की प्रसंशा करता रहे ऐसी तमन्ना इस नाबालिग उम्र में हरसमय होती है, किसी अच्छे लगने वाले का हल्का स्पर्श भी शरीर में जैसे बिजली भर देता है और खुमारी छा जाती है, कोमल की उम्र भी वही थी......
..मैंने सोचा भी नहीं इतनी जल्दी कोमल अपने आप को समर्पित कर देगी, लेकिन यह उस उम्र का तकाजा ही है और इस उम्र में लड़कियों के लिए अपने आप को कामवासना से बचाना बहुत मुश्किल है अगर उन्हें कोई फ़साने की कोशिस करे तो... कुछ साल के बाद यानी अगर लडकी १९-२० की हो जाती है तो थोडा मुश्किल है लेकिन कमसिन उम्र में बहुत जल्दी ही प्रभावित हो जाती हैं... कोमल के साथ यही हुआ... मैं उसके स्तनों को मसल रहा था, वो मेरे लिंग को सहला रही थी, लग रहा था लिंग से रस की धार छूट पड़ेगी, मैं हाथ नीचे सरकाकर उसकी योनी के पास लाया और उसके त्रिकोण को सहलाने लगा, मैं धीरे करना चाहता था, जल्दबाजी में कोमल डर जाती, कमसिन लड़किया जितनी जल्दी समर्पण करती हैं उतनी ही डरती भी हैं और जरा सा उतावलापन दिखाने से डर कर दूर भाग जाती हैं, उन्हें प्यार और धैर्य से नजदीक लाना होता है, उसके बाद वो आँख बंद कर आपपर भरोसा करती हैं... हम दोनों आनंद विभोर थे, दिमाग में माँ-पिताजी के वापस लौटने आने का भी भय था, मैंने कोमल के कान में कुछ प्यार भरी बातें कही और उसे अपनी योनी को दिखाने के लिए राजी किया,

"सिर्फ एक बार दिखाऊँगी, वो भी छूने नहीं दूंगी" वो बोली,

"तुमने मेरा कैसे छुआ और खींच खींच कर दर्द कर दिया, ठीक है एक बार देखूँगा और तुम्हारी सुसु की एक पप्पी लूँगा फिर कभी मत दिखाना" कह कर उसे मनाया, उसने शर्म से आँखें बंद कर ली, मैंने नाड़ा खोल सलवार नीचे की और उस सुन्दरता को देखता रह गया, योनी पर के बाल सुनहरे थे , सर झुकाकर एक लम्बी सांस ली और उसकी मादकता को सूँघता रहा, नरम और मुलायम, अंगुलियो से योनी पट को थोडा फैलाया, गुलाबी रेशम की दीवार खुल गयी,

" जल्दी करो जो करना है, " उसकी आवाज़ लड़खड़ा रही थी, "वहां कुछ काट रहा है " "जल्दी करो" "करो ना " और वो अपना सर जोरों से हिलाने लगी, और मेरे हाथों पर जोर से नाखून गड़ा दिए , आँखें बंद थी, और नितम्ब उठा कर बेड पर पटकने लगी, मैंने योनी पट खोल होठ और जीभ योनी के अन्दर घुसा योनी को चूसने लगा, "ओह्ह्हह्ह. आह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह .उईईइईईए . .आअह्हाआअ...." जैसी आवाजें करने लगी,

"और कर" " और कर", "पूरा काट ले उसे" , "करता रह", "छोड़ मत", "जोरे से काट", "दांत गड़ा दे, काट ले", "चूसे ले" जैसी भाषा बोलने लगी, मैं जोरों से योनी को चूस रहा था और कई जगह योनी के अन्दर काट लिया, पर उसे और चाहिए था, वो पागल सी हो गयी थी, लिंग को टाईट पकड़ खींचने लगी, मेरी हालत ख़राब थी, कुछ ही छनों में लिंग ने पानी छोड़ दिया और वीर्य की धार उसके स्तनों और पेट पर गिरी, कुछ बूँद उसके चेहरे पर भी गिरीं और जैसे की उसे होश आया, "क्या हुआ, यह क्या हुआ" कहती हुई वो हडबडा कर उठ बैठी, उसे समझ में नहीं आया की क्या हुआ, मेरे लिंग के मुहं पर दूधिया वीर्य की बूँद लगी हुई थी और उसके चेहरे पेट और स्तनों पर, कुछ सेकेंड्स तो आश्चर्य से देखती रही फिर शर्मा गयी,

बोली " क्या किया तुमने मुझे" और सर झुका लिया, बिना आँख मिलाये पूछा "और यह क्या है, छी.. छी ..कैसे आया छी ..." कहकर मुहं और स्तन पर लगे वीर्य को अपनी अंगुलियो और हथेलियो से पोंछ लिया, कोमल की मासूमियत उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे, उसने अपनी हथेलियों को सूँघा और पूछा "यह क्या है" और मेरे लिंग को देखने लगी, "इससे निकला " और मैंने सर हिलाया तो अचरज से उसकी आँखें बड़ी हो गयीं , "कैसे ", मैंने कहा " कल रात भी तुमने ऐसे ही इसे निकाला था जो मेरे अन्दर्वेअर में लगा है, यह लड़कों के लंड का रस है जो जवान सुन्दर लड़की के छूने से निकल जाता है " मैंने पहली बार लंड शब्द का इस्तेमाल किया था,

"पर रात मैंने तो तुम्हारे इसे छुआ नहीं" कोमल बोली,

"तो क्या हुआ , तुमने मुझे तो छुआ था "....


क्रमशः......................


दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े .................................
आपका दोस्त
राज शर्मा


कमसिन कन्या पार्ट--1
कमसिन कन्या पार्ट--2
कमसिन कन्या पार्ट--3

कमसिन कन्या पार्ट--4
कमसिन कन्या पार्ट--5
कमसिन कन्या पार्ट--6
कमसिन कन्या पार्ट--7
कमसिन कन्या पार्ट--8
कमसिन कन्या पार्ट--9
कमसिन कन्या पार्ट--10

आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj

























Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator