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चंचल चूत पार्ट---1
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
मेरा नाम समीर राजा है और मैं एक मुस्लिम लड़का हूँ. मेरी उमर 26 साल की है. मैं एक मरवरी सेठ मोतीलाल के घर मे काम करता हूँ. वर्कर तो बॅस नाम का हूँ यह सेठ साहिब वाघहैरा मुझे अपने घर का ही एक आदमी जैसा समझते और ट्रीट करते हैं. मेरे पिताजी सेठ मोतीलाल के पिता सेठ धरम लाल जी के पास अकाउंटेंट थे. हम सेठ धरमलल जी के परिवार को और वो हमारे परिवार को बोहोत सालों से और बोहोत अछी तरह से जानते हैं. मेरी माताजी अपने भाई के पास दूसरे गाँव चली गई तो मैं सेठ मोतीलाल जी के घर मे ही रहने लगा.
सेठ धरमलाल की देहांत के बाद उनका बिज़्नेस उनके बेटे सेठ मोतीलाल ही संभालते हैं. मोतीलाल के कोई भाई या बहेन नही है. उनकी कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान है होल्सेल और रीटेल की. और उनकी मार्केट मे बोहोत अछी रेप्युटेशन है. मोतीलाल सेठ को यह बिज़्नेस उनके पिताजी की तरफ से पूरी तरह से सेट किया हुआ मिल गया था ज़ियादा मेहनत करने की ज़रूरत नही पड़ी थी. मार्केट मे अछी साख है और आछे लोग माने जाते है.
सेठ साहेब बोहोत ही दौलतमंद आदमी हैं उनका का 2 बेडरूम, ड्रॉयिंग डाइनिंग रूम का एक फ्लॅट तो सिटी मे है जहा कभी वो खुद या कभी कोमल या चंचल सिटी को परचेसिंग के लिए या घूमने के लिए जाते है तो कभी वाहा रात को रुक जाते है नही तो वो फ्लॅट हमेशा बंद रहता है. वो फ्लॅट एक बोहोत ही अछी गार्डेड बिल्डिंग मे है तो सेक्यूरिटी का कोई प्राब्लम नही है.
जिस घर मे वो रहते हैं वोहघर भी बोहोत ही बड़ा है. फर्स्ट फ्लोर पे सेठ साहिब का डबल रूम का बेडरूम और चंचल का भी डबल रूम का बेडरूम कम स्टडी रूम है. दोनो मे अटॅच बाथरूम है और दोनो के बेडरूम्स के बहेर एक बोहोत ही बड़ा हॉल भी है जहा पे सोफा सेट पड़ा हुआ है. कभी कभी सेठ साहिब कोमल और चंचल वाघहैरा वही हॉल मे बैठ के टी या कॉफी पीते है या ऐसे ही बातें करते बैठ ते हैं.
इतने बड़े घर की सफाई के लिए 2 लड़कियों को अलग से रखा हुआ है जो सारा दिन घर की सफाई ही किया करती है. रसोई बनाने के लिए भी 2 लड़कियाँ है जो बोहोत अछा खाना बनाती है. सब के सब रात को अपने अपने घर चले जाते हैं और सुबह सवेरे से ही वो आ जाते हैं और अपने अपने काम मे लग जाते हैं.
काम करने वाली लड़कियो को छोड़ कर घर मे रेग्युलर बस हम 3 ही रहते हैं. मैं, मोतीलाल सेठ की बीवी कोमल और उनकी बेटी चंचल. मोतीलाल सेठ तो इतने बिज़ी रहते हैं के बॅस रात को ही थके मान्दे घर आते है और खाना खा के सो जाते हैं. हम लोग डिन्नर के बाद भी काफ़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहते है और फिर सब अपने अपने कमरो मे चले जाते हैं.
लगता नही के वो अपनी पत्नी कोमल के साथ कुछ करते होंगे कियॉंके उनकी हालत तो ऐसी होती है के बॅस डिन्नर किया, बेड पे लेटे और ग्ग्गहर्ररर ग्ग्गहर्ररर आवाज़ें निकालते हुए सो गये.
एक टाइम मैं किसी काम से रात के समय ऊपेर गया था तो देखा कोमल सेठ साहेब के नरम लंड का मसाज कर रही थी लैकिन लंड तो सेठ साहेब की तरह से सो रहा था. उन्हों सी-थ्रू नाइटी पहेन रखी थी उस नाइटी मे से उनका सेक्सी बदन सॉफ दिखाई दे रहा था. सेठ साहेब गहरी नींद सो रहे हैं और कोमल अपने पति को अजीब से नज़रों से देख रही है. और फिर उन्हों ने अपने टाँगें फैला के अपनी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया पहले तो ऐसे ही हथेली से चूत को सहलाती रही फिर उंगली से चूत के दाने को रगदड़ने लगी उनकी उंगली तेज़ी से चल रही थी और फिर उन्हों ने उंगली अपनी चूत के अंदर डाल के अंदर बहेर करना शुरू कर्दिआ. उनकी टाँगें खुली हुई थी गंद उठा उठा के अपनी ही उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे उनका बदन अकड़ने लगा और आआअहह ऊऊऊहह आाऐययईईईई की आवाज़ें निकाल ते निकाल ते उनका बदन शांत हो गया और वो सो गई.
मुझे शक होगया के कोमल का मूड कुछ और था लैकिन साहेब को नींद सता रही थी. थोड़ी देर के बाद उनके रूम की लाइट भी बुझ गई और मैं नीचे आ गया.
मैं अपने मा बाप का एक ही बेटा हूँ. अपनी फाइनान्षियल पोज़िशन की वजह से मैं रेग्युलर कॉलेज नही अटेंड कर सकता था तो मैं प्राइवेट ही एग्ज़ॅम दे दिया करता हू. मुझे बचपन से ही एक्सर्साइज़
का शौक है तो मेरी बॉडी एक दम से शेप मे है. ब्रॉड शोल्डर्स, मस्क्युलर बॉडी. मेरा रंग भी बोहोत सॉफ है. मेरे सारे बॉडी पे हल्के हल्के से बॉल हैं जो गोरे बदन पे आछे लगते हैं. इन शॉर्ट, मे भी ठीक ठाक और हॅंडसम हू.
मैं अपने बचपन से ही मोतीलाल सेठ के घर मे रहता हूँ.
वही काम करता हू, अपनी पढ़ाई करता हू और वही मेरा खाना पीना भी है. मेरे लिए एक अटॅच बाथरूम वाला एक बड़ा सा कमरा है जिसका एक डोर घर के अंदर खुलता है और दूसरा बहेर कॉंपाउंड मे. घर के अंदर खुलने वाला डोर घर के लोग मेरे रूम मे आने जाने के लिए यूज़ करते हैं और बहेर खुलने वाला डोर मैं बहेर जाने के लिए यूज़ करता हू जहा कार्स पार्क रहती हैं. सेठ साहिब के पास एक तो इंनोवा है एर कंडीशंड और दूसरी मारुति है. दोनो न्यू कार्स हैं. इंनोवा सेठ साहिब की वाइफ और उनकी बेटी शॉपिंग के लिए या घूमने के लिए जब सिटी को जाते हैं तब यूज़ करते हैं और मारुति वही आस पास के जनरल इस्तेमाल के लिए, उनकी बेटी के स्कूल आने जाने के लिए यूज़ करते है.
मैं पहले सेठ मोतीलाल के घर वालो का परिचय करा दू. उनके घर मैं बॅस तीन ही लोग हैं. सेठ मोतीलाल, उनकी पत्नी कोमल और उनकी नॉटी बेटी चंचल. उनका कोई रिश्तेदार यहा नही रहता. बॅस उनकी वाइफ के और उनकी बेटी के फ्रेंड्स हैं जिन के घर उन का आना जाना है.
सेठ साहिब को तो बिज़्नेस से फ़ुर्सत ही नही मिलती. कभी कभी जब वो बिज़्नेस टूर पे जाते हैं तो वोही उनकी आउटिंग होती है. बोहुत बिज़ी रहते हैं. घर की रेस्पॉन्सिबिलिटी मुझे दे रखी है. मुझ पे इतना विस्वास करते हैं के कभी मुझ से पैसों का हिसाब किताब नही पूछते.
जब कभी कोमल या चंचल सिटी को शॉपिंग के लिए या आउटिंग के लिए जाते है तो मेरे साथ ही पॅसेंजर सीट पे बैठ ते है कभी पीछे मालिकों की तरह नही बैठ ते और रास्ता भर मुझ से इधर उधर की बातें करते रहते हैं हम लोग आपस मे मज़ाक भी कर लिया करते है जैसे मैं एक फॅमिली मेंबर हू. कभी कभी तो अपने घर की और खानदान की प्राइवेट बातें भी मेरे सामने ही किया करते हैं. और जब कोई चीज़ पर्चेस करते है तो मैं ही पैसे खरच किया करता हू. जब मेरे पास पैसे ख़तम हो जाते हैं तो और ले लेता हू. होटेल के बिल्स या फिर शॉपिंग किए हुए समान के बिल्स का पेमेंट सब मैं ही करता हू. कभी कभी सेठ साहिब मुझे अपने साथ देल्ही, बॉमबे या कॅल्कटा बिज़्नेस टूर पे भी ले जाते हैं तो मैं उनको कंपनी
दिया करता हू. कभी कभी तो वो अपने बेटी चंचल को ले जाते हैं उस टाइम पे मैं अकेला घर मे रहता हू कोमल के साथ.
मोतीलाल सेठ की बीवी बोहोत ही सुन्दर है. लग भग 30 – 32 साल की होगी. उनका नाम कोमल है और वो रियल मे कोमल हैं. बोहोट नाज़ुक, दुबली पतली बट हेल्ती, बोहोत गोरा मक्खन जैसा रंग. सिल्क जैसा चिकना बदन.लंबे लंबे काले घने बॉल जो खुले रहें तो उनके गंद तक आते हैं. गुलाबी गाल और बिना लिपस्टिक लगाए ही उनके होन्ट लाल रहते हैं. वो जब मुस्कुराती है तो उनके मोती जैसे दाँत डाइमंड की तरह चमकते दिखाई देते हैं.
उनका फिगर बोहोत वंडरफुल है. होगा यही कोई 38 – 26 – 36. वो मोस्ट्ली सारी ही पेहेन्ति है. कभी कभी सलवार सूट भी पहेन लिया करती हैं. सारी मे वो बोहोत खूबसूरत लगती हैं. सारी भी कभी इतनी नीचे बाँधती है के थोडा सा और नीचे हो जाए तो उनके झाँत के बॉल भी नज़र आ जाएँ ( अब यह तो पता नही के उनके झांट के बॉल है या वो शेव करती हैं).
ब्लाउस भी डीप कटिंग का पेहेन्ति हैं जिस्मै से उनके दूध की तरह सफेद चुचियाँ आधे से ज़ियादा ही नज़र आते हैं. एस्पेशली कभी जब वो कुछ उठाने के लिए नीचे झुकती हैं तो उनके रोज़ी निपल्स भी नज़र आ जाते हैं और मन करता है के बॅस हाथ अंदर डाल के उनकी मस्त चुचियाँ मसल डालु मगर क्या करू मजबूर हू.
कभी तो लगता के वो मुझे दिखाने के लिए ही झुकती है. मैं ने उनकी आँखों मे प्यास देखी है कियॉंके मुझे पता है के सेठ साहेब को नोट्स गिनने से फ़ुर्सत ही नही मिलती और वो उनकी खूबसूरत जवानी की तरफ ध्यान नही देते हैं और वो अपने जज़्बात को दबा के सो जाती हैं. उनकी चाल बोहोत ही मस्तानी है और जब वो किसी भी वजह से या शरारत से मुस्कुराती हैं तो आचे अचों का लंड ऑटोमॅटिक खड़ा हो के उनके पुर बदन को प्रणाम करने लगता है.
उनकी एक ही बेटी है चंचल. वो सच मे बोहोत चंचल है. 13 साल की होगी लैकिन लगती 15 – 16 साल की है. 9थ पास कर के 10थ मई आई है अभी. जैसे किसी अल्लहड़ लड़की का होता है वैसा ही कसा हुआ बदन है. बोहोत क्यूट है. बोहुत मोटी भी नही बोहोत दुबली भी नही बॅस मीडियम बिल्ट है उसकी. रंग तो उसकी मा की तरह मक्खन जैसा है. काली बड़ी बड़ी हिरनी जैसी आँखें. काले बॉल जिनको वो पोनी टेल की तरह बाँधती है.
जब भागती है तो उसकी पोनी टेल सेक्सी स्टाइल मे हिलती है. उसके होन्ट लाल और रसीले जिनको चूसने के लिए मॅन तड़प जाए. घर की लाडली है. हमेशा ही शरारत के मूड मई रहती है. कुछ ना कुछ करती ही रहती है. इधर से उधर भागना कभी छुप जाना किसी भी कमरे से मुझे आवाज़ लगाना “ राजा इधर आऊ” और मेरे जाने जाने तक वो दूसरे कमरे मे चली जाती. बाद मे हस्ती हुई बहेर निकल आती.
घर मे यूष्यूयली शॉर्ट स्कर्ट और ब्लाउस जैसा टॉप पेहेन्ति. उसके चुचियाँ मीडियम साइज़ के मौसम्बी जितने होगे उसकी एज के हिसाब से कुछ बड़े ही हैं. अभी ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति. भागती तो धीरे से ऊपेर नीचे होते उसके चुचियाँ डॅन्स करते मस्त लगते है.
बोहुत धमाल मचाती एस्पेशली जब उसकी फ्रेंड्स उस से मिलने घर आती तो धूम रहती. उसके फ्रेंड्स भी उसकी ही तरह से शरारती हैं. शाएद बचपन ऐसा है होता है. किसी चीज़ की फिकर नही. कोई प्राब्लम नही. खाना पीना, खेलना कूदना, मज़े करना और रात मे थक के सो जाना. बॅस यही है इनका काम.
चंचल मेथ मे थोड़ी सी वीक थी तो मैं उसे कभी कभी मथ्स समझा दिया करता हू. और थोड़ी बोहोत साइन्स मे भी उसकी हेल्प कर दिया करता हू.
आक्च्युयली यह सेठ लोग सिटी से ऑलमोस्ट 80 – 90 किलोमेटेर दूर आउट स्कर्ट्स मे रहते है. हो सकता है पहले किसी टाइम मे वो जगह कोई गाँव रहा होगा लैकिन अब तो सिटी इतना फैल गया के ऑलमोस्ट सिटी मे है. ळैकिन फिर भी बड़ी बड़ी दुकानो और शॉपिंग माल्स या किसी आछे रेस्टोरेंट मे खाना खाने के लिए सिटी को ही आना जाना होता रहता है.
मैं कार चलाना भी जानता हू और सेठ साहिब की कार भी मैं ही ड्राइव करता हू. और फिर जब घर मे कोई काम नही होता तो उनकी दुकान के अकाउंट्स भी लिखता हू. सेठ साहेब को उतनी अछी इंग्लीश नही आती इसी लिए उनके बिज़्नेस के लेटर्स भी मैं ही लिखा करता हू. फाइनल अकाउंट्स प्रिपेर करने के लिए मैं ही उनके चीफ अकाउंटेंट की हेल्प भी किया करता हू. इन शॉर्ट मैं मुल्टीपरपाज काम करता हू मेरे लिए कोई काम स्पेसिफाइड नही है जैसे के जॅक ऑफ ऑल ट्रेड्स.
यह तो था सेठ मोतीलाल और उनके घर वालो का परिचय. अब मैं कुछ ऐसी घटनाएँ जो इस घर मे घटी हैं सुनाने जा रहा हू:
गर्मी के दिन थे, दोपहर का टाइम था मुझे बड़ी प्यास हो रही थी. एक फ्रिड्ज जो हॉल मे रहता था मैं उस फ्रिड्ज के पास जा रहा था मेरी नज़र करीब के रूम मे गई तो देखा के चंचल खड़ी है और अपने ब्लाउस टाइप के टॉप के अंदर हाथ डाल के अपने चुचिओ को अपने हाथो से दबा रही है उसके चेहरे पे मस्ती छाई हुई है. उसे पता नही था के मैं देख रहा हू. मैं थोड़ी देर चुप चाप खड़ा देखता रहा के और क्या करती है देखुगा पर उसने और कुछ नही किया बॅस चुचिओ को ही दबाने मे बिज़ी थी. पहले तो सोचा के डिस्टर्ब नही करूगा बट देन पता नही उसे कुछ शक्क हुआ या क्या उसने मेरी तरफ देखा. पहले तो घबरा गई पर तुरंत अपने कपड़े ऐसे झटकने लगी जैसे शर्ट मे कुछ लगा हो. मैं मुस्कुरा के वाहा से हट गया.
एक और टाइम ऐसा हुआ के लंच खा के कोमल अपने बेडरूम मे सोने चली गई और चंचल लंच के बाद कोई मॅगज़ीन लेके डाइनिंग टेबल पे ही बैठी पढ़ती रही वो सिंगल चेर वाले पोर्षन मे बैठी थी और उसके लेफ्ट और राइट के चेर जिनके बैठने का पोर्षन टेबल के अंदर था उन दोनो चेर्स पे एक एक टांग फैला के बैठी थी जिसका मुझे पता नही था.
मैं रूम मे आया तो वो बिल्कुल सामने बैठी थी और टेबल के नीचे कुछ मॅगज़ीन्स गिरे पड़े थे. मैं उन्है बहेर निकालने के लिए टेबल के नीचे चला गया तो देख के दंग रह गया के उसकी दोनो टाँगें दोनो चेर्स पे फैला के रखी है और उसका स्कर्ट उसके जाँघ तक उठा हुआ था किस्मेत से उसने पॅंटी भी नही पहनी थी. मुझे उसकी चूत नज़र आने लगी .. अफ क्या प्यारी चूत थी उसकी मैं तो देखता का देखता रह गया.
मक्खन जैसी चिकनी चूत जिसपे अभी सही तरीके से झाँत भी आने नही शुरू हुए थे बॅस जैसे रुआ हो भूरे (लाइट ब्राउन) रंग का. चूत के लिप्स हल्के से एक दूसरे से अलग और बीच मे उसके चूत का दाना ( क्लाइटॉरिस ) अफ मॅन करा के बॅस उसकी चूत को किस कर लू और मूह मे ले के चूसू. मैं थोड़ी देर तक टेबल के नीचे ही रहा और ऐसे पोज़ करने लगा जैसे मॅगज़ीन कलेक्ट कर रहा हू. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. वो तो मॅगज़ीन मे डूबी हुई थी उसे क्या पता के मैं उसकी चूत के दर्शन कर रहा हू और इतनी प्यारी चूत को निहार रहा हू. मैं थोड़ा सा और उसके करीब गया तो उसकी वर्जिन चूत की स्मेल बोहोत अछी लगी. चूत के थोड़ा और करीब
आके मैं ने उसकी चूत को सूँगा आअहह मस्त सुगंध थी उसकी कुँवारी चूत की के क्या बताउ.
चूत की सुगंध ले के मैं बहेर निकल आया. बहेर तो निकल आया पर अपने लौदे को संभालना मुश्किल हो रहा था. बोहुत ज़ोर से अकड़ गया था और पॅंट के अंदर बड़ी मुश्किल से समा रहा था. मैं तुरंत अपने रूम मे आया और अपने बेचैन लंड को पंत मे से निकाल के मास्टरबेट किया. उसकी क्रीम निकालने के बाद थोड़ा शांत हुआ तब बहेर आया. मेरा सारा बदन काम वासना की आग मे जल रहा था. फिर ख़याल आया के चंचल अभी बहुत छोटी है और यह अछी बात नही है तो अपने आप को कंट्रोल कर लिया….
यह घटना उस टाइम की है जब मैं ब.कॉम के फर्स्ट एअर को क्लियर कर के सेकेंड एअर मे आया था. गर्मी बोहोत पड़ रही थी. चंचल की मा कोमल अपने किसी फरन्ड के पास मिलने गई हुई थी. घर का काम काज करने वेल लड़कियाँ अपने अपने काम मे लगी हुई थी.
जैसा के पहले बता चुक्का हू के घर बोहोत ही बड़ा है और उसके अंदर कमरे भी बोहोत हैं. थोड़े से ही कमरे इस्तेमाल मे आते है बाकी के कमरे किसी भी गेस्ट वाघहैरा के लिए रेडी रहते हैं. किसी कमरे को स्टोर बनाया हुआ है. किसी को किसी की खबर नही होती के कौन कहा है और किस कमरे मे जा रहा है या कमरे के अंदर क्या कर रहा है या कमरे के अंदर क्या हो रहा है..
मैं बहेर से घर के अंदर आया और अपने कमरे मे जाने ही वाला था के मुझे फर्स्ट फ्लोर से ऐसी आवाज़ आई जैसे कोई बोहोत पेन से कराह रहा हो. आअहह ऊऊऊफफफफफफफफफ्फ़ ईईईहह जैसी आवाज़ें आ रही थी. मैं दबे पाँव ऊपेर जाने लगा. अभी थोड़ी सी ही सीढ़ियाँ ऊपेर चढ़ा था के मुझे फर्स्ट फ्लोर के हॉल मे जो डिज़ाइन्स बने हुए है खूबसूरती के लिए जहाँ हवा के लिए गॅप्स बने हुए हैं उस मे से दिखाई दिया के चंचल सोफे के एड्ज पे बैठी है, उसकी टाँगें फैली हुई हैं, आस यूषुयल छोटा सा स्कर्ट पहने हुए है, और अपनी चूत का मसाज कर रही है..
काम करने वाली लड़कियाँ नीचे ही अपने अपने काम मे बिज़ी थी और ऊपेर चंचल अकेली थी. उसकी आँखें मस्ती मे बंद थी और अपनी उंगली को ज़ोर ज़ोर से चला रही थी लगता था के उसका मसाज फाइनल स्टेज मे है. वो अपने चूतड़ उछाल उछाल के मज़े ले रही थी. मुझे इतना क्लियर नही दिख रहा था के उसने
अपनी चूत के सुराख मे उंगली डाली हुई है या ऐसे ही अपनी चूत के दाने (क्लाइटॉरिस ) का मसाज कर रही है.
उसकी उंगली फुल स्पीड से चल रही थी और सडन्ली उसके मूह से आअगघह उूुउऊहह आआआआअहह की आवाज़ें निकली और वो शांत हो गई. थोड़ी देर तक उसकी आँखें बंद ही रही और वो गहरी गेँरी साँसे लेने लगी और फिर सोफे पे ऐसे पड़ी रही जैसे बदन मे जान ही नही हो.
मेरा लौदा फिर से अकड़ गया अब तो मन कर रहा था के तुरंत ऊपेर जाउ और उसकी चूत मे अपना लौदा घुसेड के उसकी ब्रांड न्यू चूत को चोद चोद के फाड़ डालूं. मैं ने फिर से अपने आप को कंट्रोल किया और नीचे आ गया. इस टाइम चंचल को पता नही चला के मैं ने उसको देख लिया है. सारा दिन मुझे चंचल कुछ अलग अलग सी लगी. कुछ नया था उसके चेहरे पे मुझे समझ नही आ रहा था के क्या नया है लैकिन कुछ है ज़रूर.
उसी दिन शाम को जब मैं कोमल को लेने के लिए उसके फ्रेंड के घर जाने वाला था तो चंचल ने कहा के वो भी आएगी. मैं ने कहा चलो. फिर हम दोनो मारुति मे बैठ के चंचल की मम्मी को लेने चले गये.
वापस आने के टाइम पे रास्ते मे चंचल ने कहा के वो भी कार चलाना सीखना चाहती है. मैं ने तो कुछ नही कहा पर कोमल बोली के चल अभी तू बोहोत छोटी है जब थोड़ी और बड़ी हो जाएगी तो सीख लेना. बॅस मना क्या करना था के चंचल की चंचलता मचल गई और उसने ज़िद करनी शुरू कर्दिआ के वो तो सीखेगी.
घर पोहोच्ते ही उसने अपने डॅडी को फोन किया और कहा के वो कार चलाना सीखाना चाहती है. फिर दोनो मे क्या बातें हुई मुझे नही पता और फिर चंचल ने तुरंत फोन मेरे हाथ मे थमा दिया. सेठ साहिब कह रहे थे के अरे राजा !!! चंचल को फिलहाल थोड़ा सा स्टियरिंग संभालना ही सीखा दो बाद मे ड्राइव करना सीख लेगी. सेठ साहेब ने खुद ही सुझाओ दिया के शाम को टाउन से बहेर निकल जाओ वाहा ट्रॅफिक नही होती खुली स्ट्रेट सड़क है और बड़ी बड़ी खुली जगह भी है वही सीखा देना. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. मैं ने कहा ठीक है सेठ साहेब आप कहते है तो आज ही ले जाता हू. वो बोले के हा ठीक है अभी शाम बाकी है एक आध घंटा घुमा के ले आओ. मैं ने कहा ठीक है और फिर चंचल से कहा के चाइ पी के चलते है. वो रसोई मे गई और लड़की को चाइ निकालने का कह के आ गई. थोड़ी देर मे चाइ टेबल पे लग
चुकी थी. कोमल भी फ्रेश हो के आ गई थी मैं भी अपने रूम मे जा के फ्रेश हो गया और टेबल पा आ गया. सब ने चाइ पी साथ मे फिर मैं ने कोमल से कहा के सेठ साहेब ने कहा है के चंचल को स्टियरिंग संभालना ही सिखा दू पहले. कोमल ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है जाओ मैं क्या कह सकती हू यह है ना अपने पापा की लाडली मना लिया होगा अपने पापा को.
शाम का समय था, मौसम थोड़ा सा अछा हो गया था. दोपेहेर जितनी गर्मी नही थी और हल्की हल्की सी ठंडी हवा भी चल रही थी. मैं बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहेन के आया चंचल एज यूषुयल अपने मस्ताने ड्रेस मे थी वोही छोटा सा स्कर्ट और ब्लाउस टाइप का टॉप.
मैं और चंचल दोनो कार मे थे और कार को टाउन से बहेर निकल के एक गाओं को जाने वाली छोटी रोड पे टर्न कर लिया जहा कोई कार या ट्रक नही चलते थे. सुनसान सी सड़क थी. वाहा से हार्ड्ली को कार गुज़र जाती. अपने टाउन से जब लग भग 4 - 5 किलोमेटेर बहेर निकल गये तो मैं ने चंचल से कहा के मेरे नज़दीक आ जाओ और ट्राइ करो. वो मेरे पास खिसक के आ गई. मारुति मे बकेट टाइप सीट्स होने की वजह से उसे क्रॉस हो के बैठना पड़ रहा था तो मैं ने कार के बूट मे से एक कुशन निकाल लिया जिसको दोनो सीट्स के बीच मे रख के बैठने की जगह बना ली.
अब चंचल मेरे बोहोत करीब बैठी थी और मैं भी और थोड़ा सा कार के डोर की तरफ खिसक गया ता क उसको अछी ग्रिप मिल जाए. पर उसके लिए फिर भी मुश्किल हो रही थी तो उसने कहा के राजा मुझे अपने गोदी मे बिठा लो ना. इस तरह से मैं स्ट्रेट बैठ सकुगी और रोड भी क्लियर नज़र आएगी. मैं उसके प्रपोज़ल को सुन के दंग रह गया और कुछ नही बोला तो शाएद उसने समझा के मैं उसकी बात से सहमत हू तो वो अपनी एक टांग मेरे ऊपेर से डाल के दूसरी तरफ कर के मेरी गोदी मे बैठ गई. उसके बैठ ते ही मेरे बदन मे जैसे करेंट लगा और करेंट डाइरेक्ट लंड मे घुसा और लंड मे हल चल शुरूहो गई.
कार बोहोत धीमी गति से चल रही थी. चंचल को भी अछी पोज़िशन मिल गई थी और वो मेरी गोदी मे ईज़ी बैठी थी.
वो तो ईज़ी बैठी थी पर मेरे लंड का बुरा हाल था. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स के अंदर अकड़ गया था; पता नही चंचल को महसूस हो रहा था या उसका ध्यान रोड और स्टियरिंग पे था. मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी. दिल चाह रहा था के कार रोक के चंचल को बॅक सीट पे लिटा के को खूब चोदु चोद्ते चोद्ते उसकी छोटी सी चूत को फाड़ डालु.
मेरे हाथ उसके हाथ के ऊपेर थे और उसके चुचिओ को भी थोड़ा थोड़ा टच कर रहे थे. मैं कभी कभी अपने हाथ स्टियरिंग से हटा लेता ता के वो खुद भी कंट्रोल कर सके. ऐसे समय मे मैं अपने हाथ उसके थाइस पे रख लेता था. अफ क्या बताऊं कितने चिकने मक्खन जैसे थाइस है उसके. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. आज पहली बार उसके थाइस को हाथ लगाने का मौका मिला था और हाथ लगते ही मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया. शॉर्ट्स के अंदर मचलने लगा और लंड का सूपड़ा शॉर्ट्स के सामने से बहेर निकल पड़ा और नेकेड सूपड़ा भी उसकी चूत के करीब ही थाइस के पोर्षन मे टच करने लगा.
मैं ने धीरे धीरे से अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाना शुरू किया. पहले तो उसका ध्यान मेरे लंड पे नही गया पर जल्दी ही उसको महसूस हो गया के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पास है और उसको मेरे हाथ का टच भी फील हुआ तो ऑटोमॅटिकली उस ने अपने टाँगें और फैला दी. ऐसा लगा के जैसे चूत और लंड मे कोई सीक्रेट कनेक्षन हो और लंड के स्वागत मे चूत रेडी हो. मैं थोड़ा सा और आगे खिसक गया तो वो भी अपने चूतदों को थोड़ा सा उठा के अपने आप को मेरी गोदी मे अड्जस्ट कर लिया ऐसे के मेरा लंड उसकी चूत के सामने और दोनो टाँगों के बीच मे हो गया. अब मेरा ध्यान उसको कार सिखाने मे कम और चोदने मे ज़ियादा हो गया. पर डर भी लग रहा था के अभी वो इतनी छोटी है अगर कुछ हो गया तो बोहोत मुश्किल हो जाएगी पर क्या करू आकड़ा हुआ लंड और बेचैन दिल दोनो मचल रहे थे.
चंचल ने अपना एक हाथ स्टियरिंग से हटा के अपनी जाँघ पे लगाया तो उसे मेरे लंड का सूपड़ा हाथ लगा. उसने पूछा राजा यह क्या है. मैं कुछ नही बोला और चुप रहा तो वो शरारत से हास पड़ी और मेरे लंड के सूपदे को दबा दिया. मैं समझ गया के अब मैं कुछ और खेल खेल सकता हू तो मैं ने अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाते घुमाते उसके चूत पे लगा दिया. मेरा हाथ लगते ही तुरंत उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई तभी उसने अपनी टाँगों को और खोल दिया ताके मैं उसकी चूत की मालिश अछी तरह से कर साकु. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. मैं उसकी चूत की मालिश कर रहा था और एक हाथ उसके ब्लाउस मे डाल के उसकी मस्त चुचिओ को पकड़ लिया. हाई क्या वंडरफुल चुचियाँ थी उसकी. बहेर से देखने मे उतनी बड़ी नही लगती थी उसकी चुचियाँ मगर अंदर हाथ डाल के जब पकड़ा तो पता चला के चुचियाँ और उसका कंप्लीट एरिया मिला के तो वो मेरे हाथ मे भर गई थी. वाउ. इतनी लव्ली चुचियाँ बोहोत सख़्त जैसे कोई छोटा सा कच्चा आम हो. बड़ा आनंद आ
रहा था उसकी चुचियाँ दबाने मे.वो भी मज़े ले रही थी आँखें बंद कर के.
दोनो की साँसें गहरी हो गई थी. उसका हाथ मेरे लंड पे था और मेरी उंगली उसकी चूत की मसाज कर रही थी कभी उसकी चूत के दाने का मसाज तो कभी चूत के अंदर लिप्स का.
मैं ने कार को सड़क से नीचे उतार लिया और बड़े बड़े पेड़ों (ट्रीस) की आड़ मे रोक दिया.
शाम ज़ियादा हो गई थी और हल्की हल्की डार्कनेस होने लगी थी.
Chanchal Choot paart---1
Mera Naaam Samir Raja hai aur mai ek Muslim ladka hun. Meri umar 26 saal ki hai. Mai ek Marwari Sait Motilal ke ghar mai kaam karta hun. worker to bass naam ka hun yeh sait sahib waghaira mujhe apne ghar ka hi ek aadmi jaisa samajhte aur treat karte hain. Mere pitaji Sit Motilal ke pita Sait Dharam lal ji ke pas accountant the. Ham Sait Dharamlal ji ke parivar ko aur woh hamare parivar ko bohot saalon se aur bohot achi tarah se jaante hain. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai Meri Mataji apne bhai ke paas doosre gaoon chali gai to mai Sait Motilal ji ke ghar mai hi rehne laga.
Sait Dharamlal ki dehant ke baad unka business unke bete Sait Motilal hi sambhaalte hain. Motilal ke koi bhai ya behen nahi hai. Unki kapdon ki bhot badi dukan hai wholesale aur retail ki. Aur unki market mai bohot achi reputation hai. Motilal Sait ko yeh business unke pitaji ki taraf se poori tarah se set kia hua mil gaya tha ziada mehnat karne ki zaroorat nahi padi thi. Market mai achi saakh hai aur ache log maane jaate hei.
Sait saheb bohot hi doulatmand aadmi hain unka ka 2 bedroom, drawing dining room ka ek flat to City mai hai jaha kabhi woh khud ya kabhi Komal ya Chanchal city ko purchasing ke liye ya ghoomne ke liye jate hai to kabhi waha raat ko ruk jate hai nahi to woh flat hamesha band rehta hai. Woh flat ek bohot hi achi guarded building mai hai to security ka koi problem nahi hai.
Jis ghar mai woh rehte hain wohghar bhi bohot hi bada hai. First Floor pe sait sahib ka double room ka bedroom aur chanchal ka bhi double room ka bedroom cum study room hai. dono mai attach bathroom hai aur dono ke bedrooms ke baher ek bohot hi bada hall bhi hai jaha pe sofa set pada hua hai. Kabhi kabhi sait sahib komal aur chanchal waghaira wahi hall mai baith ke tea ya coffee peete hein ya aise hi baatein karte baith te hain.
Itne bade ghar ki safaai ke liye 2 ladkiyon ko alag se rakha hua hai jo sara din ghar ki safai hi kia karti hai. Rasoi banaane ke liye bhi 2 ladkian hai jo bohot acha khaana banaati hai. Sab ke sab raat ko apne apne ghar chale jaate hain aur subah savere se hi who aa jaate hain aur apne apne kaam mai lag jaate hain.
Kaam karne wali ladkion ko chor kar ghar mai regular bas ham 3 hi rehte hain. Mai, Motilal Sait ki Biwi Komal aur unki beti Chanchal. Motilal Sait to itne busy rehte hain ke bass raat ko hi thake maande ghar aate hai aur khana kha ke so jate hain. Ham log dinner ke baad bhi kaafi der tak idhar udhar ki batein karte rehte hai aur phir sab apne apne kamro mai chale jate hain.
Lagta nahi ke woh apni patni Komal ke sath kuch karte honge kiyonke unki halat to aisi hoti hai ke bass dinner kia, bed pe lete aur ggghhhrrrr ggghhhrrrr awaazein nikalte hue so gaye.
Ek time mei kisi kaam se raat ke samay ooper gaya tha to dekha Komal sait saheb ke naram Lund ka massage kar rahi thi laikin Lund to sait saheb ki tarah se so raha tha. Unhon see-thru nighty pehen rakhi thi uss nighty mai se unka sexy badan saaf dikhai de raha tha. { yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai } Sait saheb gehri neend so rahe hain aur Komal apne pati ko ajeeb se nazron se dekh rahi hai. Aur phir unhon ne apne tangein phaila ke apni choot ka massage karna shuru kar dia pehle to aise hi hatheli se choot ko sehlaati rahi phir ungli se choot ke daane ko ragaddne lagi unki ungli tezi se chal rahi thi aur phir unhon ne ungli apni choot ke ander dal ke ander baher karna shuru kardia. Unki tangein khuli hui thi gand utha utha ke apni hi ungli se apni choot ko chod rahi thi aur phir thodi hi der mai unka badan akadne laga aur aaaaahhhhhh oooooohhhh aaaaaiiiiiii ki awaazein nikal te nikal te unka badan shant ho gaya aur woh so gaii.
Mujhe shak hogaya ke komal ka mood kuch aur tha laikin sait saheb ko neend sata rahi thi. Thodi der ke baad unke room ki light bhi bujh gai aur mai neeche aa gaya.
Mai apne maa baaap ka ek hi beta hun. Apni financial position ki wajah se mai regular college nahi attend kar sakta tha to mai private hi exam de dia karat hu. Mujhe bachpan se hi exercise
ka shouk hai to meri body ek dum se shape mai hai. Broad shoulders, muscular body. Mera rang bhi bohot saaf hai. mere saare body pe halke halke se baal hain jo gore badan pe ache lagte hain. In short, mai bhi theek thaak aur handsome hu.
Main apne bachpan se hi Motilal Sait ke ghar mai rehta hoon.
Wahi kaam karta hu, apni padhai karta hu aur wahi mera khana peena bhi hai. Mere liye ek attach bathroom wala ek bada sa kamra hai jiska ek door ghar ke ander khulta hai aur doosra baher compound mai. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Ghar ke ander khulne wala door ghar ke log mere room mai aane jaane ke liye use karte hain aur baher khulne wala door mai baher jane ke liye use karta hu jaha cars park rehti hain. Sait sahib ke pas ek to Innova hai air conditioned aur doosri Maruti hai. dono new cars hain. Innova sait sahib ki wife aur unki beti shopping ke liye ya ghoome ke liye jab city ko jaate hain tab use karte hain aur Maruti wahi aas paas ke genral istemal ke liye, unki beti ke school aane jaane ke liye use karte hai.
Mai pehle sait Motilal ke ghar walo ka parichai kara do. Unke ghar mai bass teen hi log hain. Sait Motilal, Unki patni KOMAL aur unki naughty beti CHANCHAL. Unka koi rishtedar yaha nahi rehta. Bass unki wife ke aur unki beti ke friends hain jin ke ghar un ka aana jaana hai.
Sait sahib ko to business se fursat hi nahi milti. Kabhi kabhi jab woh business tour pe jaate hain to wohi unki outing hoti hai. Bohot busy rehte hain. Ghar ki responsibility mujhe de rakhi hai. Mujh pe itna viswas karte hain ke kabhi mujh se paison ka hisaab kitaab nahi poochte.
Jab kabhi Komal ya Chanchal city ko shopping ke liye ya outing ke liye jaate hai to mere sath hi passenger seat pe baith te hai kabhi peeche malikon ki tarah nahi baith te aur raasta bhar mujh se idhar udhar ki baatein karte rehte hain ham log apas mai mazak bhi kar lia karte hai jaise mai ek family member hu. Kabhi kabhi to apne ghar ki aur khandaan ki private baatein bhi mere samne hi kia karte hain. Aur jab koi cheez purchase karte hai to mai hi paise kharach kia karta hu. Jab mere pas paise khatam ho jate hain to aur le leta hu. Hotel ke bills ya phir shopping kiye hue samaan ke bills ka payment sab mai hi karta hu. Kabhi kabhi sait sahib mujhe apne sath Delhi, Bombay ya Calcutta business tour pe bhi le jate hain to mai unko company
dia karta hu. Kabhi kabhi to woh apne beti chanchal ko le jate hain uss time pe mai akela ghar mai rehta hu Komal ke sath.
Motilal Sait ki biwi bohot hi sunder hai. lag bhag 30 – 32 saal ki hogi. unka naam KOMAL hai aur who real mai komal hain. Bohot naazuk, dubli patli but healthy, bohot gora makkhan jaisa rang. Silk jaisa chikna badan.lambe lambe kale ghane baal jo khule rahein to unke gand tak aate hain. Gulaabi gaal aur bina lipstick lagaye hi unke hont laal rehte hain. Who jab muskurati hai to unke moti jaise dant diamond ki tarah chamakte dikhai dete hain.
Unka figure bohot wonderful hai. Hoga yehi koi 38 – 26 – 36. Woh mostly saree hi pehenti hai. kabhi kabhi salwar suit bhi pehen lia karti hain. Saree mai who bohot khoobsoorat lagti hain. Saree bhi kabhi itni neeche bandhti hai ke thoda sa aur neeche ho jaye to unke jhaant ke baal bhi nazar aa jayen ( ab yeh to pata nahi ke unke jhant ke baal hai ya woh shave karti hain).
Blouse bhi deep cutting ka pehenti hain jismai se unke doodh ki tarah safed chuchian aadhe se ziada hi nazar aate hain. Especially kabhi jab woh kuch uthane ke liye neeche jhukti hain to unke rosy nipples bhi nazar aa jaate hain aur mann karta hai ke bass hath ander dal ke unki mast chuchian masal dalu magar kia karu majboor hu.
Kabhi to lagta ke woh mujhe dikhaane ke liye hi jhukti hai. Mai ne unki aankhon mei pyaas dekhi hai kiyonke mujhe pata hai ke sait saheb ko notes ginne se fursat hi nahi milti aur woh unki khoobsoort jawani ki taraf dhyan nahi dete hain aur woh apne jazbaat ko daba ke so jaati hain. Unki chaal bohot hi mastani hai aur jab woh kisi bhi wajah se ya shararat se muskuraati hain to ache achon ka lund automatic khada ho ke unke poore badan ko pranaam karne lagta hai.
Unki ek hi beti hai CHANCHAL. Who sach mai bohot chanchal hai. 13 saal ki hogi laikin lagti 15 – 16 saal ki hai. 9th paas kar ke 10th mai aaii hai abhi. Jaise kisi allhad ladki ka hota hai waisa hi Kasa hua badan hai. bohot cute hai. Bohot moti bhi nahi bohot dubli bhi nahi bass medium built hai uski. Rang to uski maa ki tarah makkhan jaisa hai. kaali badi badi hirni jaisi aankhein. Kaale baal jinko woh pony tail ki tarah baandhti hai.
jab bhagti hai to uski pony tail sexy style mai hilti hai. uske hont laal aur raseele jinko choosne ke liye mann tadap jaye. ghar ki laadli hai. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Hamesha hi shararat ke mood mai rehti hai. kuch na kuch karti hi rehti hai. Idhar se udhar bhaagna kabhi chup jana kisi bhi kamre se mujhe awaz lagana “ Raja idhar aaoo” aur mere jaane jaane tak who doosre kamre mai chali jaati. Baad mai hasti hui baher nikal aati.
Ghar mai usually short skirt aur blouse jaisa top pehenti. Uske chuchian medium size ke mousambi jitney hoge uski age ke hisab se kuch bade hi hain. Abhi brassier nahi pehenti. Bhagti to dheere se ooper neeche hote uske chuchian dance karte mast lagte hai.
Bohot dhamal machati especially jab uski friends us se milne ghar aati to dhoom rehti. Uske friends bhi uski hi tarah se shararti hain. shaed bachpan aisa hai hota hai. kisi cheez ki fikar nahi. koi problem nahi. khana peena, khelna koodna, maze karna aur raat mai thak ke so jana. Bass yehi hai inka kaam.
Chanchal maths mai thodi si weak thi to mai use kabhi kabhi maths samjha dia karta hu. Aur thodi bohot science mai bhi uski help kar dia karta hu.
Actually yeh sait log city se almost 80 – 90 kilometer door out skirts mai rehte hai. Ho sakta hai pehle kisi time mai woh jagah koi gaoon raha hoga laikin ab to city itna phail gaya ke almost city mai hai. Laikin phir bhi badi badi dukano aur shopping malls ya kisi ache restaurant mai khana khane ke liye city ko hi aana jaana hota rehta hai.
Mai car chalaana bhi jaanta hu aur Sait sahib ki car bhi mai hi drive karta hu. Aur phir jab ghar mai koi kaam nahi hota to unki dukan ke accounts bhi likhta hu. Sait saheb ko utni achi English nahi aati isi liye unke business ke letters bhi mai hi likha karta hu. Final accounts prepare karne ke liye mai hi unke chief accountant ki help bhi kia karta hu. In short mai multipurpose kaam karta hu mere liye koi kaam specified nahi hai jaise ke Jack of All Trades.
Yeh to tha Sait Motilal aur unke ghar walo ka parichey. Ab mai kuch aisi ghatnayen jo iss ghar mai ghati hain sunane ja raha hu:
Garmio ke din the, Dopeher ka time tha mujhe badi pyas ho rahi thi. Ek Fridgejo hall mai rehta tha mai uss fridge ke pas ja raha tha meri nazar kareeb ke room mai gai to dekha ke Chanchal khadi hai aur apne blouse type ke top ke ander hath dal ke apne chuchion ko apne hatho se daba rahi hai uske chehre pe masti chai hui hai. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Usey pata nahi tha ke mai dekh rah hu. Mai thodi der chup chaap khada dekhta raha ke aur kia karti hai dekhuga par usne aur kuch nahi kia bass chuchion ko hi dabaane mai busy thi. Pehle to socha ke disturb nahi karuga but then pata nahi usey kuch shakk hua ya kia usne meri taraf dekha. Pehle to ghabra gai par turant apne kapde aise jhatakne lagi jaise shirt mai kuch laga ho. Mai muskura ke waha se hat gaya.
Ek aur time aisa hua ke lunch kha ke Komal apne bedroom mai sone chali gai aur Chanchal lunch ke baad koi magazine leke dining table pe hi baithi padhti rahi woh single chair wale portion mai baithi thi aur uske left aur right ke chair jinke baithne ka portion table ke ander tha un dono chairs pe ek ek tang phaila ke baithi thi jiska mujhe pata nahi tha.
Mai room mai aaya to woh bilkul saamne baithi thi aur table ke neeche kuch magazines gire pade the. Mai unhain baher nikalne ke liye table ke neeche chala gaya to dekh ke dang rah gaya ke uski dono tangein dono chairs pe phaila ke rakhi hai aur uska skirt uske jhang tak utha hua tha kismet se usne panty bhi nahi pehni thi. Mujhe uski choot nazar aane lagi .. uff kia pyaari choot thi uski mai to dekhta ka dekhta reh gaya.
Makkhan jaisi chikni choot jispe abhi sahi tareeke se jhaant bhi aane nahi shuru hue they bass jaise ruaa ho bhoore (light brown) rang ka. Choot ke lips halke se ek doosre se alag aur beech mai uske choot ka dana ( clitoris ) uff mann kara ke bass uski choot ko kiss kar lu aur muh mai le ke choosoo. Mai thodi der tak table ke neeche hi raha aur aise pose karne laga jaise magazine collect kar raha hu. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Who to magazine me doobi hui thi use kia pata ke mai uski choot ke darshan kar raha hu aur itni pyaari choot ko nihaar raha hu. Mai thoda sa aur uske kareeb gaya to uski virgin choot ki smell bohot achi lagi. Choot ke thoda aur kareeb
aake mai ne uski choot ko soonga aaahhh mast sugandh thi uski kunwari choot ki ke kia batau.
Choot ki sugandh le ke mai baher niakl aaya. Baher to nikal aaya par apne loude ko sambhalna mushkil ho raha tha. Bohot zor se akad gaya tha aur pant ke ander badi mushkil se sama raha tha. Mai turant apne room mai aaya aur apne bechain lund ko pant mai se nikal ke masturbate kia. Uski cream nikalne ke baad thoda shant hua tab baher aaya. Mera sara badan kaam vasna ki aag mai jal raha tha. Phir khayal aaya ke Chanchal abhi botho choti hai aur yeh achi baat nahi hai to apne aap ko control kar lia….
Yeh ghatna uss time ki hai jab mai B.Com ke First Year ko clear kar ke second year mai aaya tha. Garmi bohot pad rahi thi. Chanchal ki maa Komal apne kisi frnd ke pas milne gai hui thi. ghar ka kaam kaaj karne wale ladkian apne apne kaam mai lagi hui thi.
Jaisa ke pehle bata chukka hu ke ghar bohot hi bada hai aur uske ander kamre bhi bohot hain. Thode se hi kamre istemal mai aate hai baki ke kamre kisi bhi guest waghaira ke liye ready rehte hain. Kisi kamre ko store banaya hua hai. kisi ko kisi ki khabar nahi hoti ke koun kaha hai aur kis kamre mai ja raha hai ya kamre ke ander kia kar raha hai ya kamre ke ander kia ho raha hai..
Mai baher se ghar ke ander aaya aur apne kamre mai jaane hi wala tha ke mujhe first floor se aisi awaz ayi jasie koi bohot pain se karaah raha ho. Aaahhhhhh ooooooffffffffff eeeeeehhhh jaisi awazein aa rahi thi. Mai dabe paun ooper jaane laga. Abhi thodi si hi seedhiyan ooper chadha tha ke mujhe first floor ke hall mai jo designs bane hue hai khoobsoorti ke liye jahan hawa ke liye gaps bane hue hain uss mai se dikhai dia ke Chanchal sofe ke edge pe baithi hai, uski tangein phaili hui hain, as usual chota sa skirt pehne hue hai, aur apni choot ka massage kar rahi hai..
kaam karne wali ladkian neeche hi apne apne kaam mai busy thi aur ooper chanchal akeli thi. uski aankhein masti mai band thi aur apni ungli ko zor zor se chala rahi thi lagta that ke uska massage final stage mai hai. woh apne chutad uchal uchal ke maze le rahi thi. Mujhe itna clear nahi dikh raha tha ke usne
apni choot ke suraakh mai ungli dali hui hai ya aise hi apni choot ke daane (clitoris ) ka massage kar rahi hai.
uski ungli full speed se chal rahi thi aur suddenly uske muh se aaagghhh uuuuuhhhhh aaaaaaaaahhhhhhhh ki awaazein nikli aur woh shant ho gai. Thodi der tak uski aankhein band hi rahi aur woh gehri genri saanse lene lagi aur phir sofe pe aise padi rahi jaise badan mai jaan hi nahi ho.
Mera louda phir se akad gaya ab to mann kar raha tha ke turant ooper jaun aur uski choot mai apna louda ghused ke uski brand new choot ko chod chod ke phaad dalun. Mai ne phir se apne aap ko control kia aur neeche aa gaya. Iss time chanchal ko pata nahi chala ke mai ne usko dekh lia hai. sara din mujhe chanchal kuch alag alag si lagi. Kuch naya tha uske chehre pe mujhe samajh nahi aa raha tha ke kia naya hai laikin kuch hai zaroor.
Usi din sham ko jab mai Komal ko lene ke liye uske friend ke ghar jaane wala tha to Chanchal ne kaha ke woh bhi ayegi. Mai ne kaha chalo. Phir ham dono Maruti mai baith ke chanchal ki mummy ko lene chale gaye.
Wapas aane ke time pe Raaste mai Chanchal ne kaha ke who bhi car chalana seekhna chahti hai. Mai ne to kuch nahi kaha par Komal boli ke chal abhi tu bohot choti hai jab thodi aur badi ho jayegi to seekh lena. Bass mana kia karna tha ke Chanchal ki chanchalta machal gaii aur usne zid karni shuru kardia ke who to seekhegi.
Ghar pohochte hi usne apne daddy ko phone kia aur kaha ke woh car chalana seekhna chahti hai. phir dono mai kia baatein hui mujhe nahi pata aur phir Chanchal ne turant phone mere hath mai thama dia. Sait sahib keh rahe the ke arey Raja !!! Chanchal ko filhaal thoda sa steering sambhalna hi sikha do baad mai drive karna seekh legi. Sait saheb ne khud hi sujhao dia ke sham ko town se baher nikal jao waha traffic nahi hoti khuli straight sadak hai aur badi badi khuli jagah bhi hai wahi sikha dena. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Mai ne kaha theek hai sait saheb aap kehte hai to aaj hi le jata hu. Woh bole ke haa theek hai abhi sham baki hai ek aadh ghanta ghuma ke le aao. Mai ne kaha theek hai aur phir Chanchal se kaha ke chai pi ke chalte hai. woh rasoi mai gai aur ladki ko chai nikalne ka keh ke aa gai. Thodi der mai chai table pe lag
chuki thi. Komal bhi fresh ho ke aa gai thi mai bhi apne room mai ja ke fresh ho gaya aur table pa aa gaya. Sab ne chai pi sath mai phir mai ne komal se kaha ke sait saheb ne kaha hai ke chanchal ko steering sambhalna hi sikhadu pehle. Komal ne muskurate hue kaha theek hai jao mai kia keh sakti hu yeh hai na apne papa ki ladli mana liya hoga apne papa ko.
Sham ka samay tha, mousam thoda sa acha ho gaya tha. dopeher jitni garmi nahi thi aur halki halki si thandi hawa bhi chal rahi thi. Mai Boxers shorts aur T-shirt pehen ke aaya chanchal as usual apne mastane dress mai thi wohi chota sa skirt aur blouse type ka top.
Mai aur Chanchal dono car mai the aur car ko town se baher nikal ke ek gaon ko jaane wali choti road pe turn kar lia jaha koi car ya truck nahi chalte the. Sunsaan si sadak thi. waha se hardly ko car guzar jati. Apne town se jab Lag bhag 4 - 5 kilometer baher nikal gaye to mai ne chanchal se kaha ke mere nazdeek aa jao aur try karo. Woh mere paas khisak ke aa gai. Maruti mai Bucket type seats hone ki wajah se use cross ho ke baithna pad raha tha to mai ne car ke boot mai se ek cushion nikal lia jisko dono seats ke beech mai rakh ke baithne ki jagah bana li.
Ab chanchal mere bohot kareeb baithi thi aur mai bhi aur thoda sa car ke door ki taraf khisak gaya ta k usko achi grip mil jaye. Par uske liye phir bhi mushkil ho rahi thi to usne kaha ke Raja mujhe apne godi mai bitha lo na. Iss tarah se mai straight baith sakugi aur road bhi clear nazar ayegi. Mai uske proposal ko sun ke dangg reh gaya aur kuch nahi bola to shaed usne samjha ke mai uski baat se sehmat hu to woh apni ek tang mere ooper se dal ke doosri taraf kar ke mere godi mai baith gai. Uske baith te hi mere badan mai jaise current laga aur current direct lund mai ghusa aur lund mai hal chal shuruho gai.
Car bohot dheemi gati se chal rahi thi. Chanchal ko bhi achi position mil gai thi aur woh meri godi mai easy baithi thi.
Woh to easy baithi thi par mere Lund ka bura haal tha. Mera Lund mere shorts ke ander akad gaya tha; pata nahi Chanchal ko mehsoos ho raha tha ya uska dhyaan road aur steering pe tha. Meri saansein tezi se chalne lagi. dil chah raha tha ke car rok ke Chanchal ko back seat pe lita ke ko khoob chdoon chodte chodte uski choti si choot ko phaad dalu.
Mere hath uske hath ke ooper the aur uske chuchion ko bhi thoda thoda touch kar rahe the. Main kabhi kabhi apne hath steering se hata leta taa ke woh khud bhi control kar sake. Aise samay mai mei apne hath uske thighs pe rakh leta tha. Uff kia bataoon kitne chikne makkhan jaise thighs hai uske. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Aaj pehli bar uske thighs ko hath lagane ka mouka mila tha aur hath lagte hi mere lund ka to bura haal ho gaya. Shorts ke ander machalne laga aur Lund ka supada shorts ke samne se baher nikal pada aur naked supada bhi uski choot ke kareeb hi thighs ke portion mai touch karne laga.
Mai ne dheere dheere se apna hath uski thighs pe ghumana shuru kia. Pehle to uska dhyan mere lund pe nahi gaya par jaldi hi usko mehsoos ho gaya ke mere lund ka supada uski choot ke paas hai aur usko mere hath ka touch bhi feel hua to automatically us ne apne tangein aur phaila di. Aisa laga ke jaise choot aur lund mai koi secret connection ho aur Lund ke swagat mai choot ready ho. Mai thoda sa aur aage khisak gaya to woh bhi apne chutadon ko thoda sa utha ke apne aap ko meri godi mai adjust kar lia aise ke mera lund uski choot ke saamne aur dono tangon ke beech mai ho gaya. Ab mera dhyaan usko car sikhane mai kam aur chodne mai ziada ho gaya. Par dar bhi lag raha tha ke abhi woh itni choti hai agar kuch ho gaya to bohot mushkil ho jayegi par kia karu Akda hua Lund aur Bechain Dill dono machal rahe the.
Chanchal ne apna ek hath steering se hata ke apni jhang pe lagaya to use mere lund ka supada hath laga. Usne poocha Raja yeh kia hai. mai kuch nahi bola aur chup raha to woh shararat se has padi aur mere lund ke supade ko daba dia. Mai samajh gaya ke ab mai kuch aur khel khel sakta hu to mai ne apna hath uski thighs pe ghumaate ghumaate uske choot pe laga dia. Mera hath lagte hi turant uske muh se ek siskari nikal gai tabhi usne apni tangon ko aur khol dia taake mai uski choot ki malish achi tarah se kar saku. yeh kahani the great warrior ki likhi hui hai. Mai uske choot ki maalish kar raha tha aur ek hath uske blouse mai dal ke uski mast chuchion ko pakad lia. haii kia wonderful chuchian thi uski. Baher se dekhne mai utni badi nahi lagti thi uski chuchian magar ander hath dal ke jab pakda to pata chala ke chuchian aur uska complete area mila ke to woh mere hath mai bhar gai thi. Wow. Itni lovely chuchian bohot sakht jaise koi chota sa kaccha aam ho. Bada aanand aa
raha tha uski chuchian dabane mai.woh bhi maze le rahi thi aankhein band kar ke.
Dono ki saansein gehri ho gai thi. uska hath mere lund pe tha aur meri ungli uski choot ka massage kar rahi thi kabhi uski choot ke daane ka massage to kabhi choot ke ander lips ka.
Mai ne car ko sadak se neeche utar lia aur bade bade pedon (trees) ki aad mai rok dia.
Sham ziada ho gai thi aur halki halki darkness hone lagi thi.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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