मस्त मेनका पार्ट--1
आज राजपुरा गाओं के राजा यशवीर सिंग का महल दुल्हन की तरह सज़ा हुई है & क्यू ना सजता, आज राजा साहब का बेटा विश्वजीत शादी करने के बाद अपनी नयी-नवेली दुल्हन को लेकर आया था.राजा साहब के घर मे अरसे बाद खुशियों ने कदम रखा था वरना पिच्छले दो सालों मे तो उन्हे बस दुख ही देखने को मिले थे.
मेहमानों की भीड़ हवेली के बड़े से बाग मे दूल्हा-दुल्हन को बधाई दे रही थी & पार्टी का लुत्फ़ उठा रही थी.राजा साहब ने मेहमानों की खातिर मे कोई कसर नही छ्चोड़ी थी.
जब तक राजा साहब मेहमानों की खातिर करते हैं,आइए तब तक हम उनके बारे मे तफ़सील से जान लेते हैं.राजा साहब अपने पिता की एकलौती औलाद थे.उनके पिता पूरे राजपुरा के मलिक थे.उन्होने राजा साहब को विदेश मे तालीम दिलवाई पर हुमेशा से 1 बात उन्होने यशवीर सिंग के दिमाग़ मे डाली कि चाहे कुच्छ भी हो जाए रहना उन्हे राजपुरा मे अपनी जनता के बीच मे ही रहना होगा.पर फिर रजवाड़ों का चलन ख़तम हो गया तो बाप-बेटे ने बड़ी होशियारी से अपने को बिज़्नेस्मेन मे तब्दील कर लिया.जहा कई राजाओं की हालत आम आदमियो से भी बदतर हो गई वोही राजा साहब & उनके पिता ने अपनी पोज़िशन और भी मज़बूत कर ली.
गाओं मे गन्ने की खेती होती थी तो राजा साहब ने शुगर मिल लगा दी & गाओं वालों को उसमे रोज़गार दे दिया.उनकी ज़मीन पे बड़े जंगल थे तो 1 पेपर मिल भी स्टार्ट कर दी,वाहा भी गाओं वाले ही काम करते थे.खेतों मे तो वो पहले से ही लगे हुए थे.
इस तरह पिता की मौत के बाद राजा यशवीर राजपुरा के बेताज बादशाह बन गये.लोकल एमलए & एंपी भी उनके आगे हाथ जोड़े खड़े रहते थे.वक़्त के साथ-2 राजा साहब करीब 15 मिल्स के मलिक बन गये.
राजा साहब का विवाह 1 बड़ी ही धर्म परायण महिला सरिता देवी से हुआ.राजा साहब व्यभिचारी तो नही थे फिर भी आम मर्दों की तरह सेक्स मे काफ़ी दिलचस्पी रखते थे,पर पत्नी के लिए चुदाई बस वंश बढ़ने का ज़रिया था और कुच्छ नही.इसलिए राजा साहब अपने शौक शहर मे पूरे करते थे.पर उन्होने अपनी पत्नी को कभी इसकी भनक भी नही लगने दी ना ही उन शहरी रांडों से कोई बहुत गहरा संबंध बनाया.वो तो बस उनके कुच्छ शौक पूरे करती थी जो उनकी पत्नी नही करती थी.अगर रानी साहिबा राजा साहब की इच्छायें पूरी करती तो राजा साहब कभी किसी और औरत के पास नही जाते.राजा साहेब अपने गाओं के किसी औरत को भी गंदी दृष्टि से नही देखते थे.
पर इस अच्छे इंसान को पहला बड़ा झटका उपरवाले ने आज से 2 साल पहले दिया.राजा साहब का बड़ा बेटा यूधवीर 1 कार आक्सिडेंट मे मारा गया.लोग कहते हैं कि वो आक्सिडेंट नही बलकी मर्डर था-किसी ने यूधवीर की कार के साथ च्छेदखानी की थी.खैर इस बारे मे हम कहानी मे आयेज बात करेंगे.बेटे की मौत का सदमा रानी सरिता देवी सह नही पाई और उसका नाम ले-2 कर भगवान को प्यारी हो गयी.यह सब 1 साल के भीतर-2 घटनाए घट गई.उस समय विश्वजीत विदेश से पढ़ाई करके लौटा था & आते ही उसे पिता का सहारा बनना पड़ा.
ऐसा नही है कि राजपुरा मे राजा साहब का एकच्छात्रा राज्य है.जब्बार सिंग नाम का एक ठाकुर बहुत दिनों से उनसे उलझता आ रहा है.लोग तो कहते हैं केयूधवीर की मौत मे उसी का हाथ था.जब्बार राजा साहब के दबाव को ख़तम कर खुद राजपुरा का बेताज बादशाह बनाना चाहता है.पर राजा साहब ने अभी तक उसके मन की होने नही दी है.
चलिए अब वापस चलते हैं महल को.
अरे ये क्या!पार्टी तो ख़तम हो गयी...सारे मेहमान भी चले गये. नौकर-नौकरानी भी महल के कॉंपाउंड मे ही बने अपने कमरों मे चले गये हैं.रात के खाने के बाद महल के अंदर केवल राजा साहब & उनके परिवार एवं खास मेहमानों को ही रहने का हुक्म है.
पर मैं आपको महल के अंदर ले चलता हूँ,सीधे विश्वजीत के कमरे क्यूकी अब मेनका से मिलने का वक़्त आ गया है.
मेनका-विश्वजीत की दुल्हन, नाम के जैसे ही बला की खूबसूरत...गोरा रंग,खड़ी नाक बड़ी-2 काली आँखें, कद 5'5" ...मस्त फिगर की मल्लिका.बड़े लेकिन बिल्कुल टाइट चुचियों & गांद की मालकिन. मेनका 1 बहुत कॉन्फिडेंट लड़की है जो कि अपने मन की बात सॉफ-2 लेकिन शालीनता से कहने मे बिल्कुल नही हिचकति.
मेनका सुहाग सेज पे सजी-धजी बैठी अपने पति का इंतेज़ार कर रही है.ये लीजिए वो भी आ गया.
मेनका & विश्वजीत शादी के पहले कई बार 1 दूसरे से मिले थे सो अजनबी तो नही थे पर अभी इतने करीबी भी नही हुए थे.विश्वा ने 4-5 बार उसके गुलाबी रसीले होठों को चूमा था...उसके नशीले कसे बदन को अपनी बाहों मे भरा था पर इससे ज़्यादा मेनका कुच्छ करने नही देती थी...पर आज तो वो सोच कर आया था कि उसे पूरी तरह से अपनी बना के रहेगा.
विश्वा पलंग पे मेनका के पास आकर बैठ गया.
"शादी मुबारक हो,दुल्हन",कह के उसने मेनका का गाल चूम लिया.
"मुबारकबाद देने का ये कौन सा तरीका है?",मेनका बनावटी नाराज़गी से बोली.
"अरे,मेरी जान.ये तो शुरूआर् है,पूरी मुबारका बाद देने मे तो हम रात निकाल देंगे".कह के उसने मेनका को बाहों मे भर लिया & उसे बेतहाशा चूमने लगा..गालों पे माथे पे .उसकी लंबी सुरहिदार गर्दन पे.उसके होठों को चूमते हुए वो उनपर अपनी जीभ फिराने लगा & उसे उसके मुँह मे डालने की कोशिश करने लगा.
मेनका इतनी जल्दी इतने तेज़ हमले से चौंक & घबरा गई & अपने को उससे अलग करने की कोशिश करने लगी.
"क्या हुआ जान?अब कैसी शरम!चलो अब और मत तद्पाओ",विश्वा उसके होठों को आज़ाद लेकिन बाहो की गिर्सफ़्त और मज़बूत करते हुए बोला.
"इतनी जल्दी क्या है?"
"मैं अब और इंतेज़ार नही कर सकता,मेनका.प्लीज़..."कहके वो फिर अपनी पत्नी को चूमने लगा.
पर इस बार जुंगली की तरह नही बल्कि आराम से थोड़ा धीरे-2.
थोड़ी ही देर मे मेनका ने अपने होठ खोल दिए & विश्वा ने अपनी जीभ उसके मुँह मे दाखिल करा दी और उसे बिस्तर पे लिटा दिया..उसकी बाहें अभी भी मेनका को कसे हुए थी & उसकी जीभ मेनका की जीभ के साथ खेल रही थी.उसका सीना मेनका की चूचियो को दबा रहा था & दाईं टाँग उसकी टाँगों के उपर थी..
थोड़ी देर ऐसे ही चूमने के बाद वो अपने हाथ आगे ले आया और ब्लाउस के उपर से ही अपनी बीवी की चूचिया दबाने लगा ...फिर उसने अपने होत उसके क्लीवेज पर रख दिए...मेनका की साँसें भारी हो गयी..धीरे-2 वो भी गरम हो रही थी.
पर विश्वजीत बहुत बेसबरा था और उसने जल्दी से मेनका का ब्लाउस खोल दिया & फिर रेड ब्रा मे क़ैद उसकी चूचियों पर टूट पड़ा....मेनका की नही-2 का उसके उपर कोई असर नही था.
मेनका के लिए ये सब बड़ा जल्दी था.वो 1 कॉनवेंट मे पढ़ी लड़की थी..सेक्स के बारे मे सब जानती थी पर कुच्छ शर्म & कुच्छ अपने खानदान की मर्यादा का ख़याल करते हुए उसने अबी तक किसी से चुडवाया नही था.विदेश मे कॉलेज मे कभी-कभार किसी लड़के के साथ किस्सिंग की थी बस.विश्वा को भी उसने शादी से पहेले किस्सिंग से आगे नही बढ़ने दिया था.
सो उसके हमले से वो थोड़ा अनसेटल्ड हो गयी.इसी का फायडा उठा कर विश्वजीत ने उसके सारी & पेटीकोआट को भी उसके खूबसूरत बदन से अलग कर दिया.अब वो केवल रेड ब्रा & पॅंटी मे थी.टांगे कस कर भीची हुई..हाथों से अपने सीने को ढकति हुई...शर्म से उसका चेहरा ओर गुलाबी हो गया था & आँखें बंद थी-मेनका सच मच भगवान इन्द्र के दरबार की अप्सरा मेनका जैसी लग रही थी.
विश्वा ने 1 नज़र भर कर उसे देखा और अपने कपड़े निकाल कर पूरा नंगा हो गया.उसका 4 1/2 इंच का लंड प्रिकम से गीला था.उसने उसी जल्दबाज़ी से मेनका के ब्रा को नोच फेका और उसका मुँह उसकी चूचियो से चिपक गया.वो उसके हल्के गुलाबी रंग के निपल्स को कभी चूस्ता तो कभी अपनी उंगलियों से मसलता.मेनका उसकी इन हरकतों से और गरम हो रही थी.फिर विश्वा उसकी चूचियो को छ्चोड़ उसके पेट को चूमता उसकी गहरी नाभि तक पहुचा.
जब उसने जीभ उसकी नाभि मे फिराई तो वो सीत्कार कर उठी,"आ....अहह.."
फिर वो और नीचे पहुचा,पॅंटी के उपर से उसकी चूत पर 1 किस ठोकी तो मेनका मारे शर्म के उठती हुई उसका सर पकड़ कर अपने से अलग करने लगी पर वो कहा मानने वाला था.उसने उसे फिर लिटाया & झटके के साथ उसकी पॅंटी खीच कर फेक दी.मेनका की चूत पे झाँत हार्ट शेप मे कटी हुई थी.ये उसकी सहेलियों के कहने पर उसने किया था.
"वाह!मेरी जान",विश्वा के मुँह से निकला,"वेरी ब्यूटिफुल पर प्लीज़ तुम इन बालों को सॉफ कर लेना.मुझे सॉफ बिना बालों की चूत पसंद है."
ये बात सुनकर मेनका की शर्म और बढ़ गयी.1 तो वो पहली बार किसी के सामने ऐसे नंगी हुई थी उपर से ऐसी बातें!
विश्वा ने 1 उंगली उसकी चूत मे डाल दी और दूसरे हाथ से उसके बूब्स मसल्ने लगा.मेनका पागल हो गयी.तभी वो उंगली हटा कर उसकी टाँगो के बीच आया और उसकी चूत मे जीभ फिराने लगा.अब तो मेनका बिल्कुल ही बेक़ाबू हो गयी.उसे अब बहुत मज़ा आ रहा था.वो चाहती थी की विश्वजीत ऐसे ही देर तक उसकी चूत चाटता रहे पर उसी वक़्त विश्वा ने अपना मुँह उसकी चूत से हटा लिया.
मेनका ने आँखें खोली तो देखा कि वो अपना लंड उसकी चूत पर रख रहा था.
वो मना करने के लिए नही बोलते हुए उसके पेट पर हाथ रखने लगी पर बेसब्र विश्वा ने 1 झटके मे उसकी कुँवारी नाज़ुक चूत मे अपना लंड आधा घुसेड दिया.यूँ तो मेनका की चूत गीली थी पर फिर भी पहल्ली चुदाई के दर्द से उसकी चीख निकल गयी,"उउउइईईईई........माअ.....
विश्वा उसके दर्द से बेपरवाह धक्के मारता रहा & थोड़ी देर मे उसके अंदर झाड़ गया.फिर वो उसके सीने पे गिर कर हाँफने लगा.
मेनका ने ऐसी सुहागरात की कल्पना नही की थी, उसने सोचा था कि विश्वा पहले उससे प्यारी-2 बातें करेगा.फिर जब वो थोड़ा कंफर्टबल हो जाए तब बड़े प्यार से उसके साथ चुदाई करेगा.पर विश्वा को तो पता नही किस बात की जल्दी थी.
"अरे...तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के चक्कर मे तो मैं ये भूल ही गया!",विश्वा अपने ज़मीन पर पड़े कुर्ते को उठा कर उसकी जेब से कुच्छ निकालते हुए बोला तो मेनका ने 1 चादर खीचकर अपने नंगे पन को ढँकते हुए उसकी तरफ देखा.
"ये लो.अपना वेड्डिंग गिफ्ट.",कहते हुए उसने 1 छ्होटा सा बॉक्स मेनका की तरफ बढ़ा दिया.
मेनका ने उसे खोला तो अंदर 1 बहुत खूबसूरत & कीमती डाइमंड ब्रेस्लेट था.ऐसा लगता था जैसे किसी ने मेनका से ही पसंद करवा के खरीदा हो.वो बहुत खुश हो गयी & अपना दर्द भूल गयी.उसे लगा कि अभी बेसब्री मे विश्वजीत ने ऐसा प्यार किया.
"वाउ!इट'स सो ब्यूटिफुल.आपको मेरी पसंद कैसे पता चली?",उसने ब्रेस्लेट अपने हाथ मे डालते हुए पूचछा.
"अरे भाई,मुझे तो तुमहरे गिफ्ट का ख़याल भी नही था",विश्वा ने उसकी बगल मे लेटते हुए जवाब दिया."वो तो मेरे कज़िन्स शादी के 1 दिन पहले मुझ से पुच्छने लगे कि मैने उनकी भाभी के लिए क्या गिफ्ट लिया तो मैने कह दिया कि कुच्छ नही.यार,मुझे लगा कि अब गिफ्ट क्या देना.पर पिताजी ने मेरी बात सुन ली.वो उसी वक़्त शहर गये ओर ये ला कर मुझे दिया.कहा कि बहू को अपनी तरफ से गिफ्ट करना.",इतना कह कर वो सोने लगा.
मेनका निराश हो गयी,उसने तो सोचा था कि उसका पति उसके लिए प्यार से तोहफा लाया है पर उसे तो तोहफे का ध्यान भी नही था.मेनका ने भी विश्वा के लिए गोल्ड चैन ली थी जो उसने सोते हुए विश्वा के गले मे डाल दी & खुद भी सो गयी.
उसी वक़्त महल के उसी उपरी मंज़िल जिसमे मेनका & विश्वा का कमरा था,के एक दूसरे हिस्से मे राजा यशवीर अपने पलंग पर लेट सोच रहे थे कि आज कितने दीनो बाद उनके महल मे फिर रौनक हुई."प्रभु,इसे बनाए रखना.",उन्होने मन ही मन भगवान से प्रार्थना की.
अब उनका ध्यान अपने बेटे-बहू पर गया.इस वक़्त दोनो एक-दूसरे मे खोए होंगे.उन्हे अपनी सुहागरात याद आ गयी.सरिता देवी के आती धार्मिक होने के कारण उन्हे चुदाई के लिए तैइय्यार करने मे उन्हे काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.ज़बरदस्ती उन्हे पसंद नही थी,वरना जो 6'2" लंबा-चौड़ा इंसान आज 52 वर्ष की उम्र ने भी 45 से ज़्यादा का नही लगता था वो जवानी मे किसी औरत को काबू करने मे कितना वक़्त लेता!
अपनी सुहागरात याद करके उनके होठों पे मुस्कान आ गयी ओर अनायास ही वो अपने बेटे-अभू की सुहागरात के बारे मे सोचने लगे.उनका ध्यान मेनका की ओर गया.
"कितनी खूबसूरत है.विश्वा बहुत लकी है बस इस बात को वो खुद भी रीयलाइज़ कर ले.",फिर वो भी सो गये.
आइए चलते हैं हम अब राजपुरा के 1 दूसरे कोने मे.वाहा 1 बड़ी कोठी अंधेरे मे डूबी है.लेकिन उपरी मंज़िल के 1 कमरे से कुच्छ आवाज़ें आ रही हैं.देखते हैं कौन है वाहा.
उस कमरे के अंदर 1 काला ,भद्दा & थोड़ा मोटा आदमी नगा बिस्तर पर बैठा है.उसके सर के काफ़ी बाल उड़ गये हैं & चेहरे पर दाग भी है.मक्कारी और क्रूरता उसकी आँखो मे सॉफ झलकती है.यही है जब्बार जिसका बस 1 मक़सद है-राजा साहब की बर्बादी.
वो शराब पी रहा है & एक बला की सुंदर नंगी लड़की उसके लंड को अपनी चूचियों के बीच रगड़ रही है.वो लंड रगड़ते-2 बीच-2 मे झुक कर उसे अपने पतले गुलाबी होठों से चूस भी लेती है.दूर से देखने से लगता है जैसे कि एक राक्षस & 1 परी जिस्मों का खेल खेल रहे हैं.
अचानक जब्बार ने अपना ग्लास बगल की तिपाई पर रखा और उस खूबसूरत लड़की को उसके बालों से पकड़ कर खीचा & उसे बिस्तर पर पटक दिया.
"औ..छ्ह",वो कराही पर बिना किसी परवाह के जब्बार ने उसकी टांगे फैलाई & अपना मोटा लंड उसकी चूत मे पेल दिया.
"आ...आहह......हा...ईईईईईई.....
जब्बार ने बहुत बेरहमी से उसे चोदना शुरू कर दिया.उस लड़की के चेहरे पर दर्द & मज़े के मिले-जुले भाव थे.उसे भी इस जुंगलिपने मे मज़ा आ रहा था 7 वो नीचे से अपनी कमर हिल-2 कर जब्बार का पूरा साथ दे रही थी.थोड़ी ही देर मे उसने अपनी बाहें जब्बार की पीठ पर & सुडोल टाँगें उसकी कमर के गिर्द लपेट दी & चिल्लाने लगी,"हा.....आई....से....हीईी
"आ..हह...एयेए...हह!"
जब्बार उसकी चूचियो को काटने & चूसने लगा & अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी.थोड़ी ही देर मे वो लड़कीजद गयी,"ऊऊऊओ.....एयेए....हह....!"
और साथ-साथ जब्बार भी.
उसकी चूत मे से लंड निकाल कर जब्बार बिस्तर से उतरा & तिपाई पे रखे ग्लास मे शराब डालने लगा.उस लड़की ने अपना बाया हाथ बढ़ा कर जब्बार के सिकुदे हुए लॅंड & बॉल्स को पकड़ किया & मसालने लगी,"ज़ालिम तो तू बहुत है पर आज कुच्छ ज़्यादा ही हैवानियत दिखा रहा था.वजह?"
ग्लास खाली करके जब्बार ने जवाब दिया,"मुझे उंगली कर रही है ना,मलिका."
" साली,ये ले.",कहते हुए उसने अपना अपने ही वीर्य & मलिका के रस भीगा लंड फिर से मालिका के मुँह मे घुसा दिया.अपने मोटे हाथों से उसे बालों से पकड़ कर उसका सिर उपर किया और उसके मुँह को ही चोदने लगा,"राजा के यहा खुशी मने & मैं यहा संत बना रहूं..हैं!"
जवाब मे मलिका ने हाथों से उसकी कमर को पकड़ा & अपनी दो उंगलियाँ जब्बार की गांद मे घुसा दी.वो चिहुका लेकिन उसने अपनी रखैल का मुँह चोदना नही छ्चोड़ा.
मलिका उसकी रखैल थी.उसके ही जैसी निर्दयी & ज़ालिम.भगवान जितनी खूबसूरती उसे बक्शी थी उतनी ही कम उसके दिल मे दया & प्यार भरा था.
इन ज़ालिमों को इनके जुंगलिपने पे छ्चोड़ हम आगे बढ़ते हैं आने वाली सुबह की ओर जब विषजीत अपनी दुल्हन को लेकर हनिमून के लिए स्विट्ज़र्लॅंड को जाने वाला है.
सुबह सूरज की रोशनी चेहरे पर पड़ने से मेनका की आँख खुली.विश्वजीत कमरे मे नहीं था & वो पलंग पर अकेली नंगी पड़ी थी.वो उठकर बाथरूम मे आ गयी.नौकरानियों ने कल ही उसका सारा समान उसकी ज़रूरत के हिसाब से उसको रूम मे अरेंज कर दिया था.
बाथरूम मे घुसते ही वो चौंक पड़ी-आदम कद शीशे मे अपने अक्स को देख कर..उसे लगा कि कोई और खड़ा है पर जब रीयलाइज़ किया कि ये तो उसी का अक्स है तो हंस पड़ी.वो शीशे मे अपने नंगे बदन को निहारने लगी.......अपना परियो जैसा खूबसूरत चेहरा,कमर तक लहराते घने,काले बाल...मांसल बाहें,लंबी सुरहिदार गर्दन...उसके 36 साइज़ के बूब्स बिना ब्रा के भी बिल्कुल टाइट और सीधे तने हुए थे..उसे खुद भी हैरत होती थी कि इतने बड़े साइज़ के होने के बावजूद उसकी चूचिया ऐसी कसी थी ज़रा भी नही झूलती थी...ब्रा की तो जैसे उन्हे ज़रूरत ही नही थी....उसने धीरे से उन्हे सहलाया और अपने हल्के गुलाबी रंग के निपल्स को हल्का सा मसला..अब उसके हाथ अपनी सपाट पेट पर गये जिसके बीच मे उसकी गोल,गहरी नाभि चमक रही थी .अब उसने अपना बदन घुमा कर अपनी मखमली पीठ का मुआयना किया,नीचे अपनी 26 इंच की कमर को देखा & फिर अपनी मस्त 34 साइज़ की गांद को निहारा जो की उसकी चूचियो की तरह ही बिल्कुल पुष्ट & कसी थी.उसकी मांसल ,भारी जांघे & उसके सुडोल टाँगें तो ऐसे चमक रही थी जैसे संगमरमर की बनी हो.
उसे अपनी सुंदरता पर थोड़ा गुरूर हो आया पर उसी वक़्त उसकी नज़र उसकी छातियो पर बने विश्वजीत के दांतो के निशान पर पड़ी & उसे कल की रात याद आ गयी & 1 परच्छाई सी उसके चेहरे पर से गुज़र गयी-उसकी छातियो को देख कर ऐसा लगता था जैसे चाँद पे दाग पड़ा हो...फ़र्क बस इतना था कि यहा 2-2 चाँद थे.
वो एक गहरी सांस भर के पानी भरे बाथ-टब मे बैठ गयी.उसके हाथ अपनी जांघों पर से होते हुए उसकी झांतों भरी चूत से टकराए & उसे रात को विश्वा की कही बात याद आ गयी.उसने हाथ बढ़ा कर बगल के शेल्फ से हेर-रिमूविंग क्रीम निकाली & अपनी झाँटें सॉफ करने लगी.
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बेटे-बहू को हनिमून के लिए विदा करके राजा यशवीर अपने ऑफीस पहुचे.उनकी 15 मिल्स तो राजपुरा के अंदर & आसपास के इलाक़े मे फैली थी पर राजपुरा के उत्तरी हिस्से मे 1 ओर उनकी 6 मिल्स का 1 बहुत बड़ा कॉंप्लेक्स था(उनका महल राजपुरा के पूर्वी बोर्डर्पे था).इसी के अंदर उन्होने मिल्स मे काम करने वाले उनके स्टाफ मेंबर्ज़ के लिए रेसिडेन्षियल कॉंप्लेक्स,हॉस्पिटल & स्टाफ के बच्चों के लिए स्कूल बनवाया था.साथ ही यहा उनके बिज़्नेस का सेंट्रल ऑफीस भी था जहा से राजा साहब अपने कारोबार को चलाते थे.
ऑफीस मे अपने चेंबर मे बैठते ही उनके राजकुल मिल्स ग्रूप के CMड सेशाद्री उनके पास सारी रिपोर्ट्स ले कर आ गये.सेशाद्री उनका बहुत वफ़ादार एंप्लायी था & राजा साहब उसके बिना बिज़्नेस चलाना तो सोच भी नही सकते थे.
"नमस्कार,सेशाद्री साहब.आइए बैठिए."
"कुंवर साहब & कुँवरनी साहिबा रवाना हो गये,राजा साहब?'
"जी हां,सेशाद्री जी.उपरवाले की कृपा & आप सबकी शुभकामनाओं से शादी ठीक तरह से निपट गयी."
"हम तो हुमेशा आपका शुभ ही चाहेंगे सर.",सेशाद्री नेउनकी तरफ लॅपटॉप घूमाते हुए कहा.
"वो जर्मन कंपनी जिसे हम अपनी शुगर मिल्स मे पार्ट्नर बनाना चाहते हैं,उनके साथ 4थ राउंड की मीटिंग कैसी रही?"
"बहुत बढ़िया सर.पेपर मिल्स के लिए 1 अमेरिकन कंपनी से भी बात की है.जैसा आप चाहते हैं हुमारी ग्रूप कॉस. मे फॉरिन पार्ट्नर्स लेकर हम अपने प्रॉडक्ट्स का एक्सपोर्ट तो आसान कर ही लेंगे,साथ-2 हुमारे ग्रूप मे भी कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा."
"हा,हम चाहते हैं कि हुमारा ग्रूप आगे भी 1 वेल-आय्ल्ड मशीन की तरह चले & आपके जैसे क्वालिफाइड लोग ही हुमेशा इसकी बागडोर संभाले रहे."
"पर राजा साहब,आपको डर नही लगता कि आपके परिवार का कंट्रोल ख़तम हो गया तो.."
"..अगर ऐसा होता है उसका मतलब है कि हुमारे परिवार मे किसी मे को. चलाने की काबिलियत नही है.ऐसे मे उन्हे पैसों से कॉमपेनसेट किया जाएगा ओर कंपनी. को सो कॉल्ड बाहर के लोग सुचारू रूप से चलाते रहेंगे.",राजा साहब ने उनकी बात बीच मे ही काटते हुए जवाब दिया.
"सेशाद्री साहब,क्या आप आउटसाइडर हैं.आपका हुमारा खून का रिश्ता नही है पर आपने तो हमसे भी ज़्यादा इस ग्रूप की सेवा की है."
"सर,प्लीज़ डॉन'ट एंबरस्स मी."
"सेशाद्री साहब,हम तो आपकी तारीफ करते रहेंगे,आप ही तारीफ पर फूलना सीख जाए!"
कह कर दोनो हंस पड़े.
"अच्छा,वो अमेरिकन कंपनी भरोसे की तो है?"
एस,सर.जबसे जब्बार वाला केस हुआ है मैं इस मामले मे डबल सावधान हो गया हूँ."
जब तक ये दोनो और बात करते है मैं आपको "जब्बार वाले केस" से रूबरू करवा दू.
क्रमशः........................
mast menaka paart--1
Aaj Rajpura gaon ke Raja Yashveer Singh ka mahal dulhan ki tarah saja hui hai & kyu na sajta, aaj raja sahab ka beta Vishwajeet shadi karne ke baad apni nayi-naveli dulhan ko lekar aya tha.Raja sahab ke ghar me arse baad khushiyon ne kadam rakha tha varna pichhle do saalon me to unhe bas dukh hi dekhne ko mile the.
Mehmanon ki bheed haweli ke bade se bagh me dulha-dulhan ko badhai de rahi thi & party ka lutf utha rahi thi.raja sahab ne mehmanon ki khatir me koi kasar nahi chhodi thi.
jab tak raja sahab mehmanon ki khatir karte hain,aayiye tab tak hum unke bare me tafseel se jaan lete hain.raja sahab apne pita ki eklauti aulad the.unke pita pure rajpura ke malik the.unhone raja sahab ko videsh me talim dilwayi par humesha se 1 baat unhone Yashveer singh ke dimagh me dali ki chahe kuchh bhi ho jaye rehna unhe rajpura me apni janta ke beech me hi hoga.par phir rajwadon ka chalan khatam ho gaya to baap-bete ne badi hoshiyari se apne ko businessmen me tabdil kar liya.jaha kai rajaon ki halat aam aaadmiyon se bhi badtar ho gai wohi raja sahab & unke pita ne apni position aur bhi mazboot kar li.
gaon me ganne ki kheti hoti thi to raja sahab ne sugar mill laga di & gaon walon ko usme rozgaar de diya.unki zamin pe bade jungle the to 1 paper mill bhi start kar di,waha bhi gaon wale hi kaam karte the.kheton me to wo pehle se hi lage hue the.
is tarah pita ki maut ke bad raja yashveer rajpura ke betaaj badshah ban gaye.local MLA & MP bhi unke aage hath jode khade rehte the.waqt ke sath-2 raja sahab kareeb 15 mills ke malik ban gaye.
raja sahab ka vivah 1 badi hi dharm parayan mahila sarita devi se hua.raja sahab vyabhichari to nahi the phir bhi aam mardon ki tarah sex me kafi dilchaspi rakhte the,par patni ke liye chudai bas vansh badhane ka zariya tha aur kuchh nahi.isliye raja sahab apne shauk shahar me pure karte the.par unhone apni patni ko kabhi iski bhanak bhi nahi lagne di na hi un shahari raandon se koi bahut gehra sambandh banaya.wo to bus unke kuchh shauk pure karti thi jo unki patni nahi karti thi.agar rani sahiba raja sahab ki ichhayein puri karti to raja sahab kabhi kisi aur aurat ke paas nahi jaate.raja saheb apne gaon ke kisi aurat ko bhi gandi drishti se nahi dekhte the.
par is achhe insan ko pehla bada jhatka uparwale ne aaj se 2 saal pehle diya.raja sahab ka bada beta Yudhvir 1 car accident me mara gaya.log kehte hain ki wo accident nahi blki murder tha-kisi ne yudhvir ki car ke saath chhedkhani ki thi.khair is baare me hum kahani me aage baat karenge.bete ki maut ka sadma rani sarita devi sah nahi payi aur uska naam le-2 kar bhagwan ko pyari ho gayi.yeh sab 1 saal ke bheetar-2 ghat gay.us samay vishwajit videsh se padhayi karke lauta tha & aate hi use pita ka sahara banana pada.
aisa nahi hai ki rajpura me raja sahab ka ekchhatra rajya hai.jabbar singh naam ka ek thakur bahut dinon se unse ulajhta aa raha hai.log to kehte hain keyudhvir ki maut me usi ka haath tha.jabbar raja sahab ke dabav ko khatam kar khud rajpura ka betaj badshah banana chahta hai.par raja sahab ne abhi tak uske man ki hone nahi di hai.
chaliye ab wapas chalte hain mahal ko.
are ye kya!party to khatam ho gayi...sare mehman bhi chale gaye. naukar-naukrani bhi mahal ke compound me hi bane apne kamron me chale gaye hain.raat ke khane ke baad mahal ke andar kewal raja sahab & unke pariwar evam khas mehmanon ko hi rehane ka hukm hai.
par main aapko mehal ke andar le chalta hun,seedhe vishwajit ke kamre kyuki ab Menaka se milne ka waqt aa gaya hai.
Menaka-vishwajit ki dulhan, naam ke jaise hi bala ki khubsurat...gora rang,khadi naak badi-2 kaali aankhen, kad 5'5" ...mast figure ki mallika.bade lekin bilkul tight chuchiyon & gaand ki maalkin. menaka 1 bahut confident ladki hai jo ki apne man ki baat saaf-2 lekin shalieenta se kahne me bilkul nahi hichakti.
menaka suhag sej pe saji-dhaji baithi apne pati ka intezar kar rahi hai.ye lijiye wo bi aa gaya.
menaka & vishwajit shadi ke pehale kai baar 1 dusre se mile the so ajnabi to nahi the par abhi itne karibi bhi nahi hue the.vishwa ne 4-5 baar uske gulabi rasile hothon ko chuma tha...uske nashile kase badan ko apni baahon me bhara tha par isse zyada menaka kuchh karne nahi deti thi...par aaj to wo soch kar aaya tha ki use poori tarah se apni bana ke rahega.
vishwa palang pe menaka ke paas aakar baith gaya.
"shadi mubarak ho,dulhan",keh ke usne menaka ka gaal chum liya.
"mubarakbad dene ka ye kaun sa tareeka hai?",menaka banawati narzgi se boli.
"are,meri jaan.ye to shuruar hai,puri mubaraka bad dene me to hum raat nikal denge".keh ke usne menaka ko bahon me bhar liya & use betahasha chumne laga..galon pe mathe pe .uski lambi surahidar gardan pe.uske hothon ko chumte hue wo unpar apni jibh phirane laga & use uske munh me dalne ki koshish karne laga.
menaka itni jaldi itne tez humle se chaunk & ghabra gai & apne ko usase alag karne ki koshish karne lagi.
"kya hua jaan?ab kaisi sharam!chalo ab aur mat tadpao",vishwa uske hothon ko azaad lekin bahn ki girsft aur mazbut karte hue bola.
"itni jaldi kya hai?"
"main ab aur intezar nahi kar sakta,menaka.please..."kehke wo phir apni patni ko choomne laga.
par is bar jungli ki tarah nahi balki aaram se thoda dheere-2.
thodi hi der me menaka ne apne hoth khol diye & vishwa ne apni jibh uske munh me dakhil kara di aur use bistar pe lita diya..uski bahen abhi bhi menaka ko kase hue thi & uski jeebh menaka ki jeebh ke sath khel rahi thi.uska seena menaka ki chhatiyon ko daba raha tha & daayin taang uski taangon ke upar thi..
thodi der aise hi choomne ke bad vo apne hath aage le aaya aur blouse ke upar se hi apni biwi ki chhatiyaan dabane laga ...fir usne apne hoth uske cleavage par rakh diye...menaka ki saansen bhari ho gayi..dheere-2 vo bhi garam ho rahi thi.
par vishwajit bahut besabra tha aur usne jaldi se menaka ka blouse khol diya & fir red bra me qaid uski choochiyon par toot pada....menaka ki nahi-2 ka uske upar koi asar nahi tha.
menaka ke liye ye sab bada jaldi tha.vo 1 convent me padhi ladki thi..sex ke bare me sab janti thi par kuchh sharm & kuchh apne khandan ki maryada ka khayal karte hue usne abi tak kisi se chudwaya nahi tha.videsh me college me kabhi-kabhar kisi ladke ke sath kissing ki thi bas.vishwa ko bhi usne shadi se pehele kissing se aage nahi badhne diya tha.
so uske humle se vo thoda unsettled ho gayi.isi ka fayda utha kar vishwajeet ne uske sari & peticoat ko bhi uske khubsurat badan se alag kar diya.ab vo keval red bra & panty me thi.taange kas kar bheechi hui..haathon se apne seene ko dhakti hui...sharm se uska chehra or gulabi ho gaya tha & aankhen band thi-menaka such much bhagwan indra ke darbar ki apsara menaka jaisi lag rahi thi.
vishwa ne 1 nazar bhar kar use dekha aur apne kapde nikal kar pura nanga ho gaya.uska 4 1/2 inch ka lund precum se geela tha.usne usi jaldbazi se menaka ke bra ko noch pheka aur uska munh uski chhatiyon se chipak gaya.vo uske halke gulabi rang ke nipples ko kabhi choosta to kabhi apni ungliyon se masalta.menaka uski in harkaton se aur garam ho rahi thi.fir vishwa uski chhatiyon ko chhod uske pet ko choomta uski gehri nabhi tak pahucha.
jab usne jeebh uski naabhi me firayi to wo seetkar kar uthi,"aa....ahhhhhhhh.."
fir wo aur neeche pahucha,panty ke upar se uski choot par 1 kiss thoki to menaka maare sharm ke uthti hui uska sar pakad kar apne se alg karne lagi par vo kaha maanane wala tha.usne use fir letaya & jhatke ke saath uski panty kheech kar fek di.menaka ki choot pe jhaant heart shape me kati hui thi.ye uski saheliyon ke kehne par usne kiya tha.
"waah!meri jaan",vishwa ke munh se nikla,"very beautiful par please tum in baalon ko saaf kar lena.mujhe saaf bina baalon ki choot pasand hai."
ye baat sunkar menaka ki sharm aur badh gayi.1 to wo pehli bar kisi ke saamne aise nangi hui thi upar se aisi baatein!
vishwa ne 1 ungli uski choot me daal di aur doosre haath se uske boobs masalne laga.menaka pagal ho gayi.tabhi vo ungli hata kar uski taango ke beech aaya aur uski choot me jeebh firane laga.ab to menaka bilkul hi beqabu ho gayi.use ab bahut maza aa raha tha.vo chahati thi ki vishwajeet aise hi der tak uski choot chatata raha par usi waqt vishwa ne apna munh uski choot se hata liya.
menaka ne aankhen kholi to dekha ki vo apna lund uski choot par rakh raha tha.
vo mana karne ke liye nahi bolte hue uske pet par hath rakhne lagi par besabr vishwa ne 1 jhatke me uski kunwari nazuk choot me apna lund aadha ghused diya.yun to menaka ki choot geeli thi par fir bhi pehlli chudai e dard se uski cheekh nikal gayi,"uuuiiiiiiii........maaa.
vishwa uske dard se beparwah dhakke marata raha & thodi der me uske andar jhad gaya.fir vo uske seene pe gir kar haanfne laga.
menaka ne aisi suhagrat ki kalpana nahi ki thi, usne socha tha ki vishwa pehle usase pyari-2 baaten karega.fir jab wo thoda comfortable ho jaaye tab bade pyar se uske sath chudai karega.par vishwa ko to pata nahi kis baat ki jaldi thi.
"are...tumhari khoobsurati ka ras peene ke chakkar me to main ye bhool hi gaya!",vishwa apne zamin par pade kurte ko utha kar uski jeb se kuchh nikalte hue bola to menaka ne 1 chadar kheechkar apne nange pan ko dhankte hue uski taraf dekha.
"ye lo.apna wedding gift.",kehate hue usne 1 chhota sa box menaka ki taraf badha diya.
menaka ne use khola to andar 1 bahut khoobsurat & keemati diamond bracelet tha.aisa lagta tha jaise kisi ne menaka se hi pasand karwa ke khareeda ho.vo bahut khush ho gayi & apna dard bhul gayi.use laga ki abhi besabri me vishwajeet ne ais epyar kiya.
"wow!it's so beautiful.aapko meri pasand kaise pata chali?",usne bracelet apne hath me dalte hue poochha.
"are bhai,mujhe to tumahre gift ka khayal bhi nahi tha",vishwa ne uski bagal me letate hue jawab diya."vo to mere cousins shadi ke 1 din pehle mujh se puchhne lage ki maine unki bhabhhi k liye kya gift liya to maine keh diya ki kuchh nahi.yaar,mujhe laga ki ab gift kya dena.par pitaji ne meri baat sun li.vo usi waqt shahar gaye or ye laa kar mujhe diya.kaha ki bahu ko apni taraf se gift karana.",itna keh kar vo sone laga.
menaka nirash ho gayi,usne to socha tha ki uska pati uske liye pyar se tohfa laya hai par use to tohfe ka dhyan bhi nahi tha.menaka ne bhi vishwa ke liye gold chain li thi jo usne sote hue vishwa ke gale me dal di & khud bhi so gayi.
usi waqt mahal ke usi upari manzil jisme menaka & vishwa ka kamra tha,ke 1 doosre hisse me raja yashveer apne palang par lete soch rahe the ki aaj kitne dino baad unke mahal me fir raunak hui."prabhu,ise banaye rakhna.",unhone man hi man bhagwan se prarthna ki.
ab unka dhyan apne bete-bahu par gaya.is waqt dono ek-dusre me khoye honge.unhe apni suhagraat yaad aa gayi.sarita devi ke ati dharmik hone ke karan unhe chudai ke liye taiyyar karne me unhe kafi mashakkat karni padi thi.zabardasti unhe pasand nahi thi,varna jo 6'2" lamba-chauda insan aaj 52 varsh ki umra ne bhi 45 se zyada ka nahi lagta tha vo hawani me kisi aurat ko kabu karne me kitna waqt leta!
apni suhagrat yaad karke unke hothon pe muskan aa gayi or anayas hi vo apne bete-abhu ki suhagrat k bare me sochne lage.unka dhyan menaka ki or gaya.
"kitni khoobsurat hai.vishwa bahut lucky hai bas is baat ko vo khud bhi realise kar le.",fir vo bhi so gaye.
aayiye chalte hain hum ab rajpura ke 1 doosre kone me.waha 1 badi kothi andhere me doobi hai.lekin upari manzil ke 1 kamre se kuchh aawazen aa rahi hain.dekhte hain kaun hai waha.
us kamre ke andar 1 kala ,bhadda & thoda mota aadmi naga bistar par baitha hai.uske sar k kafi baal ud gaye hain & chehre par daag bhi hai.makkari aur krurta uski aankho me saaf jhalakti hai.yehi hai jabbar jiska ba 1 maqsad hai-raja sahab ki barbadi.
vo sharab pee raha hai & ek bala ki sundar nangi ladki uske kund ko apni choochiyon ke beech ragad rahi hai.wo lund ragadte-2 beech-2 me jhuk kar use apne patle gulabi hothon se choos bhi leti hai.door se dekhne se lagta hai jaise ki ek rakshas & 1 pari jismon ka khel khel rahe hain.
achanak jabbar ne apna glass bagal ki tipayi par rakha aur us khubsurat ladki ko uske balon se pakad kar kheecha & use bistar par patak diya.
"ou..chhh",vo karahi par bina kisi parwah ke jabbar ne uski taange phailayi & apna mota lund uski choot me pel diya.
"aa...aahhh......ha...iiiiiii.
jabbar ne bahut berahmi se use chodna shuru kar diya.us ladki ke chehre par dard & maze ke mile-jule bhav the.use bhi is junglipane me maza aa raha tha 7 vo neeche se apni kamar hil-2 kar jabbar ka pura sath de rahi thi.thodi hi der me usne apni baahen jabbar ki peeth par & sudol taangen uski kamar ke gird lapet di & chillane lagi,"ha.....ai....se....
"aa..hhhh...aaa...hhhhhhh!"
jabbar uski chhatiyon ko kaatne & choosne laga & apne dhakkon ki speed aur badh di.thodi hi der me vo ladkijhad gayi,"ooooooo.....aaa....
aur sath-sath jabbar bhi.
uski choot me se lund nikal kar jabbar bistar se utra & tipayi pe rakhe glass me sharab dalne laga.us ladki ne apna baaya hath badha kar jabbar ke sikude hue land & balls ko pakad kiya & masalne lagi,"zalim to tu bahut hai par aaj kuchh zyada hi haivaniyat dikha raha tha.wajah?"
glass khali karke jabbar ne jawab diya,"mujhe ungli kar rahi hai na,malika."
" sali,ye le.",kehte hue usne apna apne hi virya & malika ke ras bheega lund fir se malika ke munh me ghusa diya.apne mote hathon se use balon se pakad kar uska sir upar kiya aur uske munh ko hi chodne laga,"raja ke yaha khushi mane & main yaha sant bana rahun..hain!"
jawab me malika ne hathon se uski kamar ko pakda & apni do ungliyan jabbar ki gaand me ghusa di.wo chihuka lekin usne apni rakhail ka munh chodna nahi chhoda.
malika uski rakhail thi.uske hi jaisi nirdayi & zalim.bhagwan jitni khubsurti use bakshi thi utni hi kam uske dil me daya & pyar bhara tha.
in zalimon ko inke junglipane pe chhod hum aage badhte hain aane wali subah ki or jab vishajeet apni dulhan ko lekar honeymoon ke liye switzerland ko jane wala hai.
subah suraj ki roshni chehre par padne se menaka ki aankh khuli.vishwajeet kamre me nahin tha & vo palang par akeli nangi padi thi.vo uthkar bathroom me aa gayi.naukraniyon ne kal hi uska sara saman uski zarurat ke hisab se usko room me arrange kar diya tha.
bathroom me ghuste hi vo chaunk padi-aadam kad sheeshe me apne aks ko dekh kar..use laga ki koi aur khada hai par jab realise kiya ki ye to usi ka aks hai to hans padi.vo sheeshe me apne nange badan ko niharne lagi.......apna pariyo jaisa khubsurat chehra,kamar tak lahrate ghane,kale baal...maansal baahen,lambi surahidar gardan...uske 36c size ke boobs bina bra k bhi bilkul tight aur seedhe tane hue the..use khud bhi hairat hoti thi ki itne bade size ke hone ke bawjood uski chhatiyaan aisi kasi thi zara bhi nahi jhulti thi...bra ki to jaise unhe zarurat hi nahi thi....usne dheere se unhe sahlaya aur apne halke gulabi rang k nipples ko halka sa masla..ab uske hath apni sapat pet par gaye jiske beech me uski gol,gehri nabhi chamak rahi thi .ab usne apna badan ghuma kar apni makhmali peeth ka muayana kiya,neeche apni 26 inch ki kamar ko dekha & phir apni mast 34 size ki gaand ko nihara jo ki uski chhatiyon ki tarah hi bilkul pusht & kasi thi.uski maansal ,bhari jaanghe & uske sudol taangen to aise chamak rahi thi jaise sangmarmar ki bani ho.
use apni sundarta par thoda gurur ho aya par usi waqt uski nazar uski chhatiyon par bane vishwajeet ke daanto k nishan par padi & use kal ki raat yaad aa gayi & 1 parchhayee si uske chehre par se guzar gayi-uski chhatiyon ko dekh kar aisa lagta tha jaise chand pe daag pada ho...fark bas itna tha ki yaha 2-2 chand the.
vo ek gehri sans bhar ke pani bhare bathtub me baith gayi.uske hath apni janghon par se hote hue uski jhaanton bhari choot se takraye & use raat ko vishwa ki kahi baat yaad aa gayi.usne haath badha kar bagal ke shelf se hair-removing cream nikali & apni jhaanten saaf karne lagi.
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bete-bahu ko honeymoon ke liye vida karke raja yashveer apne office pahuche.unki 15 mills to rajpura ke andar & aaspaas ke ilake me phaili thi par rajpura ke uttari hisse me 1 or unki 6 mills ka 1 bahut bada complex tha(unka mahal rajpura ke purvi borderpe tha).isi ke andar unhone mills me kaam karne wale unke staff members ke liye residential complex,hospital & staff ke bachchon ke liye school banwaya tha.sath hi yaha unke business ka central office bhi tha jaha se raja sahab apne karobar ko chalate the.
office me apne chamber me baithte hi unke Rajkul Mills Group ke CMD seshadri unke paas sari reports le kar aa gaye.seshadri unka bahut vafadar employee tha & raja sahab uske bina business chalana to soch bhi nahi sakte the.
"namaskar,seshadri sahab.aayiye baithiye."
"kunwar sahab & kunwrani sahiba rawana ho gaye,raja sahab?'
"ji haan,seshadri ji.uparwale ki kripa & aap sabki shubhkamanaon se shadi thik tarah se nipat gayi."
"hum to humesha aapka shubh hi chahenge sir.",seshadri unki taraf laptop ghumate hue kaha.
"vo german company jise hum apni sugar mills me partner banana chahte hain,unke sath 4th round ki meeting kaisi rahi?"
"bahut badhiya sir.paper mills ke liye 1 american company se bhi baat ki hai.jaisa aap chahte hain humari group cos. me foreign partners lekar hum apne products ka export to aasan kar hi lenge,sath-2 humare group me bhi corporate structure taiyar ho jayega."
"haa,hum chahte hain ki humara group aage bhi 1 well-oiled machine ki tarah chale & aapke jaise qualified log hi humesha iski bagdor sambhale rahe."
"par raja sahab,aapko darr nahi lagta ki aapke parivar ka control khatam ho gaya to.."
"..agar aisa hota hai uska matlab hai ki humare parivar me kisi me co. chalane ki kabiliyat nahi hai.aise me unhe paison se compensate kiya jayega or co. ko so called bahar ke log sucharu roop se chalate rahenge.",raja sahab ne unki baat beech me hi kaatate hue jawab diya.
"seshadri sahab,kya aap outsider hain.aapka humara khoon ka rishta nahi hai par aapne to humse bhi zyada is group ki sewa ki hai."
"sir,please don't embarass me."
"seshadri sahab,hum to aapki tareef karte rahenge,aap hi tareef par phoolna seekh jayeen!"
kah kar dono hans pade.
"achha,vo american co bharose ki to hai?"
yes,sir.jabse jabbar vala case hua hai main is mamle me double savdhan ho gaya hun."
jab tak ye dono aur baat karte hai main aapko "jabbar vale case" se rubaru karwa du.
kramshah......................
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
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