Monday, April 19, 2010

सेक्सी कहानियाँ खिलोना पार्ट--13

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सेक्सी कहानियाँ खिलोना पार्ट--13

साथ ही साथ रीमा ने ये भी सोच लिया कि आज रात बिस्तर मे वो दोनो से इस शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि..शायद दोनो मे से कोई उसके बारे मे कुच्छ जानता हो.रीमा ने रवि की पूरी डाइयरी छान मारी थी,पर कही भी शंतु का नाम नही था सिवाय उस आखरी पन्ने के इस कारण रीमा को ये पता नही था कि ये शंतु रवि का कोई दोस्त,रिश्तेदार या फिर कोई ऐसे ही जान-पहचान वाला था...लेकिन उसे इतना यकीन क्यू था कि शंतु से उसे रवि की मौत के बारे मे कुच्छ अहम बात पता चल सकती है?...ऐसा भी तो हो सकता है कि दोनो ने किसी अफीशियल काम के बारे मे 1 दूसरे से बात की हो..ये बस 1 इत्तेफ़ाक़ हो कि शंतु की कॉल आखरी कॉल थी रवि के मोबाइल पे...हो सकता है जैसा वीरेंद्र जी & शेखर मानते थे,सच मे रवि की मौत 1 आक्सिडेंट थी & वो खमखा अपने मन मे शक़ लिए बैठी थी.

उसने अपना सर झटका..जो भी हो,अगर मन मे शक़ है तो उसे दूर करना ही होगा..वो आज रात दोनो से शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि मगर इस से पहले दोनो को दोपहर मे आने वाली ब्लॅंक कॉल्स के बारे मे बताएगी.

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"क्या???!",शेखर चौंक गया,"..& तुम आज बता रही हो!"

"मुझे लगा कि कोई शरारत कर रहा होगा,उस दिन डाँटने के बाद दोबारा नही करेगा..मगर उसने जब आज फिर से कॉल किया तो मैने सोचा कि आप लोगो को बता दू."

तीनो ड्रॉयिंग रूम मे बैठे चाइ पी रहे थे.विरेन्द्र जी खामोशी से चाइ के घूँट भरते रहे.शेखर ने कहा कि वो इस बारे मे कुच्छ ज़रूर करेगा.उसे कल फिर दिल्ली जाना था & उसी सिलसिले मे वो किसी काम से बाहर चला गया & कह गया कि खाने के वक़्त तक वापस आएगा.

"तुम्हे लगा रहा है कि ये ब्लॅंक कॉलर कही रवि की मौत से जुड़ा हुआ है,है ना?"

"जी!",रीमा ने कप नीचे किया,"जी.हां."

"ह्म्म.",विरेन्द्र जी ने कप खाली कर टेबल पे रखा,"बिल्कुल मत घबराना.इस कॉलर का भी पता लगा लेंगे & तुम्हारे मन के बाकी शुबहे भी दूर कर देंगे."

जवाब मे रीमा बस मुस्कुरा दी.

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रीमा नहा कर बाथरूम से बाहर आई & 1 छ्होटी स्लिप स्टाइल की नाइटी पहन ली जो बस उसकी गंद के नीचे तक आ रही थी,इसके उपर उसने 1 ड्रेसिंग गाउन डाल लिया & किचन से पानी लेने चली गयी.हर रात की तरह ही आज रात भी उसने अपने ससुर को कह दिया था कि वो सो जाएँ,वो देर से उनके पास आयेगी.

पानी पीते वक़्त उसे शेखर ने पीछे से अपने आगोश भर लिया,"आप भी ना मरवाएँगे मुझे!आप ही के पास तो आ रही थी,थोड़ा इंतेज़ार नही कर सकते थे?",रीमा घूम कर उसके सामने आ गयी.

शेखर ने उसे किचन के काउंटर से टिका दिया & चूमने लगा,"..उम्म्म्म....यहा नही..कही पिता जी ना आ जाएँ.",शेखर ने उसकी जंघे पकड़ उसे गोद मे उठा लिया तो रीमा ने भी अपने बाहे उसकी गर्दन मे डाल दी & उस से लिपट उसके सर को चूमने लगी.

अपने कमरे मे आ शेखर बिस्तर पे बैठ गया & गोद मे बैठी रीमा को चूमने लगा.रीमा भी उसके बालो मे हाथ फिराती उसकी किस का जबाब देने लगी.हाथ आगे ला शेखर ने गाउन के सॅश को खोला & फिर उसे उसके कंधो से सरका दिया,रीमा ने भी अपने हाथ अपने जेठ के सर से हटा नीचे ले जा के गाउन को गिरने दिया.

"वाउ..!आज तो कहर ढा रही हो.",शेखर उसकी मक्खनी जंघे सहलाता हुए उसकी गर्दन चूमते हुए उसके क्लीवेज तक पहुँच गया.

"ओह्ह्ह्ह...!",उसने रीमा के सीने पे हल्के से काट लिया.रीमा ने उसके सर को अपने सीने से उठाया & फिर उसकी टी शर्ट उतार दी,फिर नीचे झुकी & उसके चिकने सीने पे काट लिया,"..आहह..!",शेखर उसकी ओर देख मुस्कुराया.

दोनो फिर से 1 दूसरे से लिपट कर चूमने लगे,रीमा चूमते हुए अपनी चूत से अपने जेठ के खड़े लंड को रगडे जा रही थी.शेखर के हाथ उसकी स्लिप के अंदर घुस उसकी पीठ पे फिसल रहे थे.उसने ब्रा नही पहनी थी & जब भी शेखर के हाथ उसकी पीठ पे घूमते हुए उसकी बगलो मे आ कर उसकी चूचियो को छु जाते तो उसे गुदगुदी सी होती.

शेखर पूरे जोश मे आ चुका था & अब उसकी गर्दन चूमता हुआ,उसकी नाइटी मे घुसे हाथ से उसकी चूचिया मसल रहा था.रीमा भी अपने जेठ की हर्कतो का पूरा मज़ा लूट रही थी,उसके नाख़ून उसकी पीठ पे खरोंच रहे थे.शेखर के होंठ उसके गले से नीचे उसके क्लीवेज पे पहुँचे तो उसके दिल मे चाह उठी की अब वो इन मस्त गोलैईयों को अपने मुँह मे भर ले.

अपनी चाह पूरा करने के लिए उसने स्लिप को 1 ही झटके मे उठा कर रीमा के बदन से अलग कर दिया,इस काम मे रीमा ने भी अपने हाथ उठाकर उसकी पूरी मदद की.चूचियाँ नंगी होते ही शेखर उनपे टूट पड़ा.उसकी गोलैईयों को अपने हाथो तले दबा & मसल कर उसने अपने होंठो से उन्हे जम कर चूमा & चूसा.रीमा मस्ती मे आँहे भरने लगी.शेखर उसके निपल्स को अपनी उंगलियो मे मसल जब उसकी पूरी चूची को अपने मुँह मे भरने की कोशिश करता तो वो पागल हो उसके सर को पकड़ अपनी कमर उसकी गोद मे और दबा कर हिलने लगती.कोई 15 मिनिट तक उसकी चूचियो से खेलने के बाद शेखर ने रीमा से खड़े होने को कहा.

बैठे हुए उसने अपनी ट्रॅक पॅंट निकल दी & नंगा हो गया,"अपनी पॅंटी उतारो."

रीमा ने धीरे से अपनी पनटी उतार दी,अब उसकी चिकनी,गीली चूत ठीक उसके जेठ के चेहरे के सामने थी.शेखर ने उसकी गंद को हाथो मे भर अपने होठ उसकी चूत पे लगा दिए,"..आआआअहह....",रीमा कराह कर उसके सर को पकड़ च्चटपटाने लगी.

उसकी च्चटपटाहत से बेपरवाह शेखर उसकी चूत को चाटता रहा,उसकी जीभ किसी साँप की तरह रीमा के बिल मे आना-जाना कर उसे तडपा रही थी.रीमा की टाँगो मे तो जैसे जान ही नही बची थी.जैसे ही शेखर की जीभ ने उसके दाने को छेड़ा,वो झाड़ गयी & बस उसकी गोद मे गिर पड़ी.मुस्कुराते हुए शेखर ने उसकी गंद को उठाया & उसे अपने लंड पे बिठा लिया.

अब रीमा पानी चूत मे शेखर का लंड लिए उस से लिपटी बैठी थी,"आप बहुत बदमाश हैं.",उसने उसके कंधे पे हल्के से काट लिया.शेखर ने नीचे से हल्के-2 धक्के लगाने शुरू कर दिए.

"ऊन्णंह...",रीमा ने कराह कर उसके कंधे से सर उठाया & उसके चेहरे को हाथो मे ले उसकी आँखो मे झाँकने लगी,"कल फिर चले जा रहे हैं?यहा अकेले मैं कैसे रहती हू,पता है?",उसने बनावटी नाराज़गी से कहा.

"उम्म्म्म........बस यही सब कर मुझे चुप करा देते हैं..आनन्न..हह..",शेखर ने नीचे से थोड़े तेज़ धक्के लगा उसकी गंद मे 1 उंगली घुसा दी थी & साथ ही उसकी छाती को मुँह मे भर ज़ोर से चूस लिया था.

"जल्दी वापसा आऊंगा.",उसकी चूचिया दबाते हुए वो अभी भी उसकी गंद मे उंगली कर रहा था.

"1 बार भी मुझे यहा घुमाया नही है.बस घर मे पड़ी बोर होती रहती हू..कोई दोस्त भी तो नही है यहा मेरा.",उसने उसकी पीठ पे नाख़ून गाड़ते हुए उसके गाल को चूम लिया,"आपके तो यहा बहुत दोस्त होंगे ना?बचपन से आप & रवि यही रहे हैं."

"हां,बहुत दोस्त हैं.",शेखर का 1 हाथ उसके चेहरे को सहला रहा था.

"ह्म्‍म्म......",शेखर ने उसके गुलाबी होटो पे उंगली फिराई,"आप रवि के भी सभी दोस्तो को जानते होंगे?"

"हां...यहा तो सभी को जनता हू.",वो उसकी गर्दन सहलाता हुआ नीचे आ रहा था दूसरे हाथ की 1 उंगलीरीमा की गंद छेड़े जा रही थी.

"किसी शंतु को जानते थे?",1 पल को शेखर के बदन ने हरकत बंद कर दी पर वो तुरंत होश मे आया & फिर से उसके बदन से खेलने लगा.

"नही तो.क्यू?कौन है ये?",उसके लंड & उंगली की रफ़्तार बढ़ गयी थी.

"ऊऊ...हह.....पता नही.यू ही रवि की टेली....फोन डाइयरी पल..अट रा..आहह....रही थी की ये ना..आम..आअन्न्‍णणन्...न्नह...दिखा...अंजान नाम था...अभी ओईईईई....ख़याल आया तो आपसे ऐसे ही पूच्छ लिया....ऊऊुउउइईईईईई...!",शेखर के धक्के बहुत तेज़ हो गये थे & उसकी उंगली का छेड़ना भी,रीमा जोश मे पागल हो गयी.अपने जेठ को अपनी बाहो मे कस कमर हिला उसकी गोद मे उच्छलते हुई उसने अपने नाख़ून उसकी पीठ मे गढ़ा दिए & होठ उसकी गर्दन मे.शेखर भी उसे अपने आगोश मे भींच बस उसकी चूत & गांद को चोदे जा रहा था...रीमा के बदन मे बिजली दौड़ गयी & वो शेखर से चिपेट जोश मे पागल हो उसके कान मे जीभ फिराती हुई,बेचैनी से कमर हिलाती झाड़ गयी..तभी शेखर ने भी आह भरी & उसके सीने पे होंठ दबाए उसकी चूत मे अपना विर्य छ्चोड़ दिया.






KHILONA paart--13

Sath hi sath Reema ne ye bhi soch liya ki aaj raat bistar me vo dono se is Shantu ke bare me zarur puchhegi..shayad dono me se koi uske bare me kuchh jaanta ho.reema ne Ravi ki puri diary chhan mari thi,par kahi bhi shantu ka naam nahi tha siway us aakhri panne ke is karan reema ko ye pata nahi tha ki ye shantu ravi ka koi dost,rishtedar ya fir koi aise hi jaan-pehchan wala tha...lekin use itna yakeen kyu tha ki shantu se use ravi ki maut ke bare me kuchh aham baat pata chal sakti hai?...aisa bhi to ho sakta hai ki dono ne kisi official kaam ke bare me 1 dusre se baat ki ho..ye bas 1 ittefaq ho ki shantu ki call aakhri call thi ravi ke mobile pe...ho sakta hai jaisa Virendra ji & Shekhar maante the,sach me ravi ki maut 1 accident thi & vo khamakha apne man me shaq liye baithi thi.

usne apna sar jhatka..jo bhi ho,agar man me shaq hai to use door karna hi hoga..vo aaj raat dono se shantu ke bare me zarur puchhegi magar is se pehle dono ko dopahar me aane vali blank calls ke bare me batayegi.

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"kya???!",shekhar chaunk gaya,"..& tum aaj bata rahi hoi!"

"mujhe laga ki koi shararat kar raha hoga,us din daantane ke baad dobara nahi karega..magar usne jab aaj fir se call kiya to maine socha ki aap logo ko bata du."

teeno drawing room me baithe chai pi rahe the.virendra ji khamoshi se chai ke ghunt bharte rahe.shekhar ne kaha ki vo is bare me kuchh zarur karega.use kal fir dilli jana tha & usi silsile me vo kisi kaam se bahar chala gaya & kah gaya ki khane ke waqt tak vapas aayega.

"tumhe laga raha hai ki ye blank caller kahi ravi ki maut se juda hua hai,hai na?"

"ji!",reema ne cup neeche kiya,"ji.haan."

"hmm.",virendra ji ne cup khali kar table pe rakha,"bilkul mat ghabrana.is caller ka bhi pata laga lenge & tumhare man ke baki shubahe bhi door kar denge."

jawab me reema bas muskura di.

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reema naha kar bathroom se bahar aayi & 1 chhoti slip style ki nighty pahan li jo bas uski gand ke neeche tak aa rahi thi,iske upar usne 1 dressing gown daal liya & kitchen se pani lene chali gayi.har raat ki tarah hi aaj raat bhi usne apne sasur ko kah diya tha ki vo so jaayen,vo der se unke paa aaayegi.

pani peete waqt use shekhar ne peechhe se apne agosh bhar liya,"aap bhi na marwayenge mujhe!aap hi ke paas to aa rahi thi,thoda intezar nahi kar sakte the?",reema ghum kar uske saamne aa gayi.

Shekhar ne use kitchen ke counter se tika diya & chumne laga,"..ummmm....yaha nahi..kahi pita ji na aa jayen.",shekhar ne uski janghe pakad use god me utha liya to Reema ne bhi apne baahe uski gardan me daal di & us se lipat uske sar ko chumne lagi.

apne kamre me aa shekhar bistar pe baith gaya & god me baithi reema ko chumne laga.reema bhi uske baalo me hath firati uski kiss ka kawab dene lagi.hath aage la shekhar ne gown ke sash ko khola & fir use uske kandho se sarka diya,reema ne bhi apne hath apne jeth ke sar se hata neeche le ja ke gown ko girne diya.

"wow..!aaj to kehar dha rahi ho.",shekhar uski makkhani janghe sehlata hue uski gardan chumte hue uske cleavage tak pahunch gaya.

"ohhhh...!",usne reema ke seene pe halke se kaat liya.reema ne uske sar ko apne seene se uthaya & phir uski t shirt utar di,fir neeche jhuki & uske chikne seene pe kaat liya,"..aahhh..!",shekhar uski or dekh muskuraya.

dono fir se 1 dusre se lipat kar chumne lage,reema chumte hue apni chut se apne jeth ke khade lund ko ragde ja rahi thi.shekhar ke hath uski slip ke andar ghus uski pith pe fisal rahe the.usne bra nahi pahni thi & jab bhi shekhar ke hath uski pith pe ghumte hue uski baglo me aa kar uski chhatiyo ko chhu jate to use gudgudi si hoti.

shekhar pure josh me aa chuka tha & ab uski gardan chumta hua,uski nighty me ghuse hath se uski choochiya masal raha tha.reema bhi apne jeth ki harkato ka pura maza loot rahi thi,uske nakhun uski pith pe kharonch rahe the.shekhar ke honth uske gale se neeche uske cleavage pe pahunche to uske dil me chah uthi ki ab vo in mast golaiyon ko apne munh me bhar le.

apni chah pura karne ke liye usne slip ko 1 hi jhatke me utha kar reema ke badan se alag kar diya,is kaam me reema ne bhi apne hath uthakar uski puri madad ki.chhatiyaan nangi hote hi shekhar unpe toot pada.uski golaiyon ko apne hatho tale daba & masal kar usne apne hontho se unhe jam kar chuma & choosa.reema masti me aanhe bharne lagi.shekhar uske nipples ko apni ungliyo me masal jab uski poori choochi ko apne munh me bharne ki koshish karta to vo pagal ho uske sar ko pakad apni kamar uski god me aur daba kr hilane lagti.koi 15 minute tak uski chhatiyon se khelne ke baad shekhar ne reema se khade hone ko kaha.

baithe hue usne apni track pant nikal di & nanga ho gaya,"apni panty utaro."

reema ne dheere se apni panty utar di,ab uski chikni,gili chut thik uske jeth ke chehre ke samne thi.shekhar ne uski gand ko hatho me bhar apne hoth uski chut pe laga diye,"..aaaaaaahhhhh....",reema karah kar uske sar ko pakad chhatpatane lagi.

uski chhatpatahat se beparwah shekhar uski chut ko chaatata raha,uski jibh kisi saanp ki tarah reema ke bil me aana-jaana kar use tadpa rahi thi.reema ki taango me to jaise jaan hi nahi bachi thi.jaise hi shekhar ki jibh ne uske dane ko chheda,vo jhad gayi & bas uski god me gir padi.muskurate hue shekhar ne uski gand ko uthaya & use apne lund pe bitha liya.

ab reema pani chut me shekhar ka lund liye us se lipati baithi thi,"aap bahut badmash hain.",usne uske kandhe pe halke se kaat liya.shekhar ne neeche se halke-2 dhakke lagane shuru kar diye.

"oonnnh...",reema ne karah kar uske kandhe se sar uthaya & uske chehre ko hatho me le uski aankho me jhankane lagi,"kal fir chale ja rahe hain?yaha akele main kaise rahti hoo,pata hai?",usne banawati narazgi se kaha.

"ummmm........bas yahi sab kar mujhe chup kara dete hain..aannn..hhhhhh..",shekhar ne neeche se thode tez dhakke laga uski gand me 1 ungli ghusa di thi & sath hi uski chhati ko munh me bhar zor se chus liya tha.

"jaldi vapsa aaoonga.",uski chhatiya dabate hue vo abhi bhi uski gand me ungli kar raha the.

"1 bar bhi mujhe yaha ghumaya nahi hai.bas ghar me padi bore hoti rahti hu..koi dost bhi to nahi hai yaha mera.",usne uski pith pe nakhun gadate hue uske gaal ko chum liya,"aapke to yaha bahut dost honge na?bachpan se aap & ravi yahi rahe hain."

"haan,bahut dost hain.",shekhar ka 1 hath uske chehre ko sehla raha tha.

"hmmm......",shekhar ne uske gulabi hotho pe ungli firayi,"aap ravi ke bhi sabhi doato ko jante honge?"

"haan...yaha to sabhi ko janta hu.",vo uski gardan sehlata hua neeche aa raha tha dusre hath ki 1 reema ki gand chhede ja rahi thi.

"kisi shantu ko jante the?",1 pal ko shekhar ke badan ne harkat band kar di par vo turant hosh me aaya & fir se uske badan se khelne laga.

"nahi to.kyu?kaun hai ye?",uske lund & ungli ki raftar badh gayi thi.

"oooo...hhh.....pata nahi.yu hi ravi ki tele....phone diary pal..at ra..aahhhh....rahi thi ki ye na..am..aaannnnn...nnhhh...dikha...anjan naam tha...abhi ouiiiiiii....khayal aaya to aapse aise hi poochh liya....OOOOUUUIIIIIIIII...!",shekhar ke dhakke bahut tez ho gaye the & uski ungli ka chhedna bhi,reema josh me pagal ho gayi.apne jeth ko apni baaho me kas kamar hila uski god me uchhalte hui usne apne nakhun uski pith me gada diye & hoth uski gardan me.shekhar bhi use apne agosh me bheench bas uski chut & gaand ko chode ja raha tha...reema ke badan me bijli daud gayi & vo shekhar se chipat josh me pagal ho uske kaan me jibh firati hui,bechaini se kamar hilati jhad gayi..tabhi shekhar ne bhi aah bhari & uske seene pe honth dabaye uski chut me apna virya chhod diya.










आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj































































































































































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