गाओं की मस्ती पार्ट--10
कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम
गतान्क से आगे............
"मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ, मा" मुझे आप पक्का बना देना.
फिर छ्हम्मो दोनो दमादों के लंड दोनो हाथों से पकर उनसे खेलते खेलते सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो छ्हम्मो ने देखा की जगन का पैर उनके उपर चढ़ा हुआ है और उसका लंड बुरी तरह से खरा हुआ है. देव उनसे दूर सो रहा है. धीरे धीरे छ्हम्मो दमादों को बिना जगाए उठ कर बैठ गयी. उनको चूत पर खुजली महसूस हुए तो उन्होने चूत पर हाथ फेरा. हाथ फेरने से उन्होने पाया कि कल रात की चुदाई से दोनो दमादों का वीर्या उनके चूत के चारो तरफ सुख कर फैला हुआ है. जगन का खरा लंड देख कर छ्हम्मो अपने आप को रोक नही पायी. वो जगन के बगल मे घुटने के बल बैठ कर जगन का लंड चूसने . जगन लंड की चुसाइ से जाग गया और अपना लंड सास के मूह मे देखा और उनकी तरफ देख मुस्कुरा दिया.
"यह तो बरा अच्छा जगाने का तरीका है" . देव भी अब तक जाग गया था और उठ कर जगन और सास को देख कर बोला,
"तुम लोगों ने सुबह सुबह ही शुरू कर दिया" और वो बैठ कर उनकी हरकतों को देखने लगा. थोरी देर के बाद देव का लंड भी खरा होना शुरू कर दिया. देव हाथों से अपना लंड सहलाते हुए छ्हम्मो को जगन का लंड चूस्ते देखने लगा. कुच्छ देर के बाद देव उठ कर सास के पिछे चला गया और उनके पिछे जा कर उकूड़ू बैठ गया और उनकी गंद हाथों से उठा लिया. देव हाथों से सास की बिना झांतों वाली बूर को मसल रहा था और देखा की चूत के चारों तरफ कल रात की चुदाई से ढेर सारा वीर्या जमा परा है. उसने फिर सास की चूत को हाथों से फैलाया और उसमे मूह लगा कर उसको चूसना शुरू कर दिया. छ्हम्मो अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. वह गंद हिला हिला कर देव को अपनी चूत को चूसने मे मदद करने लगी.
देव का लंड अब तक काफ़ी हद तक खरा हो गया था और वो झुक कर अपना लंड सास की चूत पर लगा दिया और उसे एक ही झतके के साथ अंदर गुसेर कर उनको चोदने लगा. छ्हम्मो बरे दामाद की करतूतों से बहुत खुस थी और चकित भी थी और अपनी गंद हिला हिला कर अपनी चूत बारे दामाद से चुदवा रही थी. छ्हम्मो अपनी चूत को दामाद से पिछे से चुदवा रही थी और मूह से छोटे दामाद का लंड चूस रही थी. थोरी देर के बाद जगन सास के मूह मे ही अपना पिचकारी छोड दिया जिस को छ्हम्मो बारे मज़े लेकर पी गयी. देव अभी तक झारा नही था और वो सास को पिछे से पकर कर चोदना चालू रखा. थोरी देर तक इस तरह से चोद्ते हुए देव उनकी चूत मे पिचकारी छोड दिया और चूत वीर्या से भर गयी.
"वाह, जागने और जगाने का यह क्या अच्छा तरीका है" छ्हम्मो यह सोचते हुए अपनी सारी को पहनते हुए कमरे के बाहर बाथरूम के तरफ चल दी.
छ्हम्मो बाथरूम से चूत और जांघों को धो कर बाहर आई और दमादों के लिए चाइ नाश्ता बनाया. जगन और देव भी सॉफ सफाई करके साथ बैठ कर चाइ नाश्ता लिया. नहाते वक़्त तीनो तय किया सब के सब एक साथ नहाएँगे, जिस'से की समय की बचत होगी. तीनो बाथरूम एक साथ घुस गये और नहाने लगे. जगन और देव पहले पंप चला कर बाल्टियो मे भर लिया और छ्हम्मो ने उनके शरीर पर साबुन लगा कर मल मल कर उनको साफ सुथरा किया फिर दोनो मिल कर सास को भी साबुन लगा कर साफ किए. जगन का लंड नहाते वक़्त भी खरा हो गया था, लेकिन छॅमो यह देख कर भी ज़्यादा ध्यान नही दी और बाद के लिया छोड दिया. फिर सब हस्पताल पाहूंचे. हस्पताल मे जगन और देव के ससुरजी और उनके भाई भी आ गये थे. सब के सब जया और उसकी बची को देख कर काफ़ी खुस थे.
सब लोग एक दूसरे के गले मिल रहे थे. थोरी देर के बाद डॉक्टर बोला की वो लोग जया को घर ले जा सकते हैं. सब लोग घर वापस चले आए और घर पर सबने जया की बच्ची को स्वागत किया. शाम होते होते ससुर जी और उनके भाई घर वापस चले गये. शाम तक घर मे आने जाने वालों का ताँता बना हुआ था. उनके सारे परोसी जया और उसकी बच्ची को देखने के लिए उनके घर आ जा रहे थे. जया डेलिवरी के बाद बहुत सुस्त पर गयी थी और उसको इस समय बहुत नीद लग रही थी और देवकी जो की दो रातों से ठीक से सो नही पाई थी सोने चली गयी.
जगन बीवी और बच्चे से बहुत खुश था और वो भी बीवी के कमरे मे चला गया. अब सिर्फ़ देव और छ्हम्मो ही जाग रहे थे. वो लोग वारंडे मे बैठ कर इधर उधर की बातें कर रहे थे और थोरी देर के बाद उनकी बात सेक्स की तरफ मूर गयी. देव सास से कहा कि कैसे उसका लंड सिर्फ़ दूसरे की चुदाई देखने के बाद खरा होता है. सास उसकी बात सुन कर बोली,
"तुम्हे या तो अपने आप पर भरोसा नही है या तुम्हे कोई अन्द्रुनि बीमारी है, लेकिन कोई बात नही, मैं जब तक इन्हा हूँ तुम्हे ठीक करने की कोशिश करूँगी. लेकिन सबसे पहले मुझे तुमको टेस्ट करना है."
तबसासू ने देव की धोती खींच कर उतार दिया और देव का मुरझाया हुआ लंड को देखने लगी. वो उस लंड को हाथों मे लेकर खेलने लगी और देव से बताना शुरू किया कैसे उसका ससुर और चाचिया ससुर उनको एक मिहीना के बाद उनके घर जाने के बाद एक के बाद दूसरा उनको उलट पलट कर चोदेन्गे और कैसे वो उनकी चुदाई का मज़ा लूटेंगी, सिर्फ़ महीना दिन को छ्होर्के. महीने के दीनो मे भी वो पती और देवर का लंड चूस चूस कर उनको झारेगी और उनके लंड से निकला वीर्या को पीएगी. इन सब चुदाई की बातों को सुन कर भी देव का लंड खरा नही हुआ. फिर छ्हम्मो ने दामाद का लंड को चूसना शुरू किया लेकिन थोरी देर के बाद हार कर चुप पर गयी.
देव भी अपनी उंगलेओं से अपनी सास की चूत को उनके सारी के अंदर हाथ डाल कर खोद रहा था फिर भी उसका लंड नही खरा हुआ. आख़िर मे छ्हम्मो हार कर अपनी सारी अपनी कमर तक उठा कर लेट गयी और देव से चूत को चाटने के लिए बोली. देव खुशी खुशी सास के कहने के अनुसार उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मन भर कर उनकी चूत को चटा और तब तक चटा जब तक की उसकी सास के चूत से मीठा मीठा रस ना निकलने लगा. फिर भी देव का लंड खरा नही हुआ. छ्हम्मो को इस'से बहुत तकलीफ़ हुई और अपनी बेटी की भाग्या पर अफ़सोस करने लगी.
अगले कुच्छ दिन बहुत जल्दी जल्दी बीत गये. छ्हम्मो और देवकी बहुत ब्यस्त थी दोनो को जया और उसकी बची की देख भाल करनी पर रही थी. छ्हम्मो को खाना भी पकना पर रहा था. शानिबार और इतबार को घर के दोनो मर्द लोग भी बीवी और सास की मदद कर रहे थे. अब जया का नहाने का समय आ पहुँचा. वह अब पहली बार बचा पैदा होने के बाद नहाने वाली थी और इसके लिए उसको तेल लगाना ज़रूरी था और नहाने के बाद उसको जरी बूटी के धुंवा से सेकई भी करनी थी.
छ्हम्मो पिच्छ'ले रात जया के लिए जरी बूटी वाला तेल बना चुकी थी. उस दिन सुबह जब सूरज काफ़ी उपर चढ़ आया तो छ्हम्मो जया को बुलाई और तेल लगवाने को तैइय्यार होने के लिए बोली. छ्हम्मो हॉल के अंदर ज़मीन पर चटाई बीच्छा रखी थी और जब जया अप'ने कमरे से बाहर निकली तो उसको ज़मीन पर बीछे चटाई पर कपरे उतार के लेटने के लिए बोली.
जया ने वैसे ही किया और उसकी मा घर के मर्दों को बुला कर मालीश मे मदद करने के लिए बोली. जगन और देव बहुत खुशी खुशी जया की मालीश के लिए तैइय्यार हो गये. जब वो दोनो कमरे मे आए तो छ्हम्मो उनसे धोती और शर्ट उतार करके सिर्फ़ ताओलिया पहनने के लिए बोली, क्योंकी तेल लगाते समय धोती और शर्ट गंदी हो जाएगी. जया को ज़मीन पर पेट के बल लेटने के लिए बोली.
जगन और देव दोनो तरफ़ घुटने के बल बैठ गये और जया के सर से पावं तक गरम गरम तेल लगाना शुरू किया. फिर वो दोनो जया की गर्दन, कंधों, पीठ, चूतर, जांघों और पैरों को धीरे धीरे मालीश करना शुरू कर दिया. जया मालीश से बहुत खुश हो रही थी क्योंकी मालीश से उसकी बदन की हर जोरों का दर्द निकल रहा था. फिर उन लोगों ने जया को चित लेटा दिया और फिर से सर से पावं तक तेल लगा करके मालीश करनी शुरू कर दिया. जैसे ही उंदोनों का हाथ चूंचों पर परा जया खुशी से उच्छाल परी. जगन ने एक चूंची दबा कर थोरा सा दूध निकल दिया. फिर दोनो मिल कर जया की पेट, पेरू, जानहघों और पैर की भी मालीश किए. अब तक जगन का लंड खरा हो गया था और जया उस खरे लंड को पकर कर हाथों से उसको सहलाने लगी.
"ओह! मैं कब से इस खरे लंड को नही देखी, कब से इस को मैने अंदर नही लिया है बेचारा कब से यह भूखा है," जया जगन के लंड को हाथों से टोटालते हुए बोली.
"छोटी तू बिल्कुल चिंता ना कर, हम लोग इनका ठीक से ख़याल रख रहे हैं." जया की मा बोली, और उनकी बातों को सुन कर सब के सब हंस परे. देवकी एक गमले मे गरम पानी लेकर आई और साथ तौलिया भी. छ्हम्मो तौलिया को गरम पानी मे भेगो करके जया के सारे शरीर को पोंच्छना शुरू कर दिया. फिर इसके बाद जया को देवकी और छ्हम्मो दोनो पकर कर बाथरूम ले गयी और उसको नहलाया गया. फिर उसके शरीर को पोंच्छ करके उसको कमरे मे बैठा करके कुच्छ जरी बूटी का धुआँ किया गया. छ्हम्मो अपनी बेटी के गुप्तांगों को सहलाती रही. छ्हम्मो एक गमले मे आग ला करके उसमे जरी बूटी डाल के उसका धुआँ से जया की चूत को सेंक लगाई.
"यह धुआँ जितना तेरी चूत पर जाएगा, तेरी चूत फिर से पुरानी शकल मे आ जाएगी और फिर से तेरी चूत टाइट हो जाएगी," छ्हम्मो अपनी बेटी को समझती रही और जरी बूटी की धुआँ जया की चूत पर लगाती रही. छ्हम्मो अपनी बेटी से कहती रही,
"यह जरी बूटी के धुआँ से सेंक की बात मेरे को मेरी मा बतलाई थी." इस सब के बाद देवकी और छ्हम्मो भी नहा धो लिए.
घर के दोनो दामाद जिनके शरीर पर अब तक तेल लगा हुआ था वो भी देवकी और छ्हम्मो के साथ बाथरूम मे घुस गये. सबसे पहले देव पंप चला कर पानी भर लिया और दूसरे लोग कपड़े उतार कर एक दूसरे को तेल लगाते रहे. देवकी हाथों से तेल देव को लगाई और छ्हम्मो तेल जगन के शरीर पर मली. जब देवकी और छ्हम्मो ने जगन और देव को तेल लगा दिया तो जगन और देव देवकी और छ्हम्मो के शरीर के हर कोने और छेदो मे तेल लगाया और उनके शरीर को काफ़ी मला. जगन का लंड हमेशा की तरह इस प्रक्रिया से खरा हो गया था, लेकिन देव का लंड अभी भी झुका हुआ था. यह देख छ्हम्मो ने देव को खींच लिया.
"आओ मेरे जमाई राजा, मैं आज तुम्हारे लंड की तेल से मालीश कर दूँगी, देखती हूँ कि इस'से तुम्हारा लंड खरा होता है की नही" छ्हम्मो देव से बोली. फिर छ्हम्मो घुटने के बल देव के सामने बैठ गयी और हाथों मे तेल ले कर देव के लॉड पर तेल लगाने लगी. तेल लगाते लगाते च्चाम्मो देव के लंड को हाथों से खींच भी रही थी. वह अंगूठे और एक उंगली से देव का लंड खींच रही थी की जैसे कोई भैंस के थन को खींच खींच कर दुहुता है. देवकी और जगन उनके पास खरे हो कर देख रहे थे. जैसे जैसे छ्हम्मो दामाद के लौरे को खीच रही थी वैसे वैसे देव का लंड धीरे धीरे खरा होना शुरू किया. फिर छ्हम्मो हाथों से देव के अंडों को लेकर उनको मलने लगी.
छ्हम्मो हाथों से देव के अंडों और लौरे को मलती रही. फिर छ्हम्मो देव के अंडों और गंद के बीच की जगह को तेल लगा कर मालीश किया. फिर छ्हम्मो देव की गंद के अंदर अपनी उंगली मे तेल लगा कर पेल दिया और उंगली को घूमने लगी और थोरी देर के बाद वो फिर से देव के लौरे को मालीश करनी शुरू किया. अब तक के प्रक्रिया और छ्हम्मो के मेहनत से देव का लंड आधे से ज़्यादा खरा हो गया था. यह देख कर देवकी अपने आप को जगन के साम'ने ले गयी और जगन का लंड पकर कर गंद के उपर फिराने लगी. जगन तब उसको पिक्फ से पकर कर अपना लॉरा देवकी के जांघों के बीच अऱ दिया. देवकी तब जगन के लौरे को जगहों से दबा कर अपनी कमर हिलाने लगी.
दोनो के बदन मे तेल लगा हुआ था और इस लिए जगन का लॉरा बारे आराम से जांघों के बीच आगे पिछे हो रहा था. देवकी अब जगन के आगे झुक गयी और जगन ने अपना लंड देवकी की चूत मे पिछे से ही डाल दिया. जगन का लंड देवकी की चूत मे घुसते ही देवकी की मूह से खुशी के मारे चीख निकल गयी और देव तब अपना सर घुमा कर देखा कि जगन और देवकी चुदाई मे ब्यस्त हैं. जैसे जैसे देव उनकी चुदाई का सीन देखता रहा, देव का लंड खरा हो गया और तन्ना कर सख्त हो गया.
"तुम दोनो मिल कर हुमारी सारी महेनट पर पानी फेर दिया" छ्हम्मो अपनी बेटी से कही.
"फिर भी मैं अपनी महेनट बेकार नही होने दूँगी" और यह कह कर छ्हम्मो देव का लंड मूह मे ले लिया और उसको चूसने लगी. देव का लंड अब पूरे जोश मे था क्योंकी वो बीवी और जगन को चुदाई करते हुए देख रहा था. छ्हम्मो दामाद का लॉरा बरा मन लगा कर चूस रही थी. उसने दामाद के चूतर को पकर कर अपना सर हिला हिला कर लॉरा मूह मे ले रही थी और निकाल रही थी.
उधर जगन और देवकी ज़ोर दार तरीके से एक दूसरे को चोद रहे थे. जगन अपना लंड देवकी की चूत मे पिछे से डाल कर जल्दी जल्दी से अंदर बाहर कर रहा था. देवकी चूत के सुख से ज़ोर से चिल्ला रही थी. जया कमरे मे इन लोगों की आवाज़ सुन कर इनके कमरे मे आई और चारों को चुदाई मे लिपटा देख कर बहुत खुश हुई और बोलने लगी,
"क्या करूँ मैं तुमलोग के साथ नही दे सकती हूँ, लेकिन मैं खरी खरी तुम लोगों की चुदाई देखती रहूंगी." तुम लोग थोड़े दिन रुक जाओ, फिर मैं तुम मे से किसी को भी नही छ्होरंगी" यह कहती हुए जया कमरे के तरफ चली गयी क्योंकी उसको डर था की अगर वो उनकी चुदाई और देर तक देख ले गी तो उसको भी गर्मी चढ़ जाएगी और वो भी उनके साथ शामिल हो जाएगी. छ्हम्मो अब अपने आप को आगे झुका कर देव से बोली,
"चलो मेरे जमाई राजा, मेरी छूत मे अपना खरा लंड डाल कर मेरे को चोदो." कमरे का माहौल बरा अजीब सा था. दोनो मा और बेटी ने अपने आप को घुटने के बल झुका लिया और एक दामाद सास को और जीजा बरी साली को पीछे से उनपर झुक कर चोद रहे हैं. दोनो मा और बेटी अपनी चुदाई से खुश हो कर गले से आवाज़ निकाल रही थी और चूतर हिला हिला कर चूत के अंदर लंड पिलवा रही थी. दोनो मा बेटी बोल रही थी,
"आह! आह! ओह! ज़ोर से, और ज़ोर से चोदो, हाई मेरी तो चूत को आज बहुत दीनो के बाद लॉरा मिला है खाने को, दो दो हाँ, और ज़ोर से दो, फार दो आज मेरी चूत, रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रहो अपना लंड मेरी चूत मे. बहुत मज़ा मिल रहा. पूरा का पूरा लंड से पेलो, डरो नही खूब चोदो." जगन और देव अपना अपना लंड सास और बरी साली के चूत मे दना दान पेल रहे थे और हाथों से कभी उनकी चूंची और कभी चूतर को मसल रहे थे.
थोरी देर इसी तरह से चोद्ते चोद्ते जगन और देव ने वीर्या की धार छोड डी और ज़मीन पर लुढ़क गये. थोरे देर के बाद सांस ठीक हो जाने के बाद चारों मिल कर एक दूसरे को साबुन मल मल के नहलाए और बाथरूम से बाहर आ गये. बाहर निकल कर छ्हम्मो अपनी बेटी देवकी से बोली,
"मेरे ख़याल से मैं तेरे आदमी को ठीक कर सकती हूँ. मैने तेल मालिश से तेरे पिताजी और चाचा को भी ठीक किया है. तेरे आदमी का भी आज मालिश से काफ़ी कुच्छ ठीक हो रहा था, लेकिन तूने और जगन ने अपनी चुदाई शुरू कर के मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. कल से मैं अकेली देव को ले कर बाथरूम मे जौंगी और उसका इलाज करूँगी. देखना देव कुच्छ दीनो मे ही ठीक हो जाएगा." मा से यह बात सुन कर देवकी बहुत खुश हो गयी और मा से लिपट कर मा के चूंचों को दबाते दबाते उनका गाल चूम'ने लगी. तब छ्हम्मो देवकी से च्छूराते हुए बोली,
"हट च्चिनाल, तेरे चूत ने तो अभी अभी जगन के लंड को खाया है, फिर भी तू अभी भी चुदसी है, और मेरी सोच. मैने तो सिर्फ़ देव का आधा खरा लंड ही खाया है और मेरी चूत मे अभी भी ख़ाज़ भरी परी है, तू जल्दी से खाना पका ले, मैं जगन को लेकर दूसरे कमरे मे जाती हूँ और चूत को जगन के वीर्या से ठंडा करती हूँ." जया कमरे से अपनी मा और दीदी की बात सुन रही थी और बोल परी,
"मा तुम तो बरी चुदक्कर निकली, अरे कम से कम मेरा ख़याल करते हुए मेरे जगन को छोड दो, तुम अगर उसका लंड अपनी चूत मे डलवओगी तो मेरी चूत के लिया क्या बचेगा. मा तुम बस देव से ही अपनी चूत चुदवाओ और जगन को मेरे और देवकी दीदी के लिए छोड दो."
छ्हम्मो करीब 15 दिन और अपनी बेटियों और दामादो के पास रुकी फिर अपने गाओं चली आई. इस बीच देव के लंड की मालिश करके उसने देव को बहुत हद तक ठीक कर दिया. परंतु यह कोई ख़ास चिंता की बात नहीं थी. देव कभी जगन से देवकी को चुद्ते देख लेता था तो कभी जया को चुद्ते और वह भी इस मस्त और नशीले खेल में शामिल हो जाता.
एंड
दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दिए हुए पार्ट जरूर पढ़े ..............................
आपका दोस्त
राज शर्मा
गाओं की मस्ती पार्ट--1
गाओं की मस्ती पार्ट--2
गाओं की मस्ती पार्ट--3
गाओं की मस्ती पार्ट--4
गाओं की मस्ती पार्ट--5
गाओं की मस्ती पार्ट--6
गाओं की मस्ती पार्ट--7
गाओं की मस्ती पार्ट--8
गाओं की मस्ती पार्ट--9
गाओं की मस्ती पार्ट--10
GAON KEE MASTEE paart--10
gataank se aage............
"Mai apko bahut pyar karta hun, ma" mujhe aap pakka bana dena.
Phir Chhammo dono damadon ke lund dono hathon se pakar unse khelte khelte so gayee. Subah jab ankh khulee to Chhammo ne dekha ki Jagan ka pair unke upar chara hua hai aur uska lund buree tarah se khara hua hai. Deva unse dur so raha hai. Dhire dhire Chhammo damadon ko bina jagaye uth kar baith gayee. Unko choot par khujlee mahasoos hue to unhone choot par hath phera. Hath pherne se unhone paya ki kal rat ki chudai se dono damadon ka virya unke choot ke charo taraf sukh kar phaila hua hai. Jagan ka khara lund dekh kar Chhammo apne aap ko rok nahee payee. Wo Jagan ke bagal me ghutne ke bal baith kar Jagan ka lund choosne . Jagan lund ki chusai se jag gaya aur apna lund saas ke muh me dekha aur unki taraf dekh muskura diya.
"yah to bara achhaa jagane ka tarika hai" . Deva bhi ab tak jag gaya tha aur uth kar Jagan aur saas ko dekh kar bola,
"tum logon ne subah subah hi shuru kar diya" aur wo baith kar unkee harkaton ko dekhne laga. Thori der ke baad Deva ka lund bhi khara hona shuru kar diya. Deva hathon se apna lund sahalate hue Chhammo ko Jagan ka lund chuste dekhne laga. kuchh der ke bad Deva uth kar saas ke pichhe chala gaya aur unke pichhe ja kar ukru baith gaya aur unki gand hathon se utha liya. Deva hathon se saas ki bina jhanton wali boor ko masal raha tha aur dekha ki choot ke charon taraf kal rat ki chudai se dher sara virya jama para hai. Usne phir saas ki choot ko hathon se phailaya aur usme muh laga kar usko chusna shuru kar diya. Chhammo ab dhire dhire garam ho rahee thee. vah gand hila hila kar Deva ko apni choot ko chusne me madad karne lagee.
Deva ka lund ab tak kafee had tak khara ho gaya tha aur wo jhuk kar apna lund saas ki choot par laga diya aur use ek hi jhtke ke sath andar guser kar unko chodne laga. Chhammo bare damad ki kartooton se bahut khus thee aur chakit bhi thee aur apni gand hila hila kar apni choot bare damad se chudwa rahee thee. Chhammo apni choot ko damad se pichhe se chudwa rahee thee aur muh se chhoTe damad ka lund chus rahee thee. Thori der ke baad Jagan saas ke muh me hi apna pichkaree chhoD diya jis ko Chhammo bare maze lekar pee gayee. Deva abhi tak jhara nahee tha aur wo saas ko pichhe se pakar kar chodna chalu rakha. Thori der tak is tarah se chodte hue Deva unki choot me pichkaree chhoD diya aur choot virya se bhar gayee.
"Wah, jaagne aur jagaane ka yah kya achha tareeka hai" Chhammo yah sochte hue apni saree ko pahante hue kamare ke bahar bathroom ke taraf chal dee.
Chhammo bathroom se choot aur janghon ko dho kar bahar ayee aur damadon ke liye chai nashta banaya. Jagan aur Deva bhee saaf safaaee karke sath baith kar chai nashta liya. Nahate waqt teeno tay kiya sab ke sab ek sath nahayenge, jis'se ki samay ki bachat hogee. Teeno bathroom ek sath ghus gaye aur nahane lage. Jagan aur Deva pahale pump chala kar baaltean bhar liya aur Chhammo unke shareer par sabun laga kar mal mal kar unko saf suthra kiya phir dono mil kar saas ko bhi sabun laga kar saf kiye. Jagan ka lund nahate waqt bhi khara ho gaya tha, lekin Chhammo yah dekh kar bhi jyada dhyan nahee di aur baad ke liya chhoD diya. phir sab haspataal pahoonche. Haspatal me Jagan aur Deva ke sasurjee aur unke bhai bhi aa gaye the. Sab ke sab Jaya aur uski bachee ko dekh kar kafee khus the.
Sab log ek dusre ke gale mil rahe the. Thori der ke bad doctor bola ki wo log Jaya ko ghar le ja sakte hain. Sab log ghar wapas chale aaye aur ghar par sabne Jaya ki bachhee ko swagat kiya. Sham hote hote saaurjee aur unke bhai ghar wapas chale gaye. Sham tak ghar me aane jane walon ka taanta bana hua tha. Unke sare parosee Jaya aur uski bachhee ko dekhne ke liye unke ghar aa jaa rahe the. Jaya delivary ke baad bahut sust par gayee thee aur usko is samay bahut need lag rahee thee aur Devkee jo ki do raton se theekh se so nahee payee thee sone chalee gayee.
Jagan biwi aur bachhe se bahut khush tha aur wo bhi biwi ke kamare me chala gaya. Ab sirf Deva aur Chhammo hi jag rahe the. We log varande me baith kar idhar udhar ki baten kar rahe the aur thori der ke bad unki baat sex ki taraf mur gayee. Deva saas se kaha ki kaise uska lund sirf dusre ki chudai dekhne ke baad khara hota hai. saas uski baat sun kar boli,
"tumhe ya to apne aap par bharosa nahee hai ya tumhe koi andruni bimaree hai, Lekin koi baat nahee, mai jab tak inha hun tumhe theekh karne ki koshish karoongee. Lekin sabse pahale mujhe tumko test karna hai."
Kamal tab Deva kee dhoti kheench kar utar diya aur Deva ka murjhaya hua lund ko dekhne lagee. Wo us lund ko hathon me lekar khelne lagee aur Deva se batana shuru kiya kaise uska sasur aur chachia sasur unko ek miheena ke baad unke ghar jane ke bad ek ke baad dusra unko ulat palat kar chodenge aur kaise wo unki chudai ka maza lootengee, sirf maheena din ko chhorke. maheene ke dino me bhi wo patee aur dewar ka lund chus chus kar unko jhaaregee aur unke lund se nikla virya ko peeyegee. In sab chudai ki baton ko sun kar bhi Deva ka lund khara nahee hua. Phir Chhammo ne damad ka lund ko chusna shuru kiya lekin thori der ke baad haar kar chup par gayee.
Deva bhi apni ungleon se apni saas ki choot ko unke saree ke andar hath dal kar khod raha tha phir bhi uska lund nahee khara hua. Akhir me Chhammo haar kar apni saree apni kamar tak utha kar let gayee aur Deva se choot ko chatne ke liye boli. Deva khushee khushee saas ke kahane ke anusar unki choot ko chatna shuru kar diya aur man bhar kar unki choot ko chata aur tab tak chata jab tak ki uski saas ke choot se meetha meetha ras na nikalne laga. Phir bhi Deva ka lund khara nahee hua. Chhammo ko is'se bahut takleef huee aur apni beti ki bhagya par afsos karne lagee.
Agle kuchh din bahut jaldee jaldee bit gaye. Chhammo aur Devkee bahut byasta thee dono ko Jaya aur uski bachee ki dekh bhal karni par rahee thee. Chhammo ko khaana bhi pakana par raha tha. Shanibaar aur itbar ko ghar ke dono mard log bhi biwi aur saas ki madad kar rahe the. Ab Jaya ka nahaane ka samay aa pahuncha. Vah ab pahalee bar bacha paida hone ke baad nahaane wali thee aur iske liye usko tel lagana jaroori tha aur nahane ke bad usko jari buti ke dhunva se sekai bhi karni thee.
Chhammo pichh'le rat Jaya ke liye jaree butee wala tel bana chukee thee. Us din subah jab suraj kafee upar char aaya to Chhammo Jaya ko bulaee aur tel lagwane ko taiyyaar hone ke liye boli. Chhammo hall ke andar jameen par chatai beechha rakhee thee aur jab Jaya ap'ne kamare se bahar nikalee to usko jameen par beechhe chatai par kapare utar ke letne ke liye boli.
Jaya ne waise hi kiya aur uski maa ghar ke mardon ko bula kar maleesh me madad karane ke liye boli. Jagan aur Deva bahut khushee khushee Jaya ki maleesh ke liye taiyyaar ho gaye. Jab wo dono kamare me aaye to Chhammo unse dhoti aur shirt utar karke sirf taoliya pahanne ke liye boli, kyonkee tel lagate samay dhoti aur shirt gandee ho jayegee. Jaya ko jamen par pet ke bal letne ke liye boli.
Jagan aur Deva dono tarf ghutne ke bal baith gaye aur Jaya ke sar se paon tak garam garam tel lagana shuru kiya. Phir we dono Jaya ki gardan, kandhon, peeth, chutar, janghon aur pairon ko dhire dhire maleesh karna shuru kar diya. Jaya maleesh se bahut khush ho rahee thee kyonkee maleesh se uski badan ki har joron ka dard nikal raha tha. Phir un logon ne Jaya ko chit leta diya aur phir se sar se paon tak tel laga karke maleesh karnee shuru kar diya. Jaise hi undonon ka hath chunchon par para Jaya khushee se uchhaal paree. Jagan ne ek chunchee daba kar thora sa doodh nikal diya. Phir dono mil kar Jaya ki pet, peru, janhghon aur pair ki bhi maleesh kiye. Ab tak Jagan ka lund khara ho gaya tha aur Jaya us khare lund ko pakar kar hathon se usko sahalane lagee.
"Oh! Mai kab se is khare lund ko nahee dekhee, kab se is ko maine andar nahee liya hai bechara kab se yeh bhukha hai," Jaya Jagan ke lund ko hathon se totalte hue boli.
"chhoTee tu bilkul chinta na kar, hum log inka theek se khayal rakh rahain hain." Jaya ki ma boli, aur unki baton ko sun kar sab ke sab hans pare. Devkee ek gamale me garam pani lekar aayee aur sath taulia bhi. Chhammo taulia ko garam pani me bhego karke Jaya ke sare sharer ko ponchhna shuru kar diya. Phir iske bad Jaya ko Devkee aur Chhammo dono pakar kar bathroom le gayee aur usko nahalaya gaya. Phir uske sharer ko ponchh karke usko kamare me baitha karke kuchh jaree booti ka dhuan kiya gaya. Chhammo apni beti ke guptangon ko sahalatee rahee. Chhammo ek gamale me aag la karke usme jaree booti dal ke uska dhuan se Jaya ki choot ko senk lagai.
"Yah dhuan jitna teri choot par jayega, teri choot phir se puranee shakal me aa jayegee aur phir se teri choot tight ho jayegee," Chhammo apni beti ko samjhatee rahee aur jaree booti ki dhuan Jaya ki choot par lagatee rahee. Chhammo apni beti se kahatee rahee,
"yah jaree booti ke dhuan se senk ki baat mere ko meri maa batlayee thee." Is sab ke bad Devkee aur Chhammo bhi naha dho liye.
Ghar ke dono damad jinke sharer par ab tak tel laga hua tha wo bhi Devkee aur Chhammo ke sath bathroom me ghus gaye. Sabse poahale Deva pump chala kar pani bhar liya aur dusre log kapre utar kar ek dusre ko tel lagate rahe. Devkee hathon se tel Deva ko lagaee aur Chhammo tel Jagan ke sharer par malee. Jab Devkee aur Chhammo ne Jagan aur Deva ko tel laga diya to Jagan aur Deva Devkee aur Chhammo ke sharer ke har kone aur chhedon me tel lagaya aur unke sharer ko kafee mala. Jagan ka lund hamesha ki tarah is prakriya se khara ho gaya tha, lekin Deva ka lund abhi bhi jhuka hua tha. yah dekh Chhammo ne Deva ko kheench liya.
"Aao mere jamai raja, mai aaj tumhare lund ki tel se maleesh kar doongee, dekhtee hun ki is'se tumhara lund khara hota hai ki nahee" Chhammo Deva se boli. Phir Chhammo Ghutne ke bal Deva ke samne baith gayee aur hathon me tel le kar Deva ke laude par tel lagane lagee. Tel lagate lagate Chhammo Deva ke lund ko hathon se kheench bhi rahee thee. vah anguthe aur ek unglee se Deva ka lund kheench rahee thee ki jaise koi bhains ke than ko kheench kheench kar duhuta hai. Devkee aur Jagan unke pas khare ho kar dekh rahe the. Jaise jaise Chhammo damad ke laure ko kheech rahee thee waise waise Deva ka lund dhire dhire khara hona shuru kiya. Phir Chhammo hathon se Deva ke andon ko lekar unko malane lagee.
Chhammo hathon se Deva ke andon aur laure ko maltee rahee. Phir Chhammo Deva ke andon aur gand ke beech kee jagah ko tel laga kar maleesh kiya. Phir Chhammo Deva kee gand ke andar apni unglee me tel laga kar pel diya aur unglee ko ghumane lagee aur thori der ke bad wo phir se Deva ke laure ko maleesh karnee shuru kiya. Ab tak ke prakriya aur Chhammo ke mehnat se Deva ka lund aadhe se jyada khara ho gaya tha. yah dekh kar Devkee apne aap ko Jagan ke sam'ne le gayee aur Jagan ka lund pakar kar gand ke upar phiraane lagee. Jagan tab usko pichhe se pakar kar apna laura Devkee ke janghon ke beech aRa diya. Devkee tab Jagan ke laure ko jaghon se daba kar apni kamar hilane lagee.
Dono ke badan me tel laga hua tha aur is liye Jagan ka laura bare aram se janghon ke beech aage pichhe ho raha tha. Devkee ab Jagan ke aage jhuk gayee aur Jagan ne apna lund Devkee ki choot me pichhe se hi dal diya. Jagan ka lund Devkee ki choot me ghuste hi Devkee ki muh se khushee ke mare cheekh nikal gaye aur Deva tab apna sar ghuma kar dekha ki Jagan aur Devkee chudai me baista hain. Jaise jaise Deva unki chudai ka scene dekhta raha, Deva ka lund khara ho gaya aur tanna kar sakhta ho gaya.
"Tum dono mil kar humaree saree mehenat par pani pher diya" Chhammo apni beti se kahee.
"Phir bhi mai apni mehenat bekar nahee hone dungee" aur yah kah kar Chhammo Deva ka lund muh me le liya aur usko chusne lagee. Deva ka lund ab pure josh me tha kyonkee wo biwi aur sarhu ko chudai karte hue dekh raha tha. Chhammo damad ka laura bara man laga kar chus rahee thee. Usne damad ke chutar ko pakar kar apna sar hila hila kar laura muh me le rahee thee aur nikaal rahee thee.
Udhar Jagan aur Devkee jor dar tareeke se ek dusre ko chod rahe the. Jagan apna lund Devkee ki choot me pichhe se dal kar jaldee jaldee se andar bahar kar raha tha. Devkee choot ke sukh se jor se chilla rahee thee. Jaya kamare me in logon ki awaj sun kar inke kamare me aayee aur charon ko chudai me lipta dekh kar bahut khush huee aur bolne lagee,
"kya karoon mai tumlog ke sath nahee de saktee hun, lekin mai kharee kharee tum logon ki chudai dekhtee rahungee." Tum log thode din ruk jao, phir mai tum me se kisi ko bhi nahee chhorungee" yah kahatee hue Jaya kamare ke taraf chalee gayee kyonkee usko dar tha ki agar wo unki chudai aur der tak dekh le gee to usko bhi garmee char jayegee aur wo bhi unke sath shamil ho jayegee. Chhammo ab apne aap ko aage jhuka kar Deva se boli,
"chalo mere jamai raja, meri choot me apna khara lund dal kar mere ko chodo." Kamare ka mahaul bara ajeeb sa tha. Dono maa aur beti ne apne aap ko ghutne ke bal jhuka liya aur ek damad saas ko aur jeeja baree salee ko peechhe se unpar jhuk kar chod rahe hain. Dono maa aur beti apni chudai se khush ho kar gale se awaj nikal rahee thee aur chutar hila hila kar choot ke andar lund pilwa rahee thee. Dono maa beti bol rahee thee,
"Ah! Ah! Oh! Jor se, aur jor se chodo, hai meri to choot ko aaj bahut dino ke bad laura mila hai khane ko, do do han, aur jor se do, phar do aaj meri choot, rukna mat, bas aise hi pelte raho apna lund meri choot me. Bahut maza mil raha. Pura ka pura lund se pelo, daro nahee khoob chodo." Jagan aur Deva apna apna lund saas aur baree sali ke choot me dana dan pel rahe the aur hathon se kabhi unki chunchee aur kabhi chutar ko masal rahe the.
Thori der isi tarah se chodte chodte Jagan aur Deva ne virya kee dhaar chhoD dee aur jameen par ludhak gaye. Thore der ke baad sans theekh ho jane ke bad charon mil kar ek dusre ko sabun mal mal ke nahlaye aur bathroom se bahar aa gaye. Bahar nikal kar Chhammo apni beti Devkee se boli,
"mere khayal se mai tere admi ko theek kar saktee hun. Maine tel maalish se tere pitajee aur chacha ko bhi theekh kiya hai. Tere admi ka bhi aaj maalish se kafee kuchh theekh ho raha tha, lekin tune aur Jagan ne apni chudai shuru kar ke meri sari mehnat par pani pher diya. Kal se mai akalee Deva ko le kar bathroom me jaungee aur uska ilaj karungee. Dekhna Deva kuchh dino me hi theekh ho jayega." maa se yah baat sun kar Devkee bahut khush ho gayee aur maa se lipat kar maa ke chunchon ko dabate dabate unka gal chum'ne lagee. Tab Chhammo Devkee se chhurate hue boli,
"hat chhinal, tere choot ne to abhi abhi Jagan ke lund ko khaya hai, phir bhi tu abhi bhi chudasii hai, aur meri soch. Maine to sirf Deva ka aadha khara lund hi khaya hai aur meri choot me abhi bhi khaaz bharee paree hai, tu jaldee se khaana paka le, mai Jagan ko lekar dusre kamre me jatee hun aur choot ko Jagan ke virya se thanda kartee hun." Jaya kamare se apni maa aur didi ki baat sun rahee thee aur bol paree,
"maa tum to baree chudakkar niklee, are kam se kam mera khayal karte hue mere Jagan ko chhoD do, tum agar uska lund apni choot me dalwaogee to meri choot ke liya kya bachega. Ma tum bas Deva se hi apni choot chudwao aur Jagan ko mere aur Devkee didi ke liye chhoD do."
Chhammo kareeb 15 din aur apnee beTiyon aur daamaadon ke paas rukee phir apne gaon chali aayee. is beech Deva ke lund kee maalish karke usne deva ko bahut had tak theek kar diya. parantu yah koee khaas chinta kee baat naheen thee. Deva kabhee jagan se devkee ko chudte dekh leta tha to kabhee Jaya ko chudte aur vah bhee is mast aur nasheele khel men shaamil ho jaata.
End
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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