गाओं की मस्ती पार्ट--5
गतान्क से आगे............
"तुमको मेरे घर से रोज रात को घुसना और आधी रात को निकलना कोई भी देख सकता है और एह बात अक्च्ची नही है. इसलिए हुमलोगों के पास तुम्हारे लिए एक सुझाब है. अगर तुम मानो तो" देवकी जगन से कही. जगन देव और देवकी को कुच्छ आश्चर्या से देखता रहा और सोचता रहा कि इस'से और क्या असचर्या की बात हो सकती है इस समय हम तीनो लोग नंगे एक कमरे मे बैठे हैं और इसकी चिंता किसी को भी नही है."
"देवकी की एक छोटी बहन है जो कि देवकी से 5 साल छोटी है, अगर तुम चाहो तो हम उस'से तुन्म्हरी शादी करवा सकते हैं. इस तरह से तुम हुमारे घर मे रह सकते हो और इस'से किसी को भी कोई एतराज नही होगा" देव जगन से बोला.
"देवकी कल ही अपने घर जा सकती है और तुम्हारी शादी की बात पक्की कर सकती है."
"एह तो बहुत ही अcछी बात है. मुझे कोई एतराज नही है. लेकिन क्या देवकी की बहन इस शादी के लिए राज़ी होगी?" जगन देव से पुचछा.
"तुम घहबराव मत. मैं खुद अपनी साली को मना लूँगा. एह तो तुम जानते ही हो कि हम लोगों का परिवार बहुत घुला मिला है. मेरी साली मेरी बात मान जाएगी. खास कर मैं जब उसको हम लोगों का प्लान बतुआंगा. मैं अपनी साली को भी अपने प्लान मे शामिल करना चाहता हूँ," देव की यह बात सुन देवकी जगन का हाथ अपने हाथों मे पकड़ कर बोली.
"मैं अपनी छोटी बहन को यहाँ अपने साथ कुच्छ दीनो के लिए रहने के लिए बोलूँगी और धीरे धीरे उसको भी अपने खेल मे शामिल कर लूँगी," . इस तरह से देवकी अगले दिन ही अपने मैके चली गयी और दो दीनो के बाद अपनी बहन को साथ के कर लौटी. देवकी की बहन हालंकी देवकी से 5 साल छोटी थी लेकिन उसका रूप रंग और कद कती बिल्कुल देवकी जैसा था.
"एह जया है" देवकी अपने बहन की मुलाकात जगन से उस्दीन शाम को करवा दिया,
"और एह जगन है, जिसके बारे मे मैने तुझको पहले ही बताया था", जया जगन को श्रमेली आँखो से देखती रही. जगन सोचता रहा कि देवकी अपनी बहन को कितना बता चुकी है. वो लोग जया के रहने तक अपना क्रिया क्रम बंद रखे. जया धीरे धीरे जगन से घुल मिल गयी और उसने अपनी दीदी से जगन से शादी करने की हामी भर दी. एह सुन कर सब लोग बहुत खुस हो गये और देवकी अपनी बहन की शादी की तैय्यारि मे लग गयी. देवकी के माता पिता भी इस बात पर खुस थे की उनकी बेटी के लिए एक सरकारी नौकर मिल गया और एह की दोनो बहने एक साथ एक ही गाओं मे रहेंगी. जगन और जया की शादी बहुत धूम धाम से हुई. उनके सारे परिवार के लोग शादी मे शामिल हुए और खूब दावत उड़ाई.
धीरे धीरे सारा परिवार के लोग शाम को नये दूल्हा और दुल्हन को असिर्वाद देकर अपने अपने घर वापस चले गये. जया के माजी और पिताजी भी शाम को बेटी और दामाद को असिर्वाद देकर अपने गाओं वापस चले गये. जैसा की रीत और रिवाज है, जगन और जया की सुहाग रात देव के घर मे होना था.
देवकी अपनी बहन की सुहाग रात के लिए सारी तैयारिया कर चुकी थी. जया को नहला कर उसके शरीर पर अच्छा सा सेंट लगाया गया और उसको सजाया गया. जगन और जया फिर रात का खाना खाया और देवकी नये दुल्हन को अंदर के कमरे मे ले गयी. कमरे मे जगन पहले से ही अपनी पत्नी के लिए इंतेजर कर रहा था. कमरे मे बीचो बीच एक बरा सा बिस्तर लगा हुआ था. कमरे के अंदर एक बरा सा दिया जल रहा था और उसकी रोशनी से पूरा कमरा साफ साफ दिख रहा था. जगन बिस्तेर पर बैठा था और बिस्तेर पर बेला के फूल फैले हुए थे.
जैसा की रेवज़ है, देवकी ने उन्हे दूध से भरा गिलास थमाया. जगन जया को खींच कर अपने पास बैठा लिया. फिर जगन गिलास से थोरा सा दूध पी कर गिलास को जया के मूह से लगा दिया. वह शरमाती हुई गिलास से दूध पीने लगी. फिर जगन गिलास रख कर जया को अपने बाहों मे भर लिया और उसके गाल पर चुम्मा दे दिया. जया पहले तो शरमाई पर फिर उसने भी जगन को चुम्मा देना शुरू कर दिया. जया को कुच्छ अजीब सी हलचल महसूस हो रही थी. हालंकी जया को मालूम था की सुहाग रात मे क्या होने वाला है और उसने अपनी मा और अपने पिताजी या अपने चाचा की चुदाई भी देख रखी थी फिर भी जया कुच्छ कुच्छ घबरा रही थी.
एह जया के लिए पहली बार था. जया को जगन का हाथ अपने चूंची पर जाते ही बहुत अक्च्छा लगा. जगन थोरी थोरी देर मे जया का चुम्मा ले रहा था. जया ने अपने आप को जगन के हाथों मे सौप दिया और जगन जो भी कर रहा था जया को अक्च्छा लग रहा था. जगन उसकी सारी की पल्लू को धीरे से हटाया और उसकी ब्लाउस के अंदर चूंची तन कर दिखने लगी. जगन तब धीरे धीरे जया की ब्लाउस की हुक खोलना शुरू किया. जया ने जगन को अपनी ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद किया. जया अपने ब्लाउस के नीचे एक काले रंग का ब्रा पहने हुए थी. जया की चूंची ब्रा के अंदर से फट कर बाहर आने को हो रही थी और एह देख कर जगन बहुत उत्तेजित हो गया. जगन पहले तो उसके ब्रा के उपर से चूंची पर हाथ फेरता रहा और इस'से जया की शरीर मे करेंट दौरने लगा.
जगन तब ब्रा का हुक भी खोल दिया और चूंची पर से ब्रा को हटा दिया. अब जया की चूंची बिल्कुल नंगी हो गयी थी. जगन उन नंगी चूंची को देख पागल सा हो गया और उनको बुरी तरह से मसल्ने लगा. जया अपनी चूंची मस्लाई से ओह! ओह! आह! हाँ हाँ दबओ, मेरी चूंची और दबओ बोलने लगी. जगन फिर जया को बिस्तर पर लेटा दिया और जया की चूंची के दोनो निपल को अपने मूह मे भर कर बारी बारी से चूसने लगा.
जया की निपल जो की चूंची मसल ही तन गयी थी अब चुसाइ से फूल गयी. जगन अपने मुँह मे एक चूंची जितना भर सकता था भर कर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने हाथों से मसालने लगा. जया अपने हाथों से जगन का सर पकर अपनी चूंची पर दबाने लगी. जगन ने तब अपना हाथ जया के जांघों के तरफ बढ़ाया. उसने जया की जांघों को पहले सारी के उपर से सहलाया और फिर अपने हाथों से सारी को उठा कर उसकी गरम गरम जांघों पर हाथ फेरने लगा.
जया ने अपनी जांघों को और फैला दिया और जगन का हाथ को अपने जांघों पर दबाने लगी. थोरी देर के बाद जगन का हाथ चूत पर चला गया. अपना हाथ चूत पर पहुँचते ही उसको मसल्ने लगा. जया की चूत पर काफ़ी झांते थी और इस समय वो बहुत गीली हो चुकी थी. अब तक जगन का लंड धोती के अंदर खरा हो कर जया की चूत मे घुसने के लिए बेचैन हो रहा था. जया अपनी जांघों को और फैला कर अप'ने पैर मोर लिया और इस'से जगन को जया की चूत से खेलने के लिया सूबिधा हो गयी.
जगन अपना एक उंगली उसकी चूत मे घुसेरना चाहा लेकिन जया अपने हाथों अपनी चूत ढँक ली. फिर उसने जया को सारी उतारने के लिया कहा और जब तक जया अपनी सारी उतारती जगन अपना धोती और अंडरवेर उतार कर पूरी तरह से नंगा हो गया. जैसे ही जया अपनी सारी उतार कर जगन के तरफ मूडी तो उसकी आँख फटी फटी रह गयी क्योंकी उसकी आँखों के सामने जगन का 10" लूंबा लंड खरा था और उसका लाल लाल सुपरा भी खुला था. जया बिल्कुल चौंक परी और उसके मूह से सिसकारी निकल परी.
"इतना बरा! मुझे डर लग रही है! प्लीज़, मुझको फार मत देना!" जया जगन से बोली.
"नही जया, डरो मत मई बहुत सम्हल कर करूँगा, मैं तुमको चोट नही पहुचावंगा," जगन जया को समझाया.
"तुम देखना, एह तुमको बिल्कुल कोई चोट नही पहुँचाएगा, तुम बस चुप छाप अपने आप को ढीला कर के बिस्तर पर लेट जाओ," जगन जया से बोला. जया बिस्तेर पर बैठ गयी और जगन की कोई बात सुनने के लिए तैइय्यार नही थी. जगन भी जया के बगल मे बैठ गया और जया का एक हाथ पकर कर अपने लॉर पर रख दिया. जया चौंक कर जगन के लौरे से हाथ हटा लिया जैसे की वो कोई गरम लोहा छ्छू लिया हो.
"इसको अपने हाथो मे पकर देखो, फिर तुमको कोई डर नही लगेगा" जगन जया को समझाया. जगन अपने लौरे का सुपरा खोल कर जया से बोला,
"देखो जया देखो एह कैसे तुम्हारी हाथों से प्यार माँग रहा है. इसको कम से कम एक बार तो अपने हाथों से पकर कर देखो." जगन फिर से जया का हाथ अपने लौरे पर रख दिया. जया ने इस बार अपना हाथ नही हटाया. जया जगन के लौरे को ध्यान से देखी और अपने हाथों से सहलाने लगी.
"एह कितना बरा है, मुझे डर लग रहा है की एह मुझको फार डालेगा" जया फिर से जगन से बोली. फिर जया ज़ोर ज़ोर से डर के मारे रोने लगी. अपनी बहन की रोने की आवाज़ सुन कर देवकी जल्दी से कमरे के अंदर आ गयी और जया से पुच्छने लगी,
"क्या बात है जया?" "क्यों? क्या हुआ? तू रो क्यों रही है?" देवकी जया से पुच्छी.
"मूज़े डर लग रही है. इनका वो कितना बरा है!" जया सूबकते हुए देवकी से बोली. जया को इस समय इस बात का एहसास भी नही था कि उसकी दीदी इस समय उनके बेडरूम मे है और वो और उसका आदमी दोनो बिना कोई कपड़े के नंगे है.
"जया बहुत डरी हुई है, मैने बहुत समझने की कोशिश किया लेकिन एह अपने बात पर अरी हुई है" जगन देवकी से बोला.
"बेबकूफ़ लर्की. हटो मैं इसको समझाती हूँ" देवकी जगन से बोली और फिर अपने कपड़े उतारने लगी और थोरी देर मे वो भी अपनी बहन के सामने बिल्कुल नंगी हो गयी. जया अपनी दीदी को फटी फटी आँखों से देख रही थी और उसको अपने आप पर बिश्वास नही हो रहा था.
"दीदी, तुम? मैं कुच्छ समझ नही पा रही हूँ" जया अपनी दीदी से बोली.
"बहुत से ऐसी बात है जो तू नही जानती, मैं अभी तुझको सब समझाती हूँ," देवकी मुस्कुरा कर अपनी बहन से बोली और उसकी गाल्लों पर चुम्मा दिया.
"जगन तुम इधर हमारे पास आओ, जया को सब करके दिखाना है की कैसे एह सब काम किया जाता है, और तू जया तू बिल्कुल डर मत, तू बस हम लोगो के काम काज को देखती जा. हम लोग के काम काज को देखने से ही तेरे को एह पता चलेगा की हम औरत कितना भी बरा लंड क्यों ना हो आराम से ले सकती है. " देवकी ज़मीन पर बीचे बिस्तेर पर लेट गयी और अपनी टाँगों को फैला दिया और फिर जगन से बोली,
"जगन मेरे पास आओ और जया को दीखाओ कि कैसे चुदाई की जाती है." जगन एह सुन कर देवकी की खुली टाँगों की बीच बैठ गया और उस की चूत को चाटने लगा. देवकी ने तब अपनी टाँगों को और फैला दिया और जया को अपने पास बुला कर नज़दीक से और ध्यान से देखने की लिया बोली. जब देवकी की चूत काफ़ी गीली हो गयी तब देवकी जगन को मस्त खरा लंड चूत मे घुसेरने के लिए बोली. जया फटी फटी आँखों से देखने लगी की उसका आदमी का मोटा फूला हुआ लंड आसानी से दीदी की चूत मे धीरे धीरे घुस रहा है.
जया को एह देख बरा ताज़्ज़ूब हुआ की कैसे जगन का लंड खाने से दीदी की चूत फूल गयी है और कैसे दीदी की चूत बरे आराम से लंड को खा रही है. थोरी देर के बाद जया देखी की जगन का पूरा का पूरा लंबा और मोटा लंड दीदी की चूत मे घुस गया और दीदी की चूत फैल गयी है. दीदी को इतना बरा और मोटे लंड को अपनी चूत मे लेने से कोई तकलीफ़ नही हो रही है उल्टे दीदी काफ़ी खुश लग रही है. जया अपने आप को रोक ना सकी और अपनी दीदी से पुच्छी,
"दीदी तुमको कोई तकलीफ़ नही हो रही है? देवकी अपने बहन की नंगी चूंची पर हाथ फेरते हुए बोली,
"तकलीफ़ कैसी, इतना लंड खा कर मेरी चूत बहुत खुश है और तू मेरी चूत मे अपना हाथ लगा कर देख की कैसे वो अपनी लार बहा रही है."
"बेबकूफ़ लर्की, इसमे कोई दर्द नही है उल्टे मज़े ही मज़े है. देख ना कैसे मेरी चूत इतना लंबा और मोटा लंड खा कर फूल गयी है. तू अपना हाथ मेरी चूत पर लगा कर देख कैसे वो लंड पा कर खुशी से अपनी लार बहा रही है. जगन अब तुम मेरी चूत चॉड कर जया को दीखा दो कैसे चुदाई की जाती है." एह सुनते ही जगन अपना चूतर उठा कर देवकी की चूत मे अपना लंड पेलना शुरू कर दिया. अपने चूत मे लंड अंदर बाहर होते ही देवकी फिर से जया से बोली,
"देख! देख! जया देख! कैसे जगन का मोटा और लंबा लंड मेरी चूत मे अंदर जा रहा है और कैसे बाहर निकल रहा है. देवकी अपना सर उठा कर अपनी चूत मे जगन का लंड का आना जाना देखती रही और जया को दिखाती रही. फिर देवकी अपनी बहन की चूंची अपने हाथों से मसल्ते हुए बोली,
"देखी जगन का लंड घुसने से मुझे कोई तकलीफ़ नही हो रही है और देख कैसे जगन मुझे चोद रहा है और कैसे मेरी चूत चुद रही है. क्या अब तू अपनी चूत मे ले सकती है? देवकी जया की चूंची मसल्ते फिर पूछी.
"ठीक है दीदी, मई कोशिश करती हूँ. लेकिन एक शर्त है की तू भी मेरे पास बैठी रहोगी." तब देवकी अपने उपर से जगन को हटाया और बैठ कर जया को चूम कर बोली,
"ठीक है तेरी चूत की पहली चुदाई पूरा होने तक मैं तेरे सामने ही बैठी रहूंगी. तू बिल्कुल मत चिंता कर. सब ठीक हो जाएगा." फिर देवकी जगन से बोली,
"जगन इधर आओ और नयी बीवी की संभलो." देवकी अपने हाथ से जया की चूत को छ्छू कर देखी तो पाया की जया की चूत भीगी तो है लेकिन पूरी तरह से गीली नही है तो देवकी बोली,
"तुमलोग फिर शुरुवत करो." मैं तुमलोगों के पास बैठ कर तुमलोगों की मदद करूँगी" . देवकी तब जगन को जया के सामने बैठा दिया और अब जया के सामने जगन का खरा लंड था. देवकी अपने हाथों से जगन का लंड पकर कर सहलाते हुए जया से बोली,
"जया ले जगन का लंड अपने हाथों से पकर कर इस तरह इसको सहला. देख एह कितना करा है. देख इसको इस तरह अपने हाथों से पाकर कर सहला. तूने तो हमारी मा को भी इस तरह से पिताजी और चाचा का लंड सहलाते हुए देखा है, है ना?" देवकी जया से बोली.
क्रमशः.......................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
गाओं की मस्ती पार्ट--1
गाओं की मस्ती पार्ट--2
गाओं की मस्ती पार्ट--3
गाओं की मस्ती पार्ट--4
गाओं की मस्ती पार्ट--5
गाओं की मस्ती पार्ट--6
गाओं की मस्ती पार्ट--7
गाओं की मस्ती पार्ट--8
गाओं की मस्ती पार्ट--9
गाओं की मस्ती पार्ट--10
GAON KEE MASTEE paart--5
gataank se aage............
"Tumko mere ghar se roj rat ko ghusna aur adhee rat ko niklana koi bhi dekh sakta hai aur eh baat acchhee nahee hai. Isliye humlogon ke pas tumhare liye ek sujhab hai. Agar tum mano to" Devkee Jagan se kahee. Jagan Deva aur Devkee ko kuchh ashcharya se dekhta raha aur sochta raha ki is'se aur kya aschrya ki baat ho saktee hai is samay hum teeno log nange ek kamare me baithe hain aur iski chinta kisi ko bhi nahee hai."
"Devkee ki ek chhoTee bahan hai jo ki Devkee se 5 sal chhoTee hai, agar tum chaho to hum us'se tunmharee shadee karwa sakte hain. Is tarah se tum humare ghar me raha sakte ho aur is'se kisi ko bhi koi etraj nahee hoga" Deva Jagan se bola.
"Devkee kal hi apne ghar ja saktee hai aur tumharee shadee ki baat pakki kar saktee hai."
"Eh to bahut hi acchhee baat hai. Mujhe koi etraj nahee hai. Lekin kya Devkee ki bahan is shadee ke liye razee hogee?" Jagan Deva se puchha.
"Tum ghbrao mat. Mai khud apni Sali ko mana lunga. Eh to tum jante hi ho ki hum logon ka parivar bahut ghula mila hai. Meri sali meri baat man jayegee. Khas kar mai jab usko hum logon ka plan batuanga. Mai apni Sali ko bhi apne plan me shamil karna chahata hoon," Deva kee yah baat sun Devkee Jagan ka hath apne hathon me pakar kar boli.
"mai apni chhoTee bahan ko yahan apne sath kuchh dino ke liye rahane ke liye bolungee aur dhire dhire usko bhi apne khel me shamil kar loongee," . Is tarah se Devkee agle din hi apne maike chalee gayee aur do dino ke baad apnee bahan ko sath ke kar lautee. Devkee ki bahan halankee Devkee se 5 sal chhoTee thee lekin uska roop rang aur kad kathee bilkul Devkee jaisa tha.
"Eh Jaya hai" Devkee apne bahan ki mulakat Jagan se usdin sham ko karwa diya,
"aur eh Jagan hai, jiske bare me maine tujhko pahale hi bataya tha", Jaya Jagan ko shrmelee ankho se dekhtee rahee. Jagan sochta raha ki Devkee apni bahan ko kitna bata chukee hai. We log Jaya ke rahane tak apna kriya kram band rakhe. Jaya dhire dhire Jagan se ghul mil gayee aur usne apni didi se Jagan se shadee karne ki hami bhar dee. Eh sun kar sab log bahut khus ho gaye aur Devkee apni bahan ki shadee ki tayaree me lag gayee. Devkee ke mata pita bhi is baat par khus the ki unki beti ke liye ek sarkari naukar mil gaya aur eh ki dono bahane ek sath ek hi gaon me rahengee. Jagan aur Jaya ki shadee bahut dhum dham se huyee. Unke sare parivar ke log shadee me shamil hue aur khub dawat uraee.
Dhire dhire sara parivar ke log sham ko naye dulha aur dulhan ko asirwad dekar apne apne ghar wapas chale gaye. Jaya ke maajee aur pitajee bhi sham ko beti aur damad ko asirwad dekar apne gaon wapas chale gaye. Jaisa ki reet aur riwaj hai, Jagan aur Jaya ki suhag raat Deva ke ghar me hona tha.
Devkee apni bahan ki suhag rat ke liye sari tayarian kar chuki thee. Jaya ko nahala kar uske sharer par achha sa scent lagaya gaya aur usko sajaya gaya. Jagan aur Jaya phir rat ka khana khaya aur Devkee naye dulhan ko andar ke kamare me le gayee. Kamare me Jagan pahale se hi apni patni ke liye intejar kar raha tha. Kamare me bicho bich ek bara sa bistar laga hua tha. Kamare ke andar ek bara sa diya jal raha tha aur uski roshnee se pura kamara saf saf dijh raha tha. Jagan bister par baitha tha aur bister par bela ke phool phaile huye the.
Jaisa ki rewaj hai, Devkee ne unhe doodh se bhara gilas thamaya. Jagan Jaya ko kheench kar apne pas baitha liya. Phir Jagan gilas se thora sa doodh pee kar gilas ko Jaya ke muh se laga diya. vah sharmatee huee gilas se doodh pine lagee. Phir Jagan gilas rakh kar Jaya ko apne bahon me bhar liya aur uske gal par chumma de diya. Jaya pahale to sharmai par phir usne bhi Jagan ko chumma dena shuru kar diya. Jaya ko kuchh ajeeb si halchal mahasoos ho rahee thee. Halankee Jaya ko malum tha ki suhag rat me kya hone wala hai aur usne apni maa aur apne pitajee ya apne chacha ki chudai bhi dekh rakhee thee phir bhi Jaya kuchh kuchh ghabra rahee thee.
Eh Jaya ke liye pahali bar tha. Jaya ko Jagan ka haath apne chunchee par jate hi bahut acchha laga. Jagan thori thori der me Jaya ka chumma le raha tha. Jaya ne apne aap ko Jagan ke hathon me saup diya aur Jagan jo bhi kar raha tha Jaya ko acchha lag raha tha. Jagan uski saree ki pallu ko dhire se hataya aur uski blouse ke andar chunchee tan kar dikhne lagee. Jagan tab dhire dhire Jaya ki blouse ki hook kholna shuru kiya. Jaya ne Jagan ko apni blouse ki hook kholne me madad kiya. Jaya apne blouse ke neeche ek kale rang ka bra pahane hue thee. Jaya ki chunchee bra ke andar se phat kar baahar aane ko ho rahee thee aur eh dekh kar Jagan bahut uttejit ho gaya. Jagan pahale to uske bra ke upar se chunchee par hath pherta raha aur is'se Jaya ki sharer me current daurne laga.
Jagan tab bra ka hook bhi khol diya aur chunchee par se bra ko hata diya. Ab Jaya ki chunchee bilkul nangee ho gayee thee. Jagan un nangee chunchee ko dekh pagal sa ho gaya aur unko buri tarah se masalne laga. Jaya apni chunchee maslai se Oh! Oh! Ah! Han han dabao, meri chunchee aur dabao bolne lagee. Jagan phir Jaya ko bistar par leta diya aur Jaya ki chunchee ke dono nipple ko apne muh me bhar kar bari bari se chusne laga.
Jaya ki nipple jo ki chunchee masal hi tan gayee thee ab chusai se phul gayee. Jagan apne munh me ek chunchee jitna bhar sakta tha bhar kar chusne laga aur dusree chunchee apne hathon se masalne laga. Jaya apne hathon se Jagan ka sar pakar apni chunchee par dabane lagee. Jagan ne tab apna hath Jaya ke janghon ke taraf barhaya. Usne Jaya ki janghon ko pahale saree ke upar se sahalaya aur phir apne hathon se saree ko utha kar uski garam garam janghon par hath pherne laga.
Jaya ne apni janghon ko aur phaila diya aur Jagan ka hath ko apne janghon par dabane lagee. Thori der ke bad Jagan ka hath choot par chala gaya. Apna hath choot par pahunchte hi usko masalne laga. Jaya ki choot par kafee jhante thee aur is samay wo bahut gili ho chuki thee. Ab tak Jagan ka lund dhoti ke andar khara ho kar Jaya ki choot me ghusne ke liye bechain ho traha tha. Jaya apni janghon ko aur phaila kar ap'ne pair mor liya aur is'se Jagan ko Jaya ki choot se khelne ke liya subidha ho gayee.
Jagan apna ek unglee uski choot me ghuserna chaha lekin Jaya apne hathon apni choot dhank li. Phir usne Jaya ko saree utarne ke liya kaha aur jab tak Jaya apni saree utartee Jagan apna dhoti aur underwear utar kar puri tarah se nanga ho gaya. Jaise hi Jaya apni saree utar kar Jagan ke taraf nuree to uski ankh phatee phatee raha gayee kyonkee uski ankhon ke samne Jagan ka 10" lumba lund khara tha aur uska lal lal supara bhi khula tha. Jaya bilkul chaunk paree aur uske muh se siskaaree nikal pari.
"Itna bara! Mujhe dar lag rahi hai! Please, mujhko phar mat dena!" Jaya Jagan se boli.
"Nahee Jaya, daro mat mai bahut samhal kar karunga, mai tumko chot nahee phuchaunga," Jagan Jaya ko samjhaya.
"Tum dekhna, eh tumko bilkul koi chot nahee pahunchayega, tum bas chup chap apne aap ko dhela kar ke bistar par let jao," Jagan Jaya se bola. Jaya bister par baith gayee aur Jagan ki koi baat sunne ke liye taiyyaar nahee thee. Jagan bhi Jaya ke bagal me baith gaya aur Jaya ka ek hath pakar kar apne laure per rakh diya. Jaya chaunk kar Jagan ke laure se haath hata liya jaise ki wo koi garam loha chhoo liya ho.
"Isko apne hatho me pakar dekho, phir tumko koi dar nahee lagega" Jagan Jaya ko samjhaya. Jagan apne laure ka supara khol kar Jaya se bola,
"dekho Jaya dekho eh kaise tumharee hathon se pyar mang raha hai. Isko kam se kam ek bar to apne hathon se pakar kar dekho." Jagan phir se Jaya ka hath apne laure par rakh diya. Jaya ne is bar apna hath nahee hataya. Jaya Jagan ke laure ko dhayn se dekhee aur apne hathon se sahalane lagee.
"Eh kitna bara hai, mujhe dar lag raha hai ki eh mujhko phar dalega" Jaya phir se Jagan se boli. Phir Jaya jor jor se dar ke mare rone lagee. Apni bahan ki rone ki awaj sun kar Devkee jaldee se kamare ke andar aa gayee aur Jaya se puchhne lagee,
"kya baat hai Jaya?" "Kyon? Kya hua? Tu ro kyon rahee hai?" Devkee Jaya se puchhee.
"Muje dar lag rahee hai. Inka wo kitna bara hai!" Jaya subkte hue Devkee se boli. Jaya ko is samay is baat ka ehsas bhi nahee tha ki uski didi is samay unke bedroom me hai aur wo aur uska admi dono bina koi kpre ke nange hai.
"Jaya bahut daree huee hai, maine bahut samjhane ki koshish kiya lekin eh apne baat par aree hui hai" Jagan Devkee se bola.
"Bebkoof larkee. Hato mai isko samjhatee hun" Devkee Jagan se boli aur phir apne kapre utarne lagee aur thori der me wo bhi apni bahan ke samne bilkul nangee ho gayee. Jaya apni didi ko phatee phatee ankhon se dekh rahee thee aur usko apne aap par bishwas nahee ho raha tha.
"Didi, Tum? Mai kuchh samajh nahee pa rahee hun" Jaya apni didi se boli.
"bahut se aisee baat hai jo tu nahee jantee, mai abhi tujhko sab samjhatee hun," Devkee muskura kar apni bahan se boli aur uski gallon par chumma diya.
"Jagan tum idhar hamare pas aao, Jaya ko sab karke dikhana hai ki kaise eh sab kam kiya jata hai, aur tu Jaya tu bilkul cahunk mat, tu bas hum logo ke kam kaj ko dekhtee ja. Hum log ke kam kaj ko dekhne se hi tere ko eh pata chalega ki hum aurat kitna bhi bara lund kyon na ho aaraam se le saktee hai. " Devkee jameen per beeche bister par let gayee aur apni tangon ko phaila diya aur phir Jagan se boli,
"Jagan mere pas aao aur Jaya ko deekhao ki kaise chudai kee jatee hai." Jagan eh sun kar Devkee ki khulee tangon ki beech baith gaya aur us ki choot ko chatne laga. Devkee ne tab apni tangon ko aur phaila diya aur Jaya ko apne pas bula kar nazdeek se aur dhyan se dekhne ki liya bolee. Jab Devkee ki choot kafee gili ho gayee tab Devkee Jagan ko mast khara lund choot me ghuserne ke liye bolee. Jaya phatee phatee ankhon se dekhne lagee ki uska admi ka mota phula hua lund asanee se didi ki choot me dhire dhire ghus raha hai.
Jaya ko eh dekh bara tazzub hua ki kaise Jagan ka lund khane se didi ki choot phool gayee hai aur kaise didi ki choot bare aram se lund ko kha rahee hai. Thori der ke bad Jaya dekhee ki Jagan ka pura ka pura lumba aur mota lund didi ki choot me ghus gaya aur didi ki choot phail gayee hai. Didi ko itna bara aur mote lund ko apnee choot me lene se koi takleef nahee ho rahee hai ulte didi kafee kush lag rahee hai. Jaya apne aap ko rok na sakee aur apni didi se puchhee,
"didi tumko koi takleef nahee ho rahee hai? Devkee apne bahan ki nangee chunchee par hath pherte hue boli,
"takleef kaisee, itna lund kha kar meri choot bahut kush hai aur tu meri choot me apna hath laga kar dekh ki kaise wo apni laar baha rahee hai."
"Bebkoof larkee, isme koi dard nahee hai ulte maze hi maze hai. Dekh na kaise meri choot itna lumba aur mota lund kha kar phool gayee hai. Tu apna hath meri choot par laga kar dekh kaise wo lund pa kar khushee se apni laar baha rahee hai. Jagan ab tum meri choot chhod kar Jaya ko deekha do kaise chudai kee jatee hai." Eh sunte hi Jagan apna chutar utha kar Devkee ki choot me apna lund pelna shuru kar diya. Apne choot me lund andar bahar hote hi Devkee phir se Jaya se boli,
"dekh! Dekh! Jaya dekh! Kaise Jagan ka mota aur lumba lund meri choot me andar ja raha hai aur kaise bahar nikal raha hai. Devkee apna sar utha kar apni choot me Jagan ka lund ka aana jana dekhtee rahee aur Jaya ko deekhatee rahee. Phir Devkee apnee bahan ki chunchee apne hathon se masalte hue boli,
"dekhee Jagan ka lund ghusne se mujhe koi takleef nahee ho rahee hai aur dekh kaise Jagan mujhe chod raha hai aur kaise meri choot chud rahee hai. Kya ab tu apni choot me le saktee hai? Devkee Jaya ki chunchee masalte phir puchee.
"Theekh hai didi, mai koshish kartee hun. Lekin ek shart hai ki tu bhi mere pas baithee rahogee." Tab Devkee apne upar se Jagan ko hataya aur baith kar Jaya ko chum kar boli,
"Theekh hai teri choot ki pahalee chudai pura hone tak mai tere samne hi baithee rahungee. Tu bilkul mat chinta kar. Sab theekh ho jayega." Phir Devkee Jagan se boli,
"Jagan idhar aao aur nayee biwi ki sambhalo." Devkee apne hath se Jaya ki choot ko chhoo kar dekhee to paya ki Jaya ki choot bhigee to hai lekin puree tarah se gili nahee hai to Devkee boli,
"tumlog phir shuruwat karo." Mai tumlogon ke pas baith kar tumlogon ki madad karungee" . Devkee tab Jagan ko Jaya ke samne baitha diya aur ab Jaya ke samne Jagan ka khara lund tha. Devkee apne hathon se Jagan ka lund pakar kar sahalate hue Jaya se boli,
"Jaya le Jagan ka lund apne hathon se pakar kar is tarah isko sahala. Dekh eh kitna kara hai. Dekh isko is tarah apne hathon se pakar kar sahala. Tune to humaree ma ko bhi is tarah se pitajee aur chacha ka lund sahalate hue dekha hai, hai na?" Devkee Jaya se boli.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
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