Tuesday, April 13, 2010

सेक्सी कहानियाँ खिलोना पार्ट--1

raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स ,

खिलोना पार्ट--1

हेल्लो दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ
आज रीमा बहुत खुश थी & होती भी क्यू ना-उसकी शादी की पहली सालगिरह जो थी.पिच्छले एक-डेढ़ महीने से उसका पति रवि कुच्छ उखड़ा-2 सा & परेशान रह रहा था,पर आज सवेरे ऑफीस जाने से पहले उसने पहले की तरह उसे बाहों मे भर कर जम कर चूमा & प्यार किया था & जाते-2 कह गया था की ऑफीस से आधे दिन की च्छुटी लेकर आ जाएगा.रीमा भी उसे रिझाने & खुश करने मे कोई कसर नही छ्चोड़ना चाहती थी.

बाथरूम मे घुस उसने सारे कपड़े उतारे & शवर ओन कर उसके नीचे खड़ी हो गयी & रवि से हुई वो पहली मुलाकात याद करने लगी.पुणे के जिस हॉस्पिटल मे वो नर्स थी,रवि उसमे अपनी टूटी टाँग का इलाज करने के लिए अड्मिट हुआ था.उस दिन नया ड्यूटी रॉस्टर मिलने पे उसके वॉर्ड मे आज रीमा का पहला दिन था.रवि वाहा कुच्छ दीनो पहले ही अड्मिट हुआ था.जब वो उसे दवा देकर & उसका चार्ट चेक कर जाने लगी तो वो बोला,"नर्स."

"जी?"

"मैं आपके हॉस्पिटल मॅनेज्मेंट की चाल समझ गया हू?"

"जी?",रीमा ने हैरत भरी सवालिया नज़रो से उसे देखा.वॉर्ड के बाकी पेशेंट्स,नर्सस & स्टाफ भी दोनो की बात सुनने लगे थे.

"जी हां.आपका मॅनेज्मेंट बहुत चालक है.उसने जान-बुझ कर इतनी अच्छी नर्सस यहा रखी हैं की पेशेंट को आराम तलबि की लत लग जाए & वो ठीक ही ना होना चाहे,या फिर ठीक हो भी जाए तो यही पड़ा रहे & आराम की ज़िंदगी जीता रहे & हॉस्पिटल जूम के पैसे कमा सके."

उसकी बात सुनते ही वॉर्ड मे सभी की हँसी च्छुत गयी.रीमा भी मुस्कुरा दी & वॉर्ड से निकल गयी.रवि की इस बात पे किसी दूसरी नर्स ने कुच्छ जवाब दिया & वॉर्ड मे हँसी-मज़ाक का सिलसिला चल पड़ा.जहा सब दिल खोल कर हंस रहे थे वही रीमा बस मुस्कुराते हुए वाहा से निकल आई थी.

रीमा को शायद ही कभी किसी ने खुल कर हंसते या जम कर गप्पे लड़ाते देखा हो.लगता था जैसे वो खुद को रोक लेती थी अपनी भावनेयो का खुल कर इज़हार कर लेने से.शायद इसका कारण ये था कि वो 1 अनाथाश्रम मे पली-बढ़ी थी.1 आम बच्चा जैसे-2 बड़ा होता है तो अपने माता-पिता से चीज़ो के लिए ज़िद करता है,कभी उनसे रूठ जाता है तो कभी उनकी गोद मे चढ़ उनसे दुलार करवाता है.पर 1 अनाथ इन सब चीज़ो से महरूम रहता है & शायद इसी कारण वो अपनी चाह,अपने एहसास अपने दिल मे दबाना सीख जाता है.

रीमा अनाथ थी.उसने जब से होश संभाला खुद को अनाथाश्रम मे पाया.अनाथाश्रम की कर्ता-धर्ता थी मौसी.मौसी यानी मिसेज़.भटनागर,पता नही कब किसी बच्चे ने उन्हे मौसी कह दिया था.उसके बाद तो उनका नाम ही मौसी पड़ गया.मौसी का अपना भरा-पूरा परिवार था पर फिर भी वोआनाथाश्रम को पूरा वक़्त देती थी &रीमा को तो बहुत मानती थी.रीमा जल्द से जल्द अपने पैरो पे खड़ी होना चाहती थी सो स्कूल ख़त्म करते ही उसने नर्सिंग मे ग्रॅजुयेशन किया & इस हॉस्पिटल को जाय्न कर लिया.पर आज भी वो अपने अनाथाश्रम & मौसी को नही भूली थी & जब भी मौका मिलता वाहा उनसे मिलने ज़रूर जाती.

रवि के वॉर्ड मे ड्यूटी लगी तो रोज़ उस से मुलाकात होने लगी.उसे रवि 1 बड़ा ज़िंदाडिल & खुशमिजाज़ शख्स लगा.हर वक़्त हल्की-फुल्की बातें या फिर कोई मज़ाक करता रहता पर कोई भी बात तमीज़ के दायरे के बाहर नही जाती.इसी कारण सभी उसे पसंद करते थे.उस से मिलने आने वाले उसके दोस्त भी उसी के जैसे थे.

रीमा को 1 बात थोड़ा खाटकी.हॉस्पिटल मे मरीज़ो के पास उनका कोई रिश्तेदार ज़रूर रहता था पर रवि के पास कोई नही बस बीच मे 3-4 दीनो के लिए उसका बड़ा भाई शेखर आया था पर मा-बाप कभी नही आए.कोई और नर्स होती तो अब तक रवि के दूर के रिश्तेदारो का भी पता पूच्छ चुकी होती पर रीमा अपने काम से काम रखती थी & उसने उस से कभी कुच्छ नही पूचछा.

हा,हर दिन उसे उसके वॉर्ड जाने मे अच्छा लगता था.वो लड़का बातें ही ऐसी करता था.फिर रीमा की 2 दीनो की छुट्टी हो गयी.जब वापस आई तो पता चला कि रवि डिसचार्ज हो चुका है.उस दिन उसे वॉर्ड खाली-2 सा लगा.इसी तरह 4-5 दिन बीत गये.हॉस्पिटल मे मरीज़ आते हैं चले जाते हैं पर पता नही क्यू रवि का जाना उसे अच्छा नही लगा.

उस दिन शाम ड्यूटी ख़त्म कर जैसे ही वो निकली कि किसी ने उसे आवाज़ दी,"नर्स!"

उसने मूड कर देखा तो रवि खड़ा था.इतने दीनो तक उसने उसे बेड पे लेटे देखा था,आज पहली बार खड़े देख रही थी.रवि 6 फ्ट का लंबा,हॅंडसम नौजवान था,उम्र यही कोई 23-24 साल होगी.रीमा भी 22 साल की जवान लड़की थी & रवि की मारदाना खूबसूरती की दिल ही दिल मे तारीफ किए बिना ना रह सकी.

"हाई!नर्स.कैसी हैं?"

"हेलो.मैं ठीक हू.आपका पैर अब कैसा है?"

"बिल्कुल ठीक.डॉक्टर.साहब ने बुलाया था इसीलिए आया था.अच्छा हुआ आप भी मिल गयी.1 बहुत ज़रूरी काम था."

"अच्छा.कैसा काम?"

"आपको थॅंक यू कहना था & कॉफी पिलानी थी."

"क्या?!",रीमा हँसे बिना ना रह सकी.

"हां.जब डिसचार्ज हो रहा था तो मैने सभी डॉक्टर्स ,नर्सस & स्टाफ जिन्होने ने मेरा ध्यान रखा था,उन्हे थॅंक्स कहा था & कॉफी पिलाई थी.आप आई नही थी तो आपकी कॉफी बाकी थी."

रीमा को याद आया,जब वापस आने पे उसने रवि के बारे मे पूचछा था तो बाकी नर्सस ने बताई थी ये कॉफी वाली बात.

"अरे,रवि इसकी कोई ज़रूरत नही.बेकार मे परेशान मत होइए."

"इसमे परेशानी क्या है?कॉफी पीनी है कौन सा एवरेस्ट पे चढ़ना है."

रीमा को फिर हँसी आ गयी.,"वो ठीक है पर फिर भी रहने दीजिए."

"देखिए नर्स,मैं समझ रहा हूँ आप क्यू झिझक रही हैं.मेरा यकीन कीजिए मैं बस आपको थॅंक्स देने के लिए 1 कप कॉफी पिलाना चाहता हू,बस.वादा करता हू ना कोई उल्टी-सीधी बात करूँगा ना ही ऐसी-वैसी हरकत!ये जो बगल वाला केफे है ना वाहा बस 1 कप कॉफी पिएँगे जिसमे 15 या 20 मिनिट लगेंगे बस.फिर आप अपने रास्ते मैं अपने रास्ते."

"अरे,आप मुझे ग़लत समझ रहे हैं?आपके बारे मे ऐसा कुच्छ नही सोचा था मैने."

"तो फिर चलिए."

रीमा उसे मना नही कर पाई,"ओके.चलिए.",और दोनो केफे की ओर बढ़ गये.

केफे मे बैठ के रवि ने ऑर्डर कर दिया.

"आप क्या करते हैं,रवि?",रीमा ने पूचछा.

"मैं एस.एन इन्स्टिट्यूट से एमबी ए कर रहा हू."

"वह,वो तो बड़ा अच्छा इन्स्टिट्यूट है.आपकी तो लाइफ बन गयी!"

"क्या लाइफ बन गयी,नर्स!बस अपने पैरो पे खड़ा हो जाऊँगा,अपने खर्चे निकाल लूँगा."

"तो और क्या चाहिए 1 इंसान को?"

"नर्स,काम तो वो हो जिसे इंसान दिल से करना चाहे.मेरी नज़र मे सचिन तेंदुलकर दुनिया का सबसे लकी इंसान है.वो बचपन से क्रिकेट खेलना चाहता था सो खेल रहा है.केवल खेल ही नही रहा बल्कि शायद अब तक का सबसे महान क्रिकेटर है.और सोने पे सुहागा ये की इस के लिए उसे करोड़ो रुपये भी मिलते हैं.इंसान को तो ऐसा ही काम करना चाहिए पर सबकी ऐसी किस्मत कहा होती है."

"तो तुम क्या बनाना चाहते थे?"

"फाइटर पाइलट."

"तो बने क्यू नही?"

"मा के चलते.जैसे ही उसे पता चला की मैं एनडीए का फॉर्म भरने जा रहा हू,उसने ऑर्डर जारी कर दिया कि मैं सपने मे भी ऐसा नही सोचु.उसने कहा की उसका कोई बेटा उस से दूर फौज मे नही जाएगा...मैने उसे कहा की मा शेखर भैया तो तुम्हारे पास रहेंगे ही.मुझे जाने दे एर फोर्स मे & अगर कही जंग मे मर गया तो तू शहीद की मा कहल्एगी."

"फिर मा ने क्या कहा?"

"उसने खींच के 1 थप्पड़ लगाया & फिर रोते हुए मुझे अपने गले से लगा के प्यार करने लगी.ये माएँ भी अजीब होती हैं नर्स,निराला ही होता है इनका बच्चों को प्यार करने का तरीका."

रीमा बस हल्के से मुस्कुरा दी.उसे क्या पता था मा के प्यार के बारे मे.वेटर कॉफी रख गया तो वो कप उठाकर पीने लगी.,"तब तो रवि जब तुम्हारा फ्रॅक्चर हुआ तो वो बहुत परेशान हो गयी होंगी?"

"पता नही,नर्स."

"क्या मतलब?"

"पिच्छले 2 सालों से मा बीमार है.उसका दिमाग़ धीरे-2 काम करना बंद कर रहा है.दिमाग़ का वो हिस्सा जो इंसान का चलना,बोलना कंट्रोल करता है वो तो पूरा बेकार हो चुका है.मा केवल अपनी पलके झपका पाती है & खा पाती है,गर्दन & उसके नीचे का पूरे शरीर का 1 भी अंग ना हिला पाती है ना उनसे वो कोई काम ले पाती है...बस बेड पे खामोश लेटी रहती है,क्यूकी बोल भी नही पाती."

"डॉक्टर्स क्या कहते हैं?"

"पिताजी कहा-2 नही दौड़े मा के इलाज के लिए पर हर डॉक्टर ने यही कहा की बीमारी लाइलाज है."

"ओह."

थोड़ी देर दोनो खामोश रहे फिर रवि ने खामोशी तोड़ी,"..अच्छा तो नर्स-ये लो.यहा हम साथ मे कॉफी पी रहे हैं & मुझे अभी तक आपका नाम भी नही पता.आपके नाम क्या है,नर्स?"

"मेरा नाम रीमा है.",रीमा हंस पड़ी.

"अच्छा तो आपकी मा कैसी है?"

"पता नही.मैं अनाथ हू,रवि.",& रीमा ने उसे अपनी पूरी कहानी सुना दी.उसने उसे मौसी के बारे मे भी बताया & रवि ने अपने बाकी परिवार के बारे मे.उसके पिता विरेंड्रा साक्शेणा 1 बहुत ऊँचे सरकारी ओहदे पे थे & बड़े भाई शेखर ने अभी कॅल्कटा मे अपनी पहली नौकरी जाय्न की थी.उसका परिवार पंचमहल नाम के शहर मे रहता था.

"अच्छा रीमा जी,आप क्या बनना चाहती थी?"

"मैं...मैं सिंगर बनना चाहती थी."

"रियली!फिर आपने कभी कोशिश की."

"जिस स्कूल मे हम अनाथाश्रम के बच्चे पढ़ते ते थे वाहा म्यूज़िक भी सिखाया जाता था तो स्कूल तक तो मैने सीखा लेकिन उसके बाद मुझे अपने पैरो पे खड़े होने की जल्दी थी & म्यूज़िक के ज़रिए वो संभव नही था."

"ह्म्‍म्म.",रवि ने कॉफी ख़त्म कर कप नीचे रखा,"ये तो बड़ी अच्छी बात पता चली आपके बारे मे.म्यूज़िक का मुझे भी शौक है खास कर इंडियन क्लॅसिकल का.इस सनडे हुमारे इन्स्टी ऑडिटोरियम मे ट.जसराज का प्रोग्राम है.तो आप सनडे को वाहा आएँगी,मेरे साथ प्रोग्राम देखेंगी & मैं जो भी म्यूज़िक के बारे मे सवाल करूँगा उनका जवाब देंगी."

"अरे नही,रवि.मैं नही आ सकती."

"क्यू?आप इतना झिझकति क्यू हैं?मैं आपको आवारा लगता हू?"

"वो बात नही है,रवि."

"तो क्या बात है?सनडे को आपकी छुट्टी है,आपको म्यूज़िक से इतना लगाव है,फिर क्यू नही आ सकती? "

"रवि,बुरा मत मानो,प्लीज़.पर...मैं टिकेट -"

"-अरे,कोई टिकेट नही,मेरे इन्स्टी का प्रोग्राम है.मेरे पास फ्री पासेज हैं.अब तो आएँगी ना?"

"ठीक है,आऊँगी."

"ये हुई ना बात!",रवि ने बिल पे किया & दोनो केफे से बाहर आ गये.

"अच्छा,रीमा जी बाइ1सनडे को 5 बजे मेरे इन्स्टी के मैं गेट पे मैं आपका इंतेज़ार करूँगा."

"ठीक है,रवि.बाइ!"

रीमा को बड़ी हैरत हुई कि कैसे उसने 1 लगभग अजनबी से इंसान को अपनी कहानी सुना दी & उसके साथ अगली मुलाकात के लिए भी तैय्यार हो गयी.वो उस सनडे रवि से मिली & फिर दोनो आए दिन मिलने लगे,कभी किसी कॉन्सर्ट तो कभी किसी एग्ज़िबिशन मे.रीमा की सहेलिया तो उसे रवि के नाम से चिढ़ने लगी थी.उसकी रूम मेट सोनी तो हुमेशा उसे छेड़ती रहती थी.

"आ गयी हेरोयिन अपने हीरो से मिलके?"

"चुप कर,सोनी.वो बस दोस्त है."

"शुरू मे सब यही कहते हैं डार्लिंग,फिर कब दोस्त जान बन जाता है पता ही नही चलता!"उसने बेड पे बैठी रीमा को पीछे से पकड़ कर शरारत से कहा.

"अच्छा!तुझे बड़ा पता है इन बातो के बारे मे.तेरा 'दोस्त' कौन है भाई?"

"हमारी ऐसी किस्मत कहाँ!",उसने बड़े नाटकिया अंदाज़ मे कहा तो दोनो सहेलिया हंस पड़ी.

रीमा सचमुच रवि को दोस्त से ज़्यादा नही मानती थी ना कभी रवि ने कोई ऐसी हरकत की थी कि उसे लगता कि रवि कुच्छ ऐसा सोचता था,पर उसकी ये सोच उसे खुद ही तब ग़लत लगी जब रवि अपने भाई की शादी के लिए 10 दीनो के लिए पंचमहल चला गया.रीमा के लिए वो 10 दिन बड़े मुश्किल थे.उसका मूड उखड़ा-2 रहने लगा,वो रवि को इतना मिस करेगी उसने सोचा भी ना था.

उस रात बिस्तर पे करवटें बदलते उसने सोचा कि क्या सचमुच वो रवि को दोस्त से कुच्छ ज़्यादा समझने लगी थी.रवि आज सवेरा वापस आ गया था.उसने फोन किया तो रीमा ने मिलने की बात की पर उसने काम मे बिज़ी होने की बात कह कर मना कर दिया & परसो मिलने को कहा.पर उसी दिन रीमा अपने हॉस्पिटल की बस मे बाकी नुर्सो के साथ किसी ट्रैनिंग प्रोग्राम के लिए जा रही थी जब उसने सेंट्रल मार्केट के पास रवि को किसी लड़की के साथ बात करते देखा.वो लड़की बार-2 रवि का हाथ पकड़ रही थी.

ये देख कर जैसे रीमा के तन मे आग लग गयी.उसे उस लड़की पे बहुत गुस्सा आ रहा था.करवट बदलते हुए अपने इस रिक्षन का कारण खोजने लगी.क्या वो रवि से प्यार करने लगी थी?नही तो उसे उस लड़की से जलन क्यू हुई?पर क्या ये सही था.रवि इतने अमीर परिवार से था,क्या वो कभी उस जैसी अनाथ को अपनाएगा?उसे इस धोखे मे नही रहना चाहिए.उसने अपने दिल को बहुत समझाया कि रवि उसके लिए नही है पर दिल पे आज तक किस इंसान का ज़ोर चला है!





KHILONA paart--1

Aaj Reema bahut khush thi & hoti bhi kyu na-uski shadi ki pehli salgirah jo thi.pichhle ek-dedh mahine se uska pati Ravi kuchh ukhda-2 sa & pareshan rah raha tha,par aaj savere office jane se pehle usne pehle ki tarah use bahon me bhar kar jam kar chuma & pyar kiya tha & jate-2 keh gaya tha ki office se aadhe din ki chhuti lekar aa jayega.reema bhi use rijhane & khush karne me koi kasar nahi chhodna chahti thi.

bathroom me ghus usne sare kapde utare & shower on kar uske neeche khadi ho gayi & ravi se hui vo pehli mulakat yaad karne lagi.Pune ke jis hospital me vo nurse thi,ravi usme apni tooti taang ka ilaj karane ke liye admit hua tha.us din naya duty roster milne pe uske ward me aaj reema ka pehla din tha.ravi vaha kuchh dino pehle hi admit hua tha.jab vo use dawa dekar & uska chart check kar jane lagi to vo bola,"nurse."

"ji?"

"main aapke hospital management ki chaal samajh gaya hu?"

"ji?",reema ne hairat bhari sawaliya nazro se use dekha.ward ke baki patients,nurses & staff bhi dono ki baat sunane lage the.

"ji haan.aapka management bahut chalak hai.usne jaan-bujh kar itni achhi nurses yaha rakhi hain ki patient ko aram talabi ki lat lag jaye & vo thik hi na hona chahe,ya fir thik ho bhi jaye to yahi pada rahe & aram ki zindagi jeeta rahe & hospital jum ke paise kama sake."

uski baat sunte hi ward me sabhi ki hansi chhut gayi.reema bhi muskura di & ward se nikal gayi.ravi ki is baat pe kisi dusri nurse ne kuchh jawab diya & ward me hansi-mazak ka silsila chal pada.jaha sab dil khol kar hans rahe the vahi reema bas muskurate hue vaha se nikal aayi thi.

reema ko shayad hi kabhi kisi ne khul kar hanste ya jam kar gappe ladate dekha ho.lagta tha jaise vo khud ko rok leti thi apni bhavnayo ka khul kar izhar kar lene se.shayad iska karan ye tha ki vo 1 anathashram me pali-badhi thi.1 aam bachha jaise-2 bada hota hai to apne mata-pita se chizo ke liye zid karta hai,kabhi unse ruth jata hai to kabhi unki god me chadh unse dular karwata hai.par 1 anath in sab chizo se mehrum rehta hai & shayad isi karan vo apni chaah,apne ehsas apne dil me dabana sikh jata hai.

reema anath thi.usne jab se hosh sambhala khud ko anathashram me paya.anathashram ki karta-dharta thi mausi.mausi yani mrs.bhatnagar,pata nahi kab kisi bachhe ne unhe mausi kah diya tha.uske baad to unka naam hi mausi pad gaya.mausi ka apna bhara-pura parivar tha par fir bhi voanathashram ko pura waqt deti thi &reema ko to bahut manti thi.reema jald se jald apne pairo pe khadi hona chahti thi so school khatm karte hi usne nursing me graduation kiya & is hospital ko join kar liya.par aaj bhi vo apne anathashram & mausi ko nahi bhuli thi & jab bhi mauka milta vaha unse milne zarur jati.

ravi ke ward me duty lagi to roz us se mulakat hone lagi.use ravi 1 bada zindadil & khushmijaz shakhs laga.har waqt halki-fulki baaten ya fir koi mazak karta rehta par koi bhi baat tamiz ke dayre ke baahar nahi jaati.isi karan sabhi use pasand karte the.us se milne aane wale uske dost bhi usi ke jaise the.

reema ko 1 baat thoda khatki.hospital me marizo ke paas unka koi rishtedar zarur rehta tha par ravi ke paas koi nahi bas beech me 3-4 dino ke liye uska bada bhai Shekhar aaya tha par maa-baap kabhi nahi aaye.koi aur nurse hoti to ab tak ravi ke dur ke rishtedaro ka bhi pata poochh chuki hoti par reema apne kaam se kaam rakhti thi & usne us se kabhi kuchh nahi poochha.

haa,har din use uske ward jane me achha lagta tha.vo ladka baaten hi aisi karta tha.fir reema ki 2 dino ki chhutti ho gayi.jab vapas aayi to pata chala ki ravi discharge ho chuka hai.us din use ward khali-2 sa laga.isi tarah 4-5 din beet gaye.hospital me mariz aate hain chale jate hain par pata nahi kyu ravi ka jana use achha nahi laga.

us din sham duty khatm kar jaise hi vo nikli ki kisi ne use avaz di,"nurse!"

usne mud kar dekha to ravi khada tha.itne dino tak usne use bed pe lete dekha tha,aaj pehli bar khade dekh rahio thi.ravi 6 ft ka lamba,handsome naujawan tha,umra yehi koi 23-24 saal hogi.reema bhi 22 saal ki jawan ladki thi & ravi ki maradana khubsurati ki dil hi dil me tareef kiye bina na reh saki.

"hi!nurse.kaisi hain?"

"hello.main thik hu.aapka pair ab kaisa hai?"

"bilkul thik.dr.sahab ne bulaya tha isiliye aya tha.achha hua ap bhi mil gayi.1 bahut zaruri kam tha."

"achha.kaisa kaam?"

"aapko thankyou kehna tha & coffee pilani thi."

"kya?!",reema hanse bina na reh saki.

"haan.jab discharge ho raha tha to maine sabhi doctors ,nurses & staff jinhone ne mera dhyan rakha tha,unhe thanx kaha tha & coffe pilayi thi.aap aayi nahi thi to aapki coffee baki thi."

reema ko yaad aya,jab vapas aane pe usne ravi ke bare me poochha tha to baki nurses ne batayi thi ye coffee vali baat.

"are,ravi iski koi zarurat nahi.bekar me pareshan mat hoiye."

"isme pareshani kya hai?coffe peeni hai kaun sa everest pe chadhna hai."

reema ko fir hansi aa gayi.,"vo thik hai par fir bhi rehne dijiye."

"dekhiye nurse,main samajh raha hoon aap kyu jhijhak rahi hain.mera yakin kijiye main bas aapko thanx dene ke liye 1 cup coffee pilana chahta hu,bas.vada karta hu na koi ulti-seedhi baat karunga na hi aisi-vaisi harkat!ye jo bagal vala cafe hai na vaha bas 1 cup coffee piyenge jisme 15 ya 20 minute lagenge bas.fir aap apne raste main apne raste."

"are,aap mujhe galat samajh rahe hain?aapke bare me aisa kuchh nahi socha tha maine."

"to fir chaliye."

reema use mana nahi kar payi,"ok.chaliye.",aur dono cafe ki or badh gaye.

Cafe me baith ke Ravi ne order kar diya.

"aap kya karte hain,ravi?",Reema ne poochha.

"main S.N institute se MBA kar raha hu."

"vah,vo to bada achha institute hai.aapki to life ban gayi!"

"kya life ban gayi,nurse!bas apne pairo pe khada ho jaoonga,apne kharche nikal loonga."

"to aur kya chahiye 1 insan ko?"

"nurse,kaam to vo ho jise insan dil se karna chahe.meri nazar me sachin tendulkar duniya ka sabse lucky insan hai.vo bachpan se cricket khelna chahta tha so khel raha hai.kewal khel hi nahi raha balki shayad ab tak ka sabse mahan cricketer hai.aur sone pe suhaga ye ki is ke liye use karodo rupaye bhi milte hain.insan ko to aisa hi kaam karna chahiye par sabki aisi kismat kaha hoti hai."

"to tum kya banana chahte the?"

"fighter pilot."

"to bane kyu nahi?"

"maa ke chalte.jaise hi use pata chala ki main NDA ka form bharne ja raha hu,usne order jari kar diya ki main sapne me bhi aisa nahi sochu.usne kaha ki uska koi beta us se dur fauj me nahi jayega...maine use kaha ki maa shekhar bhaiya to tumhare pas rahenge hi.mujhe jane de air force me & agar kahi jung me mar gaya to tu shaheed ki maa kehlyegi."

"fir maa ne kya kaha?"

"usne khinch ke 1 thappad lagaya & fir rote hue mujhe apne gale se laga ke pyar karne lagi.ye maayen bhi ajeeb hoti hain nurse,nirala hi hota hai inka bachchon ko pyar karne ka tareeka."

reema bas halke se muskura di.use kya pata tha maa ke pyar ke bare me.waiter coffe rakha gaya to vo cup uthakar peene lagi.,"tab to ravi jab tumhara fracture hua to vo bahut pareshan ho gayi hongi?"

"pata nahi,nurse."

"kya matlab?"

"pichhle 2 saalon se maa bimar hai.uska dimagh dheere-2 kaam karna band kar raha hai.dimagh ka vo hissa jo insan ka chalna,bolna control karta hai vo to pura bekar ho chuka hai.maa kewal apni palke jhapka pati hai & kha pati hai,gardan & uske neeche ka pure sharir ka 1 bhi ang na hila pati hai na unse vo koi kaam le pati hai...bas bed pe khamosh leti rahti hai,kyuki bol bhi nahi pati."

"doctors kya kahte hain?"

"pitaji kaha-2 nahi daude maa ke ilaj ke liye par har doctor ne yehi kaha ki bimari lailaj hai."

"oh."

thodi der dono khamosh rahe fir ravi ne khamoshi todi,"..achha to nurse-ye lo.yaha hum sath me coffee pi rahe hain & mujhe abhi tak aapka naam bhi nahi pata.aapke naam kya hai,nurse?"

"mera naam reema hai.",reema hans padi.

"achha to aapki maa kaisi hai?"

"pata nahi.main anath hu,ravi.",& reema ne use apni puri kahani suna di.usne use mausi ke bare me bhi bataya & ravi ne apne baki parivar ke bare me.uske pita Virendra Saxena 1 bahut oonche sarkari ohde pe the & bade bhai Shekhar ne abhi calcutta me apni pehli naukri join ki thi.uska parivar Panchmahal naam ke shahar me rehta tha.

"achha reema ji,aap kya banana chahti thi?"

"main...main singer banana chahti thi."

"really!fir aapne kabhi koshish ki."

"jis school me hum anathashram ke bachche padhte te the vaha music bhi sikhaya jata tha to school tak to maine seekha lekin uske baad mujhe apne pairo pe khade hone ki jaldi thi & music ke zariye vo sambhav nahi tha."

"hmmm.",ravi ne coffee khatm kar cup neeche rakha,"ye to badi achhi baat pata chali aapke bare me.music ka mujhe bhi shauk hai khas kar indian classical ka.is sunday humare insti auditorium me Pt.Jasraj ka program hai.to aap sunday ko waha aayengi,mere sath program dekhengi & main jo bhi music ke bare me sawal karoonga unka jawab dengi."

"are nahi,ravi.main nahi aa sakti."

"kyu?aap itna jhijhakti kyu hain?main aapko aawara lagta hu?"

"vo baat nahi hai,ravi."

"to kya baat hai?sunday ko aapki chhutti hai,aapko music se itna lagav hai,fir kyu nahi aa sakti? "

"ravi,bura mat mainye,please.par...main ticket -"

"-are,koi ticket nahi,mere insti ka program hai.mere paaas free passes hain.ab to aayengi na?"

"thik hai,aaoongi."

"ye hui na baat!",ravi ne bill pay kiya & dono cafe se bahar aa gaye.

"achha,reema ji bye1sunday ko 5 baje mere insti ke main gate pe main aapka intezar karunga."

"thik hai,ravi.bye!"

reema ko badi hairat hui ki kaise usne 1 lagbhag ajnabi se insan ko apni kahani suna di & uske sath agli mulakat ke liye bhi taiyyar ho gayi.vo us sunday ravi se mili & fir dono aaye din milne lage,kabhi kisi concert to kabhi kisi exhibition me.reema ki saheliya to use ravi ke naam se chidhane lagi thi.uski room mate soni to humesha use chhedti rehti thi.

"aa gayi heroine apne hero se milke?"

"chup kar,soni.vo bas dost hai."

"shuru me sab yehi kehte hain darling,fir kab dost jaan banjata hai pata hi nahi chalta!"usne bed pe baithi reema ko peechhe se pakad kar shararat se kaha.

"achha!tujhe bada pata hai in baato ke bare me.tera 'dost' kaun hai bhai?"

"humari aisi kismat kahan!",usne bade naatkiya andaz me kaha to dono saheliya hans padi.

reema sachmuch ravi ko dost se zyada nahi manti thi na kabhi ravi ne koi aisi harkat ki thi ki use lagta ki ravi kuchh aisa sochta tha,par uski ye soch use khud hi tab galat lagi jab ravi apne bhai ki shadi ke liye 10 dino ke liye Panchmahal chala gaya.reema ke liye vo 10 din bade mushkil the.uska mood ukhra-2 rahne laga,vo ravi ko itna miss karegi usne socha bhi na tha.

us raat bistar pe karwaten badalte usne socha ki kya sachmuch vo ravi ko dost se kuchh zyada samajhne lagi thi.ravi aaj savera vapas aa gaya tha.usne fone kiya to reema ne milne ki baat ki par usne kaam me busy hone ki baat kah kar mana kar diya & parso milne ko kaha.par usi din reema apne hospital ki bus me baki nurso ke sath kisi training program ke liye ja rahi thi jab usne central market ke paas ravi ko kisi ladki ke sath baat karte dekha.vo ladki baar-2 ravi ka hath pakad rahi thi.

ye dekh kar jaise reema ke tan me aag lag gayi.use us ladki pe bahut gussa aa raha tha.karwat badalte hbue apne is reaction ka karan khojne lagi.kya vo ravi se pyar karne lagi thi?nahi to use us ladki se jalan kyu hui?par kya ye sahi tha.ravi itne amir parivar se tha,kya vo kabhi us jaisi anath ko apnayega?use is dhokhe me nahi rehna chahiye.usne apne dil ko bahut samjhaya ki ravi uske liye nahi hai par dil pe aaj tak kis insan ka zor chala hai!
















आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
































































































































































Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma
हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया
Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator