गाओं की मस्ती पार्ट--6
गतान्क से आगे............
"हाँ मैने देखा तो ज़रूर है, पर मैने नही सहलाया नहीकभी, और पिताजी और चाचा का लंड भी इतना बरा नही था," जया देवकी से बोली. जया तब अपनी दीदी की बात मानते हुए अपने पती का लंड अपने कोमल हाथों मे पकर कर उसके उपर अपना हाथ फेरने लगी.
"हाँ ऐसे ही अपने पती का लंड अपने हाथों से पकर कर सहला और उसको हाथों से कस मसल, इस'से जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी बोली.
"क्या तुमको मज़ा मिल रहा है जगन?" देवकी जगन से पूछी. जगन तब एक हाथ से जया की एक चूंची और दूसरे हाथ से देवकी की एक चूंची को दबाते हुए अपना सर हिलाया.
"ठीक है अब इस लंड को अपने मूह मे लेकर इसके सुपरे को चूस" देवकी फिर जया से बोली.
"देख ऐसे इसको अपने मूह मे भर ले" इतना कह कर देवकी जगन का लंड अपने मूह मे भर लिया और उसके सुपरे को अपने होठों से चूसने लगी. देवकी तब जगन का लंड अपने मूह मे पूरा का पूरा भर कर अपना सर उपर नीचे कर के ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. जया अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. अपनी दीदी के कहे अनुसार जया ने लंड अपने मूह मे ले लिया और जैसा देवकी ने दिखाया था उसको चूसने लगी. लंड चूसने से जया को बहुत मज़ा मिल रहा था, क्योंकी वो पहली बार कोई लंड अपने मूह मे भर कर चूस रही थी. देवकी जया के पिछे जा कर उसकी दोनो चूंची अपने हाथों मे ले कर मसल्ने लगी.
जया की चूंची देवकी की चूंची के बराबर बरी थी और उस'से और करी थी. जया की निपल को अपने उंगलेओं के बीच ले कर देवकी उनको मरोर्ने लगी. देवकी उसके बाद जया को अपनी बाहों मे भर कर उसकी गर्दन और कंधों मे चुम्मा दिया. देवकी पिछे से झाँक कर देखी कि जया अपने पती के हथियार को बरा मन लगा कर चूस रही है. देवकी तब अपना एक हाथ जया की गंद के नीचे से ला कर जया की चूत को टटोलने लगी.
उसने जया की चूत पर हाथ फेरने के बाद अपनी एक उंगली उसकी चूत के उपर घूमने लगी. देवकी ने फिर जया की क्लिट को अपने हाथों मे लेकर मसलना शुरू कर दिया, इससे जया बहुत गर्म हो गयी और उसकी गले से तरह तरह की आवाज़ निकालने लगी. देवकी तब अपनी एक उंगली जया की चूत के अंदर डाल दिया. जया अब बहुत उत्तेजीत हो गयी थी और उसकी चूत से ढेर सारा रस निकल रहा था. देवकी अपनी बहन को और गरमना चाहती थी. उसने जगन को जया की खुली जांघों की बीच जा कर उसकी चूत को चाटने को बोली. जगन जैसे ही देवकी की बात सुना, खुशी खुशी जया की चूत को अपनी जीव से चाटने लगा और अपना जीव जितना हो सके अंदर डाल कर चूत का रस पीने लगा.
देवकी को अब लगा की उसकी बहन अपनी चूत चुद्वने के लिए तैइय्यार है. उसने जया को बिस्तेर पर लेटा दिया और उसके पैर घुटने से मोर कर उसकी जांघों को अपने हाथों से फैला दिया. फिर देवकी एक तकिया जया की चूतर के नीचे रख दिया जिससे की जया की चूत पहली बार लंड खाने के लिए और खुल जाए और जया से आराम से लेटने के लिए बोली. देवकी तब जगन से अपनी बीवी के उपर चढ़ने के लिए बोली.
"देख छ्होटी, बिल्कुल घबराना मत, मैं तेरे साथ ही हूँ. मैने जगन से कह दिया है की वो अपना लंड धीरे धीरे तेरे चूत मे डाले. जगन तेरे को बहुत आराम के साथ चोदेगा. मैं अपने हाथों से जगन का लंड तेरी चूत मे डालूंगी, तू बस ज़ोर ज़ोर से सांस ले," देवकी अपने छोटी बहन को समझाते हुए बोली. फिर देवकी जगन का खरा लंड अपने हाथों मे लेकर उसको जया की चूत के दरवाजे पर रख दिया. फिर देवकी जगन से धीरे धीरे अपने लंड को जया की चूत मे डालने के लिया बोली. जगन वैसे ही किया. जया चुप चाप अपनी टाँगे उठाए और जांघों को फैलाए बिस्तेर पर परी रही.
जगन अपना लंड थोरा सा और जया की चूत मे घुसेरा. जैसे जैसे जगन का लंड जया की चूत मे घुसता गया, देवकी अपने हाथों से जया की चूत पर मालीश करने लगी. थोरी देर मे जगन का करीब आधा लंड जया की चूत मे चला गया. जगन अपना लंड अपनी बीवी की चूत मे अंदर बाहर करने लगा. जया की चूत मे अब तक पानी रिसने से काफ़ी फिसलन हो गयी थी और बहुत टाइट और गरम थी. धीरे धीरे देवकी के समझाने से जया अपने जांघों को और फैला लिया और जगन का पूरा का पूरा लंड अपनी चूत मे पिलवाने के कोशिश करने लगी.
"दीदी चूत मे दर्द हो रही है. लगता है की मेरी चूत जगन के लंड से फॅट जाएगी" जया अपनी दीदी से बोली.
"देख छ्होटी बस अब थोरा सा लंड ही बाहर रहा गया है, तू बस अब और थोरा सा बर्दस्त कर ले, फिर तो मज़े मज़े है. अभी जगन अपना पूरा का पूरा लंड तेरी चूत मे घुसेर कर तुझको चोदेगा, और इससे तेरेको और जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी जया की चूंची पर हाथ चलाते हुए बोली.
"ठीक है दीदी, जैसा तुम और जगन चाहते हो, जगन से बोलो की वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे. चाहे मेरी चूत रहे या ना रहे मैं भी पूरे लंड की चुदाई का मज़ा लेना छ्चाहती हूँ. अब मुझको कोई डर नहीं है दीदी, तुम जगन से बोलो वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे." जया मारे उत्तेजना से देवकी से बोली. फिर जया अपने पती की तरफ देखते हुए बोली,
"जगन मेरे राजा तुम अपना लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुसेर दो और मुझको अक्च्चे तरह से चोदो". जगन तब धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा मूसल जैसा लंड जया की चूत मे डाल दिया और अपनी बीवी को मज़े से चोदने लगा. जया अब पूरी तरह से खुल चुकी थी और अपनी चूत की पहली चुदाई का मज़ा ले रही थी. जैसे जैसे जगन अपना चोदने का रफ़्तार बढ़ा ने लगा जया अपनी जांघों को और फैला कर जगन को अपने हाथों से बाँध लिया और बर्बाराने लगी.
"ओह! ओह! आह! है मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारे लंड को खा कर हुमारी चूत का भाग्या खुल गया. हाँ हाँ ऐसे ही चोद्ते रहो. है देखो देखो मेरी चूत कैसे तुमहरी लंड पिलवा कर फूल गयी है. बस ऐसे ही पेलते रहो. अब मुझको कोई डर नही है. अब रोज, नही नही हर वक़्त तुम मुँझे ऐसे ही चोदना. अब तुम जब चाहो, जहाँ चाहो और जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो. मैं हुमेशा तुम्हरे लंड खाने के लिए अपना चूत खुला रखूँगी."
देवकी तब अपनी बहन से दूर जा कर बैठ गयी और अपनी बहन की चूत अपने यार के लंड से चुद्ते देखती रही और अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाती रही. ठीक उसी समय देव बिल्कुल नंगा हो कर कमरे मे घुस गया. देवकी कमरे मे नंगे देव को देखते ही उसका लंड अपने हाथों से पकर लिया और देव से बोली,
"आओ मेरे राजा, मेरी चूत के मलिक, मुझे इस समय तुम्हारी बहुत ज़रूरत है." देवकी देव को अपने पास बुला लिया और खुद पिछे मूर कर अपने चार हाथ और पैर के बल झुक गयी. देव जब देवकी को झुक कर अपनी गंद उठा कर बैठते देखा तो वो भी झट देवकी के पिछे से जा कर अपना लंड देवकी की चूत मे एक झटके के साथ डाल दिया. जया अपनी दीदी और जीजा को चुदाई करते देख बहुत शर्मा गयी, लेकिन इस समय उसकी चूत मे भी बहुत बरा तूफान चल रहा था. इसलिए जया अपनी दीदी और जीजा का चुदाई देख देख कर अपनी कमर उच्छलने लगी और अपनी चूत मे जगन का लंड अंदर लेने लगी. कमरे के अंदर दो जोरों की चुदाई से अब बहुत गर्मी हो गयी थी. इस समय जगन और देव दोनो अपनी बीवियों को अपनी कमर हिला हिला कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे.
कमरे के अंदर इस समय चुदाई की सिसकारी और चूत और लंड की खोस्बू भर गया था. दोनो जोरे अपनी चुदाई करते करते एक दूसरे को देख रहे थे और मस्ती से भर रहे थे. देवकी अपने पती के लंड की ताक़त को अपनी चूत से महसूस करके बहुत खुश हो रही थी. देवकी अपने पती के हर धक्को के साथ अपना कमर आगे पिछे कर के जवाब दे रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. देवकी को देव का लंड अपने बछेदनि के मूह मे धक्के मारने का एहसास हो रहा था. देव इस समय देवकी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अपनी बीवी को रगर कर चोद रहा था. इसी तरह से धक्के मारते हुए देव अपना पूरा का पूरा लंड देवकी की चूत मे थॅन्स कर अपनी पिचकारी छोड दी और अपने पानी से देवकी की चूत को भर दिया.
देव और देवकी अपनी चुदाई ख़तम करके धीरे धीरे अलग हो कर जगन और जया की चुदाई देखते रहे. इस समय जगन और जया दोनो एक दूसरे को अपने बाहों मे समेट कर अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई कर रहे थे. जया अपनी कमर उच्छाल उच्छाल कर जगन का लंड के झटके का जवाब दे रही थी. थोरी देर के बाद जगन ने एक ज़ोर दार झटका मारा और जया की चूत के अंदर अपना पिचकारी छोड दिया. जगन की पिचकारी छूटने से जया का चूत लाबा लब भर गया और वो अपने हाथों से जगन को पाकर कर हफने लगी. पूरा कमरे मे शान्ती छा गयी.
देवकी लेते लेते ही जया के पास पहुँच गयी और जया को अपने बाहों मे ले लिया और उसको चूम कर पुच्छी,
"बता छ्होटी कैसा रहा तेरी चूत की चुदाई अपने पती के लंड से? क्या बहुत तकलीफ़ हुई?" टीबी जया भी अपनी दीदी को चूमते हुए बोली,
"बहुत अक्चा था मेरी चूत की चुदाई. मुझे बहुत मज़ा आया दीदी," फिर जया कमरे के चारो तरफ देखी तो पाया की कमरे मे सब के सब नंगे लेते हुए हैं. जया को बहुत शरम महसूस हुई और अपने शरीर को कपरे से ढकने लगी, लेकिन देवकी ने जया को रोक दिया. फिर देवकी बोली,
"यह हम लोगों का परिवार है, और हम सब लोग एक हैं. इस कमरे मे हम लोग जो भी करते हैं वो हम लोगों का अपना राज़ है. छोटी तू बिल्कुल मत शर्मा. तेरे पती ने हुमलोगों पर कई उपकार किए हैं और हम लोग जगन के आभारी हैं. जब हम लोगोने तेरी शादी जगन से करनी चाही तो मुझे पता था कि तू मान जाएगी. हम लोग जब छोटे थे, हम लोग आपस मे बहुत मज़ा लूटा है. अब हम लोगों के पास अपने अपने पती है और उनको हम लोग मिल बात कर मज़ा लेंगे, ठीक जैसे हम लोगों की मा हुमारे पिताजी और चाचा को मिल बात मज़े लेती थी. जब हम लोगों की मा को यह बात मालूम चलेगा तो ओ भी बहुत खुस होंगी." जया अपनी दीदी से बोली,
"दीदी मैं तुम्हारी हर बात को समझ रही हूँ. लेकिन मेरे लिए बिल्कुल नया है."
"जया तुम बिल्कुल चिंता मत करो, हम सब लोग तुम्हारी हर तरफ से ख़याल रखेंगे," देव अपनी साली से बोला.
"एक तरफ से तुम भी देवकी और मुझको मदद कर रही हो" देव फिर से बोला. इन सब बातों को सुन कर और सुसताने के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. जगन के लंड को खरा होते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"जा छोटी जा, तेरे पती का लंड फिर से खरा हो रहा है. जा तू फिर अपनी चूत को चुदवा कर मज़े ले."
"दीदी, जैसे अभी तुम चुदवा रही थी मैं भी उसी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ" जया अपनी दीदी से बोली. एक बार की चुदाई से ही जया अब अपनी सारी शरम और हया भूल चुकी थी और चुदाई के बारे मे खुल कर सब के सामने बोल रही थी. जगन जैसे ही जया की बात सुना, उठ कर जया के पास गया और जया को अपने घुटने बल झुका कर उसके पिछे से अपना तन तनया हुआ लंड चूत मे पेल दिया. जया भी कम नही थी, वो भी अपनी कमर को आगे पिछे हिला कर जगन का लंड अपने चूत मे पिलवा रही थी. जगन तब अपना एक उंगली जया की गंद मे पेल दिया और गंद के अंदर घुमाने लगा. जया को इस'से बहुत मस्ती चढ़ गयी और अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और अपनी दीदी से बोली,
"दीदी देखो तो तुम्हारी छोटी बहन अपने पती का लंड ठीक तरीके से अपने अंदर ले रही या नही. दीदी ठीक ठीक बोलना में ठीक तरह से अपनी चूत चुदवा रही हूँ की नही? अगर कोई कमी है तो बोलो दीदी, मैं अभी ठीक कर लेती हूँ." जया को कुतिया की तरह चुद्ते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"सबाश मेरी बहन सबाश, तूने मेरा नाम रख लिया और दूसरी चुदाई के समय ही तूने अपने पती का लंड पिछे से अपनी चूत मे पिलवा लिया. आगे चल कर तू बहुत चुद्दकर बनेगी और हम लोगों की मा का नाम रोशन करेगी. चुड़वा छोटी चुदवा, खूब चुद्व अपने पती के लंड का सारा का सारा रस नीचोर ले अपनी चूत से." देव अपनी साली की चुदाई देख कर फिर से गरम हो गया और अपना खरा हुआ लंड देवकी को दिखलाया.
क्रमशः.....................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
गाओं की मस्ती पार्ट--1
गाओं की मस्ती पार्ट--2
गाओं की मस्ती पार्ट--3
गाओं की मस्ती पार्ट--4
गाओं की मस्ती पार्ट--5
गाओं की मस्ती पार्ट--6
गाओं की मस्ती पार्ट--7
गाओं की मस्ती पार्ट--8
गाओं की मस्ती पार्ट--9
गाओं की मस्ती पार्ट--10
GAON KEE MASTEE paart--6
gataank se aage............
"Han maine dekha to jaroor hai, par maine nahee sahalaya kabhi, aur pitajee aur chacha ka lund bhi itna bara nahee tha," Jaya Devkee se boli. Jaya tab apni didi kee baat mante hue apne patee ka lund apne komal hathon me pakar kar uske upar apna hath pherne lagee.
"Han aise hi apne patee ka lund apne hathon se pakar kar sahala aur usko hathon se kas masal, is'se Jagan ko bhi bahut maza ayega" Devkee boli.
"Kya tumko maza mil raha hai Jagan?" Devkee Jagan se puchee. Jagan tab ek hath se Jaya ki ek chunchee aur dusre hath se Devkee ki ek chunchee ko dabate hue apna sar hilaya.
"Theekh hai ab is lund ko apne muh me lekar iske supare ko chus" Devkee phir Jaya se boli.
"Dekh aise isko apne muh me bhar le" itna kah kar Devkee Jagan ka lund apne muh me bhar liya aur uske supare ko apne hothon se chusne lagee. Devkee tab Jagan ka lund apne muh me pura ka pura bhar kar apna sar upar neeche kar ke jor jor se chusne lagee. Jaya ab dhire dhire garam ho rahee thee. Apni didi ke kahe anusar Jaya ne lund apne muh me le liya aur jaisa Devkee ne dikhaya tha usko chusne lagee. Lund chusne se Jaya ko bahut maza mil raha tha, kyonkee wo pahalee bar koi lund apne muh me bhar kar chus rahee thee. Devkee Jaya ke pichhe ja kar uski dono chunchee apne hathon me le kar masalne lagee.
Jaya ki chunchee Devkee ki chunchee ke barabar baree thee aur us'se aur karee thee. Jaya ki nipple ko apne ungleon ke beech le kar Devkee unko marorne lagee. Devkee uske bad Jaya ko apnee bahon me bhar kar uski gardan aur kandhon me chumma diya. Devkee pichhe se jhank kar dekhee ki Jaya apne patee ke hathiyar ko bara man laga kar chus rahee hai. Devkee tab apna ek hath Jaya ki gand ke neeche se la kar Jaya ki choot ko tatolne lagee.
Usne Jaya ki choot par hath pherne ke bad apni ek unglee uski choot ke upar ghumane lagee. Devkee ne phir Jaya ki clit ko apne hathon me lekar masalna shuru kar diya, Isse Jaya bahut garm ho gayee aur uski gale se tarah tarah ki awaj nikalne lagee. Devkee tab apni ek unglee Jaya ki choot ke andar dal diya. Jaya ab bahut uttejeet ho gayee thee aur uski choot se dher sara ras nikal raha tha. Devkee apni bahan ko aur garmana chahatee thee. Usne Jagan ko Jaya ki khulee janghon ki beech ja kar uski choot ko chatne ko boli. Jagan jaise hee Devkee ki baat suna, khushee khushee Jaya ki choot ko apnee jeev se chatne laga aur apna jeev jitna ho sake andar dal kar choot ka ras pine laga.
Devkee ko ab laga ki uski bahan apni choot chudwane ke liye taiyyaar hai. Usne Jaya ko bister par leta diya aur uske pair ghutne se mor kar uski janghon ko apne hathon se phaila diya. Phir Devkee ek takia Jaya ki chutar ke neeche rakh diya jisse ki Jaya ki choot pahalee bar lund khane ke liye aur khul jaye aur Jaya se aram se letne ke liye boli. Devkee tab Jagan se apnee biwi ke upar charne ke liye boli.
"Dekh chhotee, bilkul ghabrana mat, mai tere sath hi hun. Maine Jagan se kah diya hai ki wo apna lund dhire dhire tere choot me dale. Jagan tere ko bahut aram ke sath chodega. Mai apne hathon se Jagan ka lund teri choot me daloongee, tu bas jor jor se sans le," Devkee apne chotee bahan ko samjhate hue boli. Phir Devkee Jagan ka khara lund apne hathon me lekar usko Jaya ki choot ke darwaje par rakh diya. Phir Devkee Jagan se dhire dhire apne lund ko Jaya ki choot me dalne ke liya boli. Jagan waise hi kiya. Jaya chup chap apni tange uthaye aur janghon ko phailaye bister par paree rahee.
Jagan apna lund thora sa aur Jaya ki choot me ghusera. Jaise jaise Jagan ka lund Jaya ki choot me ghusta gaya, Devkee apne hathon se Jaya ki choot par maleesh karne lagee. Thori der me Jagan ka kareeb adha lund Jaya ki choot me chala gaya. Jagan apna lund apni biwi ki choot me andar bahar karne laga. Jaya ki choot me ab tak pani risne se kafee phislan ho gayee thee aur bahut tight aur garam thee. Dhire dhire Devkee ke samjhane se Jaya apne janghon ko aur phaila liya aur Jagan ka pura ka pura lund apni choot me pilwane ke koshish karne lagee.
"Didi choot me dard ho rahee hai. Lagta hai ki meri choot Jagan ke lund se phat jayegee" Jaya apni didi se boli.
"Dekh chhotee bas ab thora sa lund hi bahar raha gaya hai, tu bas ab aur thora sa bardast kar le, phir to maze maze hai. Abhi Jagan apna pura ka pura lund teri choot me ghuser kar tujhko chodega, aur isse tereko aur Jagan ko bhi bahut maza ayega" Devkee Jaya ki chunchee par hath chalate hue boli.
"Theekh hai didi, jaisa tum aur Jagan chahate ho, Jagan se bolo ki wo apna pura ka pura lund meri choot me dal de. Chahe meri choot rahe ya na rahe mai bhi pure lund ki chudai ka maja lena chhaahtee hun. Ab mujhko koi dar naheen hai didi, tum Jagan se bolo wo apna pura ka pura lund meri choot me dal de." Jaya mare uttejana se Devkee se boli. Phir Jaya apne patee ki taraf dekhte hue boli,
"Jagan mere raja tum apna lund pura ka pura meri choot me ghuser do aur mujhko acchhe tarah se chodo". Jagan tab dhire dhire apna pura ka pura musal jaisa lund Jaya ki choot me dal diya aur apni biwi ko maze se chodne laga. Jaya ab puree tarah se khul chukee thee aur apni choot ki pahalee chudai ka maza le rahee thee. Jaise jaise Jagan apna chodne ka raftar barha ne laga Jaya apni janghon ko aur phaila kar Jagan ko apne hathon se bandh liya aur barbarane lage.
"Oh! Oh! Ah! Hai mere raja aur jor se chodo. Tumharee chudai se hume bahut maza mil raha hai. Tumhare lund ko kha kar humaree choot ka bhagya khul gaya. Han han aise hi chodte raho. Hai dekho dekho meri choot kaise tumahree lund pilwa kar phool gayee hai. Bas aise hi pelte raho. Ab mujhko koi dar nahee hai. Ab roj, nahee nahee har waqt tum munjhe aise hi chodna. Ab tum jab chaho, jahan chaho aur jaise chaho mijhe chod sakte ho. Mai humesha tumhre lund khane ke liye apna choot khula rakhoongee."
Devkee tab apni bahan se dur ja kar baith gayee aur apni bahan ki choot apne yar ke lund se chudte dekhtee rahee aur apne hathon se apni choot ko sahalatee rahee. Theekh usi samay Deva bilkul nanga ho kar kamare me ghus gaya. Devkee kamare me nange Deva ko dekhte hi uska lund apne hathon se pakar liya aur Deva se boli,
"aao mere raja, meri choot ke malik, mujhe is samay tumharee bahut jaroorat hai." Devkee Deva ko apne pas bula liya aur khud pichhe mur kar apne char hath aur pair ke bal jhuk gayee. Deva jab Devkee ko jhuk kar apni gand utha kar baithte dekha to wo bhi jhat Devkee ke pichhe se ja kar apna lund Devkee ki choot me ek jhatke ke sath dal diya. Jaya apni didi aur jeeja ko chudai karte dekh bahut Sharma gayee, lekin is samay uski choot me bhi bahut bara toofan chal raha tha. Isliye Jaya apni didi aur jija ka chudai dekh dekh kar apni kamar uchhalne lagee aur apni choot me Jagan ka lund andar lene lagee. Kamare ke andar do joron ki chudai se ab bahut garmee ho gayee thee. Is samay Jagan aur Deva dono apnee biwiyon ko apni kamar hila hila kar jor jor se chod rahe the.
Kamare ke andar is samay chudai ki siskaree aur choot aur lund ki khosboo bhar gaya tha. Dono jore apni chudai karte karte ek dusre ko dekh rahe the aur mastee se bhar rahe the. Devkee apne patee ke lund ki takat ko apnee choot se mahasoos karke bahut khush ho rahee thee. Devkee apne patee ke har dakhon ke sath apna kamar aage pichhe kar ke jawab de rahee thee aur munh se awaj nikal rahee thee. Devkee ko Deva ka lund apne bachhedani ke muh me dhakke marne ka ehsas ho raha tha. Deva is samay Devkee ki choot me jor jor se dhakke mar raha tha aur apni biwi ko ragar kar chod raha tha. Isi tarah se dhakke marte hue Deva apna pura ka pura lund Devkee ki choot me thans kar apni pichkaree chhoD dee aur apne pani se Devkee ki choot ko bhar diya.
Deva aur Devkee apni chudai khatam karke dhire dhire alag ho kar Jagan aur Jaya ki chudai dekhte rahe. Is samay Jagan aur Jaya dono ek dusre ko apne bahon me samet kar apni apni kamar hila hila kar chudai kar rahe the. Jaya apni kamar uchhaal uchhaal kar Jagan ka lund ke jhatke ka jawab de rehee thee. Thori der ke bad Jagan ne ek jor dar jhatka mara aur Jaya ki choot ke andar apna pichkaree chhoD diya. Jagan ki pichkaree chutne se Jaya ka choot laba lab bhar gaya aur wo apne hathon se Jagan ko pakar kar hafne lagee. Pura kamre me shantee chna gayee.
Devkee lete lete hi Jaya ke pas pahunch gayee aur Jaya ko apne bahon me le liya aur usko chum kar puchhee,
"bata chhotee kaisa raha teri choot ki chudai apne patee ke lund se? kya bahut takleef huee?" Tb Jaya bhi apni didi ko chumte hue boli,
"bahut accha tha meri choot ki chudai. Mujhe bahut maza aya didi," Phir Jaya kamare ke charo taraf dekhee to paya ki kamare me sab ke sab nange lete hue hain. Jaya ko bahut sharam mahasoos huee aur apne shareer ko kapare se dhakane lagee, lekin Devkee ne Jaya ko rok diya. Phir Devkee boli,
"yah hum logon ka parivar hai, aur hum sab log ek hain. Is kamare me hum log jo bhi karte hain wo hum logon ka apna raz hai. chhoTee tu bilkul mat Sharma. Tere patee ne humlogon par kai upkar kiye hain aur hum log Jagan ke aabharee hain. Jab hum logone teri shadee Jagan se karnee chahee to mujhe pata tha ki tu maan jayegee. Hum log jab chhoTe the, hum log apas me bahut maza loota hai. Ab hum logon ke pas apne apne patee hai aur unko hum log mil baat kar maza lenge, theek jaise hum logon ki maa humare pitajee aur chacha ko mil baat maze letee thee. Jab hum logon ki maa ko yah baat malum chalega to o bhi bahut khus hongee." Jaya apni didi se boli,
"didi mai tumharee har baat ko samajh rahee hun. Lekin mere liye bilkul naya hai."
"Jaya tum bilkul chinta mat karo, hum sab log tumharee har taraf se khayal rakhenge," Deva apnee Sali se bola.
"Ek taraf se tum bhi Devkee aur mujhko madad kar rahee ho" Deva phir se bola. In sab baton ko sun kar aur sustane ke bad Jagan ka lund phir se khara hone laga. Jagan ke lund ko khara hote dekh kar Devkee apni chhoTee bahan se boli,
"ja chhoTee ja, tere patee ka lund phir se khara ho raha hai. Ja tu phir apni choot ko chudwa kar maze le."
"Didi, jaise abhi tum chudwa rahee thee mai bhi usi tarah se apni choot chudwana chahatee hun" Jaya apni didi se boli. Ek bar ki chudi se hi Jaya ab apni saree shram aur haya bhool chuki thee aur chudai ke bare me khul kar sab ke samne bol rahee thee. Jagan jaise hi Jaya ki baat suna, uth kar Jaya ke pas gaya aur Jaya ko apne ghutne bal jhuka kar uske pichhe se apna tan tanaya hua lund choot me pel diya. Jaya bhi kam nahee thee, wo bhi apni kamar ko age pichhe hila kar Jagan ka lund apne choot me pilwa rahee thee. Jagan tab apna ek unglee Jaya ki gand me pel diya aur gand ke andar ghumane laga. Jaya ko is'se bahut mastee char gayee aur apni kamar jor jor se hilane lagee aur apni didi se boli,
"didi dekho to tumharee chhoTee bahan apne patee ka lund theekh tarike se apne andar le rahee ya nahee. Didi theek theek bolna men theekh tarah se apni choot chudwa rahee hun ki nahee? Agar koi kamee hai to bolo didi, mai abhi theekh kar letee hun." Jaya ko kutia ki tarah chudte dekh kar Devkee apni chhoTee bahan se boli,
"sabash meri bahan sabash, tune mera nam rakh liya aur dusree chudai ke samay hi tune apne patee ka lund pichhe se apni choot me pilwa liya. Aage chal kar tu bahut chuddakar banegee aur hum logon ki maa ka nam roshan karegee. Chudwa chhoTee chudwa, khub chudwa apne patee ke lund ka sara ka sara ras neechor le apni choot se." Deva apni Sali ki chudai dekh kar phir se garam ho gaya aur apna khara hua lund Devkee ko dikhlaya.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
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