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चुदाई का सिलसिला पार्ट -12
कंचन ने दूसरी तरफ देखा...शास अभी भी करवेट लेकर सोया था....अओर मम्मी वे मौससी भी साओई हुई थी.....ना जाने कियूं कंचन ने पायल को फिर बाँहो मैं भर लिया अओर उसकी गालों पर एक किस कर दिया.....
पायल...फिर कया हुवा कंचन...???
कंचन...कुछ नही दीदी आप बड़ी अच्छी लग रही है......
पायल...कया पहले अच्छी नही लगती थी....???
कंचन...नही दीदी ये बात नही है....हमने पहले कभी इस तरह से बात नही की थी......आज पहली बार तो मैने आपकी चुचियों को छुवा है....अओर दीदी आपकी बुर तो बड़ी ही गद्दे-दार लगी मुझे.....
पायल...आज कैसी-कैसी बाते कर रही हो....??? कया तुम शास को अभी तक नही भूली हो...???
कंचन....पता नही दीदी आज मुझे कया हो गया है....आपसे कुछ नही छुपौँगी....वेशे दीदी आप यकीन मानो शास बहिय्या का लंड बहुत ही बड़ा है....
पायल...कया तुमने देखा है....???
कंचन...आपको बताया ना दीदी....???
पायल...पर तुम्हे ये कैसे पता की शास भाय्या का बड़ा है....??? कया पता सभी के एसे ही होते हों....????
कंचन...नही दीदी...फिर कुछ रुक-कर...आप नाराज़ हो जाएँगी...???
पायल...नही कंचन तुम बताओ....मैं नाराज़ नही हूँगी....
कंचन...मैने एक बार पापा-मूमी अओर कई बार अंकल-आंटी को कुछ करते हुवे देखा है...यकीन मानो दीदी...उनके तो इतने बड़े नही थे.....
पायल...तुमने मम्मी-पापा अओर अंकल-आंटी को कया करते हुवे देखा है....???
कंचन...दीदी...???? ये भी कोई बताने की बात है...???
पायल...उत्तेजित होते हुवे...बता ना कंचन...??? कया देखा है...???
कंचन...यही दीदी कि.......पापा मम्मी के उप्पेर उनकी चुचिया चूस रहे थे....अओर मम्मी उनके लंड पर हाथ फिरा रही थी....फिर मम्मी ने पापा के लंड को अपनी बुर मैं ले लिया था....
पायल...अओर अंकल आंटी को...???
कंचन...एक दिन दोप-हर मैं जब मैं स्कूल से आई तो देखा अंकल आंटी की चूत को चाट रहे थे अओर आंटी....ऊवूऊवूयूवम्म जैसे कर रही थी....जैसे थोड़ी देर पहले आपने किया था....चाचा का लंड भी साफ नज़र आ रहा था...कई बार मैने चाचा को चाची को चोदते हुवे देखा है.....एक दिन चाची चाचा के लंड को चूस रही थी.......
पायल...कया....????
कंचन...हा दीदी.......
पायल... सच कंचन चाची चाचा का लंड चूस रही थी....???
कंचन...सच दीदी....मैने खुद इन आँखों से देखा है....अओर हा दीदी चाचा चाची की चूत भी तो चाट रहे थे.....
पायल...कंचन चाची को कैसा लगता होगा.....???? मुझे तो सोच कर ही अच्छा नही लग रहा है......
कंचन...अओर चाचा को चाची की चूत चाटने मैं कैसी लग रही होंगी....???
पायल...मुझे कया पता...मैने तो देखा भी नही है....हा एक बार मम्मी-पापा को तो देखा था.....पापा उछाल उछाल कर अपना लंड मम्मी की चूत मैं अंदर बाहर कर रहे थे अओर मम्मी भी चूतड़ उछाल रही थी.....बस दूर से ही देखा था........
एन्हि बातों को करते हुवे उन दोनो ने महसूस किया कि उन दोनो की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी....अओर पॅंटी भी गीली हो चुकी थी....
पायल...तुम्हें कैसा लग रहा है....???
कंचन...दीदी आज बड़ा मज़ा आ रहा है....बस पूछो मत...मुझे तो लगता है...मेरी पॅंटी गीली हो गयी है.....
पायल...सायेद मेरा भी यही हाल है.....
कंचन...एक बात कहूँ दीदी...बुरा तो नही मनोगी...???
पायल...पूछो ना ...मैं बुरा नही मानूँगी....
कंचन...दीदी मुझे एक बार अपनी चूत दिखा दो....मेरे घुटने को बड़ी ही गुदगुदी से लग रही थी......
पायल....नही कंचन अभी नही...मम्मी अओर मौस्सि दोनो यही पर है....जाग गयी तो...??? फिर तुम देखकर कया करोगी....???
कंचन..दीदी बस मन कर रहा है....
पायल...छोड़ो अब चलो सो जाओ मा-मौससी भी सो रही है.....
कंचन...अब नींद कहा आ रही है.....???
पायल...कोई बात नही...आँखें बंद करो अओर सो जाओ.....
अओर पायल अओर कंचन दोनो सोने की कोशिस करने लगी...पर नींद उनसे कोसो दूर थी.....आँखें बंद करके....वे कया के सोच रही थी...ये तो वे ही जाने....पर इतना ज़रूर था...कि आज कंचन ने पायल की चूत की अब तक सोई हुई आग को चिंगारी दिखा दी थी....अओर सायेद खुद भी उसी आग का शिकार हो चुकी थी.....
तभी उन्होने महसूस किया कि रूम मैं कोई हलचल हुई है....दोनो ने धीरे से आँखें खोलकर देखा तो शास उठाकर बाथरूम की तरफ जा रहा था उसका लंड अभी भी बॅमबू बना हुवा था....जो पेंट से बाहर निकलने की कोशिश मैं था.....पायल को शरम सी आ गयी....उसने आँखें बंद कर ली लकिन कंचन धीरे धीरे शास के लंड पर निगाहे जमाए रही.....फिर शास बाथरूम मैं घुस गया.....दरवाजा थोड़ा ज़ोर से बंद होने के कारण कंचन की मम्मी उठ गयी....अओर शास की मम्मी को उठाने लगी.....बेहन उठो लगता है काफ़ी देर हो चुकी है....चलो नीचे कई काम पड़े होंगे.....फिर शास की मम्मी भी उठ कर बैठ गयी....उन्होने देखा की कंचन अओर पायल अभी तक सोई हुई है....मालती ने कंचन को आवाज़ लगी....कंचन उठो अब रात मैं जल्दी सो लेना.....चलो नीचे चलते है....पायल अओर कंचन भी एसे उठी जैसे वे गहरी नींद मैं से उठी हो......तभी शास भी बाथरूम से निकल आया.....मालती अओर नैना(शास की मम्मी) ने उसे देखा....तुम कब आए शास....
शास...काफ़ी देर हो गयी मौससी.....यही चटाई पर सोया था.....
मालती...नीचे कयूं सोया था..??? मुझे जगा दिया होता....या फिर दीदी के पास लेट जाता....???
शास...कोई बात नही मौससी...नीचे भी अच्छी नींद आई...फिर मैं आपलोगो को डिस्टर्ब नही करना चाहता था......कंचन सोचने लगी...अगर शास उसके पास लेट जाता तो मज़ा ही आ जाता....सायेद पायल ने भी यही सोचा हो...???
फिर सभी नीचे चले गये....अओर अपने अपने काम मैं लग गये.....पर कंचन की नज़र तो शास पर ही थी.....वो बार बार शास को देखा लेती थी....अओर शास सोच रहा था कि अकेले मैं कैसे समय कटेगा...???? कल से पूजा भी तो लौट कर नही आई....सीमा दीदी ने कहा था की वो पूजा को फोन कर देंगी....पर सायेद उन्होने भी उसे फोन नही किया होगा.....या फिर समय नही मिला होगा...??? इसी उधेड़-बुन मैं शास एधर उधर टहल रहा था....फिर सोचने लगा कि मुस्कान भी अच्छी लड़की थी.....कुछ ही देर के मिलन ने मुस्कान को शास के दिल मैं बिठा दिया था.....कया कर रही होगी....मुस्कान..??? कया कर रही होंगी सीमा दीदी....??? कया कर रही होगी पूजा...??? एन्हि स्वालो मैं घिरा शास......
मालती...कया बात है शास बेटे...??? कया तबीयत ठीक नही है....???
शास...नही मौससी मैं ठीक हूँ....
मल्टी...फिर उदास सा कियूं है...??? .चेहरा भी उतरा सा नज़र आ रहा है...???
नैना...कुछ नही रात मैं सोया नही होगा...सायेद एसीलिए....
मल्टी...हा ये हो सकता है.....कोई बात नही शास रात मैं जल्दी खाना खाकर उप्पेर के रूम मैं जाकर जल्दी सो जाना वहाँ कोई डेस्ट्रूब नही करेगा....बाकी सभी लोग तो नीचे ही सो जाएगे.....मालती ने फ़ैसला सुना दिया....
शास...आप तो बेवेजह परेशान हो रही है मौससी....मैं ठीक हूँ.....
लकिन मालती भी कहाँ मानने वाली थी....बात को पकड़ कर ही बैठ गयी....शास एधर आओ मेरे पास....अओर जैसे ही शास उनके पास गया...मौससी ने शास का हाथ पकड़ कर नब्ज़ देखने लगी....फिर ज़ोर से बोली.....
मालती...कहा है ठीक मुझे तो तुम्हे बुखार सा लग रहा है....चल बैठ जा मैं तुझे तुलसी की चाय बना कर देती हूँ.....अओर मालती मौससी चाय (टी) बनाने चली गयी....एस पर शास धीरे से मुस्कुरा दिया....थोड़ी ही देर मैं मौससी चाय ले कर आ गयी....अओर शास को देकर बोली....ले गरम-गरम पी लाए.....अओर शास मौससी से चाय लेकर धीरे धीरे पीने लगा.....
मालती...नैना एसा करो पहले खाना बनाने की तय्यारी करो...बच्चे जल्दी लेट जाएँगे...रात मैं जागने की आदेत तो है नही....अओर रात भर जागे है.....मालती ने अपने बड़े होने का फ़र्ज़ निभा दिया.....अओर नैना ने जी दीदी कहकर अपना फर्ज़ निभा दिया....अओर शास की मामी ने गर्देन हिलाकर अपना फर्ज़ निभाया.....अओर होने लगी रात के खाने की तय्यरी........फिर सभी आपने अपने काम मैं लग गये....
रात मैं खाना खाकर (डिन्नर लेकर) शास ने मौससी से कहा मौससी मैं अप्पर जाउ आप नही आएँगी कया...???
मौससी...उपेर बस दो ही तो बेड है....एक पर तुम लेट जाओ अओर दूसरे पर कंचन अओर पायल लेट जाएँगी....तुम तीनो भाई बेहन उप्पेर लेट जाओ...बाकी हम सभी नीचे ही लेट जाएगी.....अब गर्मी तो होती नही.....
शास...ठीक है मौससी....ये कहकर शास उप्पेर के रूम मैं चला गया.....अओर कंचन की आँखों मैं चमक आ गयी थी...की उन्हे भी बिन माँगे ही उप्पेर लेटेने की एज़ाज़्त् मिल गयी थी.....वह मन ही मन फुल्ली नही समा रही थी....जबकि पायल....सोच रही थी....कि अगर रात मैं उसे शास का खड़ा हुवा लंड देखने को मिल जाए तो वो कया करेगी.....??????
कंचन ने शास को उप्पेर जाते हुवे देखा.....उसने रात की पूरी प्लॅनिंग कर ली थी.........उसे लग रहा था की आज उसकी काफ़ी दीनो की तम्मानना....जो उसके दिल मैं बस्सी थी.....आज पूरी हो जाएगी....जब भी उसने मम्मी-पापा या चाचा-चाची को सेक्स करते देखती तो उसके मन मैं भी तूफान चलने लगते थे.....पर वो मजबूर थी....कुछ नही कर सकी....फिर पायल दीदी भी एक रुकावट थी.....सो आज वह भी दूर हो गयी है......उसने पायल दीदी की चूत मैं भी आग लगा दी थी.....उसने मन पक्का कर लिया था की वह किशी भी हालत मैं शास का मोटा भारी लंड आज चूत मैं लेकर ही रहेगी.....यही सोच-सोच कर उसकी चूत गीली हो चली थी....उसकी चूत मैं एक अजीब सी सुरसूराहट मची हुई थी......उसका मन कर रहा था....कि अभी तुरंत चली जाए....अओर शास के लंड को पकड़ ले....अओर शास को कहे....शास बहिय्या....अपना ये बहादुर लंड आज डाल दे अपनी इस बेहन की चूत मैं....फाड़ डाल आज एसे....मिटा दे एस्की खुजली....मिटा दे एस्की प्यास....कंचन की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी भी गीली हो गयी थी......उसकी साँसे गरम हो गयी थी....उधर पायल भी....कंचन की मनोदासा खूब समझ रही थी.....कल्पना तो पायल भी कर रही थी....पर बड़े ही शांत होकर....सुरसूरहट उसकी चूत मैं भी चल रहा था....पर उसे डर भी था...कि वो शास से कया कहेगी....कैसे उससे नज़रे मिला सकेगी...पर ये आग जीयादा सोचने कहा देती है...??? फिर से पायल ने सोच लिया जो होगा देखा जाएगा.....जैसा समय होगा वैसे ही हो जाएगा.....बरसों की छुपी ख्वाइश उसकी भी तो जाग चुकी थी.....पर वो एत्नि जीयादा बैचेन नही थी...उसे दूसरों का भी एहसास था.....कभी कोई कुछ समझ ने ले......मगर वह रे विधाता....उसे तो कुछ अओर ही मंजूर था.....शास को उप्पेर गये कुछ ही समय बीता था....तभी पूजा वहाँ आ धमकी.....अओर शास की मम्मी से बोली......बूवा जी मेरी मम्मी की तबीयत जीयादा खराब है....वे हॉस्पिटल मैं अड्मिट है....पापा अओर भैया भी वहीं पर है.....घर मैं मैं अकेली हू....अगर आप शास भाय्या को मेरे साथ भेज दे.....तो मुझे डर नही लगेगा....सीमा दीदी का फोन आया था उन्होने भी एसा ही कहा है....
नैना...ठीक है पूजा शास उप्पेर के रूम मैं गया है....उसे बुलाकर ले जा....
मल्टी...नही पूजा बेटे....शास की तबीयत ठीक नही है....उसे बुखार (फीवर) भी है, रात भर का जगा है.....तुम ऐसा करो की कंचन या पायल को ले जाओ....या फिर दोनो को ही ले जाओ.....उसे सोने दो.....
पूजा...ठीक है बूवजि....जैस्सा आप कहे......पर पूजा का चेहरा उतार गया था...उसके सारे अरमानो पर पानी फिर चुक्का था....वह तो ना जाने कितनी कल्पनाए करती हुई आई थी.... पर मालती बूवा ने सब पर पानी फेर दिया था.....उधर कंचन.... ये सब सुनकर उसका गला सूखा गया ......मानो किशी ने उसपेर लाखों बिजलिया एक साथ गिरा दी हो.......यही हॉल तो पूजा अओर पायल का भी हुवा...पर कोन कया कहे.....संभी के कुछ अरमान थे सभी काफ़ी देर से कल्पनाए बना रही थी.....शास के लंड पर उन सभी की नज़र थी.....पर ये तो सब पर पानी फैरने वाली बात हो गयी थी.... तीन-तीन गीली चूत अओर एक लंड....मालती को कोन समझाए भला कि उन सपनो का कया होगा.....जो वे ना जाने कब से बुन रही थी....उन चुतो का कया होगा जो शास के लंड के एंतजार मैं गीली हो चुकी थी....
कंचन...आख़िर जब कंचन से नही रहा गया तो उसने मम्मी (मालती) का विरोध कर दिया....नही मम्मी मैं नही जाओंगी......मेरे सर मैं तो काफ़ी दारद है....फिर मुझे दूसरी जगह नींद भी नही आती है....आप तो जानती है....मैं भी बीमार पड़ जाओंगी..........कंचन ने अपना पक्ष मजबूती से रखा दिया.....अब बेचारी पायल कया कहे.....जाना तो वह भी नही चाहती थी....पर मम्मी के आदेश को ना मानना उसके बस की बात नही थी.....
यही हाल तो पूजा का भी था....वह भी तो शिरफ़ शास के लिए ही आई थी....कंचन या पायल को ले जाने नही....वैसे तो घर पर पूजा की भाभी थी....पर सीमा ने जैसा उसे समझाया था ....उसने तो वो ही बोल दिया था.....पर ये तो फँसा उल्टा पड़ गया था.......
मालती...ठीक है...पायल तुम चली जाओ....एसका तो जुकाम हट ता ही नही.....
पूजा...रहने दो बूवा....मैं बराबर से चाची को बुला लूँगी....वे तो आने की लिए तय्यार है.....बस फोन पर सीमा दीदी से बात हुई.....उन्होने ही कह दिया कि शास को ले आओ.....वेसे भी वो बोर हो रहा होगा....सीमा दीदी शास भाय्या से बहुत प्यार करती है ना....उन्हे वहा पर भी शास की ही चिंता रही.....
मालती...मुझे भी कोई एतराज नही था बेटी......बस शास की तबीयात कुछ ठीक नही है....एसीलिए मैने कह दिया....तुम चाहो तो उप्पेर जाकर देखा लो....????
पूजा...अगर आप कहे तो मैं शास से पूछ लूं...कि वो जा सकता की नही....???
मालती...हां कियूं नही.....उसी से पूछ लो....पर उसकी तबीयत ठीक नही है.......मैं तो यही कहोंगी पूजा की उसे रहने ही दो अओर चाहो तो पायल को ले जाओ.....कया तुम्हे लगता है की मैं तुमसे झूट बोल रही हूँ...????
पूजा...नही बूवा....आप कैसी बात करती है.....मुझे कया आप पर यकीन नही है......कोई बात नही मैं पड़ोस वाली चाची को बुला लूँगी....ये कहकर पूजा वापस चली गयी.......एस पर कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली......अओर फिर रात की प्लॅनिंग मैं लग गयी..............उनकी ठंडी पड़ गयी चूत फिर से गरम होने लगी थी........
पूजा सीमा के घर से निकल कर सीधे अपने घर पहुँची.....उसका चेहरा उतरा हुवा था......कितनी भावनाओ के साथ वह शास को लॅने गई थी....पर बूवजि ने सब पर पानी फेर दिया.....पूजा की भाभी (गीता) ने जब उसका उतरा हुवा चेहरा देखा....तो पूजा से पूछा....कया हुवा दीदी...??? आपकी तबीयत तो ठीक है...???
पूजा...हा भाभी ठीक है.....
गीता...पर आपका चेहरा कियूं उतरा हुवा है.....कया शास भाय्या नही आए...???
पूजा...मैं ठीक हूँ भाभी...शास भाय्या की तबीयत खराब है उन्हे बुखार हो गया है......मालती बूवा ने यही बताया......
गीता...कया तुम शास भाय्या से नही मिली...???
पूजा...नही भाभी...वो उप्पेर के रूम मैं सो रहे थे.........
गीता...तो इसमे इतना परेशान होने की कया बात है....??? बुखार ही तो है....ठीक हो जाएगा.....सुबह जाकर देख आना....
पूजा...ये बात नही है भाभी....वो सीमा दीदी ने कहा था....वो...वो...वो...????
गीता...मैं समझी नही....??? सीमा दीदी ने कहा था...तो कया हुवा...जब उनकी तबीयत ही ठीक नही है तो फिर यहाँ कैसे आ सकते थे...फिर आप बेकार ही परेशान हो रही है....वहाँ उनकी देखभाल के लिए सब तो है ही......
पूजा...कुछ नही भाभी...आप नही समझोगी......
गीता मन ही मन सोचने लगी....आख़िर कया बात हो सकती है...??? यूँ ही तो पूजा दीदी का मूड खराब होने वाला नही था....कुछ तो ज़रूर है....गीता भी खेली खाई थी....उसने भी शादी से पहले कितने ही लड़को का लंड चखा था....जसका विचार आते ही उसकी चूत आज भी गीली हो जाती है.....फिर ये भी तो एक लड़के का ही मामला है...कहीं...???? गीता के माथे पर बल पड़ गये......सीमा का फोन..??? वो भी सुहाग-रात के दिन...??? पूजा का जल्दी जल्दी शास को लेने जाना...???? अओर उसकी तबीयत खराब होने के कारण पूजा का एस तरह मूड खराब होना...??? कुछ तो दाल मैं काला है....??? या फिर पूरी दाल ही काली है....???? गीता को समझते देर नही लगी...??? कि मामला एक लड़के से सम्बंधित है....अओर ज़रूर पूजा का उससे कुछ ...??? बिल्कुल यही बात हो सकती है....उसने पूजा को कुरेदा....???
गीता...तुम एआसा करो दीदी की शास की बूवजि से सीमा दीदी की बात करा दो ना...??? कया उनके घर मोबाइल नही है...????
पूजा...नही भाभी.....फिर बूवजि सीमा दीदी से भी तो यही बात कहेंगी...???
गीता...आप समझती नही है....ये तो सभी जानते है की सीमा तुम्हारी पक्की दोस्त थी....यदि सीमा उन्हे फोन करेंगी तो बूवजि को मानना ही पड़ेगा....फिर शास रात मैं आपके पास होगा.....यही तो आप भी चाहती हैं ना दीदी...????
पूजा...मैं समझी नही भाभी....???
गीता...आपने बूवजि को कया कहा था.....???
पूजा....मैने कहा था...कि मैं घर मैं अकेली.......पूजा सकपका कर रुक गयी....फिर वो भाभी....ऐसा मुझे सीमा दीदी ने बोलने के लिए कहा था....
गीता...ओह! तो कया सीमा दीदी भी आपसे मिली हुई थी...???
पूजा...कया मतलब...भाभी ???
गीता...देखो..दीदी अगर मुझसे कोई बात छुपा-ऑगी तो आप ही घाटे मैं रहेंगी...??? अगर शास भाय्या आ भी गये तो भी मेरी मदद तो आपको लेनी ही पड़ेगी.....एसीलिए कहती हूँ मुझ से ना छुपाओ.....वेसे तो मैं सब कहानी जान ही चुकी हूँ.....बाकी आपकी एच्छा......हां एक बात अओर आप मेरी सग़ी ननद है....भला मैं आप का बुरा कैसे कर सकती हूँ...???? हैं अगर आपको चाहिए तो आपकी मदद कर सकती हूँ....????
पूजा....गीता भाभी को गले से लगाकर....आप कितनी अच्छी है..भाभी....???
गीता...दीदी मैं आपकी परेसानी इस लिए भी समझ सकती हूँ....कि..वो...????
पूजा..... हा भाभी बताओ ना....कया बात है...????
गीता....पूजा दीदी...मेरे भी कभी एसी तरह के संबंध रहे है....पर जब से तुम्हारे भाय्या से शादी हुई है... सब पर पानी फिर गया.....मैं वैसी ही हूँ...जैसी बियाह कर यहा आई थी....तुम्हारे भाय्या का लंड तो बहुत छोटा है अओर वे मुझे कभी भी संतुष्ट नही कर सके....दो चार धक्को मैं ही उनका पानी निकल जाता है....अओर लंड ढीला पड़ जाता है....कई बार तो उनका लंड चूत को टच करते ही पानी छोड़ देता है.....मैं तो सालों से झड़ी भी नही.....अंदर ही अंदर जलती रहती हूँ.....कया करूँ....????
पूजा...भाभी....???
गीता... हा पूजा दीदी सच कह रही हूँ....बरसो गुजर गये....चूत का पानी भी निकले हुवे.....एसीलिए तो कह रही हूँ कि मुझसे ना छुपाओ....???? सायेद मैं आपकी कुछ मदद कर सकू...???
पूजा...हां भाभी आप सच कह रही है.....सीमा दीदी ने मुझे शास का ख़याल रखने के लिए कहा था....शास भाय्या का लंड बहुत ही मोटा भारी लंबा है......मुझे उन्होने दो बार चोदा है......पूछो मत भाभी....बस स्वर्ग की सायर कराई है.....शास की चुदाई की कल्पना से ही मेरी चूत तो गीली हो जाती है..............अगर आप एक बार उनसे चुदवा लेगी तो.......?????
गीता... मेरी ऐसी किस्मेत कहाँ....???
पूजा...कियूं भाभी...???
गीता... अगर मेरी किस्मेत मैं मज़ा होता तो तुम्हारी भैया के लंड से ही मिल जाता... अओर फिर तुम शास को लेने गई....तो उसकी बूवा ने मना कर दिया....अगर शास तुम्हारे साथ आ जाता तो सायेद मुझे भी चुदाई का सुख मिल जाता.....???
पूजा...यही तो मैं सोच रही हूँ कि मैं कया करू...????
गीता...पूजा दीदी एक बात बताओ...कया सीमा दीदी भी....????
पूजा...हां भाभी....शादी की रात मैं एक साथ तीन बार...
गीता...कया...???
पूजा... हां भाभी....मैने बताया ना शास का लंड बहुत भारी है....अओर चुदाई के लिए तो मस्त लंड है....
गीता...कुछ सोचने लगी.....उसके मन मैं हज़ारों विचार आ जा रहे थे.....वह नही समझ पा रही थी कि शास के लंड को कैसी पाया जाए...पूजा ने उसकी चूत की आग मैं घी डाल दिया था...जिससे उसकी चूत मैं आग अओर भड़क गयी थी......
उधर पूजा के जाने के बाद....कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली.....वे दोनो अपनी अपनी प्लॅनिंग मैं लग गयी.....कुछ देर के बाद कंचन पायल के पास जाकर धीरे से बोली....दीदी...ये तो सारा मामला ही बिगड़ गया था....आज तो मम्मी का धन्यवाद करो....उन्होने ही मामला संभाल लिया...वेर्ना हम दोनो अपनी अपनी चूत मलते ही रह जाते....
पायल...धीरे बोल कंचन...किशी ने सुन लिया तो...???
कंचन...धीरे ही तो बोल रही हूँ...फिर चूत मैं जो सुरसूराहट हो रही है....वो तो अभी से बैचेन कर रही है..............
पायल...हां कंचन...आज तो मेरा भी यही हाल है...कि जल्दी से उप्पेर चली जाउ....पर ये काम भी तो निपटाना है.....
कंचन...पता नही शास सो गया होगा या अभी जाग रहा होगा......???
पायल...अभी इतना समय कहाँ हुवा है...जो वो सो गया होगा.....???
कंचन...मुझे तो पल पल भारी हो रहा है....
पायल...कंचन तुम बता रही थी कि शास का लंड बहुत बड़ा है...??? तो फिर वो इस छोटी सी चूत मैं जाएगा कैसे...???
कंचन...अब तो जैसे भी जाए...पर मैने तो आज उसे इस चूत मैं घुसाने की ठान ली है....चाहे फट भी जाए.....
पायल...फट भी जाए...जैसे फटने पर दर्द तो होगा ही नही....???
कंचन...कया मम्मी अओर चाची को दर्द होता है...वे तो मस्ती मैं चुदवाति है....
पायल...उनकी चूत भी तो बड़ी है....अओर लंड भी इतना बड़ा नही है....???
कंचन...हा ये तो है...पर करे कया....ये मेरी चूत तो लंड खाने के लिए उतावली हो रही है...लगातार गीली हो रही है....अंदर आब्जीब सी सुसुराहट...अओर खुजली सी मची है.....हाइ..मैं कया करूँ दीदी...???
पायल...कुछ देर एंतजार कर....उसके बाद जाते ही पहले शास का लंड सीधे अपनी चूत मैं डाल लेना...मेरा तो उसके बाद देखा जाएगा.....
कंचन...नही दीदी पहले तो आप ही चुदवाना....मैं तो आपकी फूली हुई चूत ही पहले देखूँगी...उसे देखने को भी तो मन कर रहा है.....
पायल...अच्छा ठीक है पहले ये काम तो निपटा ले..........
फिर दोनो काम मैं लग गयी...उनके हाथ बहुत तेज़ी से काम कर रहे थे जिससे वे जल्दी ही...उपेर शास के पास जा सके...........
उधर पूजा अओर गीता दोनो परेशान हो चुकी थी...उन्हे कोई रास्ता नज़र नही आ रहा था....दोनो ही उदास थी....उनका चेहरा उतरा हुवा था...तभी पूजा का भाई अनिल हॉस्पिटल से रात का खाना लेने के लिए घर पहुँचा....गीता अओर पूजा का उतरा हुवा चेहरा देखकर वह घबरा गया....
अनिल...कया हुवा गीता....तुम दोनो का चेहरा कियूं उतरा हुवा है....????
गीता...आप तो जानते है हम दोनो कभी अकेले नही रहे है....आप सभी तो हॉस्पिटल मैं रहेंगे....यहाँ मुझे अओर पूजा को डर लग रहा था....फिर इतनी बड़ी रात कैसे कटेगी....यही सोच-सोच कर हम दोनो परेशान है.....
अनिल...ये तो मजबूरी है गीता...कया किया जाए....मेरा भी हॉस्पिटल मैं रहना ज़रूरी है....मम्मी की तबीयत अभी भी जीयादा खराब है......
गीता....सीमा दीदी का फोन आया था पूजा दीदी के पास ....सीमा दीदी ने कहा था की उनकी बूवजि का लड़का शास यहाँ लेट जाएगा....पूजा गयी भी थी...पर बूवा मालती ने ये कह कर मना कर दिया कि उसको बुखार है......अब कया करे...???
पूजा...हां भाय्या....अगर शास यहाँ हमारे पास आ जाता तो कोई तो होता हुमारे पास.....
अनिल...हां पूजा तुम ठीक कहती हो....तुम तब तक खाना लगा दो मैं देखता हूँ........चाचा जी से बात करके....अओर बूवजि से भी बात करके आता हूँ....ये कहकर अनिल घर से निकल गया.....अओर गीता ने पूजा की अओर मुस्कुरकर देखा......फिर दोनो मुस्कुरा दिए.............
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
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`·.¸.·´ -- raj
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