गाओं की मस्ती पार्ट--4
गतान्क से आगे............
देव अपने 15 साल की उमर मे अनाथ हो गया था. देव को उसके चाचा चाची अपने गाओं मे लेजकर पल पोस कर बरा किया. उनके चाचा चाची को शादी के कई साल के बाद भी कोई संतान नही था. देव के पिताजी की ज़मीन थी पर कोई दूसरा आदमी जोत'ता था. देव के चाचा को देव के हिस्से की ज़मीन पर ज़्यादा इंटेरेस्ट था और देव पर कम. उसकी चाची बहुत कोमल ह्रिदय की औरत थी और वो देव की हर तरह से देख भाल किया करती थी. बाद मे देव को पता चला कि उसकी चाची को उस'से प्यार भी था.
देव के चाचा चाची एक छ्होटे से एक कमरे के मकान मे रहते थे. वो हॉल मे सोता था, उसकी चाची कमरे के अंदर सोती थी और उसका चाचा बाहर वारंडे मे सोता था क्योंकी अंदर कमरे मे बहुत गर्मी हुआ करती थी. एक रात देव को गर्मी से परेशान नीद नही आ रही थी और उसने देखा कि उसका चाचा उठ कर चुप चाप उसके चाची के कमरे में जा रहें है. चाचा अंदर कमरे मे जाकर चुप चाप चाची के पास लेट गये और धीरे से उनको जगा दिया. उनलोगो मे अपने कमरे का दरवाजा बंद नही किया था क्योंकी वो लोग सोच रहे थे देव अपनी गहरी नींद मे सो रहा होगा.
कमरे मे एक हल्की से लाइट जल रही थी और उसकी रोशमी मे देव को कमरे के अनदर सब कुच्छ साफ साफ दिख रहा था. चाचा ज़मीन पर चाची के पास बैठ कर उनके कपड़ो को उतरना शुरू किया. उसने पहले चाची की ब्लाउस को फिर ब्रा को उतार दिया. चाची खरी हो गयी और देव अपने चाची की नंगी चूंची देख रहा था. फिर उसके चाचा चाची की सारी को उठा कर उसके अंदर घुस गये और कुच्छ करने लगे. चाची उसके चाचा का सारी के उपर से सर पकर कर अपनी चूतर हिला रही थी.
फिर चाची धीरे से अपनी सारी उतार कर पूरी तरह से नंगी हो गयी. देव को एह देख कर बहुत तजुब हुआ कि उसका चाचा अपनी बीवी के चूत पर मूह लगा कर उसकी झांतों से भरी चूत चट रहा है. कुच्छ मिनटों के बाद चाचा अपनी बीवी को अप'ने पास ज़मीन पर लिटा दिया और खुद उसके उपर चढ़ गये. उपर चढ़ने के बाद चाचा अपना चूतर उपर नीचे करने लगे. देव पहले से ही सेक्स के बारे मे सुन रखा था लेकिन आज वो पहली बार चूत की चुदाई देख रहा था. जल्दी ही उसके चाचा शांत हो गये और थोरी देर के बाद उठ कर बाहर वारंडे मे सोने के लिए चले गये.
चाची थोरी देर के बाद बाथरूम मे गयी और फिर नंगी ही वापस आ गयी. चाची नंगी ही अपने बिस्तेर पर लेट कर अपने पैरों के बीच कुच्छ करने लगी. उनका हाथ अपने पैरों के बीच बहुत ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था और थोरी देर के बाद चाची शांत हो कर लेट गयी. फिर चाची मुर कर देव की तरफ अपनी चूतर कर के नंगी ही सो गयी. अपनी चाची की नंगी चूतर देख देख कर और एह सोचते हुए कि उसने अभी अभी क्या देखा देव अपने लंड पर हाथ फेरने लगा और थोरी देर के बाद झार कर सो गया.
अगले दिन देव की चाची ने ऐसा बरतब किया कि जैसे कुच्छ हुआ ही नही है. एह सिलसिला कुच्छ दीनो तक चलता रहा और देव अपने चाचा और चाची की चुदाई देखता रहा. लेकिन एक दिन जब देव के चाचा गाओं से बाहर गये थे तो चाची देव से पुछि,
"क्यों तुम रोज रात को हुमारी कारवाही देख देख कर मज़ा लूट'ते हो? मैं सोच रही हूँ की मैं एह बात तुम्हारे चाचा से कह दूँ," चाची देव से बोली. देव डर गया और अपने चाची से एह सब बात चाचा से ना कहने के लिया बोला.
"चाचा मुझको बहुत मारेंगे और मुझको अपने घर से निकाल देंगे. मेरे पास और कोई ठिकाना नही है, मैं कहा जौंगा? चाची प्लीज़ चाचा से एह बात मत कहना."
"ठीक है, मैं नही बोलूँगी, लेकिन मैं कहूँ वैसे ही करना परेगा, ठीक है?" चाची देव से बोली.
"तुम जो भी कहोगी, मैं वैसे ही करूँगा" देव अपनी चाची से बोला.
"देव तुम तो जानते ही हो कि तुम्हरा चाचा जल्दी जल्दी से अपना काम ख़तम करके सोने चला जाता है और मैं कैसे अपने आप को अपनी उंगली से शांत करती हूँ. अब मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे जहाँ जहाँ कहूँ शांत करो. समझ गये" चाची देव से बोली.
"हाँ चाची मैं सब कुच्छ समझा गया, लेकिन मैं कुच्छ नही जनता हूँ," देव धीरे से अपनी चाची से बोला.
"मैं तुझे सब कुच्छ अभी आज से समझा दूँगी" चाची देव से बोली. फिर चाची देव को अपने कमरे मे ले गयी. ज़मीन पर चटाई बिछाई और उसपर दो तकिया लगा दिया. अब वो देव के सामने खरी हो गयी और अपनी ब्लाउस उतारने को बोली. देव बहुत घबराया गया और उसका हाथ ब्लाउस के हूक्क खोलते वक़्त कांप रहा था. देव का डर देख कर चाची उसको धीरे धीरे बातों से समझाया और फिर अपने बाहों मे भर लिया.
चाची तब देव को अपने ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद करने लगी और फिर अपना ब्लाउस उतार दिया. फिर वो मूर कर खरी हो गयी और अपनी ब्रा की हुक खोलने के लिए बोली. जब ब्रा की हुक खुल गयी तो चाची फिर से देव के सामने हो गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी चूंची ब्रा के उपर से पकर कर खरी हो गयी और धीरे से अपना ब्रा उतार दिया. देव मूह बाए फटी फटी आँखो से अपनी चाची की नंगी चूंची देखने लगा. एह पहला मौका था कि देव किसी औरत की नंगी चूंची देख रहा था और वो भी अपनी चाची की चूंची.
"तुम्हे एह चूंची पसंद है?' चाची अपनी दोनो चूंची अपने हाथों से उठती हुई पुच्छी.
"लो इनको छु कर देखो, इनसे खेलो" चाची अपनी चूंची देव के हाथों मे थमाते हुए बोली. चाची देख रही थी कि देव कुच्छ हिचकिचा रहा है. फिर चाची देव के हाथों को पकर कर अपने चूंची से लगा दिया. देव उन चूंची की गर्मी और करा पन से उत्तेजित हो कर उन चूंचियो से खेलने लगा. देव उन चूंची की निपल को पकर देखने लगा. चाची देव का सर पकर कर उसके चहेरे से अपनी चूंची रगर दी और बोलने लगी,
"देव मेरी चूंची को चूसो, जैसा एक बच्चा मा का दूध पीता है वैसे ही तुम मेरी चूंची को चूसो." देव को जैसा बोला गया वो करने लगा. पहले उसने निपल को अपने मूह मे लिया फिर थोरी सी चूंची अपने मूह मे भर कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर चाची अपनी दूसरी चूंची उसके मूह से लगा कर बोली,
"अब तुम दूसरी चूंची को भी चूसो." "अब मेरी सारी उतारो" चाची देव से बोली.
"और मैं तुम्हे अपनी झांतो से भरी छूट दिखौँगी. मैं तुम्हे सब कुच्छ दिखौँगी. मैं तुम्हे आसमान की सैर कर्वौन्गी." देव तब अपनी चाची की सारी और फिर उनकी पेटिकोट उतार दिया. चाची अपना चूतर हिला दूला कर अपना पेटिकोट उतार दिया और नंगी देव के सामने खरी हो गयी. फिर चाची देव का पायजामा और उसका अंडरवेर उतार कर उसको भी अपनी तरह नंगा कर दिया. देव अपने चाची के सामने नंगा हो कर खरा होने से शर्मा रहा था. लेकिन उसका लंड अब तक खरा हो चुक्का था और अपना सिर हिला हिला चाची की चूत को अपने पास बुला रहा था. चाची देव के खरे लंड को अपने हाथों से पकर कर अपनी तरफ खींची.
"वाह, तुम्हारा लंड तो तुम्हारे उमर से कुच्छ ज़्यादा ही लंबा और मोटा है. क्यों है ना?" चाची बोली. फिर झुक कर देव के लंड को अपने होठों से लगा कर चूमी और फिर मूह मे भर लिया और उस पर अपनी जीव फिराने लगी. थोरी देर देव के लंड पर अपनी जीव फिराने के बाद चाची बोली,
"चलो तुम्हारा खेल अभी से शुरू किया जाए". चाची ज़मीन पर बिछी चटाई पर लेट कर अपने पैरों का फैला दिया और देव को अपने पावं के बीच मे बैठने के लिए बोली. अपने चूतर के नीचे एक तकिया रखने के बाद चाची अपने जांघों को और खोल दिया और देव से बोली,
"और पास आ कर मेरी चूत को देखो." देव का चहेरा अपने चाची की चूत से करीब चार इंच दूर था और उसके नाक मे अपनी चाची की चूत से निकलती हुई सोंधी सोंधी खुसबू घुस रही थी. चाची अपने हाथों से अपनी झांतो भरी चूत को और फैला दिया और देव से अपनी चूत के अंदर लाल लाल हिस्सा देखने के लिए बोली. फिर अपने हाथों से देव को अपनी चूत के दाने को दिखा कर उसको चूसने के लिए बोली. देव तब अपनी चाची की चूत के दाने को अपने होठों मे लेकर चूसना शुरू किया और इस'से उसको बहुत मज़ा मिलने लगा.
चाची अपनी चूत की होठों के बीच का हिस्सा भी देव से चाटने के लिया बोली. देव वैसे ही किया. उसने अपनी जीव अंदर तक डाल कर अपनी जीव घुमा घुमा कर चूसना शुरू किया. फिर चाची देव से चोदने के लिए बोली और देव अपनी चाची की चूत मे अपना लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया. पहले देव चाची जो ज़मीन पर लेता कर, फिर उनको कुतिया की तरह झुका कर और खुद उनके पिछे से, और फिर खुद ज़मीन पर लेट कर और चाची को अपने उपर चढ़ कर चोदा. देव की जवानी अपने पूरे जोश पर थी.
अब चाचा की गैर हाजरी में यह काम रोज होने लगा. चाची देव को अपने कमरे में बुला लेती. फिर चाची निढाल हो कर चुप चाप ज़मीन पर लेट जाती और अपनी टाँगे फैला कर देव से अपनी चूत पिछे से चोदने के बोलिती. देव धीरे से अपन खरा लंड उनकी चूत के अंदर उतार देता था और उनको अपने हाथों मे भर कर अपना लंड जितना जा सके उतना डाल कर रगर के चोद्ता. वो जैसे ही अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता था उसकी चाची गलियाँ बकने लगती,
"अरे हरमज़ड़ा, क्या तू अपनी चाची को मार ही डालेगा क्या. तेरा लंड तो पूरा गधे का लंड जैसा है. आई मैं मेरीयी जा रही हूँ छोड मेरी चूत निकल ले अपना लंड, मेरी चूत फटी जा रही है. देख तेरे लंड के धक्के से मेरी गुलाबी चूत काली पड़ चुकी है." तब देव अपना लंड पूरे जर तक चाची की चूत मे डाल कर चोद्ता. देव झरने के बाद चुप चाप अपनी चाची की पीठ पर लेट गया और महसूस करने लगा कि चाची की चूत से पानी निकल कर उसके अंडों को गीला कर रहा है.
रात को जब देव के चाचा अपनी बीवी को चोद्ते थे तो देव उनकी चुदाई अंधेरे में लेट कर देखता था और अपने लंड पर हाथ फेरता था. जब चाचा अपनी बीवी को चोद कर वरेंड़े मे सोने के लिए चले जाते थे तब चाची देव को अपने कमरे मे बुला लेती थी और उस'से अपनी चूत को फिर से चोदने के लिए बोलती थी.
यह चाची और भतीजे की चुदाई का किस्सा बहुत दीनो तक चलता रहा लेकिन एक दिन चाचा ने देव और चाची को रंगे हाथ चुदाई करते हुए पकर लिया. चाचा देव को इसके लिया बहुत मार मारा और देव को अपने घर से अगले दिन निकाल दिया. चाचा अपनी बीवी को भी बहुत लतारा लेकिन उसने जो सुख अपनी चूत से दिए हैं एह सोच कर चाचा चाची को घर से नही निकाला.
देव पर तरस खा कर और जो सुख देव अपने लौरे से उसकी चूत को दिया है एह सोच कर चाची देव को ढेर सारा रुपया पैसे छुप कर दिया. देव अप'ने गाओं वापिस आ गया और अपनी खेती सम्हलने लगा.
थोरे दीनो के बाद देव की शादी देवकी के साथ हो गयी. शुरू शुरू मे सब कुच्छ ठीक ठाक था और जब भी वो चाहता था वो देवकी को पकर कर उसके कापरे खोल कर चोद लेता था. लेकिन देवकी बहुत ही कामुक औरत थी और इसलिए उसकी चुदाई की भूख बहुत ज़यादा थी और वो भूख उस'से शांत नही होती थी.
जब देव का लंड देवकी की चूत की गर्मी शांत करने के काबिल नही रहा तो देवकी ने एह बात देव को भी समझा दिया था.
देव को भी कुच्छ परेशानी थी. हालाँकि अपने शादी के शुरू के दीनो मे वो अपनी पत्नी देवकी की चूत की भूक शांत कर सकता था, लेकिन बाद मे जब देवकी उसको हर वक़्त मौका मिलते ही चोदने के लिए बोलती थी तो वो अपने आप को मजबूर समझने लगा. देव खुले शबड़ों मे देवकी को एह बात बता दिया था. उसने एह बता दिया का कि उसका लंड तभी खरा होता है जब वो नंगी औरत की तसबीर देखता है या मन ही मन मे एह सोचता है कि कोई दूसरा आदमी देवकी को चोद रहा है. देव देवकी से एह भी बोला कि एह सब उसकी बचपन की बातों के लिए है.
समय के साथ साथ देव का लंड ढीला पर गया और वो देवकी की चूत की गर्मी शांत करने के काबिल ना रहा. देव ने बहुत कोशिश की. देवकी ने भी देव को काफ़ी मदद किया, लेकिन देव का लंड अब थक चुक्का था. इसके तीन साल बाद देवकी की मुलाकात हरिया हो गयी. शुरू शुरू मे देवकी हरिया के साथ चुदाई की कहानी देव से छुपा कर रखी. देवकी और हरिया कभी कभी मिलते थे और देवकी अपनी चूत की भूख हरिया के लंड से शांत कर लेती थी. उस को हरिया की ज़रूरत सिर्फ़ अपने चूत मे उसका लंबा और मोटा लंड के लिए थी. यह हरिया के साथ चुदाई देवकी जगन से मिलने तक जारी रखी. जगन से मुलाकात के कुच्छ ही दीनो के बाद देव देवकी और जगन को अपने कमरे के दरवाजे की झेरी से देख लिया.
देव को देवकी और जगन की चुदाई देख कर अपने पुराने जमाने की बात याद आ गयी. वो जब देवकी को जगन से मज़े ले ले कर चुड़वते देखा तो उसके लंड मे भी कुच्छ कुच्छ होने लगा और थोरी देर के बाद उसका लंड भी तन कर खरा हो गया. बाद मे जब देवकी अपनी चूत जगन से ठुकवा कर वापस अपने कमरे मे सोने के लिए आई तो देव देवकी को अपनी बाहों मे जकर लिया और देवकी को नंगा कर के उसकी चूत पर बुरी तरह से पिल परा और काफ़ी देर तक देवकी को चोद्ता रहा. देवकी अपने पती की चुदाई से बहुत दीनो के बाद खुस हुई.
जब देव और देवकी की जबरदस्त चुदाई की गर्मी शांत हो गयी तब देव देवकी को कहा कि कैसे वो देवकी और जगन की चुदाइ देख देख कर गरमा गया था और उसका लंड खरा हो गया था. उस दिन के बाद से देव और देवकी का एह सिलसिला चलता रहा. देव अपनी बीवी की चूत की ठुकाई जगन से होते देखता और फिर जगन के जाने के बाद देव अपना खरा लंड देवकी की चूत मे पेलता था.
फिर देव और देवकी जगन को अपने घर पर एक कमरा दे दिया रहने के लिए.
क्रमशः.......................
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
गाओं की मस्ती पार्ट--1
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