Friday, April 30, 2010

Kamuk kahaaniya -"छोटी सी भूल --15

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"छोटी सी भूल --15


गतांक से आगे .........................

दीप्ति मुझे होटेल की घटना सुना रही थी कि अचानक बाहर से सोनू की आवाज़ आई, ‘दीदी आपसे कोई मिलने आया है’

मैने बाहर झाँक कर देखा और दीप्ति से कहा, ‘अरे दीप्ति ये तो नेहा है ? यहा कैसे’ ?


तभी दीप्ति बोल पड़ी, ओह वो मुझ से मिलने आई होगी !!

मैने बाहर आ कर नेहा को वेलकम किया और उसे अंदर ले आई


“अरे यार फोन कर के बता तो देती कि तुम ऋतु के घर पर हो, तुम्हे पता तो था कि मैं आने वाली हूँ, मैं बेकार में तुम्हारे घर गयी” – नेहा ने दीप्ति की और देखते हुवे कहा.

दीप्ति बोली, सॉरी यार मैं और ऋतु कुछ ज़रूरी बाते कर रहे थे, उसी में खो गये थे, खैर चल बैठ और बता क्या चल रहा है ?

नेहा ने कहा, कुछ नही यार, आजकल दूसरी नौकरी ढूंड रही हूँ.


मैने नेहा के लिए टी मँगवाई और उस से उसका हाल चाल पूछा.


यहा वाहा की बाते करने के बाद नेहा ने पूछा, तो क्या ज़रूरी बाते चल रही थी तुम दोनो की ??

दीप्ति ने कहा, कुछ नही यार वही सुरेश वाली बात बता रहा थी ऋतु को, तुझे मैने बताया था ना कि उस दिन होटेल सूर्या में क्या हुवा था ?


नेहा ने कहा, नही यार तुमने नही बताया था, तुम कह रही थी कि किसी दिन आराम से बताउन्गि.


दीप्ति बोली, हां तो वही बात मैं अभी ऋतु को बता रही थी.

थोड़ा सा नेहा को बॅकग्राउंड सुना कर दीप्ति ने आगे बताना शुरू किया.

हाँ तो मैं कह रही थी कि मैं उस लड़की को आछे से जानती थी.

मैने दीप्ति से पूछा, कौन थी वो ? क्या मैं उस से मिली हूँ ?

दीप्ति बोली, नही तुम दोनो उसे नही जानते. उसका नाम पिंकी है और हमारे पड़ोस में रहती है, अभी यूनिवर्सिटी में एम.ए. इंग्लीश कर रही है.


मैने कहा, ह्म्म… पर वो तुम्हारे बारे में इतना गंदा क्यो बोल रही थी ?


दीप्ति बोली, यार यही अब समझने वाली बात है, सुनो मैं सब कुछ सुनाती हूँ.


मैने और नेहा ने एक साथ कहा, हां सुनाओ.

दीप्ति के शब्दो में :------


मैं पिंकी को वाहा देख कर चोंक गयी थी, मुझे विश्वास ही नही हो रहा था कि वो पिंकी ही है.

उस दिन मुझे पता चला कि वो कितनी शातिर दीमाग है.


दरअसल उसे वाहा देख कर सारे राज खुल गये थे.

सुरेश से सगाई होने के कोई 2 महीने पहले पिंकी के घर वालो ने अपने लड़के, रोहन का रिस्ता मेरे लिए भेजा था.

मेरे मम्मी पापा तो तैयार भी हो गये थे, पर मैने मम्मी पापा को साफ मना कर दिया था कि मुझे पिंकी का भाई बिल्कुल पसंद नही है और मैने उन्हे ये भी बता दिया था कि मुझे सब पता है, ये लोग हमारी दौलत के पीछे है.

अब तुम दोनो को तो पता ही है, मैं अपने मा बाप की एक लौति संतान हूँ और उनके बाद सब कुछ मेरा ही है, इसी बात पर पिंकी के घर वालो की नज़र थी.


पर पिंकी ने पता नही मेरी मम्मी पर क्या जादू कर रखा था कि वो मुझे बार बार समझा रही थी कि मान जाओ बेटा रोहन अछा लड़का है.

एक बार पिंकी भी मुझ से मिलने आई थी और मुझे खूब कन्विन्स करने की कोशिश कर रही थी पर मैने सॉफ कह दिया था कि मुझे तुम्हारा भाई पसंद नही है, मैं ये रिस्ता नही कर सकती.


पर उस दिन वो बड़े प्यार से कह कर गयी थी कि कोई बात नही दीप्ति, रिस्ते तो संजोग से होते है, जहा किस्मत होगी, वाहा रिस्ता हो जाएगा.


पर पिंकी ने सुरेश के रिस्ते के लिए मम्मी को कन्विन्स कर लिया और हमें बताया गया कि सुरेश एनआरआइ है और उसका यूएसए में अछा ख़ासा बिज़्नेस है.

अब क्योंकि मेरी मम्मी पिंकी के झाँसे में आई हुई थी इश्लीए हम लोगो ने ज़्यादा जाँच पड़ताल नही की और मैं जब सुरेश से मिली तो मुझे भी वो अछा लगा.

ये बात और है कि वो थोड़े दीनो बाद ही मुझे फोन पर परेशान करने लगा.

वाहा पर्दे के पीछे खड़े-खड़े मुझे पूरा चक्कर समझ आ गया था.

ये सॉफ हो गया था कि सुरेश के ज़रिए वो मुझ से बदला ले रही थी. अब मुझे समझ आया था कि क्यो सुरेश ने रिंग सेरेमनी के लिए मना किया था, वो नही चाहता था कि ज़्यादा लोग आए और उसे देंखे.



वो दोनो बड़ी बेशरामी से हंस रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे कि बहुत गहरा रिस्ता है दोनो का.


पिंकी बिस्तर पर लेट गयी और सुरेश उस के उपर लेट कर उसके बालो में हाथ फिरा कर बोला, बता क्या सेवा करूँ आज तुम्हारी मैं ?


पिंकी ने हंसते हुवे कहा, अब मेरी क्या सेवा करोगे, आज कल तो दीप्ति को लंड चूस्वा रहे हो. वैसे एक बात बताओ मुझ से अछा चूसा था क्या उसने ?

मैं हैरान थी कि पिंकी कैसी बाते कर रही है.

सुरेश ने पिंकी के होंटो को किस की और किस करने के बाद बोला, चूसा नही था उसने, मैने चूस्वाया था उसे, उसे तो पता ही नही है कि लंड कैसे मूह में लिया जाता है, अभी बिल्कुल अनाड़ी है.


पिंकी ने मुस्कुराते हुवे कहा, और मैं क्या हूँ ?

सुरेश बोला, मेरी जान तुम तो इस खेल में माहिर हो, ऐसा लगता है जैसे तुमने सकिंग में पीएचडी कर रखी है.


पिंकी ये सुन कर झूम उठी और सुरेश को गले से लगा लिया

मैने ये देख कर मन ही मन मेने कहा, बिच….. ऐसे खुस हो रही है जैसे पता नही इसको क्या मिल गया.


पिंकी ने सुरेश से पूछा, अछा ये बताओ की दीप्ति के बूब्स कैसे है ?


मुझे बिल्कुल अछा नही लग रहा था कि वो दोनो बार बार मेरा जीकर कर रहे थे. मन कर रहा था कि मैं ज़ोर से बोलूं कि बंद करो ये बकवास. पर मैं मनीष के कारण चुप थी.


सुरेश ने बेशर्मी से कहा, अभी देखे ही कहा है साली के, कोशिस तो बहुत की पर वो दिखाने के लिए राज़ी नही हुई. पर तू चिंता मत कर उसकी बगिया के अंगूर सबसे पहले मैं ही खाउन्गा ?

पिंकी बोली, क्या पता उसने पहले ही अपने अंगूर किसी को चखा रखे हो ?


मैं फिर से मन ही मन कह रही थी कि, कामीनो तुम अपने बारे में बात क्यो नही करते मेरे पीछे क्यो पड़े हो. मनीष मेरे साथ था और मुझे ये सब सुन-ना पड़ रहा था, मुझे बड़ा ही एंबॅरसिंग फील हो रहा था.


सुरेश बोला, नही नही उशके बर्ताव से यही लगता है कि आज तक उसके अंगूर किसी के हाथ नही लगे है, नही तो वो मेरे साथ इतने नखरे नही करती.

पिंकी बोली, नखरे तो लड़किया करती ही है, इस से कुछ साबित नही होता.

सुरेश बोला, मैं लड़कियो को तुमसे ज़्यादा जानता हूँ समझी, ऐसे ही नही फँसाया है तुम्हे, तुम्ही बताओ क्या मेरे अलावा तुमने अभी तक किसी और को अंगूर चखाए है.

पिंकी झट से बोली, कैसी बात करते हो, तुम मेरी जींदगी में पहले मर्द हो.

सुरेश बोला, मैं जानता हूँ, तभी कह रहा हूँ, जैसे तुम्हे जानता हूँ, वैसे ही दीप्ति को भी जानता हूँ. मैं तो उड़ती चिड़िया के पंख गिन लेता हूँ, मेरी आँखे धोका नही खा सकती, क्या समझी ?


पिंकी ने पूछा, फिर भी तुमने उसके बूब्स को नंगे नही तो वैसे तो देखा होगा, बताओ ना मेरे वालो से ज़्यादा बड़े है क्या.

सुरेश बोला, अरे भाई तुम अभी 21 साल की हो वो 27 साल की है कुछ तो फरक होगा ना पर फिर भी तुम्हारे उस से बड़े लगते है.

ये कह कर सुरेश ने पिंकी के बूब्स को हाथो में ले लिया और बोला, बड़े क्यों नही लगेंगे, इनका पालन पोषण मैं जो करता हूँ.

मैने चैन की साँस ली कि सूकर है, मेरी बाते ख़तम हुई.


पर ये चैन एक पल का ही था.

“ अछा ये बताओ तुमने दीप्ति की गांद देखी है ” ?

मैने मन ही मन में कहा, हे भगवान ये लड़की……., एक बार मनीष की वीडियो बन जाए फिर मैं इसकी खबर लूँगी, कामिनी कहीं की.


सुरेश बोला, पूछ मत यार, क्या मस्त गांद है उसकी, तुम तो अभी बस जवान हुई हो, दीप्ति की जवानी तो उफान पर है, सच बहुत मज़ा आएगा साली की गांद में लंड डालने में. मैं तो ये सोच कर हैरान हूँ कि जब कपड़ो में ही उसकी गांद इतनी सेक्सी लगती है तो बिना कपड़ो के कैसी लगेगी ? मैं तो उस दिन पागल हो जाउन्गा
पिंकी ये सुन कर थोडा गुस्से में बोली, अगर ऐसा है तो उस कुतिया के पास जाओ ना यहा क्या कर रहे हो ?


सुरेश बोला, तुम अजीब हो यार, खुद ही तो सब कुछ पूछ रही थी और अब नाराज़ हो गयी. अभी थोड़ी देर पहले तो तुम कह रही थी कि उसे लंड ही नही चूसवाना बुल्की उसकी चूत भी मारनी है.


पिंकी बोली, हां कहा था, पर ये नही कहा था कि तुम उसे पसंद करने लगो, याद रखो तुम्हे उसे बर्बाद करना है, तुम्हे उसकी चूत मज़े के लिए नही मारनी समझे ?


सुरेश बोला, ये अजीब बात है, चूत मारो और मज़ा भी ना लो, ये कैसे होगा पिंकी ? आख़िर तुम चाहती क्या हो ?. तुम चिंता मत करो मैं उसे प्यार से बर्बाद करूँगा.

पिंकी मायूस सा चेहरा बना कर बोली, क्या तुम्हे उसकी गांद मेरी गांद से ज़्यादा अछी लगती है ???


सुरेश बोला, अछा ये बात है, अरे पागल मेरा ये मतलब नही था, तुम अभी कची कली हो, तुम्हारी गांद दीप्ति की गांद से कम मोटी है, पर इसका ये मतलब नही है कि तुम्हारी गांद सेक्सी नही है, बल्कि मैं तो कब से तड़प रहा हूँ तुम्हारी गांद मारने के लिए, तुम ही हो जो हर बार मुझे रोकती हो.


पिंकी बोली, मैं क्या करूँ मुझे दर्द होता है.

सुरेश हंसते हुवे बोला, क्या दर्द होता है, एक इंच भी नही जाने देती और चील्लने लगती हो, निकालो….निकालो… सारा मज़ा खराब कर देती हो.

पिंकी बोली, तुम्हे दर्द होगा ना तो पता चलेगा.

सुरेश बोला, बड़े दिन हो गये कोई सुन्दर गांद मारे, अब तो बस दीप्ति से ही उम्मीद है, शायद वो ज़रूर डलवा लेगी.


पिंकी फिर नाराज़ हो गयी और बोली, तो जाओ ना उसी कुतिया के पास यहा क्या कर रहे हो ?

सुरेश बोला, देखो मैं सब कुछ तुम्हारे कहने पर कर रहा हूँ, मैं थोड़ा सा मज़ा ले लूँगा तो तुम्हारा क्या जाएगा.

पिंकी बोली, ले लो बाबा, तुम खूब मज़ा ले लो, पर ये मत भूलना कि तुम्हारा मकसद बस उसे बर्बाद करना है.


सुरेश बोला, तुम बिल्कुल चिंता मत करो, उसकी बर्बादी मेरे ही हाथो लीखी है, और मैं उसकी इतनी बुरी तरह मारूँगा कि वो दर्द से चील्ला-चील्ला कर पागल हो जाएगी, अब खुस !!!


पिंकी बोली, ह्म्म….. हां ये हुई ना बात.

सुरेश ने पिंकी के होंटो को अपने होंटो में ले लिया और कोई 5 मिनूट तक उसे यू ही चूमता रहा.


फिर वो बोला, यार गांद की बात कर-कर के तुमने मेरे लंड में गांद की प्यास जगा दी है, अब बताओ किस की गांद में डालूं में ये तड़प्ता हुवा लंड ?

पिंकी बोली, अरे मेरी चूत है ना, हर बार तुम्हे मज़ा नही देती क्या ?


सुरेश ने कहा, ऐसा करो आज हिम्मत कर के अपनी गांद में डलवा ही लो , कब तक गांद मरवाने के मज़े से वंचित रहोगी ?

पिंकी एक दम से बोली, नही सुरेश, ऐसी बाते मत करो मुझे डर लगता है, पता है ना जब तुमने पहली बार मेरी चूत में डाला था तो मेरी क्या हालत हुई थी ?

सुरेश बोला, हां हां याद है, तुम्हारी हालत मरने जैसी हो गयी थी.

पिंकी ने हंसते हुवे कहा, तो फिर आज फिर से मेरी जान लेने का इरादा है क्या ?



सुरेश बोला, अरे याद आया मेरे बेग में एक वॉटर बेस्ड लूब्रिकॅंट है

पिंकी बोली, वो क्या होता है ?


सुरेश बोला, देखो वॉटर बेस्ड लूब्रिकॅंट गांद मारने के लिए आछे होते है, उसे गांद में लगा दो तो गांद चीकनी हो जाती है, उशके बाद हम मज़े से गांद मार सकते है.

पिंकी के चेहरे पर डर था, वो बोली, रहने दो ना सुरेश, फिर कभी कर लेंगे आज तुम चूत मार लो ना.


सुरेश बोला, तुम हमेशा यही कहती हो, आज मुझ से नही रहा जाएगा, तुमने दीप्ति की गांद की बात छेड़ कर मुझे पागल कर दिया है, अब मैं गांद मारे बिना नही रह सकता.


सुरेश बिस्तर से उठ कर टेबल पर पड़े बेग की ओर चल दिया.


थोड़ी देर बाद वो एक ट्यूब ले कर लौटा, उसी में वॉटर बेस्ड लूब्रिकॅंट था.


वो पिंकी के पास आकर हंसते हुवे बोला, चलो घूम कर कुतिया बन जाओ.




पिंकी बोली, सुरेश प्लीज़, मुझे बहुत दर्द होता है वाहा, पिछली बार जब तुमने ट्राइ किया था तो कयि दीनो तक मुझे वाहा दर्द होता रहा था, अब जब मारोगे तो क्या होगा ??? मुझे डर लग रहा है.


सुरेश बोला, अरे डरो मत, तुम मर नही जाओगी, पहली बार तो दर्द सहना ही पड़ता है, अगर तुम उस दिन पहली बार चूत में ना डळवाटी और उस दिन वो दर्द ना सहती तो क्या आज इतना मज़ा ले पाती ??? , गांद में लंड लेने का अपना ही मज़ा है, एक बार थोड़ा दर्द सह लो फिर तुम्हे बार बार गांद का मज़ा लेने की इच्छा होगी.

पिंकी बोली, नही प्लीज़ तुम्हारा इतना बड़ा है, मैं मर जाउन्गि.

सुरेश बोला, अरे ये लूब्रिकॅंट है ना, मैं ये तेरी गांद मारने के लिए ही लाया हूँ.


सुरेश पिंकी के कपड़े उतारने लगा और कोई एक मिनूट में उसने पिंकी को नंगा कर दिया.

पिंकी को नंगा करने के बाद सुरेश बोला, जब भी तुम्हे नंगा देखता हूँ तो दुनिया की हर लड़की को भूल जाता हूँ, सच में तुम बहुत सुन्दर हो.


पर्दे के पीछे खड़े खड़े मुझे भी यही लग रहा था कि वाकाई पिंकी ने अछा सुन्दर शरीर पाया है. पर उसकी हरकते उसके सुंदर शरीर पर दाग थी.


सुरेश ने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार कर एक तरफ रख दिए और पिंकी के पास आ कर बोला, चलो पिंकी जल्दी घूम जाओ, वक्त बर्बाद मत करो, कुछ नही होगा, मैं ध्यान से अंदर डालूँगा.


पिंकी बोली, अगर दर्द हुवा तो……. जब मैं कहूँ निकाल लेना ठीक है.


सुरेश ने कहा, हां ठीक है, तुम चिंता मत करो और घूम जाओ, मैं कुत्ता बन-ने के लिए बेचन हो रहा हूँ.


पिंकी उसके सामने कुतिया बन गयी और वो कमीना सुरेश एक कुत्ते की तरह उसके पीछे अजीब अजीब हरकते करने लगा.


सुरेश ने पिंकी के नितंबो को फैलाया और उसके अशोल पर लूब्रिकॅंट लगाने लगा.


उसने उंगली पर लूब्रिकॅंट लगा कर पिंकी के अनस में घुस्सा दी और उसके अनस को अंदर से चिकना कर दिया.
पिंकी बोली, आहह ये क्या डाल दिया.

सुरेश बोला, उंगली डाली है मेरी जान, अंदर से चीकनी तो हो जाओ, इतनी भी क्या जल्दी है.

पिंकी बोली, मुझे कोई जल्दी नही है यार, मैं तो डर रही हूँ की मेरा क्या होगा आज.

सुरेश बोला, कुछ नही होगा, आज तुम गांद देना सीख जाओगी, फिर अपने पति को आराम से दे पाओगि.


पिंकी बोली, ज़रूरी नही है कि मेरा पति भी तुम्हारी तरह मेरी गांद मारे. क्या पता उन्हे ये सब मेरी तरह पसंद ही ना हो.


सुरेश बोला, हां हो सकता है, पर तुम्हारे पास हर स्किल होना चाहिए मेरी जान, क्या पता कब क्या काम आ जाए.


सुरेश ने पिंकी के अनस को अच्छे से चिकना करके अपने पेनिस पर भी लूब्रिकॅंट लगा लिया और उसे उपर से ले कर नीचे तक चीकना कर लिया.


सुरेश बोला, पिंकी मैं अब डाल रहा हूँ, तैयार हो ना.

पिंकी बोली, रूको एक मिनूट.

सुरेश बोला, नो वे, अब नही रुक सकता


ये कह कर सुरेश ने एक झटके में पिंकी के अशोल में अपना पेनिस डाल दिया.


पिंकी चिल्ला उठी, ऊवूऊवयायीईयीईयैआइयियैयीयैआइयै
आइयैआइयैआइयैयीयीयियी माआआआआआआआ…………… रूको……एक दम से पूरा डाल दोगे क्या.


सुरेश हंसते हुवे बोला, अभी तो एक इंच ही गया है डार्लिंग, और ये हाल है, तुम नाटक ज़्यादा करती हो.

पिंकी गुस्से में बोली, ये नाटक नही है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, निकाल लो प्लीज़.


सुरेश बोला, आज फिर ये ग़लती नही करूँगा

और सुरेश ने एक और झटका मारा और पिंकी फिर से चीन्ख पड़ी आआअहह….. मार गयी, मेरी जान लोगे क्या ?


सुरेश बेशर्मी से बोला, डार्लिंग जान का मैं क्या करूँगा, मैं तो तुम्हारी गांद ले रहा हूँ.


पिंकी ने पूछा, कितना डाल दिया ?


सुरेश बोला, अभी आधा गया है.

सुरेश ने पिंकी के आस चिक्स को थाम लिया और बोला, आज तुम्हारी गांद मार-मार कर मोटी कर दूँगा, बहुत पतली गांद है तुम्हारी. पर जो भी है, तुम्हारी गांद है बहुत सेक्सी. छोटी सी गांद में लंड जैसे फँस गया है…आआहह…… बड़ा मज़ा आ रहा है……ऊऊहह


पिंकी ने हाँपते हुवे कहा, सुरेश बस बहुत है, पूरा मत डालना प्लीज़. इतना ही अंदर बाहर कर लो.

सुरेश बोला, नही मेरी जान, आधे अधूरे काम मुझे बिल्कुल पसंद नही है.

और फिर सुरेश ने एक और झटका मारा और पिंकी फिर से ज़ोर से चिल्ला उठी….नाआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईईईईइ.. आअहह ……….ओह…. गॉड.


पिंकी ने फिर से हाँपते हुवे पूछा, डाल दिया ना पूरा तुमने ?.


सुरेश बोला, हां, हे.. हे.. हे हे..


पिंकी बोली, मेरी जान जा रही है, और तुम्हे हँसी आ रही है.


सुरेश ने उसकी पीठ थप-थपाते हुवे कहा, चिंता मत करो अभी थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.

“आंड दॅन सुरेश स्टार्टेड फक्किंग हर अशोल”.


पिंकी बोली, रूको…. अभी नही, मुझे साँस तो ले लेने दो.

“बट सुरेश डिड नोट स्टॉप्ड आंड कंटिन्यूड हिज़ इन आंड आउट मूव्मेंट”.


आआअहह आअहह करके पिंकी चिल्ला रही थी और सुरेश उशके अशोल में बार बार अपना पेनिस धकैल रहा था. ऐसा लग रहा था कि उसे पिंकी के दर्द की कोई परवाह नही है.

बट आइ ओब्ज़र्व्ड स्ट्रेंज थिंग आफ्टर सम टाइम.

पिंकी की सिसकियाँ दर्द के बजाए मज़े का अहसास दे रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे उशे बहुत अछा लग रहा हो. और थोड़ी देर में ये क्लियर भी हो गया.


पिंकी हंसते हुवे बोली, तुम सही कह रहे थे सुरेश गांद का अपना ही मज़ा है, फक माइ आस …. आआअहह…….हह


सुरेश बोला, फक्किंग यू बिच, आइ विल डेस्ट्राय युवर लिट्ल अशोल टुडे….ऊऊऊओह..आआहह


पिंकी हंसते हुवे बोली, डॉन’ट डेस्ट्राय इट यार बाद में क्या मारोगे ? हे हे हे


सुरेश बोला, दीप्ति की गांद है ना, यहीं तुम्हारे सामने, इसी होटेक में, इसी कमरे में लाकर, उसकी गांद ना फाड़ दी तो मेरा नाम सुरेश नही….आअहह ऊऊहह बड़ा मज़ा आ रहा है.


अचानक सुरेश का मोबाइल बज उठा.


मोबाइल सुरेश की पहुँच में ही था इश्लीए उसने पिंकी के होल से पेनिस निकाले बिना फोन उठा लिया.


सुरेश ने फोन कान पर लगा कर कहा, हां रामू मैं थोड़ी देर में फोन करता हूँ, हां हां तुम मुझ पर छोड़ दो, मैं मेंसाब् से बात करता हूँ.



पिंकी ने पूछा, क्या कह रहा था वो मोटा ?


सुरेश बोला, “थोड़ी देर में बताता हूँ”-- और फिर से पिंकी के अंदर धक्के मारने लगा.



पिंकी बोली, आअहह बस सुरेश इतना बहुत है आज के लिए आआअहह बाद में और ज़्यादा मार लेना.


सुरेश हाँपते हुवे बोला, बस मेरा होने ही वाला है…आआआहह ऊऊओह

अचानक सुरेश पिंकी के उपर गिर गया और बोला, आअहह बस हो गया……काम अपना तो..


पिंकी भी हाँपते हुवे बोली, ऊऊहह, सुरेश इट वाज़ रेआली फॅंटॅस्टिक फक, आइ विल अगेन टेक युवर कॉक इन माइ आस सम अदर दे. आइ नेवेर न्यू दट अनल सेक्स कुड बे सच आ वोनदेफुल्ल थिंग टू डू. हां तो बताओ क्या कहा रामू ने.


सुरेश बोला, वो यही होटेल के बाहर वेट कर रहा है, तुम्हे उसके साथ करना ही होगा.

पिंकी हैरानी में बोली, क्या ? मैं ऐसा नही करूँगी.


सुरेश बोला, पिंकी समझा करो वो संजना का ख़ास ड्राइवर है और उसे हमारे बारे में सब पता चल गया है, अगर उसने संजना को सब कुछ बता दिया तो मेरा सब कुछ लुट जाएगा, उसी के पैसो पर तो हम ऐश कर रहे है.


पिंकी बोली, सुरेश उसे किसी प्रॉस्टिट्यूट के पास ले जाओ, मैं उसके साथ हरगीज़ कुछ नही करूँगी.


सुरेश बोला, यार तुम्हे क्या लगता है, मैने ट्राइ नही किया होगा, पर वो कहता है पिंकी मेंसाब् बहुर सुन्दर है, बस एक बार मुझे उनकी दिला दो तो मैं अपना मूह बंद रखूँगा.


पिंकी ने कहा, पर सुरेश, शुरआत देखी है उस मोटे की, उसके साथ तो कोई कुतिया भी नही करेगी और तुम मुझे कह रहे हो.


सुरेश बोला, अगर उसने संजना को बता दिया तो मेरा खेल तो बिगड़ेगा ही तुम्हारा खेल भी बिगड़ जाएगा अब सोच लो.


ये कह कर सुरेश ने फोन उठा कर एक नंबर डाइयल किया और बोला, हां रामू रूम नंबर 102 में आ जाओ, में रिसेप्षन पर बोल देता हूँ कि तुम्हे आने दें.



पिंकी गुस्से में बोली, सुरेश ये सब क्या है, मुझे सोचने का मोका तो दो.


पर सुरेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया और होटेल के फोन से रिसेप्षन पर फोन मिलाया और बोला, हेलो रिसेप्षन…. वाहा कोई रामू नाम का आदमी है, मोटा सा, उसे मेरे रूम नंबर 102 में आने दो.




क्रमशः..............










आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
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