Monday, April 19, 2010

रेप कहानिया मर्दों की दुनिया पार्ट--4

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मर्दों की दुनिया पार्ट--4
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
"सुमित तुम्हे कहीं ग़लत फहमी हुई है, में सच कहती हूँ कि शादी पर में कुँवारी थी, फिर चूत की झिल्ली की कोई अहमियत थोड़े ही है, झिल्ली तो किसी भी वजह से फट सकती है." मेने कहा. "हो सकता हो कि तुम सही कह रही हो... लेकिन चाहे जो हो जाए चूत एक दम कसी हुई रहती है... तुम्हारी चूत जैसी ढीली ढाली नही हो जाती." सुमित ने कहा. "अमित में भी सच कह रही हूँ में भी कुँवारी थी शादी के समय, याद है तुम्हे जब तुमने मेरी चूत मे पहली बार लंड घूसाया था तो दर्द के मारे मे कितना चिल्लाई थी?" अनु भी अपने बचाव मे बोली. "हां मेरी जान वो बात में कैसे भूल सकता हूँ, में तो बस यही कहना चाहूँगा कि तुम अदाकारा अच्छी हो पर इतनी बड़ी भी नही की मुझे बेवकूफ़ बना सको." अमित ने उसकी ओर देखते हुए कहा. मेने देखा कि घबराहट के मारे अनु के माथे पर पसीना आ रहा था, में भगवान से प्रार्थना करने लगी कि कहीं अनु अपना संतुलन ना खो बैठे जिस तरह उसने हमारी दीदी के सामने खो दिया था जब दीदी ने इल्ज़ाम लगाया था हम पर की हमने जीजा लोगों से चुदवाया है. "सुमित प्लीज़ विश्वास करो में कुँवारी थी...." मेने फिर से अपनी बात दोहराई. "तुम दोनो हमारी बात ध्यान से सुनो... हम दोनो बेवकूफ़ नही है.." सुमित ने कहा, शादी से पहले हमने कई लड़कियों को चोदा है और उसमे से कई कुँवारी लड़कियाँ भी थी इसलिए हमे मालूम है कि कुँवारी लड़की को चोदने मे कैसा महसूस होता है." "हां कुँवारी लेकिन की चूत कफी कसी हुई होती है तुम्हारी चूत जैसी ढीली नही. इसका मतलब है कि तुम दोनो ने शादी से पहले काफ़ी चुदवाया है, सही कह रहा हूँ ना भाई." अमित ने कहा. "हां तुम सही कह रहे हो." सुमित ने कहा, "इसलिए अच्छा होगा कि तुम दोनो हमे सब कुछ सच सच बता दो." अनु तो डर के मारे रोने लगी. मुझे लगा कि अनु कुछ कहने जा रही है इसलिए मेने उसे रोकने की कोशिश की.."अनु प्लीज़ कुछ मत...." लेकिन अनु ने मेरी बात सुनी नही. "सूमी में आज के दिन से डर रही थी." आँसू तार तार उसकी आँखों से बह रहे थे, "मुझे मालूम था कि एक दिन इन्हे पता चल जाएगा कि हम दोनो कुँवारी नही है और शादी से पहले चुद चुकी है." "अछी लड़की हो." कहकर अमित ने पानी जेब से उमाल निकाल कर अनु को पकड़ा दिया, "अब हमे सॉफ सॉफ बताओ कि तुम्हारी कुँवारी चूत किसने फाडी और तुमने शादी से पहले किस किससे चुदवाया था.' अनु उन दोनो को सब कुछ बताने जा ही रही थी कि मेने उसे बीच मे ही टोक दिया कि पता नही कि मौजदा हालात मे वो क्या क्या बक जाए. "अनु मुझे बताने दो," कहकर में अमित और सुमित को सब कुछ बताने लगी शुरू से, सिर्फ़ छुट्टियों में जो हमने दीदी के साथ किया था वो नही बताया. "अच्छा तो हमारे जीजा लोगो ने तुम्हारी चूत फाड़ने का मज़ा लिया है" सुमित ने पूछा. हम दोनो ने अपनी गर्दन हां मे हिला दी. "उन्होने तुम्हारी गांद भी मारी होगी?" अमित ने पूछा. हमने फिर हाँ मे गर्दन हिला दी. "तुम दोनो ने उनका लॉडा भी चूसा होगा? अमित ने फिर पूछा. हमने फिर हां कह दिया. "अच्छा है कि तुम दोनो ने हमे सब कुछ सच सच बता दिया." "जब हमने तुम्हे बता ही दिया है तो फिर इतना क्यों बात को बढ़ा रहे हो? अनु ने पूछा. "हमने तो तुम दोनो से कुछ भी नही कहा कि तुम दोनो ने शादी से पहले इतनी लड़कियों को चोदा है इस विषय पर." "मेर रानी... तुम ये भूल रही हो कि ये मर्दों की दुनिया है...." अमित ने हंसते हुए कहा, "हां अगर तुम जानना चाहो तो हम तुम्हे बता सकते है, लेकिन लिस्ट ज़रा लंबी है इसलिए टाइम लगेगा बताने मे." "नही रहने दो.. हमे कोई इंटेरेस्ट नही है." मेने कहा, "अब जब कि तुम दोनो सच्चाई जान ही चुके हो तो तुम दोनो का क्या इरादा है?" "हां हमे पहले ये बताओ क्या अब तुम दनो हमे तलाक़ देना चाहते हो?" अनु थोड़ा नर्वस होते हुए बोली. "अभी हम कुछ कह नही सकते, हम दोनो इस विषय पर बात करके तुम दोनो को खाने पर जब हम घर आएँगे तब बता देंगे." "सूमी मुझे माफ़ कर देना," अनु ज़ोर ज़ोर से रोते हुए बोली, "पता नही मुझे क्या हो जाता है." मेने उसे अपने गले से लगा लिया और उसे कुछ देर तक रोने दिया. "अनु मेरी बेहन प्लीज़ रोयो मत ये तुम्हारी ग़लती नही थी," मेने उसे सांत्वना देते हुए कहा, "अगर मेने धोके से उस दिन तुम्हारी चूत नही फदवाई होती तो कम से कम आज तुम तो कुँवारी होती." "ओह्ह्ह्ह सूमी," फिर हम दोनो एक दूसरे की बाहों मे कुछ देर तक रोते रहे. "ये हमारा समाज अच्छा नही है," अचानक अनु ने अपने आप को मुझसे अलग करते हुए कहा, "एक मर्द शादी से पहले चाहे हज़ार लड़कियों कोचोदे उन्हे कोई कुछ नही कहता, लेकिन अगर लड़की शादी से पहले किसी से चुदवा ले तो उसका जीना हराम कर देते है." "ये जिंदगी है अनु, "मेने उससे कहा, "जैसे अमित ने कहा कि ये मर्दों की दुनिया है, यहाँ मर्द नियम बनाता है और औरतों को उन्हे निभाना पड़ता है. "सूमी अब हम क्या करेंगे?" अनु ने पूछा, "अगर हमारे मा पिता को पता चल गया तो वो तो हमे जान से ही मार देंगे." "चिंता मत करो जो होगा अच्छा ही होगा," मेने जवाब दिया, "पहले हमे ये तो पता चले कि वो दोनो अब करना क्या चाहते है?" "सूमी मुझे बहोत खुशी है कि तुम मेरे साथ हो? अनु मुझे गले लगाते हुए बोली. "सहेलियाँ होती ही इसलिए है?" मेने भी उसे गले लगा लिया. दोपहर को खाने के वक़्त अमित और सुमित घर पर आए. बिना किसी से कोई बात किए हम सभी ने साथ खाना खाया. खाना खाने के बाद अनु अपने आप को रोक ना सकी, "तो क्या सोचा है तुम दोनो ने?" अनु ने अमित से पूछा. "यही की फिलहाल तो हम तुम दोनो को तलाक़ नही देंगे." अमित ने हंसते हुए कहा. "शुक्र है भगवान का." अनु एक गहरी साँस लेते हुए बोली. "अभी हमारी बात ख़तम नही हुई है.' अमित ना कहा. "हम तलाक़ तभी नही देंगे जब तुम दोनो हमारी दो शर्तें पूरी कर दोगे?" "कैसी शर्तें?" मेने पूछा. "पहली शर्त तो ये है कि हम दोनो तुम दोनो की बहनो को चोदेन्गे." अमित ना कहा. "क्या कहा? आप हमारी बहनो को चोदना चाहते हो?" मेने चौंकते हुए कहा. "क्या हम ऐसा नही कर सकते? अरे जब तुम्हारे जीजा लोग हमारी बीवियों को चोद सकते है तो क्या हम उनकी बीवियों को नही चोद सकते?" अमित ने कहा. "और दूसरी शर्त क्या है? मेने पूछा. "दूसरी शर्त के बारे मे में तुम दोनो को समझाता हूँ," सुमित ने कहा, "हमारे समाज में जब किसी लड़के की शादी होती है तो उसे उमीद होती है कि सुहागरात की रात उसे कुँवारी चूत चढ़ने को मिलेगी, लेकिन ऐसा हमारे साथ तो हुआ नही, हमने चूत चोदि लेकिन चुदी चुदाई. तुम दोनो की चूत तो पहले ही हमारे आदरणिया जीजा लोग फाड़ चुके थे, इसलिए हमारी दूसरी शर्त ये है उन्हे हम दोनो के लिए किसी कुँवारी चूत का इंतेज़ाम करना होगा." "अब ये तो कोई शर्त नही हुई," मेने जवाब दिया, "पहली बात तो वो कुँवारी चूत का इंतज़ाम कहाँ से करेंगे, और अगर कोई लड़की उनकी नज़र मे होगी भी तो वो उसे तय्यार कैसे करेंगे?" "में तुम्हारी बात को समझता हूँ," सुमित ने कहा, "लेकिन ये उनकी समस्या है, और इसका हल भी उन्हे ही ढूंदना पड़ेगा." "अमित कुछ तो समझदारी की बात करो? जीजाजी तुम्हारी पसंद की कुँवारी चूत कहाँ से ढूंढ़ेंगे? अनु ने कहा. "हमारी कोई ख़ास पसंद नही है. वो कोई भी हो सकती है, कोई रिश्तेदार, सहेली कोई भी, या फिर घर की कोई नौकरानी पर हां उसकी चूत एक दम सील पॅक होनी चाहिए." अमित ने हंसते हुए कहा. अमित का ये कहना था कि नौकरणीयाँ भी चलेंगी मेरे दीमाग मे तुरंत एक ख़याल आया, "अगर में तुम दोनो के लिए कुँवारी चूत का इंतेज़ाम कर दूँ तो? मेने पूछा. "चाहे कोई भी इंतेज़ाम करे, हमे क्या फरक पड़ता है, बस हमारा तो बदला पूरा होना चाहिए, हाथ के बदले हाथ आँख के बदले आँख और चूत के बदले चूत " अमित ने कहा. "अगर ऐसी बात है तो तुम दोनो मोना और रीमा को चोद दो, उनकी चूत भी अभी तक कुँवारी है." मेने खुश होते हुए कहा. हा! हा! हा! दोनो जोरों से हँसने लगे. तुम ये कहना चाहती हो कि हम मोना और रीमा की चूत चोदे और तुम ये समझती हो कि उनकी चूत कोरी है." अमित और सुमित दोनो हंसते हुए बोले. "हां में यही कहना चाहती हूँ, मुझे पक्का विश्वास है कि दोनो की चूत एक दम कोरी है." अनु थोड़ा चिंतित स्वर मे बोली. "मेरी जान तुमसे शादी होने के कई महीने पहले हम दोनो उनकी कुँवारी चूत फाड़ चुके है." सुमित हंसते हुए बोला. "हो नही सकता? में तुम्हारी बात पर विश्वास नही करती." मेने कहा. "अगर विश्वास ना हो तो तुम खुद उन्ही से पूछ लो? वो भी यही कहेंगी." अमित अभी भी हंस रहा था. "में अभी पूछती हूँ." मेने कहा. "ठीक है देवियों तुम दोनो उनसे पूछते रहना और हम चले ऑफीस हमे काम है." सुमित ने कहा, "हां एक और बात जब तक हमारी शर्तें पूरी नही होती हम अलग अलग कमरे मे सोएंगे, तुम दोनो मेरे कमरे मे सोवोगि, और में और अमित उसके कमरे मे." "तुम दोनो ऐसा नही कर सकते, अब ये तो ज़्यादती है." अनु लगभग चिल्लाते हुए बोली. "अगर तुम दोनो हमारे साथ नही सोवोगे तो फिर रात मे चोदोगे किसे?" मेने पूछा. "किसी कोक्या मोना और रीमा है ना चोदने के लिए." सुमित मुस्कुराते हुए बोला. "हमारी नौकरानियों को चोदोगे, क्या हमारी इज़्ज़त की कोई परवाह नही है?" अनु ने शिकायत करते हुए कहा. "अब क्या करें इन सबके ज़िम्मेदार तुम लोग हो?" कहकर वो दोनो ऑफीस चले गये. "हे भगवान वो दोनो हरामजादिया दीखने मे तो कितनी मासूम और भोली लगती है." अनु ने गुस्से मे कहा, "मुझे तो विश्वास नही हो रहा है कि हमारी पीठ पीछे वो दोनो हमारे पति से चुदवायेन्गी." "अनु हमारे पतियों को दोष देने से पहले उन दोनो से पूछ तो लें?" मैने अनु से कहा. "सूमी मेरे मन मे एक बात आई है." अनु मेरे कान मे धीरे से बोली, "अगर ये दोनो कुतिया हमारे पति को खुश कर सकती हैं तो क्यों ना हम भी उनके साथ मज़ा करें?" "तुम्हारा मतलब है कि उनसे अपनी चूत चूस्वएँ?" मेने पूछा. "और क्या कर सकते है, जब तक हमारे पति देव की शर्तें पूरी नही होती हमे तो बिना लंड के रहना पड़ेगा ना... तो क्यों ना उनकी जीब का ही मज़ा उठाया जाए." अनु ने कहा. "और अगर उन दोनो ने मना कर दिया तो? मेने कहा. "एक तो वो मना करेंगी ही नही... और अगर किया तो हम उन्हे धमका देंगे कि हम मम्मीजी से कह देंगे कि इन्होने हमारा हुकुम नही माना."" अनु ने कहा. "हां वो दोनो मम्मीजी से पहले से ही काफ़ी डरती हैं, और ये डर उन्हे मजबूर करेगा वो सब करने के लिए जो हम कहेंगे." मेने कहा. "साथ ही हम अपने पुराने सपने को पूरा करेने की कोशिश करेंगे.... याद है शादी के पहले वो फूटबाल वाली बात." अनु ने ताली बजाते हुए कहा. "अनु तुम्हारा जवाब नही." मेने उसे गले लगाते हुए कहा. "चलो पहले पता कर लेते हैं कि हमारे पति सच बोल रहे हैं कि नही." अनु ने कहा. "हां चलो हम उनसे हमारे कमरे मे ले जाकर पूछेंगे." मैने कहा. "हां लेकिन पहले मुझे अपना नाइट गाउन पहन लेने दो जिससे अगर सब कुछ हमारी सोच अनुसार हुआ तो मुझे चूत चोस्वाने मे आसानी होगी," अनु ने कहा, "में तो कहूँगी तुम भी कपड़े बदल लो." "हां ये सही रहेगा," मेने भी खुश होते हुए कहा, "थोड़ी देर मे मेरे कमरे मे मिलेंगे." कहकर में अपने कमरे की ओर बढ़ गयी कपड़े बदलने के लिए. "हां सूमी में आती हूँ.... लगता है हमे भी साथ साथ सोने की आदत डालनी होगी," अनु ने कहा. जब हम दोनो मेरे कमरे मे मिले तो मेने मोना और रीमा को अपने कमरे मे बुलाया. "हम दोनो तुम दोनो से कुछ पूछना चाहते हैं और हमे सच सच जवाब चाहिए उसका." मेने कहा. "दीदी हम वादा करते हैं कि सच सच जवाब देंगे." दोनो ने साथ साथ कहा. "क्या तुम दोनो कुँवारी हो? मेने पूछा. थोड़ी देर तक दोनो हम दोनो के चेहरे की तरफ देखती रही फिर मोना ने कहा, "नही दीदी हम कुँवारी नही हैं." "तुम्हारी चूत किसने फाडी?" अनु ने पूछा. "छोटे मालिकों ने" रीमा ने शरमाते हुए कहा. "तुम्हारा मतलब है सुमित और अमित ने?" मेने पूछा. दोनो ने अपनी गर्दन हां मे हिला दी. "कब फाडी तुम दोनो की चूत" मेने अपनी जारी रखते हुए पूछा. "आज से करीब आठ महीने पहले." मोना ने जवाब दिया. "क्या उन दोनो ने तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती की थी," अनु ने पूछा. "नही छोटे मालिक ने ऐसा कुछ नही किया था," रीमा ने तुरंत कहा, "ये तो हमारी किस्मत थी कि बस हो गया." "इसका क्या मतलब हुआ, हमे सब शुरू से बताओ की ये सब कैसे हुआ?" मेने पूछा. "दीदी बड़ी लंबी कहानी है." मोना ने कहा. "कोई बात नही, बहोत समय है हमारे पास सब शुरू से बताओ?" अनु ने कहा. "दीदी शायद आपको मालूम होगा कि में और रीमा चचेरी बेहन है. में रीमा से दो दिन बड़ी हूँ." मोना अपनी कहानी सुनाने लगी, "हमारे विरोध करने के बावजूद हमारे पिताजी हमारे 18 वे जनमदिन पर हमे बड़े मालिक के पास ले गये. उस दिन बड़े मालिक, मालकिन, और चाचू कमरे मे मौजूद थे." मेरे पिताजी भानु ने मालिक से कहा, "मालिक ये मेरी बेटी मोना है, और ये दूसरी शामऊ की बेटी है." "आज दोनो पूरे 18 की हो गयी हैं," शामऊ... रीमा की पिता ने कहा. "मुबारक हो! बड़े मालिक ने कहा फिर चाचू की तरफ घूमते हुए बोले, "चाचू हमारे मॅनेजर से कहो कि इन दोनो को कोई बढ़ियाँ सा उपहार दे दें." "नही मालिक," मेरे पिताजी ने कहा, "हम इन्हे कोई उपहार की लालच मे यहाँ नही लाए है." "फिर यहाँ क्यों आए हो? मालकिन ने कहा, "सीधे सीधे कहो और हमारा समय मत बर्बाद करो?" "जी मालकिन" शामऊ ने कहा, "ये हमारी हाथ जोड़ कर आपसे प्रार्थना है की आप इन दोनो को अपनी सेवा मे ले लें." मालिक हँसने लगे, "में मानता हूँ कि ये दोनो बहोत प्यारी हैं लेकिन मेरे पास पहले से ही कई नौकरणीयाँ है मेरी देखभाल के लिए." "मालिक ये दोनो आपको बहोत सुख देंगी... .में सच कहता हूँ आज तक किसी मर्द ने इन्हे छुआ तक नही है. इनकी मा मुझसे कहती है कि इनका बदन इनके चेहरे से भी प्यारा है." मेरे पिताजी ने कहा. "हां मालिक आप अपनी आँखों से देख ले," फिर शामऊ चाचा ने हमारी ओर घूमते हुए कहा, "तुम दोनो अपने कपड़े उतार कर मालिक को ज़रा अपना प्यारा बदन तो दीखाओ." हम दोनो इस बात के लिए तय्यार नही थे, लेकिन बड़ों की आग्या तो माननी ही थी इसलिए हम अपने ब्लाउस के बटन खोलने लगे. "नही नही कपड़े उतारने की ज़रूरत नही है," तभी मालिक ने कहा, "शामऊ मुझे तुम्हारी बात पर विश्वास है." "शक्रिया मालिक, जो आपने हमे सेवा का मौका दिया." मेरे पिताजी मुस्कुराते हुए बोले. "पर मेने ये नही कहा कि में इन्हे अपनी सेवा मे रख लूँगा." मालिक ने कहा. "प्लीज़ मालिक ना मत कहिएगा, हम बड़ी उमीद लेकर आपके पास आए थे... अगर आप ना करेंगे तो हमारा दिल टूट जाएगा." कहकर पिताजी और शामऊ चाचू दोनो मालिक के कदमों मे गिर पड़े. "भानु और शामऊ मेरी बात ध्यान से सुनो... में पहले ही तुमसे कह चुका हूँ...." मालिक कहने जा रहे थे लेकिन मालकिन ने उन्हे बीच मे टोक दिया. वो कहने लगी, "शमशेर इनका दिल मत तोडो और लड़कियो को अपनी सेवा के मे रख लो. इनके शरीर से मज़ा लेने के बाद तुम दोनो को खेतों मे काम करने के लिए भेज देना या फिर इन्हे किसी और के पास भेज देना." "हां ये ठीक रहेगा," मालिक ने कहा. "हां मालिक ये दोनो आपकी जागीर है, जो आपका दिल करे इनके साथ करें." पिताजी खुश होते हुए बोले, "आप इनके साथ मज़े करें, इन्हे मारिए या इनकी चॅम्डी उधेड़ दें ये कुछ नही कहेंगी.. जो आपकी मर्ज़ी हो सो करें." "ठीक है, आज से ये दोनो लड़कियाँ मेरी सेवा मे रहेंगी." मालिक ने कहा. "शुक्रिया मालिक, बहोत बड़ा एहसान कर दिया अपने हम पर." शामऊ चाचा मालिक के कदमो मे झुकते हुए बोले. "क्या कहते हो चाचू" है ना दोनो बहोत प्यारी." मालिक ने हमारे बदन को घूरते हुए कहा. "तो भैया आपने क्या सोचा फिर इन दोनो के बारे मे?" चाचू ने बड़े मालिक से पूछा. "में भी वही सोच रहा हूँ." मालिक सोचने लगे, थोड़ी देर सोचने के बाद बोले, "चाचू अगर आप इन्हे रखना चाहें तो रख सकते हैं." "भैया मेरे कहने का मतलब ये नही था." चाचू ने जवाब दिया. "चाचू अगर मेरी याददाश्त सही है तो इन दोनो की मा की कुँवारी चूत तुमने ही फाडी थी," मालिक अपनी आँखे मटकाते हुए बोले, "अब तुम इन दोनो की भी कुँवारी चूत फाड़ दो फिर मा और बेटी दोनो को साथ साथ चोदना बहोत मज़ा आएगा." "हां आप सही कह रहे हैं लेकिन अब मेरी उमर नही रही कुँवारी लड़कियों की चूत फाड़ने की, इनके लिए तो कोई जवान लड़के होने चाहिए," चाचू ने कहा. "भैया ऐसा क्यों नही करते इन्हे अपने दोनो जुड़वाँ बच्चो को दे दीजिए, अब वो बड़े हो गये हैं और उन्हे भी पर्सनल नौकरानी चाहिए." "सुझाव तो तुम्हारा बहोत अच्छा है, में भी यही सोच रहा था." मालिक ने कहा, "मोना सुमित के पास जाएगी और रीमा अमित के पास. शांति तुम आज से इन दोनो लड़कियों की ज़िम्मेदारी संभालॉगी जब तक कि हमारे बच्चे वापस नही आ जाते. ध्यान रहे ये दोनो लड़कियाँ कोई शैतानी ना करे? मालिक ने मालकिन से कहा. mardon ki duniya paart--4 "Sumit tumhe kahin galat fehmi hui hai, mein sach kehti hun ki shaadi par mein kunwari thi, phir choot ki jhilli ki koi ahmiyat thode hi hai, jhilli to kisi bhi wajah se fat sakti ha." meine kaha. "Ho sakta ho ki tum sahi keh rahi ho... lekin chahe jo ho jaye choot ek dam kasi hui rehti hai... tumhari choot jaise dheeli dhaali nahi ho jaati." Sumit ne kaha. "Amit mein bhi sach keh rahi hun mein bhi kunwari thi shaadi ke samay, yaad hai tumhe jab tumne meri choot me pehli bar lund ghoosaya tha to dard ke mare me kitna chillayi thi?" Anu bhi apne bachav me holi. "Haan meri jaab wo baat mein kaise bhool sakta hun, mein to bas yahi kehna chahunga ki tum adakaara acchi ho par itni badi bhi nahi ki mujhe bewkoof bana sako." Amit ne uski aur dekhte hue kaha. Meine dekh ki ghabrahat ke mare Anu ke mathe par paseena aa raha tha, mein bhagwan se prarthna karne lagi ki kahin Anu apna santulan na kho baithe jis tarah usne hamari didi ke samne kho diya tha jab didi ne iljaam lgaaya tha hum par ki humne jija logon se chudwaya hai. "Sumit please vishwaas karo mein kunwari thi...." meine phir se apni baat dohrai. "Tum dono hamari baat dhyaan se suno... hum dono bewkoof nahi hai.." Sumit ne kaha, shaadi se pehle hamne kai ladkiyon ko choda hai aur usme se kai kunwari ladkiyan bhi thi isliye hame maalum hai ki kunwari ladki ko chodne me kaisa mehsus hota hai." "Haan kunwari lakiyn ki choot kfi kasi hui hoti hai tumhari choot jaise dheeli nahi. Iska matlab hai ki tum dono ne shaadi se pehle kafi chudwaya hai, sahi keh raha hun na bhai." Amit ne kaha. "Haan tum sahi keh rahe ho." Sumit ne kaha, "isliye accha hoga ki tum dono hame sab kuch sach sach bata do." Anu to dar ke mare rone lagi. Mujhe laga k Anu kuch kehne jaa rahi hai isliye meine use rokne ki koshish ki.."Anu please kuch mat...." lekin Anu ne meri baat suni nahi. "Sumi mein aaj ke din se dar rahi thi." Aansu tar tar uski aankhon se beh rahe the, "mujhe maalim tha ki ek din inhe pata chal jayega ki hum dono kunwari nahi hai aur shaadi se pehle chudwa chuki hai." "Achi ladki ho." kehkar Amit ne pani jeb se umaal nikal kar Anu ko pakda dee, "ab hame saaf saaf batao ki tumhari kunwari choot kisne phaadi aur tumne shaadi se pehle kis kisse chudwaya ha.' Anu un dono ko sab kuch batane jaa hi rahi thi ki meine use eech me hi tok diya ki pata nahi ki maujada halaat me wo kya kya bak jaye. "Anu mujhe batane do," kehkar mein Amit aur Sumit ko sab kuch batane lagi shuru se, sirf chuttiyon mein jo hamne didi ke sath kiya tha wo nahi bataya. "Accha to hamare jija logoon ne tumhari choot phaadne ka mazaa liya hai" Sumit ne pucha. Ham dono ne apni gardan haan me hila dee. "Unhone tumhari gaand bhi mari hogi?" Amit ne pucha. Humne phir haan me gardan hila dee. "Tum dono ne unka lauda bhi choosa hoga? Amit ne phir pucha. Hamne phir haan keh diya. "Accha hai ki tum dono ne hame sab kuch sach sach bata diya." "Jab hmne tumhe bata hi diya hai to phir itna kyon baat ko badha rahe ho? Anu ne pucha. "Hamne to tum dono se kuch bhi nahi kaha ki tum dono ne shaadi se pehle itni ladkiyon ko choda hai is vishay par." "Mer Raaani... tum ye bhool rahi hai ki ye MARDON KI DUNIYA HAI...." Amit ne hanste hue kaha, "haan agar tum janna chaho to hum tumhe bata sakte hai, lekin list jara lambi hai isliye time lagega ka batane me." "Nahi rehne do.. hame koi interest nahi hai." meine kaha, "ab jab ki tum dono sachai jan hi chuke ho to tum dono ka kya irada hai?" "Haan hame pehle ye batao kya ab tum dno hame talaq dena chahte ho?" Anu thoda nervous hote hue boli. "Abhi hum kuch keh nahi sakte, hum dono is vishay par baat karke tum dono ko khane par jab hum ghar aayenge tab bata denge." "Sumi mujhe maaf kar dena," Anu jor jor se rote hue boli, "pata nahi mujhe kya ho jata hai." Meine use apne gale se laga liya aur use kuch der tak rone diya. "Anu meri behan please royo mat ye tumhari galti nahi thi," meine use santwana dete hue kaha, "Agar meine dhoke se us din tumhari choot nahi phadwayi hoti to kam se kam aaj tum to kunwari hoti." "Ohhhh Sumi," phir hum dnono ek doosre ki bahon me kuch der tak rote rahe. "Ye hamara samajh accha nahi hai," achanak Anu ne apne aap ko mujhse alag karte hue kaha, "ek mard shaadi se pehle chahe hazaar ladkiyon kochode unhe koi kuch nahi kehta, lekin agar ladki shaadi se pehle kisi se chudwa le to uska jina haram kar dete hai." "Ye jindagi hai Anu, "meine usse kaha, "jaise Amit ne kaha ki ye MARDON KI DUNIYA HAI, yahan mard niyam banata hai aur aurton ko unhe nibhana padta hai. "Sumi ab ham kya karenge?" Anu ne pucha, "agar hamare maa pita ko pata chal gaya to wo to hame jaan se hi maar denge." "Chinta mat karo jo hoga accha hi hoga," meine jawab diya, "phele hame ye to pata chale ki wo dono ab karna kya chahte hai?" "Sumi mujhe bahot khushi hai ki tum mere sath ho? Anu mujhe gale lagate hue boli. "Saheliyan hoti hi isliye hai?" meine bhi use gale laga liya. Dopahar ko khane ke waqt Amit aur Sumit ghar par aaye. Bina kisi se koi baat kiye hum sabhi ne sath sth khana khaya. Khaane ke bad Anu apne aap ko rok na saki, "To kya soch hai tum dono ne?" Anu ne Amit se pucha. "Yahi ki filhal to hum tum dono ko talaq nahi denge." Amit ne hanste hue kaha. "Shukra hai bhagwaan ka." Anu ek gehri saans lete hue boli. "Abhi hamari baat khatam nahi hui hai.' Amit na kaha. "Hum talaq tabhi nahi denge jab tum dono hamare do shartein puri kar doge?" "Kaisi shartein?" meine pucha. "Pehli shart to ye hai ki hum dono tum dono ki behno ko chodenge." Amit na kha. "Kya kaha? aap hamari behno ko chodna chate ho?" meine chaunkte hue kaha. "Kya hum aisa nahi kar sakte? Are jab tumhare jija log hamari biwiyon ko chod sakte hai to kya hum unki biwiyon ko nahi chod sakte?" Amit ne kaha. "Aur doosri shart kya hai? meine pucha. "Doosri shart ke bare me mein tum dono ko samjhata hun," Sumit ne kaha, "Hamare samaj mein jab kisi ladki ki shaadi hoti hai to use umeed hoti hai ki suhagraat ki raat use kunwari choot chdne ko milegi, lekin aisa hamare sath to hua nahi, hamne choot chodi lekin chudi chudai. Tum dono ki choot to pehle hi hamare aadarniya jija log phad chuke the, isliye hamari doosri shart ye hai unhe hum dono ke liye kisi kunwari choot ka intezam karna hoga." "Ab ye to koi shart nahi hui," meine jawab diya, "pehli baat to wo kunwari choot ka intezaam kahan se karenge, aur agar koi ladki unki nazar me hogi bhi to wo use tayyar kaise karenge?" "Mein tumhari baat ko samajhta hun," Sumit ne kaha, "lekin ye unki samasya hai, aur iska hal bhi unhe hi dhoondna padega." "Amit kuch to samajhdari ki baat karo? Jijaaji tumhari pasand ki kunwari choot kahan se dhundhenge? Anu ne kaha. "Hamari koi khaas pasand nahi hai. Wo koi bhi ho sakti hai, koi rishtedar, saheli koi bhi, ya phir ghar ki koi naukarani par haan uski choot ek dam seal pack honi chahiye." Amit ne hanste hue kaha. Amit ka ye kehna tha ki naukraniyan bhi chlaegi mere deemag me turant ek khayal aaya, "Agar mein tum dono ke liye kunwari choot ka intezam kar doon to? meine pucha. "Chahe koi bhi intezam kare, hame kya farak padta hai, bas hamara to badla pura hona chaiye, hath ke badle hath aankh ke badle aankh aur choot ke badle chot " Amit ne kaha. "Agar aisi baat hai to tum dono Mona aur Reema ko chod do, unki choot bhi abhi tak kunwari hai." meine khush hote hue kaha. HA! HA! HA! dono joron se hansne lage. Tum ye kehna chahti ho ki hum Mona aur Reema ki choot choden aur tum ye samajhti ho ki unki choot kori hai." Amit aur Sumit dono hanste hue bole. "Haan mein yahi kehna chahti hoon, mujhe pakka vishwas hai ki dono ki choot ek dam kori hai." Anu thoda chintit swar me boli. "Meri jaan tumse shaadi hone ke kai mahine pehle hum dno unki kunwari choot phad chuke hai." Sumit hanste hue bola. "Ho nahi sakta? mein tumhari baat par vishwas nahi karti." meine kaha. "Agar vishwaas na ho to tum khud unhi se pooch lo? wo bhi yahi kahengi." Amit abhi bhi hans raha tha. "Mein abhi puchtti hoon." meine kaha. "Thik hai deviyon tum dono unse puchte rehna aur hum chale office hame kaam hai." Sumit ne kaha, "haan ek aur baat jab tak hamari shartein puri nahi hoti ham alag alag kamre me soyenge, tumd dono mere kamre me sovogi, aur mein aur Amit uske kamre me." "Tum dono aisa nahi kar sakte, ab ye to jyaadti hai." Anu lagbhag chillate hue boli. "Agar tum dono hamare sath nahi sovoge to phir raat me chodoge kisi?" meine pucha. "Kisi kya Mona aur Reema hai na chodne ke liye." Sumit muskurate hue bola. "Hamari naukraniyon ko chodoge, kya hamari ijjat ki koi parvah nahi hai?" Anu ne shikayat karte hue kaha. "Ab kya karen in sabke jimmedar tum log ho?" kehkar wo dono office chale gaye. "Hey bhagwan wo dono haramzadiyan deekhen me to kitni maasoom aur bholi lagti hai." Anu ne gusse me kaha, "mujhe to vishwas nahi ho raha hai ki hamari peeth peeche wo dono hamare pati se chudwaingi." "Anu hamare patiyon ko dosh dene se pehle un dono se puch to len?" meien Anu se kaha. "Sumi mere man me ek baat aayi hai." Anu mere kan me dheere se boli, "agar ye dono kutiya hamare pati ko khush kar sakti hia to kyon na hum bhi unke sath maza karen?" "Tumhara matlab hai ki unse apni choot chooswayen?" meine pucha. "Aur kya kar sakt hai, jab tak hamare pati dev ki shartein puri nahi hoti hame to bina lund ke rehna padega na... to kyon na unki jeeb ka hi mazaa uthaya jaye." Anu ne kaha. "Aur agar un dono ne mana kar diya to? Meine kaha. "Ek to wo mana karengi hi nahi... aur agar kiya to hum unhe dhamka denge ki hum mummyji se keh denge ki inhone hamara hukum nahi mana."" Anu ne kaha. "Haan wo dono mummyji se pehle se hi kafi darti hain, aur ye dar unhe majboor karega wo sab karne ke liye jo ham kahenge." Meine kaha. "Sath hi hum apne purane sapne ko pura karene ki koshish karenge.... yaad hai shaadi ke pehle wo footbaal eam wali baat." Anu ne tali bajate hue kaha. "Anu tumhara jawab nahi." meine use gale lagate hue kaha. "Chalo pehle pata kar lete hain ki hamare pati sach bol rahe hain ki nahi." Anu ne kaha. "Haan chalo hum unse hamare kame me le jaakar puchenge." miene kaha. "Haan lekin pehle mujhe apna night gown pehan lene do jisse agar sab kuch hamari soch anusar hua to mujhe choot choswane me aasani hogi," Anu ne kaha, "mein to kahungi tum bhi kapde badal lo." "Haan ye sahi rahega," meine bhi khush hote hue kaha, "thodi der me mere kamre me milenge." kehkar mein apne kamre ki aur badh gayi kapde badalne ke liye. "Haan Sumi mein aati hun.... lagta hai hame bhi sath sath sone ki aadat daalni hogi," Anu ne kaha. Jab hum dono mere kamre me mile to meine Mona aur Reema ko apne kamre me bulaya. "Hum dono tum dono se kuch puchna chahte hain aur hame sach sach jawab chahiye uska." meine kaha. "Didi hum wada karte hain ki sach sach jawab denge." dono ne sat sath kaha. "Kya tum dono kunwari ho? meine pucha. Thodi der tak dono hum dono ke chehre ki taraf dekhti rahi phir Mona ne kaha, "Nahi didi hum kunwari nahi hain." "Tumhari choot kisne phadi?" Anu ne pucha. "Chote maalikon ne" Reema ne sharmate hue kaha. "Tumhara matlab hai Sumit aur Amit ne?" meine pucha. Dono ne apni gardan haan me hila di. "Kab phadi tum dono ki choot" meine apni jaari rakhte hue pucha. "Aaj se kareeb aath mahine pehle." Mona e jawab diya. "Kya un dono ne tumhare sath jabardasti kee thi," Anu ne pucha. "Nahi chote maalik ne aisa kuch nahi kiya tha," Reema ne turant kaha, "ye to hamari kismat thi ki bas ho gaya." "Iska kya matlab hua, hame sab shuru se batao ki ye sab kaise hua?" meine pucha. "Didi badi lambi kahani hai." Mona ne kaha. "Koi baat nahi, bahot samay hai hamare paas sab shuru se batao?" Anu ne kaha. "Didi shayad aapko maalum hoga ki mein aur Reema chacheri behan hai. Mein Reema se do din badi hun." Mona apni kahani sunane lagi, "Hamare virodh karne ke bavjood hamare pitaji hamare 18 ve janamdin par hame bade maalik ke paas le gaye. Us din bade maalik, maalkin, aur chachu kamre me maujood the." Mere pitaji Bhanu ne maalik se kaha, "maalik ye meri beti Mona hai, aur ye doosri Shamu ki beti hai." "Aaj dono pure 18 ki ho gayi hain," Shamu... Reema ki pita ne kaha. "Mubarak ho! bade maalik ne kaha phir chachu ki taraf ghoomte hue bole, "chachu hamare manager se kaho ki in dono ko koi badhiyan sa uphaar de den." "Nahi maalik," mere pitaji ne kaha, "ham inhe koi upahar ki laalach me yahan nahi laaye hai." "Phir yaahn kyon aaye ho? malkin ne kaha, "seedhe seedhe kaho aur hamara samay mat barbad karo?" "Jee malkin" Shamu ne kaha, "ye hamari haath jod kar aapse prarthna hai ki aap in dono ko apni seva me le len." Maalik hansne lage, "mein mana hun ki ye dono bahot pyaari hain lekin mere pas pehle se hi kai naukraniyan hai meri dekhbhal ke liye." "Maalik ye dono aapko bahot uskh dengi... .mein sach kehta hun aaj tak kisi mard ne inhe chua tak nahi hai. Inki maa mujhse kehti hai ki inka badan inke chehre se bhi pyaara hai." mere pitaji ne kaha. "Haan maalik aap apni aankhon se dekh le," phir Shamu chacha ne hamari aur ghoomte hue kaha, "tum dono apne kapde uttar kar maalik ko jara apna pyaara badan to deekhao." Hum dono is baat ke liye tayyar nahi the, lekin badon ki agya to manni hi thi isliye hum apne blouse ke button kholne lage. "Nahi nahi kapde uttarne ki jaroorat nahi hai," tabhi maalik ne kaha, "Shamu mujhe tumhari baat par vishwaas hai." "Shikriya maalik, jo aapne hame seva ka mauka diya." mere pitaji muskurate hue bole. "Par meine ye nahi kaha ki mein inhe apni seva me rakh loonga." maalik ne kaha. "Please maalik naa mat kahiyega, hum badi umeed lekar apke paas aaye the... agar aap naa karenge to hamara dil toot jayega." kehkar pitaji aur Shamu chachu dono maalik ke kadmon me gir pade. "Bhanu aur Shamu meri baat dhyaan se suno... mein phele hi tumse keh chuka hun...." maalik kehne jaa rahe the lekin maalkin ne unhe beech me tok diya. Wo kehne lagi, "Shamsher inka dil mat todo aur lakdiyon ko apni sewa ke iye rakh lo. Inke sharir se mazaa lene ke bad tum dono ko kheton me kaam karne ke liye bhej dena ya phri inhe kisi aur ke paas bhej dena." "Haan ye thik rahega," maalik ne kaha. "Haan maalik ye dono aapki jaagir hai, jo aapka dil kare inke sath karen." pitaji khush hote hue bole, "aap inke sath maze karen, inhe mariye ya inki chamdi udhed den ye kuch nahi kahengi.. jo aapki marzi ho so karen." "Thik hai, aaj se ye dono ladkiyan meri ewa me rahengi." maalik ne kaha. "Shukriya maalik, bahot bada ehsan kar diya apne hum par." Shamu chacha maalik ke kadmo me jhukte hue bole. "Kya kehte ho chachu" hai na dono bahot pyaari." Maalik ne hamare badan ko ghoorte hue kaha. "To bhaiya aapne kya socha phir in dono ke bare me?" Chchu ne bade maalik se pucha. "Mein bhi wahi soch raha hun." maalik sochne lage, thodi der sochne ke bad bole, "chachu agar aap inhe rakhna chahen to rakh sakte hain." "Bhaiya mere kehne ka matlab ye nahi tha." chachu ne jawab diya. "Chachu agar meri yaaddasht sahi hai to in dono ki maa ki kunwari choot tumne hi phadi thi," maalik apni aankhe matkate hue bole, "ab tum in dono ki bhi kunwari choot phad do phir maa aur beti dono ko sath sath chodna bahot mazaa ayega." "Haan aap sahi keh rahe hain lekin ab meri umar nahi rahi kunwari ladkiyon ki choot phaadne ki, inke liye to koi jawan ladke hone chahiye," chachu ne kaha. "bhaiya aisa kyon nahi karte inhe apne dono judwan bacchon ko de dijiye, ab wo bade ho gaye hain aur unhe bhi personal naukarani chahiye." "Sujhav to tumhara bahot accha hai, mein bhi yahi soch raha tha." maalik ne kaha, "Mona Sumit ke paas jayegi aur Reema Amit ke paas. Shanti tum aaj se in dono ladkiyon ki jimmedari sambhalogi jab tak ki hamare bacche wapas nahi aa jate. Dhyaan rahe ye dono ladkiyan koi shaitani na kare? Maalik ne maalkin se kaha.
































































































































































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