Saturday, April 3, 2010

कामुक कहानिया चुदाई का सिलसिला पार्ट-8

राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ
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चुदाई का सिलसिला पार्ट -8


दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा पार्ट ८ लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये होती है समय की चाल, उधर सीमा का दूल्हा....जनवासे मैं सीमा की कल्पनाओ मैं खोया था....कयूँकी वह सीमा को पहले ही देख चुक्का था...अओर सीमा के सुंदरता पर फिदा था.....ना जाने कितनी कल्पनाए वो सजो रहा था कितनी खुशियाँ थी वहाँ पर , अओर इधर, सीमा अपनी चूत मैं अपने ही छोटे भाई का लंड अपनी चूत मैं लेकर उसको फडवा रही थी.....
कुछ देर मैं सीमा की चूत भी पानी छोड़ने लगी अओर वो उछल-उछल कर शास के लंड को पूरा अपनी चूत मैं ले रही थी.....ज्यूँ=ज्यूँ शास के धक्को के स्पीड बढ़ रही थी...वेसे वेसे सीमा के चूतदो की उप्पेर-नीचे होने की रफ़्तार भी बढ़ रही थी....सीमा के दोनो हाथ शास के चूतड़ो पर उसको अओर स्पीड देने की कोशिस कर रहे थे.....उउउउउउम्म्म्म्माआआआआह्
ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउ उुउउक्कककककचह जैसे कामुक ढूनो की गूँज मैं शास राजधानी की स्पीड मैं सीमा को चोद रहा था....लगभग 5 मिनुट मैं ही सीमा ने लंबी सांसो के साथ....पानी छोड़ दिया.....उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआआआआआआआआअहह हह............................................ ...............सीमा धीरे धीरे शांत होने लगी थी पर शास की स्पीड ज्यों-की-त्यों दना डन चल रही थी...मगर शास अभी पानी छोड़ने से कोषो दूर था....

शास का लंड सीमा की चूत मैं जोरदार धक्को के साथ अंदर बाहर हो रहा था...सीमा पानी छोड़ने के बाद शांत हो चुकी थी.....उसे अब नीचे जाने की जल्दी थी.....
सीमा...शास प्लीज़ अब रहने दो देर हो रही है.....
शास... मगर दीदी, अभी तो मेरे पानी निकालने मैं काफ़ी देर है......
सीमा...इसलिए तो कह रही हूँ....अब अपना लंड चूत से निकल लो.....आज इतना ही समय था.....जल्दी नीचे जाना है....सब इंतजार कर रहे होंगे,....बाद मैं कभी फिर अपना पानी निकाल लेना.......बेचारा शास ....मन मसोष कर रह गया.....उसे अपना लंड सीमा की चूत से निकलना पड़ा.....अओर फौच की आवाज़ के साथ फुनफुनता हुवा लंड बाहर निकल आया ....उसने देखा...की सीमा की चूत अभी तक पाइप की तरह खुली हुई है....
शास...पर कया दीदी मैं तुम्हारी इस राशीली चूत का रस तो पी सकता हूँ...बड़ी ही अच्छी लग रही है....झील की तरह खुली हुई रसीली चूत......
सीमा...तुम्हारा लंड ही इतना मोटा अओर बड़ा है ये तो झील बनाकर ही छोड़ता.....
शास ....तो दीदी मैं इस मे जीभ डालकर चूस लू ???????????
सीमा...नही शास अभी नही...अब मैं नीचे जाती हून...कभी बाद मैं जी भरके पीलेना........ अओर सीमा बाथरूम मैं चली गयी......इधर शास का टाइट लंड फुन्फुना रहा था.....उसकी अकड़न से शास को अब परेशानी हो रही थी....चूत के लेस्श (लसलषा पानी) मैं सना हुवा था......तभी सीमा बाथरूम से वापेस आई.....अओर शास के टाइट हो रहे लंड पर नज़र पड़ते ही मुस्कुरकर बोली......कितना अकड़ रहा है....अगर अभी समय होता तो फिर से चूत मैं डाल लाती.....अओर मुस्कुराते हुवे दरवाजे से बाहर निकल गयी......शास बेचारा....अपने इस टाइट आकड़े हुवे लंड को लिए बैठे रहा.....लंड अकड़ कर दर्द कर रहा था.....
हिम्मत करके शास उठा अओर बाथरूम मैं जाकर ठंडे पानी की टोंटी लंड पर खोल दी.......थोड़ी देर मैं लंड की अकड़न कम हुई अओर शास टाय्लेट के बाद बाहर निकल आया....अओर कपड़े पहन कर नीचे आ गया........
नीचे आकर शास ने देखा.....एक रूम मैं सीमा की सहेलियाँ उसे तय्यार कर रही थी...चारो अओर शादी की धूम....बाराती नस्ता करके जनवासे मैं लओट गये थे.....एक से एक सुन्‍दर तितलियाँ (लड़कियाँ) इधर उधर घूम रही थी.....दूल्हे की तरफ से आई हुई कुछ लड़किया अओर अओरते (लॅडीस) भी सीमा दीदी को तय्यार करने मैं सह-योग कर रही थी.... जनवासे मैं बाजा – ढोल बजे रहे थे उसी आवाज़ यहा तक आ रही थी....शास जनवासे की तरफ चला गया.....दूल्हा एक घोड़ी पर सवार होकर बारह-द्वारी..(वर-माला) के लिए चल दिया था...जिसके आगे बाजे वाले अओर ढोल वाले अपनी अपनी धुँए बजा रहे थे कुछ लड़के सामने डांस करते हुवे चल रहे थे..... लाइटों से सारा एरिया चमक रहा था...उस पर वीडियो रेकॉर्डिंग की लाइट, फोटोमेन की लाइट आँखों को चुन्धिया रही थी....दूल्हा एक सुंदर सजीला नोजवान रोबीला चेहरा, सर पर पगड़ी अओर मुकुट, बड़ा ही सुन्दर दिख रहा था....आसपास की लॅडीस दूल्हे की तारीफों के पुल बाँध रही थी.....बड़ी सुन्दर जोड़ी रहेगी....सीमा के पिता ने अच्छी जोड़ी मिलाई है.....एत्यादि शब्द सुनाई दे रहे थे.....दूल्हे के साथ कुछ लड़कियाँ अओर अओरते (लॅडीस) भी चल रही थी......शास की नज़र बार-बार जाकर एक लड़की पर रुक जाती.....जो उसे पूजा से कही अधिक सुंदर नज़र आ रही थी....मानो उपेरवाले ने बड़ी ही फुरशत के साथ उसे बनाया होगा.....20-21 साल की....नाज़ुक सी....पर उसकी चुचियो के उभार...शास को आकर्षित कर रहे थे ...उसके चलने का अंदाज अलग था....उसके देखने का अंदाज...निराला कातिल था..... उसकी सुंदरता की बिजलियों का असर अब शास पर पूरी तरह से हो चुक्का था.....चलते हुवे बड़े ही अंदाज से उप्पेर नीचे होते चूतड़....शास का लंड पता नही कब...हरकत मैं आकर डॅन्स कर रहा था......शास के पेंट मैं फँसे लंड का उभार दूर से ही नज़र आने लगा था....शास की नज़रे उसी लड़की पर जम गयी थी....कई बार...उस लड़की ने शास की अओर देखा....पर कोई प्रतिक्रिया नही दी....जब शास लंड को काबू मैं नही रख पाया तो वहाँ से घर की तरफ चल दिया....रास्ते मैं उसने अंधेरे का फयडा उठाकर ...पेंट की चैन खोलकर...लंड को बाहर निकाला....अओर टाय्लेट करके कुछ ढीला किया....अओर घर लओट आया........वहाँ पर बारह-द्वारी की सभी तय्यारी पूरी हो चुकी थी....सीमा दीदी को पूरी तरह से तय्यार किया जा चुक्का था.....शास ने सीमा दीदी को गौर से देखा....उसका रंग-रूप अओर निखर आया था....अब वो एक अप्सरा सी लग रही थी......पर जो लड़की शास ने दूल्हे के साथ देखी.....उसकी बात कुछ अलग ही थी.....सीमा ने शास की अओर देखा....अओर धीरे से मुस्कुरा दी....इस मुकुराहट मैं ना जाने कया..कया छुपा हुवा था......जो शायद अब शास समझने लगा था......दूल्हे के साथ हो रही आतिस्बाजि की आवाज़ अब अओर नज़दीक आ चुकी थी.....
अचानक सभी लोग बाहर की तरफ भागे.....एक जोरदार शोर सराबा सुरू हो गया.....शास नही समझ पाया की अचानक के हुवा.....तभी सीमा दीदी की एक सहेली दौड़ती हुई अंदर आए अओर सीमा के पास आकर बोली सीमा दीदी.....आतिस्बाजि की आवाज़ से घोड़ा बिदक गया....दूल्हा भी उससे नीचे गिरगया...उसे भी चोट लगी है....अओर कई आदमी अओर लॅडी भी जखमी हो गये है......तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया है......किस-किस को चोटे लगी अभी सही पता नही चला है......सभी आदमी वही पर इकट्ठा हो रहे है.... राम जाने अब कया होगा.....कई-यो को खून भी निकल रहा है.....सुनकर सीमा की मानो साँसे अटक गयी थी......वो चेतना सुन्य सी चुपचाप सब सुन रही थी.....शास के चेहरे पर कई भाव...आ..जा रहे थे....कही वह सबसे सुन्दर लड़की भी तो ज़ख्मी नही हो गयी होगी...????????????ऐसा मन मैं विचार आते ही शास भी बाहर की अओर दौड़ा..... शास को बाहर की अओर दौड़ते हुवे देख कर सीमा को बड़ा अस्चर्य हुवा पर वो कुछ नही बोली.......शास दौड़कर उस जगह पहुँचा.....भीड़ के बीच से होता हुवा शास......वहाँ पहुँच गया....जहाँ पर घायलो को डॉक्टर देख रहा था......शास का ख़याल सच ही निकला वह सुन्दर लड़की भी घायलो मैं बैठी थी...... शास को एक झटका सा लगा.....अओर शास उसके करीब पहुँच कर खड़ा हो गया......जब शास से नही रुका गया तो शास ने उस लड़की से पूछ ही लिया......जियादा चोटे लगी है कया......लड़की ने शास की अओर देखा....यह तो वही लड़का था.....जो बारात के साथ उसे घूर-घूर कर देख रहा था......पर लड़की ने धीरे से....दर्दीली आवाज़ मैं जबाब दिया,.......हाँ !!!!!
शास की आँखें दुख के कारण सिकुड सी गयी.......लड़की ने धीरे से शास की अओर देखा अओर उसके चेहरे पर दुख के भाव देखकर....सोचने लगी ये लड़का कोन हो सकता है......जो उसको इतनी देर से देख रहा था अओर इसे मेरे चोट लगने से दुखा हुवा है.................


डॉक्टर बारी बारी से चेकप कर रहा था....शास वही पर शांत पर गंभीर मुद्रा मैं खड़ा रहा, जैसे उसका कोई खास घायल हो गया हो.......वह सुन्दर लड़की कई बार कनखियों से देख चुकी थी.....वह नही जान पा रही थी...की ये कोन है......ना जाने कयो उस लड़की को भी शास से हमदर्दी....सी होने लगी थी.....तभी डॉक्टर ने उस लड़की, का चेकप करना शुरू किया.....उससे सबकुछ पूछने के बाद डॉक्टर ने उसे खड़े होकर चलने के लिए कहा.......लड़की खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी.....अगर अचानक शास ने उसे संभाल ना लिया होता तो नीचे गिर जाती....उसके पैर मैं ज़बरदस्त मोच आई थी....अओर सर मैं भी चोट थी......लड़की ने एक बार फिर शास की अओर देखा.....कया नाम है आपका..????????????डॉक्टर ने लड़की से पूछा......जी मुस्कान ......शास के होंठो से कई बार मुस्कान, निकली अओर जो होंठो मैं ही दबकर रह गयी....पर मुस्कान तो इसका आभास कर चुकी थी......शास के फड़कते होंठ मुस्कान की आँखों से कहाँ छुपने वाले थे......डॉक्टर ने मुस्कान के सर पर पट्टी की अओर पैर पर एयेयोडीक्स लगाकर गरम पट्टी बांधने को कहा.....चलने फिरने को मना कर दिया.......बाकी सभी को मामूली चोटे ही आई थी.....उनको पेन किल्लर एत्यादि मेडिसिन्स देकर डॉक्टर चला गया.....अओर बारात पुनेह....बारह-द्वारी के लिए चल दी.....मगर मुस्कान तो चल ही नही पा रही थी...उसको सीमा दीदी के पिताजी (शास के मामा ) की अड्वाइस पर शास अओर मुस्कान के एक भाई ने सहारा देकर घर मैं ले गये अओर सीमा दीदी के रूम मैं उसके पास बिठा दिया.....
सीमा...म सॉरी मुस्कान दीदी, आपको काफ़ी चोट लग गयी.....
मुस्कान...नही भाभी इसमे आपका कया दोस है....ये तो होनी थी...हो गयी.....
सीमा...फिर भी...आप चल नही पा रही है.....अपने भाई की शादी को आप अब पूरी तरह से तो एंजाय नही कर पाएगी....मैं भी अपने आपको ही इसके लिए दोषी मानती रहूंगी......
मुस्कान...नही भाभी आप एसा कियों सोचती है....आप तो भाभी लाखों मैं नही करोड़ो मैं एक है.....मैं बहुत खुस हूँ....अओर फिर मामूली सी मोच है एक दो दिन मैं ठीक हो जाएगी.....भाभी ये कोन है मुस्कान ने धीरे से शास की अओर इशारा किया.....यही मुझे सहारा देकर यहाँ तक लाया है.....??????
सीमा...मुस्कान दीदी ये मेरा छोटा फुफेरा भाई है.....बहुत अच्छा है....किशी का दुख इससे देखा ही नही जाता.....(सीमा ने रहस्यमाई आँखों से शास की अओर देखा.....अओर उसके होंठो पर कातिल मुस्कुराहट तेर गयी.....),...अर्रे हाई दीदी.....इसको ( शास ) मैं आपकी सेवा मैं लगा देती हूँ....एक मिनूट के लिए भी आपसे डोर नही जाएगा.....
मुस्कान...ये तो बेचारा पहले ही से मैरे पास है....पर कया ये हमेशा उदास ही रहता है..???????????
सीमा...नही बड़ा ही हँसमुख है वो आपकी चोट के कारण सायेद..???????
मुस्कान...ओह!!! पर मैं तो इसको जानती नही थी..अओर सायेद ये भी मुझे नही जानता होगा...फिर कयूं उदास है.....????
सीमा... मैने कहाँ नही उसे किशी का दुख देखा ही नही जाता है....सायेड इस लिए उदास होगा!!!!!!!! तब तक शास एक गिलास मैं गरम पानी लेकर आ गया था.......
शास...लो मुस्कान जी आप वो टॅबलेट्स ले लो पानी लाया हूँ....
मुस्कान...तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला शास..????????
शास...आपने ही तो बताया था...जब डॉक्टर शहाब ने पूछा था....
मुस्कान...ओह...!!!!

अब मुस्कान को इस बात का एहसास हो चुक्का था कि शास की दिलचस्पी उसमे है..अओर उसकी हर बात पर शास ध्यान रख रहा है....मुस्कान ने शास के हाथ से पानी का गिलास लिया अओर वो टॅब्लेट्स ले ली जो डॉक्टर शहाब ने उसे दी थी.....अओर गिलास शास को वापस लौटा दिया.....शास खाली गिलास लेकर बाहर चला गया......
मुस्कान...बहुत अच्छा लड़का है.....
सीमा... हा दीदी.....सभी काम बड़ी ही मेहनत से भाग-भाग कर करता है.....सभी इसकी तरीफ्फ करते है.....अगर दीदी आपको जीयादा चोट हो अओर दर्द जीयादा हो तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले....????.
मुस्कान...नही भाभी मैं आपके पास ठीक हूँ....अओर फिर अपने भाई को भाभी के गले मैं वर-माला डालते हुवे भी तो देखना है....इस पर सीमा ने शर्माकर अपना चेहरा नीचे कर लिया...अओर हल्के से मुस्कुरा दी......इस पर मुस्कान ने सीमा की धीरे से चुटकी काट ली....आज शर्माकर दिखा रही हैं.....अओर कल को......???? मुस्कान अपनी बात पूरी करते- करते रुक गई...सीमा ने मुस्कान की तरफ देखा....????
सीमा...कल को कया दीदी...????
मुस्कान...सुहाग रात....अओर कया...????
सीमा...दीदी..!!!
मुस्कान...कयूं कया मैं ग़लत कह रही हूँ.....भैया तो रिंग सेरेमनी के बाद हमेसा किशी ना किशी बात पर आपका जीकर ज़रूर कर देते है....वो तुम्हे पाने के लिए कितने बैचेन होंगे कया तुम्हे नही पता...??????
सीमा...मुझे कया पता...????
मुस्कान...इतनी भोली ना बनो भाभी....मुझे सब पता है....आप भी तो भैया से मोबाइल पर बात करती हो...???????
सीमा ... केवेल मुस्कुरा कर रह गयी.........
मुस्कान...भाभी मुझे टाय्लेट जाना है.....कहाँ है...????
सीमा...कया चल पाओगि...????
मुस्कान...देखती हूँ....
सीमा ने शास को आवाज़ लगाकर इशारा किया वह रूम के बाहर पर उनके सामने ही बैठा था.....शास अंदर आया......
शास...हा सीमा दीदी...कया बात है,,???
सीमा...शास मुस्कान दीदी को टाय्लेट आ रहा है...एन्को टाय्लेट दिखा दो....
शास...जी दीदी.... आओ मुस्कान जी....मुस्कान ने खड़ा होकर जैसे ही चलने का प्रियत्न किया.....वह दर्द से चिल्ला उठी....अओर वही बैठ गई...
मुस्कान...नही भाभी मैं नही जा पाऊँगी...कुछ करो....बहुत दर्द होता है....मैं चल नही सकती हूँ......
सीमा ने शास की अओर देखा...शास तुम मुस्कान को सहारा देकर टाय्लेट तक ले जा सकते हो???? शास ने कहा दीदी कयूं नही...कोशिस करता हूँ.......अओर शास ने आगे बढ़कर मुस्कान के पीछे से बाँहो मैं हाथ देकर मुस्कान को उठाने लगा.... शास की बाँहो का सहारा पाकर मुस्कान खड़ी हो गयी....
मुस्कान...ऐसे तो मैं नही जा पाऊँगी..शास...तुम मारे राइट कंधे को नीचे से सहारा दो तो सायेद चल पाऊँ......शास ने ऐसा ही किया अओर अपने दोनो हाथों को मुस्कान की बगल मैं देकर संभालना चाहा....नही शास मैं तुम्हरे कंधे का सहारा लेकर चलने की कोशिस करती हूँ....मुस्कान ने अपना लेफ्ट हॅंड शास के कंधे पर रखा अओर शास ने अपना हाथ बढ़ाकर मुस्कान की कमर से लेकर दूसरी बगल तक पहुँचा दिया......

शास का राइट...हॅंड मुस्कान की कमर से होता हुवा उसकी राइट बगल मैं पहुँच चुक्का था......इस प्रकार मुस्कान की लेफ्ट सॉलिड अओर भारी चुचि शास के सरीर से पूरी तरह से रगड़ खा रही थी.... अओर शास का राइट हॅंड मुस्कान की बगल से होकर, हाथ उसकी राइट चुचि पर भी हल्का सा दबाव बना रहा था.....किशी मर्द के हाथ के अहसास से मुस्कान के सरीर मैं शिहरन सी दौड़ गई.....किशी मरद ने इस तरह उसे पहली बार छुवा था.....मुस्कान ने बड़ी हिम्मत करके एक पैर आगे बढ़ाया.....एक दम पैर मैं दर्द की लहर सी दौड़ गई जिससे मुस्कान का दबाव अओर शास के कंधे पर पड़ा.....जिससे उसकी चुचि ने शास के सरीर से अओर रगड़ खाई अओर दूसरा हाथ भी दूसरी चुचि पर अओर कस गया......मुस्कान को एक अजीब सा अहसास हो रहा था......मगर उसके पास शास से मदद लेने के सिवाय अओर कोई चारा भी तो नही था......
शास... मुस्कान जी आप पैर पर कम मेर कंधे पर जीयादा ज़ोर दे तो सायेद कमदर्द हो मुस्कान ने अपना सारा वेट शास के टाइट कंधे पर डाल दिया ....
मुस्कान.....जी....
मुस्कान ने शास के कंधे पर अब अपना पूरा भार डाल दिया....अओर अपना दूसरा हाथ भी शास की चेस्ट,गले से लेकर अपने दूसरे हाथ से जोड़ दिया.....मुस्कान का सर अब शास के कंधे पर लग चुक्का था....अओर शास मुस्कान की बाहों मैं......अब मुस्कान ने धीरे धीरे कदम बढ़ाए...... उसे अभी भी चलने मैं तकलीफ़ हो रही थी...एसलिए वह शास के अओर करीब...अओर करीब....मुस्कान की चुचि....शास के सरीर की गर्मी...अओर शास के सरीर से चुचि का निप्पल रगड़ खाने के कारण......कुछ अओर टाइट हो कर शास से रगड़ खा रही थी अओर उनका निप्पल.....खड़ा होकर मुस्कान के कपड़ो से उभर आया था......उधर शास का राइट हॅंड भी तो मुस्कान की राइट चुचि पर लगभग पहुच चुक्का था.....चुचि पर शास के हाथ का दबाव मुस्कान महसूस कर रही थी.....अब सायेद मुस्कान का पूरा ध्यान पैर के दर्द से हटकर शास पर कन्द्रित होता जा रहा था.......पहली बार किसी मारद के वो इतनी करीब थी.....उसकी तेज साँसे...अओर चेहरे की लालिमा...इस बात की गवाह थी....कि सायेड अब शास की नज़दीकी उसे भी अच्छी लग रही थी.......शास भी एशी तरह के हालत का शिकार....मुस्कान की चुचिय्यों की रगड़..उनकी गर्मा-हट....उसकी चुचि के उभार पर शास का हाथ..... मुस्कान की तेज गरम सांसो की खुसबू....उसे भी परेशान कर रही....थी....अब तक उसने जितनी लड़कियो को छुवा था.....जिनकी चुदाई उसने की थी...उन सबसे अलग ही अहसास....उसे मुस्कान के अओर करीब ला रहा था......उसके लंड की टाइटनेस बढ़ती जा रही थी......उसे डर भी लग रहा था....कि..कोई उसे इस हालत मैं देख ना ले.....उसका लंड पेंट मैं ही बम्बू..बन कर दूर से ही अपने स्थिति का अहसास करा रहा था.....धीरे धीरे दोनो टाय्लेट की तरफ बढ़ रहे थे....टाय्लेट से उनकी दूरी घट रही थी....अओर सायेद मुस्कान....अओर...शास...के दिलों के बीच की दूरी भी कम हो रही थी......मुस्कान की तेज साँसों की महक शास की नथुनो मैं घुसकर उसे मद-होश कर रही थी....
शास सोच रहा था....मुस्कान कितनी सुंदर....सभ्य...उसके सरीर का हर हिस्सा....मानो एंच..एंच नाप कर ईश्वर ने बनाया है.....पूजा कम सुंदर नही थी...लाखों मैं एक ....पर मुस्कान तो सायेद करोड़ो मैं एक होगी....उससे नज़दीकी का ख़याल उसे अओर रोमांचित कर रहा था......अओर वे टाय्लेट के पास पहुँच गये......शास ने टाय्लेट का दरवाजा खोलकर मुस्कान को उसमें अंदर ले गया.....
शास...मुस्कान आप टाय्लेट कर लो मैं बाहर खड़ा होकर एंतजार करता हूँ......
मुस्कान...पर मेरे से तो खड़ा ही नही हुवा जा रहा है...फिर मैं बैठूँगी कैसे????
शास... तो कया हुवा....खड़े- खड़े ही कर लो....कया बताना ज़रूरी है..???????
मुस्कान...नही शास ऐसे नही हो सकता है......
शास कियूं नही हो सकता है....हम भी तो करते है,....????????????
मुस्कान... समझो शास तुम्हारी बात अलग है.....कुछ अओर करो.....
शास... बताओ कया करूँ....?????????
मुस्कान... अच्छा तुम मुझे बैठाकर मूह उधर फेर कर खड़े हो जाओ......
शास...कया यहीं पेर....?????????
मुस्कान तो फिर कर ही कया सकते है......?????
शास...कोई आ गया तो....कया कहेगा....समझो...मुस्कान....????????
मुस्कान ...अब तुम्हे एधर उधर की पड़ी है....मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है अओर मैं बैठ नही पाओँगी बिना तुम्हारे सहारे के.....अब तुम मुझे नीचे बिठाओ...अओर उधर मूह कर के खड़े हो जाओ....
शास ने धीरे से मुस्कान को नीचे बिठाया...इस दौरान मुस्कान की दोनो चुचियो पर शास के हाथो का पूरा दबाव पड़ गया था......
मुस्कान....ऊवूऊवूवमायायायेयात्त कया करते हो शास......???
शास...मैने कया किया....मैं तो आपको बैठा रहा था....????
मुस्कान मुस्कुरकर रह गई...अओर बोली अच्छा...चलो अब मूह उधर करो....अओर हैं एक हाथ से मेरे इस कंधे को पकड़े रहना...नही तो पैर मैं दर्द जीयादा होगा.....मगर मैं ऐसे कैसे आपको पकड़ कर रख सकूँगा.....????
मुस्कान...अच्छा बाबा....जैसे तुम चाहो...पकड़ लो....अब मुझसे रुका नही जा रहा है........अच्छा...है...तुम मूह उप्पेर को कर लो.....शास ने मुस्कान को दोनो कंधो से पकड़ा.....अओर उप्पेर को मूह करके खड़ा हो गया.....मुस्कान मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.....उसने धीरे से अपनी सलवार अओर पेंटी नीचे खिसकाई अओर टाय्लेट करना शुरू किया....पीईईईईई.....उउउउस्स्स्स्स्सीईईईईईईई की आवाज़ शास को सुनाई देने लगी.....शास जीयादा रोमांचित हो गया...... उसका लंड अब कंट्रोल से बाहर हो चला था..........










साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj


































































































































































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