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चुदाई का सिलसिला पार्ट -13
कंचन अओर पायल ने जल्दी जल्दी अपना काम निपटाया....अओर उप्पेर के रूम मैं जाने की तय्यरी ही कर रही थी की पूजा का भाई अनिल उनके घर पर आया अओर कंचन के पापा किशोरी लाल के पास बैठ गया......
किशोरी लाल ...हा बेटे अनिल अब तुम्हारी मम्मी कैसी है...???
अनिल...अभी तो ठीक नही है....ऑक्साइजन लगी है...डॉक्टर ने कहा है 24 घंटे के बाद ही कुछ कह पाएगे.....
किशोरी लाल....भगवान सब ठीक करेगा....चिंता मत करो....कोई काम हो तो बताना बेटे......????
अनिल...जी चाचा जी....
किशोरी लाल...कैसे आए थे...कुछ काम था....???
अनिल...जी चाचजी...दर-असल पापा, अओर मैं तो हॉस्पिटल मैं है मम्मी के पास, घर पर पूजा अओर उसकी भाभी अकेली है....वे कहती है की उन्हे रात मैं अकेली डर लगता है....आप तो जानते ही है चाचा जी समय खराब है....अगर आप शास को भेज दे तो उनके पास रात मैं कोई तो होगा....????
किशोरीलाल...हां कियूं नही...ले जाओ....किशी ने मना किया है कया...???
अनिल...हां पूजा कह रही थी कि मालती बूवजि कह रही है कि शास को बुखार है....एसलिए सायेद....वो ना जा पाए.....
किशोरी लाल...बुखार ऐसी कोन्सि बड़ी बीमारी है....थक कर हो गया होगा...सुबेह तक ठीक हो जाएगा....तुम उसे ले जाओ बेटे....मैं मालती से बोल देता हूँ...चलो....
किशोरी लाल घर मैं गये अओर मल्टी से बोले...मालती ये अनिल आया है...भाभी तो हॉस्पिटल मैं है....घर पर पूजा बेटी अओर बहू अकेली है...एसा करो तुम शास को इसके साथ भेज दो....सुभह आ जाएगा.....
मालती...बहिय्या उसे तो हल्का सा बुखार था...एसीलिए मैने मना किया था....अओर कंचन व पायल को ले जाने के लिए कहा था...पर कंचन जाने के लिए तय्यार ही नही हुई....
जैसे ही कंचन अओर पायल के कानो मैं उनकी बाते आई...उन दोनो के कान खड़े हो गये....उन्हे सारा मामला ही बिगड़ता नज़र आने लगा....कियूं कि मामा की बात को गिराने की तो किशी मैं हिम्मत नही थी.....एसीलिए कंचन अओर पायल एक दूसरे के कानो मैं खुसुर..फुशुर करने लगी जैसे वे आगे का प्लान बना रही हो....अचानक हुए इस परिवेर्तन से उनके सब अरमानो पर पानी फिरता नज़र आ रहा था.......
किशोरी लाल...चलो मैं देखता हूँ....अओर किशोरी लाल उप्पेर के रूम मैं गया...जहाँ पर शास अभी सोने की तय्यारी ही कर रहा था.....
शास...ने किशोरीलाल को देखकर नमेस्ते की....
किशोरी लाल...बेटे शास कैसी तबीयत है...तुम्हारी मौससी बता रही थी कि तुम्हे बुखार है.....???
शास...नही मामा जी मैं तो ठीक हूँ...मौससी को तो बेहम हो गया था...
किशोरीलाल ... शास का हाथ पकड़ कर देखा.....बेटे तुम तो ठीक हो...बुखार तो नही है....तुम ऐसा करो की अनिल के घर चले जाओ...वहाँ पर पूजा अओर तुम्हारी भाभी अकेली है....सुबहा आ जाना.....
शास...जी मामा जी...ठीक है...पूजा का नाम सुनते ही शास के चेहरे पर दुबारा रौनक लौट आई थी......अओर वह जल्दी से कपड़े पहनने लगा.....
तब तक कंचन अओर पायल....भी उप्पेर आ चुकी थी....वे किशी सीबीआइ की तरह सारे ममली पर नज़र जमाए हुवे थी......अओर सायेद उन्होने आगे का प्लान भी तय्यार कर लिया था.....
कंचन....मामा जी कया हम दोनो, पायल अओर मैं....भी शास भाय्या के साथ पूजा दीदी के घर चले जाए....??? इस तरह तो वहं कई हो जाएँगे....अओर शास भाय्या...को कोई दिक्कत भी नही होने देंगे.....
किशोरी लाल...हां...हां...कियूं नही....लो बेटे अनिल तुम एक को लेने आए थे....यहाँ से तीन-तीन ले जाओ.....अओर किशोरी लाल हैंस्ते हुवे नीचे चले गये..... ये सुन कर शास का चेहरा कुछ मायूस सा हो गया....उसे लगा कि पूजा से मिलने का आब कोई लाभ होने वाला नही है....पर कंचन अओर पायल तो अंदर ही अंदर खुश थी...कम से कम वे रात मैं शास के पास तो रहिंगी....अओर हो सकता है उन्हे रात मैं सोते हुए शास का लंड ही नज़र आ जाए....
मालती को किशोरी लाल का फ़ैसला कुछ अच्छा नही लगा पर वो कुछ नही बोली...अओर शास,कंचन अओर पायल तीनो अनिल के साथ उसके घर के लिए चल दिए....अनिल भी ख़ूस्स था...कि चाचा ने उसकी बात मान ली...अओर अब केवल शास ही नही...कंचन अओर पायल भी होंगी....पूजा अओर गीता की पास....................
जब अनिल शास,कंचन अओर पायल के साथ घर पहुँचा...तो कंचन अओर पायल को देख कर गीता अओर पूजा चौंक गई....उन्हें एस्की तो उम्मीद भी नही थी....उन्हें लगा जैसे उनका सब कुछ लूट गया हो.....मगर फिर भी उन्होने उनका मुस्कुरकर स्वागत किया.....
अनिल...लो पूजा तुम तो एक शास की बात कर रही थी...मैं साथ मैं कंचन अओर पायल को भी ले आया....अब तो आप लोगो को डर नही लगेगा....???
पूजा....ये तो आपने बहुत अच्छा किया भाय्या....मगर मन ही मन तो कह रही थी....कि ये आपने कया किया...सारे अरमानो पर पानी ही फेर दिया.....कहाँ रात भर चुदाई का प्लान था...कहाँ ये कंचन अओर पायल...रास्ते का रोड़ा...
सभी अंदर जाकेर बैठ गये....अओर एधर उधर की बाते करते रहे....जब अनिल खाना खाकर हॉस्पिटल चला गया....तो सभी बेडरूम मैं आ गये......यहाँ पर एक डबल बेड अओर एक सिंगल बेड था....
पूजा...भाभी अब लेटटेंगे कैसे....???
गीता...चिंता मत करो ...ये एंतजाम भी हो जाएगा....तुम एसा करो की शास के लिए एक ग्लास दूध ले आओ...उसे बुखार था....कुछ आराम मिलेगा....अओर या ऐसा करो की सभी के लिए ले आओ.....
कंचन...नही भाभी...मैं अओर पायल दूध नही पीती...हैं अगर थोड़ी थोड़ी चाय मिल जाए तो ठीक रहेगा.....
गीता...ठीक है...तुम लोग बात करो....हम अभी आए....अओर गीता अओर पूजा किचन मैं चली गयी.....दूध अओर चाय लेने के लिए.....
पूजा...अब कया होगा भाभी....???
गीता...तुम चिंता मत करो पूजा मैने रास्ता निकाल लिया है....एआसा करना की तुम शास शास से खुली हुई हो...पहला नंबर तुम ही लेना....बाद मैं मैं देख लूँगी.....हां शास को मेरे लिए तय्यार कर देना.....
पूजा...ये तो ठीक है भाभी...पर कंचन अओर पायल भी तो होंगी वहाँ पर.....???
गीता...तो कया हुवा....उन्हे डबल बेड पर सुला देते है.....मैं तुम्हे शास के पास सुला दूँगी अओर खुद नीचे चटाई पर लेट जवँगी....ये ठीक रहेगा...???
पूजा...कया भाभी...आप भी...भला मैं उनके सामने शास के पास कैसे लेट सकती हूँ....????
गीता....तो फिर हम दोनो ही चटाई पर लेट जाएँगी....फिर धीरे धीरे अपना अपना काम कर लेंगी...ये तो ठीक रहेगा...????
पूजा...हां भाभी ये ठीक रहेगा....जब कंचन अओर पायल सो जाएँगी....तो...लकिन भाभी...एक प्राब्लम है....शास का लंड बहुत भारी है...उसे झेलना बहुत मुस्किल पड़ता है....अगर कहीं चीख निकल गयी तो.....
गीता....हम दोनो ही अब कुंवारे नही है....मैने भी कई लंड खाए है...अओर तुम तो शास से चुद चुकी हो....फिर कियूं डरती हो...???
पूजा...मैं तो भाभी मर ही गयी थी....एसा लगा था ...मानो किशी ने चूत को फाड़ दिया हो....वो तो बाद मैं कुछ राहत मिली थी.....
गीता...पगली कही की...आरे ये दर्द एक बार ही होता है... अब तुम्हारी सील टूट चुकी है....अओर एक बार जब इतने बड़े लंड को झेल चुकी हो तो अब डर किस चीज़ का......
पूजा...भाभी मैं शास के लंड से नही...कंचन अओर पायल से डर रही हूँ....कही उन्हे पता चल गया तो गजब हो जाएगा.....फिर मुझे कंचन पर तो बिल्कुल विस्वास नही है...वो तो मुझे कुछ जीयादा ही तेज लगी है....
गीता...अब जो होगा देखा जाएगा.....हम दोनो ही चटाई पर लेट जाएँगी...ठीक है ना....???
पूजा...ठीक है भाभी....
अओर गीता अओर पूजा चाय अओर दूध लेकर बेड रूम मैं आ गयी....वहाँ पर वे तीनो आपस मैं बाते कर रहे थे....गीता ने शास को दूध दिया अओर पूजा ने कंचन अओर पायल को चाय दी अओर खुद भी चाय ले ली....अओर आपेस मैं फिर बाते करने लगे........एसी तरह बाते करते हुवे काफ़ी देर हो गयी थी......
गीता...चलो अब सो जाओ....पूजा यहाँ पर चटाई डाल दो ....कंचन अओर पायल डबल बेड पर ही सो जाएँगी...अओर शास सिंगल बेड पर सो जाएगा.....मैं अओर तुम चटाई पर लेट जाएँगे.....
कंचन...ये कया भाभी...आप नीचे कियूं सोएंगी....???
गीता...तो कया हुवा...
कंचन ... पर भाभी....ये तो अच्छा नही लगेगा...अगर आप बुरा ना माने तो....???
गीता...भला मैं बुरा कियूं मनुगी...तुम कहो तो....???
कंचन...एआसा करो भाभी की आप शास भैया के पास लेट जाओ अओर पूजा हमारे पास सो जाएगी.....कंचन ने दूर की सोचते हुवे तीर छोड़ दिया.....
गीता अओर पूजा ने एक साथ कंचन की अओर देखा....वे कुछ समझ नही पाई...आख़िर कंचन ने ये फ़ैसला कियूं किया है....??? कया एसके पीछे....???
गीता...ऐसे अच्छा नही लगेगा कंचन...हम चटाई पर ही सो जाते है.....
कंचन...इसमे बुरा ही कया है भाभी....???
गीता...सकुचाते हुवे...बुरा तो कुछ नही पर वो....???
कंचन...कोई बात नही भाभी...ऐसा करो कि शास भाय्या हंमरे पास सो जाते है....आप अओर पूजा सिंगल बेड पर सो जाओ...ये तो ठीक रहेगा...??? कंचन ने बाजी पलटते हुवे...दूसरी राई भी पेश कर दी....
गीता समझ चुकी थी कि पूजा ने ठीक ही कहा है....कंचन कुछ जीयादा ही तेज है.....अओर सीधे रास्ते उस पर पार नही पाया जा सकता है....गीता समझदार थी.....फिर उन्हे शास के साथ यूँ आने की ज़रूरत भी कया थी....कही.....????? गीता के माथे पर सोचने के बल पड़ गये....लकिन रास्ता कया निकाला जाए.....गीता ने सोचा कियो ना कंचन को अलग बुलाकर उसे एम्मोसनल्ली ब्लॅक मैल किया जाए सायेद बात बन जाए....या फिर मेरे बारे मैं कंचन के पास ग़लत संदेश ना चला जाए......इसी उधेड़बुन मैं गीता को कोई उपाय नही सूझ रहा था....मगर अब कया किया जाए....कंचन काफ़ी जागरूक मालूम होती है....अगर चुपचाप कुछ करने का पारियास किया अओर कंचन ने भाप लिया तो अओर भी गड़बड़ हो जाएगी.....आख़िर गीता को बीच का रास्ता ही जीयादा अच्छा लगा....जो होगा देखा जाएगा....
गीता...कंचन दीदी आओ टाय्लेट को चलते है.....
कंचन...चलो भाभी मैं भी अभी यही सोच रही थी....
गीता....आओ चले....फिर कंचन अओर गीता टाय्लेट चली गयी.....अओर रास्ते मैं...
कंचन...तो फिर सोने के बारे मैं कया सोचा है भाभी....???
गीता...ये तो अब तुम्ही को फ़ैसला करना है....कि कैसे सोया जाए...हैं मुझे तुम्हारे से एक प्राइवेट बात करनी थी....एसी लिए तो तुम्हे याहा लाई हूँ...???
कंचन...कहो ना भाभी...???
गीता...नही दीदी ऐसे नही पहले वादा करो कि ये बात मेरे अओर तुम्हारे बीच ही रहेगी...???
कंचन...मुझ पर विस्वास नही भाभी....आप कहकर तो देखे...ये कंचन कुछ भी कर सकती है.....भाभी कुछ भी हो पर ये कंचन ज़बान की पक्की है...एक दम...???
गीता...कैसे कहूँ शरम भी तो आ रही है....ऐसी बाते अपने मूह से ????
कंचन...ऐसी कया बात है भाभी...कहो ना....अच्छा मैं वाद करती हूँ...मैं किशी से नही कहूँगी अओर अगर मेरे हाथ मैं हुवा तो मैं आपकी मदद ज़रूर करूँगी....अब तो बताओ कया बात है...???
गीता...सर्माते हुवे....दीदी कैसे बताउ....पर मजबूरी है...सायेद कहनी ही पड़ेगी...
कंचन...हां भाभी कह डालो....मैं..हूँ...ना...सब संभाल लूँगी....
गीता...कंचन वो तुम्हारे भाय्या है ना अनिल....वास्तव मैं वो नपुंसक है....3 साल हो गये शादी को...आज तक वो मुझे एक बार भी संतुष्ट नही कर पाए...अओर सासू मा चाहती है कि घर के आँगन मैं कोई बच्चा खेले...भला मैं कया करूँ...उनका वो 4 एंच का लंड अओर चूत पर लगते ही पिचकारी मार दे....सासू मा आजकल काफ़ी बीमार है..ना जाने कब बुलावा आ जाए....उनकी ये एच्छा मैं कैसे पूरी करूँ...????
कंचन...काफ़ी चिंतित होकर...मैं एस्मे कया कर सकती हूँ भाभी....???
गीता...तुम ही तो कर सकती हो....शास भाय्या को मैने एसी लिए तो बुलवाया था...सायेद वे मैरी ये एच्छा पूरी कर दें....सुना है उनका लंड बहुत दमदार है...अब तुम समझ गयी ना मैं कया कह रही हूँ....???
कंचन...मैं ये तो समझ गयी....पर एक बात समझ नही आई की आपको कैसे पता चला कि शास भाय्या का लंड बहुत दमदार है....
गीता....वो..वो...छोड़ो भी कंचन...सारी बाते ने पूछो...???
कंचन...बताओ ना भाभी...जब आपने इतना सब कुछ बता दिया है...तो ये भी बता दो...मेरा याकीन मानो...ये बात शिरफ़ मेरे तक ही रहेगी....
गीता...पूजा दीदी ने...सीमा दीदी की शादी मैं....सीमा दीदी के ही कहने पर पूजा ने भी शास का एक दिन लंड लिया है.....एसीलिए तो शास को बुलाया था....
कंचन...तो कया भाभी सीमा दीदी भी..????
गीता...हा कंचन....सीमा ने तो शादी वाले दिन भी...शास का लंड खाया है....
कंचन...कया..???????????
गीता...हा कंचन दीदी....
कंचन...ओह! मी गॉड..???? मैं तो समझ रही थी की मैं ही....पर यहाँ तो सभी...????
गीता...कया मतलब कंचन दीदी....??? कया आप भी...???
कंचन...अब आपसे किया छिपाना...जब सब ही खुल चुक्का है....मैने भी शास भाय्या का बॅमबू बना हुवा लंड देखा है....पता नही कैसे मन मैं उस लंड को पाने की एच्छा जाग गयी...मैने पायल दीदी को भी अपने साथ मैं मिला लिया है...ताकि कोई दिक्कत ने आए.....
गीता...कंचन दीदी...??? अओर कंचन को बाहों मैं भर लिया....मैं तो बेकार मैं ही डर रही थी.... ये तो आज ही पता चला की लंका मैं सभी 52 गाज के हैं...........एस पर गीता अओर कंचन दोनो ही खीखिलकर हांस पड़े....अओर एक दूसरे को अओर ज़ोर से खींच कर बाँहो मैं जाकड़ लिया.......
तुम कितनी अच्छी हो भाभी...कंचन ने चहकते हुवे कहा....सारी प्राब्लम एक मिनिट मैं ही दूर कर दी.....हम परेशान थे कि हम शास के लंड का आनंद कैसे ले....अओर आप भी उसी लंड के लिए परेसान थी....लकिन मुझे एधर अकेले मैं लाकर सारी समस्या ही दूर कर दी....एक बार कंचन ने फिर से गीता भाभी को बाहो मैं जाकड़ लिया....अओर भाभी के गुलाबी होंठ चूम लिए....भाभी ने भी मस्ती मैं आकर कंचन के कुंवारे होंठ चूम लिए....
कंचन...भाभी अब कया प्रोग्राम रहेगा सोने का....???
गीता...कया अब भी प्रोग्राम बनाना पड़ेगा....??? जब हम चारों ने ही चुद ने का प्लान बना रक्खा है तो फिर कियूं ना खुलकर ही चुद जाए...उसमे आनंद भी जीयादा आएगा....चोरी-चोरी मैं वो मज़ा कहाँ आता है....???
कंचन...ठीक है भाभी....सब मिलकर एक भारी लंड का मज़ा लेते है....आओ अब ये खबर उनको भी सुना दे.....उनकी चूत भी तो परेशान है...
गीता...अओर शास का लंड....????
कंचन...हां वो भी चूत पाने के लिए बॅमबू बना होगा....जैसा मैने दिन मैं सोते हुवे देखा था....
गीता...कया दिन मैं शास का लंड बॅमबू बना हुवा था...???
कंचन...हां भाभी...जब मैं टाय्लेट के लिए उठी तो देखा की शास का लंड बॅमबू बना हुवा है...बस तभी से मेरी ये कुँवारी चूत भी शास का लंड लेने के लिए बेकरार है.....
गीता...चलो अब उन सबको उल्लू बनाते है....पहले मैं जाकर शास का लंड पकड़ कर उसके कपड़े उतारती हूँ...अओर शास के लंड का सबको दर्शन करवाती हूँ....वे तो एक बार तो घबरा ही जाएँगे...
कंचन...हां भाभी चलो...मेरी भी उस लंड को देखने की बहुत एच्छा है....
अओर भाभी अओर कंचन बेडरूम मैं आ गयी....भाभी शास के पास बैठ गयी....पूजा अओर पायल एक साथ बैठी थी....शास की नज़रे पूजा पर थी...अओर उसका लंड पूजा की चूत पाने के लिए बैचैन हो रहा था.....कि भाभी ने हाथ बढ़ा कर शास भाय्या का लंड पकड़ लिया.....एका-एक शास भी घबरा गया....अओर पूजा व पायल भी चौंक गयी...कि ये कया किया भाभी ने....
शास...भाभी ये आप कया कर रही है....???
भाभी...देवर्जी...आपकी एज़्जत लूटने की तय्यरी है....अभी तो आपके सभी कपड़े उतारती हूँ.......कंचन चुपचाप मुस्कुरा रही थी...पूजा अओर पायल नही समझ पा रही थी कि अचानक ये कया हुवा कि सारा माजरा ही बदला नज़र आ रहा है...???
भाभी...देवेर जी आप कपड़े उतारते है या मैं उतारु....??? देखो सब की सब तुम्हारे लंड पर नज़र जमाए हुवे है....आज तो तुम्हारे लंड का मज़ा आ गया....एक साथ चार-चार चूत मिलेंगी....उनमे दो कुँवारी चूत भी है.....कियो आएगा ना मज़ा....???
शास...भाभी...???
भाभी...कियूं कया हुवा...कया तुम्हारे एस लंड को चूत की ज़रूरत नही है...???
शास ने देखा...कि सभी उसकी अओर ही मुस्कुरकर देख रही है....मामला अब उसकी समझ मैं आ गया था...अब शास भी मुस्कुरा दिया......अओर वे चारों भी एक बार फिर खिलखिलकर हंस पड़ी...इस पर शास भी हंस दिया....
कुछ ही देर मैं वहाँ का महॉल बदल गया था....जहाँ कुछ ही देर पहले बोझिल महॉल था वहाँ अब कामुक चुटकिया....अओर लॅंड चूत का वेर्नन हो रहा था अओर वो भी बिना किशी शर्म अओर हया के....वहाँ पर अब वासना का नंगा नाच होने वाला था.....भाभी गीता की सलाह पर अब दो गद्दे फर्श पर ही डाल लिए गये थे....अओर उन पर चादरे बिछ चुकी थी....सयद अब उन्हे बेड की ज़रूरत ही नही रह गयी थी......शास ने अपनी शर्ट अओर पेंट उतार कर एक अओर उछाल दी थी....अओर अब वो एक अंडरवेर अओर बनियान मैं ही था....उसका बॅमबू बना लंड अपने तेवर दिखा रहा था....मानो उसने आज चारों चुतो को फाड़ने की पूरी तय्यरी कर ली हो....पता नही कियूं आज शास भी अपने लंड की गतिविधियों से हैरान था....उसे लग रहा था की पीछले कुछ ही दीनो मैं उसके लंड का साइज़ भी बढ़ गया है....पर आज तो उसकी हालत उस भूखे शेर की तरह हो गयी थी....जिसके मूह इंसान का खून लग गया हो..... शास का लंड आपे से बाहर हुवा जा रहा था........सायेद उसके लंड को चूत की सील तोड़कर उसका खून पीने की आदत पड़ रही थी......
गीता...के हुवा शास....तुम्हार लंड तो अभी से बेकाबू हुवा जा रहा लगता है....???
चलो अब इसे इस अंडरवेर से आज़ाद कर दो......
शास...भाभी केवल मैं ही...??? आप सभी तो अभी तक कपड़ो मैं है......???
गीता...हां ये तो बेईमानी है भाई...चलो तुम सब भी अपने कपड़े उतारो....अओर गीता ने अपने सारी उतारनी सुरू कर दी.....
पूजा...भाभी लाइट तो बंद कर दो....इसमे तो शर्म आती है.... कंचन व पायल भी...हैं भाभी प्लीज़ लाइट तो बंद कर दो......
गीता....पगली लड़कियो जो मज़ा लाइट मैं आएगा...वो अंधेरे मैं नही आएगा....आज खुलकर चुदाई का मज़ा लो...शरम लिहज को एक तरफ रख दो....तब तक भाभी ने आपनी सारी उतार दी थी.....
पायल...नही भाभी हमे शर्म आ रही है. प्ल्ज़ लाइट ऑफ कर दो ना...
गीता....नही आज लाइट ऑफ नही होगी.....अंधेरे मैं इस खूबसूरत लंड का मज़ा तुम कैसे लॉगी अओर फिर शास को भी तो मज़ा आना चाहिए....उसे भी तो तुम्हारी चुचियाँ अओर चूत नज़र आनी चाहिए तभी तो लंड महाराज ज़ोर से बरसेंगे...समझी कि नही....अओर गीता ने आगे बढ़कर पहले पूजा का कुर्ता उतारना शुरू कर दिया.....पूजा कुछ सकुचते हुवे...भाभी रहने दो ना....मगर गीता तो उसका कमीज़ उतारने मैं लगी रही.... अओर कमीज़ उतार कर उसने पूजा का सलवार भी खिच दिया....पूजा को एक बार फिर ब्रा अओर पॅंटी मैं देख कर शास का लंड झटके मार-कर फूंकारने लगा था....उसकी उठक-बैठक अंडरवेर मैं सॉफ नज़र आ रही थी.....एसके बाद गीता ने अपना ब्लाउस भी उतार दिया....अओर शास के पास लेट गयी.....
गीता...शास एनलॉगो को तो शरम आ रही है.....ये भाभी पहले तय्यार है...एस्की चूत की प्यास को ही पहले बुझा दे....बरसों से पयासी ही है....
शास...पर भाभी आपने अभी तक अपना पेटिकोट अओर ब्रा तो नही उतारी है....पहले मैं आपका दूध तो पी लूँ तभी तो तुम्हारी चूत की पयास बुझाउन्गा.....
पूजा...भाभी शास को चुचियो का दूध बहुत पसंद है....
गीता...हां कियूं नही...अओर गीता ने अपने ब्रा खोल दी... ब्रा खुलते ही गीता भाभी के मद-होश करदेने वाली चुचिया आज़ाद हो गयी...भभरी भभरी गोलमटोल ठोस्स चुचियाँ गोरा चिटा रंग....चुचियो के निपल अभी भी छोटे ही थे.....शास तो देखता ही रह गया...पूरा निखारा हुवा भाभी का योवन.....मांसल अओर गड्राया हुवा सरीर .किशी को भी मद-होश करने के लिए काफ़ी था....भाभी के गड्राए सरीर की महक शास के नथुनो मैं भरने लगी थी... अजीब सी उततजन थी उनके योवन मैं शास को लगा की भाभी का ये बदन तो पूजा से भी बेहतर है....आज तो उसकी लॉटरी ही निकल आई...जो भाभी.... का ये मांसल अओर गड्राया हुवा महकता सरीर उसके आगोश मैं होगा....भाभी की चुचियाँ देख कर शास आपने को रोक नही पा रहा था....पर तीन लड़कियाँ अओर भी वहाँ पर थी....
पूजा...भाभी तुम्हारी चुचियाँ तो एत्नि सुंदर है की मेरा मन भी ललचा रहा है एन्हे पीने के लिए......
गीता....मैने मना किया कया तुम्हे...गीता ने अपनी दोनो चुचियो को हाथों मैं लेकर उप्पेर को उठाया....लो आओ पियो....आआहह कया चुचियाँ थी...इससे पहले की पूजा गीता की चुचि को पीना सुरू करती...शास ने लपक कर एक चुचि को अपने मूह मैं दबा लिया.....तभी दूसरी चुचि को पूजा ने भी अपने मूह मैं ले लिया......गीता भाभी के मूह से सिसकारी निकल गयी सस्स्स्स्स्साआआअहहुउऊउउम्म्म्
ऐसा द्रस्य देखकर पहले से ही उत्तेजित कंचन का हाथ अपनी चुचियो पर घूमने लगा था....उसके होंठ थरथारने लगे थे अओर साँसे तेज हो चली थी..........मगर पायल चुपचाप देखती रही... उसकी चुचि थोड़ी उप्पेर नीचे होने लगी थी.....उसकी चूत मैं मानो लाखों चीटिया लगी हो...उनकी सुगबगाहट से पायल को पसीना आने लगा....वो भी अब अपने को रोक नही पा रही थी......अओर उसने भी अपनी कमीज़ उतार दी अओर ब्रा एक तरफ फैक्कर अपने हाथों से अपनी चुचिया भींच ली.....पायल अब मस्त होकर अपनी चुचियो को मसल रही थी यही हाल कंचन का भी था......पायल ने कंचन का मूह पकड़ कर अपनी चुचियो पर रख दिया....अओर कंचन ने दोनो चुचिया अपने हाथों मैं लेकर बारी बारी से उन्हे पी रही थी.....पायल भी कंचन की चुचियाँ दबा दबा कर मसलने लगी थी.....
अब शास ने गीता भाभी की पांरी को उनके सरीर से अलग कर दिया...अओर गीता भाभी की छूट से अजीब सी महक वहाँ पेर फैल गयी.....शास का एक हाथ अब भी भाभी की छूट की मालिश कर रहा था....भाभी की टॅंग्जी फैलने अओर सिकुड़ने लगी थी....छूट पेर छोटे छोटे बॉल....कुलटे बंद होते हूथ....बीच मैं गुलाबी गड्रई हुई छूट.....पानी छोड़ने लगी थी.....कंचन की नज़र जब भाभी की भारी मांसल जांघों के बीच छूट पेर पड़ी तो उसके तो हूस ही उड़ गये....कंचन की जीभ उसके हूथों पेर फिरने लगी.....
कंचन...दीदी (पायल) चलो नीचे ही चलते है...
पायल...चलो....अओर दोनो भी नीचे ही गद्दों पर आ गयी.....कंचन अओर पायल ने भी अपने कपड़े एक तरफ उतार फैंके.....उन्होने पॅंटी अओर ब्रा भी उतार दी....
कंचन...भाभी मुझे तो तुम्हारी गुलाबी गीली चूत पीने का मन कर रहा है....भाभी ने अपने घुटने इकठ्ठे कर पैर दोनो तरफ फैला दिए अओर कंचन ने बड़ी बेसब्री से अपना मूह उनकी चूत से लगा दिया....कंचन की जीभ भाभी की चूत को चाट ने लगी.....भाभी की चूत का स्वाद कंचन को अओर अधिक मस्त कर रहा था......कंचन के हाथ भाभी के भारी चूतरो को फैलाकर चूत मैं अंदर तक अपनी जीभ पहुचने मैं मदद कर रहे थे......अओर भाभी की सिसकियाँ वहाँ पर गूंजने लगी थीईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्
माआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्
दोस्तो ये पार्ट यही ख़तम करता हूँ आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट पढ़े
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
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