Wednesday, April 21, 2010

सेक्स स्लेव्स अंजलि की दास्तान पार्ट--2

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,

अंजलि की दास्तान पार्ट--2

गतांक से आगे.......................

मैं उसके पास आकर खड़ी हो गयी. उसने अपने हाथों से मेरी योनि को
कुच्छ देर तक मसला फिर पॅंटी को नीचे करता चला गया. आब मैं
पूरी तरह नंगी हो कर उसके सामने खड़ी थी.
"राजे जा और मेरा कॅमरा उठा ला" मैं घबरा गयी.
"आपने जो चाहा मैं दे रही हूँ फिर ये सब क्यूँ"
"तुझे मुह्न खोलने के लिए मना किया था ना"
एक आदमी एक मूवी कॅमरा ले आया. उन्हों ने सेंटर टेबल से सारा समान
हटा दिया. क़य्यूम मेरी योनि पर हाथ फिरा रहा था. मेरे योनि पर
रेशमी घुंघराले बालों को सहला रहा था.
" चल बैठ यहाँ" उसने सेंटर टेबल की ओर इशारा किया.
मैं सेंटर टेबल पर बैठ गयी. उसने मेरी टाँगों को ज़मीन से उठा
कर टेबल पर रखने को कहा. मैने वैसा ही किया.
" अब टाँगें चौरी कर" मैं शर्म से दोहरी हो गयी मगर मेरे पास
और कोई रास्ता नहीं था. मैने अपनी टाँगों को थोड़ा फैलाया.
" और फैला" मैने टाँगों को उनके सामने पूरी तरह फैला दिया. मेरी
योनि उनके आँखों के सामने बेपर्दा थी. योनि के दोनो लब खुल गये
थे. मैं चारों के सामने योनि फैला कर बैठी हुई थी. उनमे से एक
मेरी योनि की तस्वीरें ले रहा था.
" अपनी चूत मे उंगली डाल कर उसको चौड़ा कर." क़य्यूम ने कहा. वो अब
अपनी तहमद खोल कर अपने काले मूसल जैसे लिंग पर हाथ फेर रहा
था. मैं तो उसके लिंग को देख कर ही सिहर गयी. गधे जैसा इतना
मोटा और लंबा लिंग मैने पहली बार देखा था. लिंग भी पूरा काला
था. मैं अपनी योनि मे उंगली डाल कर उसे सबके सामने फैला दिया.
चारों हँसने लगे.
"देखा मुझसे पंगा लेने का अंजाम. बड़ा गुरूर था इसको अपने रूप
पर. देख आज मेरे सामने कैसे नंगी अपनी योनि फैला कर बैठी हुई
है." क़य्यूम ने अपनी दो मोटी मोटी उंगलियाँ मेरी योनि मे घुसा दी.
मैं एक दम से सिहर उठी. मैं भी अब गरम होने लगी थी. मेरा दिल तो
नहीं चाह रहा था मगर जिस्म उसकी बात नहीं सुन रहा था.
उसकी उंगलियाँ कुच्छ देर तक अंदर खलबली मचाने के बाद बाहर
निकली तो योनि रस से चुपड़ी हुई थी. वो अपनी उंगलिओ को अपनी नाक
तक ले जाकर सूँघा फिर सब को दिखा कर कहा,
"अब ये भी गरम होने लगी है." मेरे होंठों पर अपनी उंगलियाँ छुआ
कर कहा. "ले चाट इसे."
मैने अपनी जीभ निकाल कर अपने कामरस को पहली बार चखा. सारे
एक दम से मेरे बदन पर टूट पड़े. कोई मेरी चूचियो को मसल रहा
था तो कोई मेरी योनि मे उंगली डाल रहा था. मैं उनके बीच मे
छटपटा रही थी. क़य्यूम ने सबको रुकने का इशारा किया. मैने देखा
उसके कमर से तहमद हटी हुई है. और कला भुजंग सा लिंग तना हुआ
खड़ा है.
उसने मेरे सिर को पकड़ा और अपने लिंग पर दाब दिया.
"इसे ले अपने मुँह मे" उसने कहा"मुँह खोल."
मैने झिझकते हुए अपना मुँह खोला तो उसका लिंग अंदर घुसता चला
गया. बड़ी मुश्किल से ही उसके लिंग के उपर के हिस्से को मुँह मे ले पा
रही थी. वो मेरे सिर को अपने लिंग पर दाब रहा था. उसका लिंग गले
के द्वार पर जाकर फँस गया. मेरा दम घुटने लगा मैं च्चटपटा रही
थी. उसने अपने हाथों का ज़ोर मेरे सिर से हटाया. कुच्छ सेकेंड्स के
लिए कुच्छ राहत मिली तो मैने अपना सिर उपर खींचा. लिंग के कुच्छ
इंच बाहर निकलते ही उसने वापस मेरा सिर दबा दिया. इस तरह वो मेरे
मुँह मे अपना लिंग अंदर बाहर करने लगा. मैने कभी मुख मैथुन
नहीं किया था इसलिए मुझे शुरू शुरू मे काफ़ी दिक्कत हुई. उबकाई सी
आ रही थी. धीरे धीरे उसके लिंग की अभ्यस्त हो गयी. अब मेरा
शरीर भी गर्म हो गया था. मेरी योनि गीली होने लगी.
बाकी तीनों मेरे बदन को मसल रहे थे. मुख मैथुन करते करते
मुँह दर्द करने लगा था मगर वो था कि छोड़ ही नहीं रहा था. कोई
बीस मिनिट तक मेरे मुँह को चोदने के बाद उसका लिंग झटके खाने
लगा. उसने अपना लिंग बाहर निकाला.
" मुँह खोल कर रख." उसने कहा. मैने मुँह खोल दिया. ढेर सारा
वीर्य उसकी लिंग से तेज धार सी निकल कर मेरे मुँह मे जा रही थी.
जिसे एक आदमी मूवी कॅमरा मे क़ैद कर रहा था जब मुँह मे और आ नही
पाया तो काफ़ी सारा वीरया मुँह से छतियो पर टपकने लगा. उसने
कुच्छ वीर्य मेरे चेहरे पर भी टपका दिया.
" बॉस का एक बूँद वीर्य भी बेकार नहीं जाए" एक चम्चे ने कहा.
उसने अपनी उंगलियों से मेरी छातियो एवं मेरे चेहरे पर लगे वीर्य
को समेट कर मेरे मुँह मे डाल दिया. मुझे मन मार कर भी सारा
गटाकना पड़ा....
इस रंडी को बेडरूम मे ले चल." क़य्यूम ने कहा.
दो आदमी मुझे उठाकर लगभग खींचते हुए बेडरूम मे ले गये.
बेड्र्रों मे एक बड़ा सा पलंग बिच्छा था. मुझे पलंग पर पटक दिया
गया.
क़य्यूम अपने हाथों मे ग्लास लेकर बिस्तर के पास एक कुर्सी पर बैठ
गया.
" चलो शुरू हो जाओ" उसने अपने चम्चो से कहा.
तीनो मुझ पर टूट पड़े. मेरी टाँगें फैला कर एक ने अपना मुँह मेरी
योनि पर चिपका दिया. अपनी जीभ निकाल कर मेरे योनि को चूसने
लगा. उसकी जीभ मेरे अंदर गर्मी फैला रही थी. मैने उसके सिर को
पकड़ कर अपने योनि पर ज़ोर से दबा रखा था. मैं च्चटपटाने
लगी.मुँह से "आआआआहूऊऊऊहह ऊऊऊफ़फ्फ़ आहह उूउउइइ"
जैसी आवाज़ें निकल रही थी. मैं अपना सिर झटक रही थी अपने उपर
काबू रखने के लिए मगर मेरा शेरर था की बेकाबू होता जा रहा
था.
बाकी दोनो मे से एक मेरे निपल्स पर दात गढ़ा रहा था तो एक ने मेरे
मुँह मे अपना लिंग डाल दिया. सामूहिक संभोग का दृश्या था. और
क़य्यूम पास बैठा मुझे नुचते हुए देख रहा था.
क़य्यूम का लेने के बाद इस आदमी का लिंग तो बच्चे जैसा लग रहा
था. वो बहुत जल्दी झाड़ गया. अब जो आदमी मेरी योनि चूस रहा था वो
मेरी योनि से अलग हो गया. मैने अपनी योनि को जितना हो सकता था
उँचा किया कि वो वापस अपनी जीभ अंदर डाल दे. मगर उसका इरादा
कुच्छ और ही था.
उसने मेरे टाँगों को मोड़ कर अपने कंधे पर रख दिया और एक झटके
मे अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दिया. इस अचानक हुए हमले से मैं
च्चटपटा गयी. अब वो मेरी योनि मे तेज तेज झटके मारने लगा.
दूसरा जो मेरी छातियोंको मसल रहा था मेरी छाती पर सवार हो गया
और मेरे मुँह मे अपना लिंग डाल दिया. फिर मेरे मुँह को योनि की तरह
चोदने लगा. उसके अंडकोस मेरी ठुड्डी से रगर खा रहे थे. दोनो ज़ोर
ज़ोर से धक्के लगा रहे थे. मेरी योनि पानी छोड़ने लगी. मैं
चीखना चाह रही थी मगर मुँह से सिर्फ़ "उम्म्म्म उंफ़्ह" जैसी आवाज़ ही
निकल रही थी. दोनो एक साथ वीर्य निकल कर मेरे बदन पर लुढ़क
गये.
मैं ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी. बुरी तरह थक गयी थी मगर
आज मेरे नसीब मे आराम नहीं लिखा था. उनके हट ते ही क़य्यूम उठा
और मेरे पास आकर मुझे खींच कर उठाया और बिस्तर के कोने पर
चौपाया बना दिया. फिर वो बिस्तर के पास खड़े होकर अपना लिंग मेरी
टपकती योनि पर लगाया और एक झटके से अंदर डाल दिया. योनि गीली
होने के कारण उसका मूसल जैसा लिंग लेते हुए भी कोई दर्द नहीं
महसूस हुआ. मगर ऐसा लग रहा था मानो वो मेरे पूरे शरीर को
चीरता हुआ मुँह से निकल जाएगा. फिर वो धक्के देने लगा. मजबूत
पलंग भी उसके धक्के से चरमराने लगा. फिर मेरी क्या हालत हो
रही होगी इसकी तो सिर्फ़ कल्पना ही की जा सकती है. मैं चीख रही
थी.
"आहह ऊओ प्ल्ल्लीईस्से. प्लेयस्स म्मूउजझीए छ्होद डो. अया
अया नाअहीइन प्प्ल्ल्लीस्स्सी" मैं तड़प रही थी मगर वो था कि
अपनी रफ़्तार बढ़ता ही जा रहा था. पूरे कमरे मे फूच फूच की
आवाज़ें गूँज रही थी. बाकी तीनो उठ कर मेरे करीब आगाए थे और
मेरी चुदाई का नज़ारा देख रहे थे. मैं बस दुआ कर रही थी कि उसका
लिंग जल्दी पानी छोड़ दे. मगर पता नही वो किस चीज़ का बना हुआ
था कि उसकी रफ़्तार मे कोई कमी नहीं आ रही थी. कोई आधे घंटे तक
मुझे चोदने के बाद उसने अपना वीरया मेरी योनि मे डाल दिया. मैं
मुँह के बाल बिस्तर पर गिर गयी. मेरा पूरा शरीर बुरी तरह टूट
रहा था. गला सूख रहा था.
"पानी" मैने पानी माँगा तो एक ने एक ग्लास पानी मेरे होंठों से लगा
दिया. मेरे होठ वीर्य से लिसडे हुए थे उन्हे पोंच्छ कर मैने गतगत
पूरा पानी पी लिया.
पानी पीने के बाद शरीर मे कुच्छ जान आई. तीनो वापस मेरे बदन
से चिपक गये. अब मैं बिस्तेरके किनारे पैर लटका के बैठ गयी. एक
का लिंग अपनी दोनो छातियो के बीच ले रखी थी और बाकी दोनो के
लिंग को बारी बारी से मुँह मे लेकर चूस रही थी. वो मेरी छातियों
को चोद रहा था. मैं अपने दोनो हाथों से अपनी चूचियो को उसके लिंग
पर दोनो ओर से दबा रखी थी. उसने मेरी चूचियो पर वीर्य गिरा
दिया. फिर बाकी दोनो मुझे बारी बारी से चौपाया बना कर चोदे. उनके
उनके वीर्य पात हो जाने के बाद वो चले गये.
मैं बिस्तर पर चित पड़ी हुई थी. दोनो पैर फैले हुए थे. मेरी
योनि से वीर्य चूकर बिस्तर पर गिर रहा था. मेरे बाल चेहरा
छातिया सब पर वीर्य फैला हुआ था. छातियो पर दतो के लाल नीले
निशान नज़र आ रहे थे. क़य्यूम पास खड़ा मेरे बदन की तस्वीरें
खींच रहा था मगर मैं उसे मना करने की स्तिथि मे नहीं थी. गला
भी दर्द कर रहा था. क़य्यूम बिस्तर के पास आकर मेरे निपल्स को
पकड़ कर उन्हे उमेथ्ते हुए अपनी ओर खींचा. मैं दर्द के मारे उठती
चली गयी और उसके बदन से सॅट गयी.
" जा किचन मे. भीमा ने खाना बना लिया होगा. टेबल पर खाना
लगा. और हां तू इसी तरह रहेगी" मुझे कमरे के दरवाजे की तरफ
धकेल कर मेरे नग्न नितंब पर एक चपत लगाई.
मैं अपने शरीर को सिकोर्ते हुए इक हाथ से अपने स्तन युगल को और एक
हाथ से अपने टाँगों के जोड़ को ढकने की असफल कोशिशी करती हुई
किचन मे प्रवेश हुई. अंदर 45 साल का एक रसोइया था. जिसने मुझे
देख कर एक सीटी बजाई. और मेरे पास आकर मुझे सीधा खड़ा कर
दिया. मैं झुकी जा रही थी. मगर उसने मेरी नहीं चलने दिया.
ज़बरदस्ती मेरे सीने पर से हाथ हटा दिया.
"शानदार"उसने कहा. मई शर्म से दोहरी हो रही थी. एक निचले स्तर
के गँवार का सामने मे अपनी इज़्ज़त बचाने मे असमर्थ थी. उसने फिर
खींच कर योनि पर से दूसरा हाथ हटाया. मैने टाँगें सिकोड ली.
यह देख कर उसने मेरे स्तनो को मसल दिया. स्तानो को उस से बचाने के
लिए नीचे की ओर झुकी तो उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी योनि मे पीछे
की तरफ से डाल दिया. मेरी योनि वीर्य से गीली हो रही थी.
"खूब चुदी हो लगता है" उसने कहा.
"शेर खुद खाने के बाद कुच्छ बोटियाँ गीदडो के लिए भी छोड़
देता है. एक आध मौका साहब मुझे भी देंगे.तब तेरी खबर
लूँगा"कहकर उसने मुझे अपने बदन से लपेट लिया.
"कय्यमजी ने खाना लगाने के लिए कहा है." मैने उसे धक्का देते
हुए कहा. उसने मुझसे अलग होने से पहले मेरे होंठों को एक बार कस
कर चूम लिया.
" चल तुझे तो तसल्ली से चोदेन्गे पहले साहब को जी भर के मसल
लेने दो."उसने कहा. फिर मुझे खाने का समान पकड़ने लगा.
मैने टेबल पर खाना लगाया. फिर डिन्नर उसकी गोद मे बैठ कर लेना
पड़ा. वो भी नग्न बैठा था. उसका लिंग सिक्युडा हुआ था. मेरी योनि
उसके नरम पड़े लिंग को चूम रही थी. खाते हुए कभी मुझे
मसलता कभी चूमता जा रहा था. उसके मुँह से शराब की दुर्गंध
अराही थी. वो जब भी मुझे चूमता. मुझे उसपर गुस्सा आ जाता. खाते
खाते ही उसने मोबाइल पर कही रिंग किया.
"हाला, कौन गवलेकर?"
"क्या कर रहा है?"
"अबे इधर आजा. घर पर बोल देना कि रात मे कहीं गश्त पर जाना
है. यहीं रात गुजरेंगे. हमारे ब्रिज साहब की जमानत यहीं है
मेरी गोद मे."कहकाक उसने मेरे एक निपल को ज़ोर से उमेटा. दोनो निपल
बुरी तरह दर्द कर रहे थे. नहीं चाहते हुए भी मैं चीख उठी.
"सुना? अब झता झट आजा सारे काम छोड़ कर"रात भर अपन दोनो इसकी
जाँच पड़ताल करेंगे."
मैं समझ गयी की क़य्यूम ने इनस्पेक्टर गवलेकर को रात मे अपने घर
बुलाया है. और दोनो रात भर मुझे चोदेन्गे.
खाना खाने के बाद मुझे बाहों मे समेटे हुए ड्रॉयिंग रूम मे आगेया.
मुझे अपनी बाहों मे लेकर मेरे होंठों पर अपने मोटे मोटे भद्दे
होंठ रख कर चूमने लगा. फिर अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी. और
मेरे मुँह का अपनी जीभ से मुआयना करने लगा. फिर वो सोफे पर बैठ
गया और मुझे ज़मीन पर अपने कदमों पर बिठाया. टाँगें खोल कर
मुझे अपनी टाँगों की जोड़ पर खींच लिया. मैं उसका इशारा समझ कर
उसके लिंग को चूसने लगी. वो मेरे बालों पर हाथ फिरा रहा था. फिर
मैने उसके लिंग को मुँह मे ले लिया. उसके लिंग को चूसने लगी. जीभ
निकाल कर उसके लिंग के उपर फिराने लगी. धीरे धीरे उसका लिंग
हरकत मे आता जा रहा था. वो मेरे मुँह मे फूलने लगा. मैं और तेज़ी
से उसके लिंग पर अपना मुँह चलाने लगी. कुच्छ ही देर मे लिंग फिर से
पूरी तरह तन कर खड़ा हो गया था. वापस उसे योनि मे लेने की सोच
कर ही झुरजुरी सी आ रही थी. योनि का तो बुरा हाल था. ऐसा लग
रहा था मानो अंदर से छिल गया हो. मैं इसलिए उसके लिंग पर और
तेज़ी से मुँह उपर नीचे करने लगी जिस से उसका मुँह मे ही निकल
जाए. मगर वो तो पूरा सांड की तरह स्टॅमिना रखता था. मेरी बहुत
कोशिशों के बाद उसके लिंग से प्रेकुं निकालने लगा मैं थक गयी
मगर उसके लिंग से वीर्य निकला ही नहीं. तभी दरवान ने आकर
गवलेकर के आने की सूचना दी.
"उसे यहीं भेज दे." मैं उठने लगी तो उसने कंधे पर ज़ोर लगा कर
कहा.
" तू कहाँ उठ रही है. चल अपना काम करती रह." कहकर उसने वापस
मेरे मुँह से अपना लिंग सटा दिया. मैने भी मुँह खोल कर उसके लिंग
को वापस अपने मुँह मे ले लिया.
तभी गवलेकर अंदर आया. वो कोई छह फीट का लंबा कद्दावर बदन
वाला आदमी है. मेरे उपर नज़र पड़ते ही उसका मुँह खुला का खुला रह
गया. मैने कातर नज़रों से उसकी तरफ देखा.
"वा भाई क़य्यूम क्या नज़ारा है. इस हूर को कैसे वश मे किया."
गवलेकर ने हंसते हुए कहा.
" आ बैठ. बड़ी शानदार चीज़ है. मक्खन की तरह मुलायम और
भट्टी की तरह गरम." क़य्यूम ने मेरे सिर को पकड़ कर उस की तरह
घुमाया, "ये है अंजलि सिंग. अपने ब्रिज की बीवी. इसने कहा मेरे पति
को छोड़ दो मैने कहा रात भर के लिए मेरे लंड पर बैठक लगा
फिर देखेंगे. समझदार औरत है मान गयी. अब ये रात भर तेरे
पहलू को गर्म करेगी. जितनी चाहे ठोको"
गवलेकर आकर पास मे बैठ गया. क़य्यूम ने मुझे उसकी ओर धकेल दिया.
गवलेकर मुझे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया. और मुझे चूमने
लगा. मुझे तो अब अपने उपर घिन सी आने लगी थी. मगर इनकी बात तो
मान नि ही थी. वरना ये तो मुर्दे को भी नोच लेते हैं. मेरे बदन को
क़य्यूम ने सॉफ करने नहीं दिया था. इसलिए जगह जगह वीर्य सूख
कर सफेद पपड़ी की तरह दिख रही थी. दोनो स्तनों पर लाल लाल दाग
देख कर गवलेकर ने कहा,
"तू तो लगता है काफ़ी जमानत उसूल कर चुक्का है."
"हां सोच पहले देखूं तो सही अपने स्टॅंडर्ड की है या नहीं" क़य्यूम
ने कहा.
"प्लीज़ साहब मुझे छोड़ दीजिए सुबह तक मैं मर जाऊंगी." मैने
गवलेकर से मिन्नतें की.
" घबरा मत सुबह तक तो तुझे वैसे ही छोड़ देंगे. जिंदगी भर
तुझे अपने पास थोड़े ही रखना है." गवलेकर ने मेरे निपल्स को दो
उंगलियों के बीच मसल्ते हुए कहा.
"तूने अगर अब एक भी बकवास की ना तो तेरा तेंठूआ दबा दूँगा" क़य्यूम
ने गुर्र्राटे हुए कहा, ""तेरी अकड़ पूरी तरह गयी नहीं है शायद"
कहकर उसने मेरी दोनो चूचियो को पकड़ कर ऐसा उमेटा की मेरी तो
जान ही निकाल गयी.


क्रमशः......................






आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj































































































































































Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया
Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator