Monday, April 26, 2010

Kamuk kahaaniya -"छोटी सी भूल --10

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"छोटी सी भूल --10

गतांक से आगे ..............................
.....

वो फिर बोला, मेरा अपनी गांद में लेने के बाद क्या तेरा मन अपनी चूत में लेने का नही किया ?


मैं समझ नही पा रही थी कि बिल्लू को कैसे जवाब दू, ऐसे में कुछ भी कहना ठीक नही था. उसकी बेशर्मी बढ़ती जा रही थी.


उसने फिर से पूछा, बता ना अब तेरा मन क्या कह रहा है, क्या तू मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती है.


मैने गुस्से में कहा में कुछ नही चाहती तुम यहा से चले जाओ.


वो मुस्कुरा कर बोला, तू झूट बोल रही है, तेरा मन मेरा लंड लेने के लिए मचल रहा है

मेरे मूह से अचानक निकल गया, तो फिर मुझ से क्यो पूछ रहे हो.


वो बेशर्मी से बोला, बस यू ही कन्फर्म कर रहा था.

मैने कहा, तो हो गया कन्फर्म.

वो बोला, अगर तेरा इतना मन है तो मैं तेरी मार लेता हूँ.

मैने गुस्से में कहा मुझ पर झुटे इल्ज़ाम मत लगाओ, मेरा कोई मन नही है.


वो हंसते हुवे बोला, अभी देख लेते है.

उसने अपनी एक उंगली अचानक मेरी योनि में गुस्सा दी, मैं हड़बड़ा कर रह गयी.


उसने अपनी उंगली निकाली और मुझे दिखाते हुवे बोला, ये देख तेरी चूत अंदर से कितनी चिकनी हो गयी है, अब बता किशका मन नही है.


मैने कहा, क्या तुम्हारा मन नही है.


वो बोला, है, मेरा तो तेरे से भी ज़्यादा मन है, मैं तो बस तेरी झीजक दूर कर रहा था.

अगर तुझे बुरा लग रहा है तो सॉरी.

मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर बिल्लू कैसा इंशान है, पर जब उसने मुझे सॉरी कहा तो मैं उशके लिए भावुक हो गयी.


पर वो फिर से शरारती अंदाज़ में बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं तेरी चूत में नही डालूँगा.


मैं जानती थी कि वो डालने के लिए बिल्कुल तैयार था पर जानबूझ कर ऐसी बाते कर रहा था.


मैने कोई जवाब नही दिया.


वो बोला, जब तक तू नही कहेगी मैं यू ही बैठा रहूँगा.


मैने मन ही मन बिल्लू को ढेर सारी गालिया दी. मैं समझ नही पा रही थी कि आख़िर वो ऐसा क्यो करता है.

उसने पूछा, बताओ अब क्या करूँ. ?


मैने झीज़कते हुवे कहा, जैसा तुम चाहो कर लो मुझ से बार बार क्यो पूछते हो, कोई आ जाएगा, जल्दी करो जो करना है.


वो बोला, मैं तो तेरी चूत मारना चाहता हूँ.

मैने गुस्से में कहा “तो मार लो”


पर ये कहने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैं क्या कह गयी. बिल्लू ने फिर से मुझे शरमाने पर मजबूर कर दिया था.


वो बड़ी बेशर्मी से बोला, जैसा तुम कहो, मैं मार लेता हूँ, पर वादा करो तुम खुल कर मज़ा लोगि, किसी बात की चिंता नही करोगी.

मैने पूछा, तुम्हे मेरी चिंता क्यो है ? तुम अपना काम करो.


वो बोला, एक सेक्स पार्ट्नर को खुद से ज़्यादा दूसरे की चिंता करनी चाहिए तभी सेक्स सुन्दर बन पाता है.


ये सुन कर मैं हैरान हो गयी.


ऐसा लग रहा था जैसे कि वो मुझे काम्सुत्र का कोई पाठ पढ़ा रहा हो.

पर ये सच था कि उसकी बात मुझे दिल में छू गयी.


मुझ से रुका नही गया और मैने बोल ही दिया, तुम शुरू करो मैं खुद खो जाउन्गि, मेरा खोना ना खोना मेरे बस में नही है.


मैं उसे कहना चाहती थी कि काश तुम मेरे पति होते तो मेरे खोने का सवाल कभी नही उठता

पर मैं ये सोच कर रुक गयी कि संजय ने भी तो मुझे खुश रखने में कोई कमी नही रखी है फिर में ऐसी बात क्यो सोचूँ.


बिल्लू ने अपने लिंग को मेरी योनि के होल पर रख दिया और बोला, देख कितने प्यार से किस कर रहें है दोनो.


मेरे शरीर में बीजली की ल़हेर दौड़ गयी.
मैं आँखे बंद कर के उस पल में खो गयी, उसका लिंग मेरी योनि के होल पर गरम गरम महसूष हो रहा था.

वो बोला, अरे वाह तू तो अभी से खो गयी, मुझे बहुत अछा लग रहा है तुझे यू खोते देख कर.


मैने कहा, ये सब तुम्हारे कारण है.


वो बोला, मैं तो तेरे हुश्न का गुलाम हू. मेरे कारण अगर तुम खो पाती हो तो इस से बढ़ कर मेरे लिए कुछ नही.


मैं बिल्लू से कहना चाहती थी की धीरे धीरे डालना, मुझे दर्द होगा, पर मैं समझ नही पा रही थी कि कैसे कहु.


पर मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नही पड़ी.


बिल्लू ने बहुत धीरे धीरे मेरी योनि के अंदर अपना आधा लिंग सरका दिया.

मुझे दर्द तो हो रहा था पर इतना नही की मैं सह ना पाउ.

वो बोला, दर्द तो नही है.


मुझे ना जाने क्या हो गया, मैने उसकी और प्यार से देख कर कहा, नही, डाल दो, मैं सह लूँगी.


ये सुनते ही उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.


मैं अब दर्द से चीन्ख पड़ी आबीयेयायीयियीयैआइयैयियैयीयैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी इतनी ज़ोर से डालने को नही कहा था.


वो बेशर्मी से बोला, पर तूने कहा था कि मैं सह लूँगी.


मैं शर्मा कर रह गयी.

मैने कहा, तुम बहुत बदमाश हो.


वो बोला, वो तो मैं हू, पर जैसा भी हूँ तेरा देवाना हूँ.

बिल्लू पूरा मेरे उपर झुक गया, और मेरे होंटो को अपने होंटो में ले कर चूसने लगा.


वो मेरे अंदर पूरा समाया हुवा था और उसी पोज़िशन में मेरे होंटो को चूस रहा था.


में भी मदहोशी में उसकी किस का जवाब दे रही थी.

वो पल मुझे बहुत प्यारा लग रहा था.


थोड़ी देर बाद बिल्लू मेरे होंटो को छोड़ कर बोला, मारना शुरू करूँ अब.

मैने कहा, तुम नही सुधरोगे.


वो बेशर्मी से बोला, तो बताओ ना, मारना शुरू करूँ क्या.


मैने शरमाते हुवे कहा, जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे.

वो बोला, ठीक है.

ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.

मैने चोंक कर पूछा, क्या हुवा ?


वो बोला, कुछ नही ये एक प्यारा खेल है, पूरा निकाल कर अंदर डालूँगा, देखना तुझे बहुत अछा लगेगा.


मैने कहा, तुम एक दम पागल हो.


उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया और बोला, तो देख पागल कैसे प्यार करता है.


मैं फिर से चीन्ख उठी, आबीयायेयीयियीयैआइयियैयीयियीयियी…अहह ज़रा धीरे से बिल्लू, मुझे दर्द हो रहा है.


वो बोला, सॉरी-सॉरी मुझे ध्यान ही नही रहा.

उसने फिर से लिंग बाहर निकाल कर धीरे से मेरे अंदर घुस्साया और बोला, इस तरह ठीक है.


मैने शरमाते हुवे कहा, मुझे नही पता.


थोड़ी देर तक बिल्लू यू ही करता रहा और मेरी बेचानी बढ़ती चली गयी.

मेरी साँसे इतनी तेज थी की मेरे पाशीने छूट रहे थे.
फिर अचानक बिल्लू अपना लिंग पूरा मेरे अंदर घुस्सा कर रुक गया और बोला, आआअहह कितना मज़ा आ रहा है, तुझे कैसा लग रहा है.


मैने कोई जवाब नही दिया, मैं बस उन पॅलो में खो गयी थी.


अचानक बिल्लू हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, मेरी साँसे फूलने लगी.


उसने पूछा, अब कैसा लग रहा है ?


मैने झीज़कते हुवे धीरे से कहा, पता नही, तुम करते रहो ना, मुझ से क्यो पूछते हो.

वो रुक गया और बोला, अरे मुझे पता कैसे चलेगा कि तुझे मज़ा आ रहा है कि नही.

मैने पूछा, क्या तुम्हे मेरी हालत से नही लगता कि मुझे कैसा लग रहा है.

वो बोला, वो तो ठीक है पर एक बार बोल कर बता देगी तो तेरा क्या चला जाएगा.

मैने कोई जवाब नही दिया.

बिल्लू फिर से धक्के लगाने लगा, पर इस बार उसकी स्पीड थोड़ी बढ़ गयी थी.

थोडा रुक कर उसने मेरे एक निपल को मूह में दबा लिया और फिर उसे चूस्ते हुवे मेरी योनि में तेज़ी से धक्के मारने लगा.


मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था, अब मेरी योनि और मेरे उभार दोनो एक साथ बिल्लू के हाथो का खिलोना बने हुवे थे.


ऐसा लग रहा था जैसे कि बिल्लू के अंदर कामदेव उतर आए है, मैं इस कदर मदहोश हो रही थी.


अचानक बिल्लू मेरे उभारो से हट गया और मेरी योनि से भी लिंग बाहर निकाल लिया.


मैने धीरे से पूछा क्या हुवा ?


वो बोला, कुछ नही, थोडा घूम जाओ तेरी पीछे से डाल कर मारूँगा.


मैने दीवार पर टॅंगी घड़ी में देखा तो पाया कि 12:45 हो रहे थे.


मैने बिल्लू से कहा वक्त कम है तुम ऐसे ही कर लो ना.

पर सचाई तो ये थी कि मुझे उसके आगे फिर से ऐसी पोज़िशन लेने में झीजक हो रही थी.

घर के पीछे उस दिन भी मुझे बहुत शरम आ रही थी.


वो बोला, अरे सोच क्या रही है, चल घूम ना, तुझे और ज़्यादा मज़ा आएगा, तुझे पता है ना डॉगी स्टाइल इंशान की सेक्स करने की सबसे नॅचुरल पोज़िशन है.


मैने पूछा, तुम क्या मुझे काम्सुत्र पढ़ा रहे हो ?


वो बेशर्मी से बोला, नही तुझे चूत देने की सबसे सेक्सी पोज़िशन बता रहा हू.


ये पोज़िशन मेरे लिए नयी नही थी, संजय अक्सर मुझसे इस पोज़ीशन में करते थे, पर मुझे कभी कुछ केश नही लगा था.


बिल्लू बोला, चल ना यार वक्त बर्बाद मत कर, उस दिन झाड़ियो में भी तो कुछ ऐसी ही पोज़िशन में किया था, अब क्या प्राब्लम है तुझे.


मैं झीज़कते हुवे उसके आगे डॉगी स्टाइल में आ गयी.


उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.
मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.


वो बोला, अभी भी दर्द है क्या.


मैने कहा, नही ठीक है, तुम जल्दी कर लो हमारे पास वक्त कम है.

उसने पूछा, कितना वक्त है.

मैने कहा, 1:30 बजे तक तुम्हे हर हाल में जाना होगा, चिंटू उसके बाद कभी भी आ सकता है.


वो बोला, ठीक है, तब तक तू आराम से मज़ा ले.

ये कह कर वो मेरी योनि में पीछे से धक्के मारने लगा.


मेरे उभार इस पोजीसन में बिल्लू के धक्को के कारण हवा में झूल रहे थे.

उसने पूछा, कैसा लग रहा है ?


मैने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया.


उसने मेरे कानो के पास आ कर पूछा, क्या आज फिर गांद मरवाना चाहोगी ?


मैने झीज़कते हुवे कहा, नही आज नही, तुम जल्दी से, जो कर रहे हो, वो ख़तम करो ना.


वो बोला, ठीक है, तुझे जल्दी का मज़ा चाहिए ना, ले संभाल फिर.


ये कह कर उसने बहुत तेज तेज मेरी योनि में अपना लिंग अंदर बाहर धकैलना शुरू कर दिया.


मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी.


मैने कहा, रूको, थोडा धीरे से करो.

पर वो नही माना और बोला, जल्दी ऐसे ही तो होगा, अब क्या तकलीफ़ है तुझे, तू मज़ा ले ना.


थोड़ी ही देर में मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मेरा मन और तेज़ी की चाहत करने लगा.
पर मैने बिल्लू से कुछ नही कहा.

मेरी साँसे और मेरी धड़कन बिल्लू के धक्को की तेज़ी के साथ कदम मिलाने की कोशिश कर रही थी


उसका लिंग मेरी योनि में इतनी तेज़ी से रगडे खा रहा था कि मुझ से होश संभालना मुस्किल हुवा जा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे में चक्कर खा कर गिर जाउन्गि.


बिल्लू की साँसे भी भड़क रही थी, उसने टूटे हुवे शब्दो में पूछा कैसा….. लग….. रहा…..है… अब.


इस बार मेरे मूह से निकल ही गया,
आ…आ….अक्चहाा……बहुत…आक्फया


वो बोला, तो यू ही मारता रहूं.


मैने कहा, जैसा तुम चाहो पर जल्दी करो.


बिल्लू बिना रुके थोड़ी देर तक यू ही उसी स्पीड में करता रहा.


बिल्लू का लिंग मेरी योनि की हर गहराई तक जा कर रगड़ लगा रहा था और मैं उसके हर धक्के का मज़ा ले रही थी.


उसने पूछा, बता कब तक मारु ?


मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, अब जल्दी ख़तम करो, मुझे घर का काम भी करना है.

बिल्लू ने अपनी स्पीड और ज़्यादा बढ़ा दी.


मेरी साँसे भी और ज़्यादा रफ़्तार पकड़ने लगी.


मेरे आनंद की कोई शीमा नही रही, इतना मज़ा आ रहा था कि मुझ से बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था.

अचानक मेरे शन्यम का बाँध टूट गया और मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, बिल्लू प्लीज़ रुक जाओ, अब सहा नही जा रहा.


वो फूलती हुई सांसो में बोला, बस थोड़ी देर और मारने दे.


मैने कहा, ठीक है पर जल्दी करो.


बिल्लू बहुत तेज तेज धक्के लगा कर अचानक रुक गया और मुझे अंदर से पूरा भिगो दिया.

मेरी योनि में इतना पानी इकट्ठा हो गया जैसे कि कोई समुंदर हो.


वो उशी हालत में मेरे उपर गिर गया.


मैं भी लड़खड़ा कर नीचे लेट गयी.

उसका लिंग अभी भी मेरी योनि में घुस्सा हुवा था.

1:30 बजने ही वाले थे, मैने बिल्लू से कहा, अब निकाल लो.


वो बोला थोड़ी देर और अंदर रहने दे ना.

मैने कहा, नही बिल्लू अब तुम्हे हर हाल में जाना होगा. मुझे कपड़े पहन कर काम भी करना है.


वो बोला, ठीक है, जैसी तेरी मर्ज़ी.

उसने धीरे से अपना लिंग बाहर निकाल लिया.


थोड़ी देर मैं यू ही पड़ी रही. मेरे हाथ पाँव जैसे काम करना बंद कर चुके थे.

ऐसा लग रहा था कि मैं उठ नही पाउन्गि.
ऐसा मेरे साथ पहले कभी नही हुवा था.


हिम्मत कर के मैं जैसे तैसे उठ गयी.

मैने चारो तरफ नज़र डोदाई तो पाया की मेरे कपड़े यहा वाहा बीखरे पड़े है.


बिल्लू मेरी तरफ देख कर बड़ी बेशर्मी से मुस्कुरा रहा था.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, तुम कपड़े पहन कर जल्दी जाओ ना यहा से.

मैने अपने कपड़े पहन लिए.

बिल्लू ने अपने कपड़े पहन कर पूछा, फिर कब मीलोगि.

मैने बिल्लू से पूछा, तुम मेरे साथ कोई खेल तो नही खेल रहे ?


वो बोला, तुझे क्या लगता है.

मैने कहा मुझे नही पता, हां पर तुमने मुझे अपने पति का गुनहगार बना दिया है, उन्हे पता चलेगा तो मैं क्या करूँगी, वो मुझे कभी माफ़ नही करेंगे.


वो बोला, तू चिंता मत कर जब वक्त आएगा तो देख लेंगे फिलहाल तू मज़ा कर.


मैने कहा, ये कोई मज़ाक नही है, तुम मेरे ही पीछे क्यो पड़े हो, इस सहर में क्या और लड़किया नही है.

वो बोला, लड़किया तो बहुत है पर तेरे जैसी कोई नही है, जो मज़ा तेरे साथ आता है वो किसी के साथ नही आ सकता.


मैने कहा, देखो अब तुम मेरा सब कुछ ले चुके हो, और तुम्हे क्या चाहिए, अब तुम मुझे भूल जाओ और किसी अछी से लड़की को देख कर शादी कर लो.


वो बोला, तू ऐसी बाते मत कर में तुझे नही भुला सकता.

मैने कहा, तुम समझते क्यो नही मैं शादी शुदा हूँ और अपने परिवार में खुश हूँ. मैं ये सब करके बहुत ज़्यादा गिल्ट से भर जाती हूँ, मैं घुट घुट कर नही जी सकती.


वो बोला, तुझे घुट कर जीने को कों बोल रहा है, तू खुल कर मज़े ले ना.


मैने कहा, तुम अब जाओ, तुम कभी नही समझोगे.


बिल्लू ने आगे बढ़ कर मेरे होंटो को चूम लिया और बोला, तो तुम समझा दो ना.


मैने कहा, तुम अब जाओगे या नही, या मुझे पूरी तरह बर्बाद करके जाओगे.


वो बोला, ठीक है मैं अभी जाता हू फिर कभी बात करेंगे.

मैने कुछ भी कहना ठीक नही समझा मैं उस वक्त उसे वाहा से भेजना चाहती थी, चिंटू की बस किसी भी वक्त आ सकती थी.


वो बोला, पहले तू बाहर झाँक कर देख ना कोई आस पास तो नही.


मैने बाहर देखा और बोली, कोई नही है, अब जाओ.

वो बाहर जाते हुवे बोला, आज तो मज़ा आ गया, तेरी बहुत याद आएगी.


मैने कोई जवाब नही दिया और दरवाजा बंद करके कुण्डी लगा ली.

मैं वापस बेडरूम में आकर अपने बेड पर गिर गयी.


मेरे तन बदन में अजीब सी घबराहट और बेचानी हो रही थी.


क्रमशः ............................................









आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj















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