raj sharma stories राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ
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खिलोना पार्ट--2
जब रवि से वो 2 दिन बाद मिली तो ना चाहते हुए भी उसके दिल की बेताबी & उस लड़की से जलन उसकी बातो मे झलने लगी.,"क्या बात है,रीमा?आज इतने खराब मूड मे क्यू हो,सब ठीक तो है?"
"सब ठीक है.तुम्हे मेरे मूड से क्या?तुम तो जब मर्ज़ी हो मिलो जब मर्ज़ी हो मना कर दो."
"अरे मैने कब मना किया मिलने से?"
"परसो नही किया?सेंट्रल मार्केट घूमने का टाइम था पर मुझसे मिलने का नही.10 दीनो से तुम्हारी राह देख रही थी & तुम्हारे पास तो टाइम ही नही था ना!"
"अरे उस दिन तो मैं अपना प्रॉजेक्ट टाइप करवाने वाहा गया था.पूरा दिन प्रॉजेक्ट प्रिपेर कर सब्मिट करने मे लग गया."
"अच्छा!अपनी गर्लफ्रेंड के साथ घूम रहे थे तुम.मुझे बटन नही चाहते तो मत बताओ पर झूठ तो मत बोलो!"
"गर्लफ्रेंड?..",रवि ने हैरत से देखा.फिर जैसे उसे कुच्छ याद आया,"अच्छा!वो...निकी...मेरी गर्लफ्रेंड...हा...हा..हा!"रवि ज़ोर से हँसने लगा.रीमा उसे कुछ गुस्से,कुछ हैरत से देख रही थी.
"वो निकी है मेरी बचपन & मेरी प्रॉजेक्ट पार्ट्नर & उसका ऑलरेडी बाय्फ्रेंड है-विवेक.तुम भी ना,रीमा!",रवि ने अपनी हँसी पे काबू किया.
रीमा को अपनी बेवकूफी पे बड़ी शर्म & गुस्सा आया.,"सॉरी..वो मैं..."
"कोई बात नही?",चलो कोक पीते हैं."
"..तो तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है,रवि?",रीमा ने स्ट्रॉ से कोक का घूँट भरा.
नही...पर 1 लड़की है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है."
"अच्छा...कौन है?",रीमा का दिल धड़कने लगा.
"है कोई.बताऊँगा तुम्हे जब उस से दिल की बात कहूँगा & मान गयी तो मिलवाऊंगा भी.अब छ्चोड़ो ये बातें चलो कुच्छ खाते हैं."
रवि से अगली मुलाकात 2 दिन बाद हुई & इन 2 दीनो रीमा यही सोचती रही कि रवि किस लड़की के बारे मे बात कर रहा था.उस दिन रवि ने उसे उसके मन मे चल रहे इस सवाल का जवाब भी दे दिया.
उस दिन दोनो उस पार्क मे घूमते हुए 1 थोड़े शांत हिस्से मे आ गये थे.
"रीमा."
"ह्म्म."
"तुम अपने जज़्बात चेहरे पे नही आने देती,सब अपने दिल मे दबा के रखती हो.अभी मैं तुमसे कुच्छ पूच्हूंगा तो उसका जवाब फ़ौरन देना,बात बुरी लगे तो मुझे 1 चांटा रसीद कर देना पर कोई ना कोई रिक्षन तुरंत देना प्लीज़!"
"रवि,क्या कह रहे हो?मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा."
"रीमा,आज तक मैं तुम्हारे जैसी लड़की से नही मिला.तुम्हारे साथ बातें करने,वक़्त बिताने मे मुझा कितना सुकून मिलता है,तुम सोच भी नही सकती.अब तो तुम्हारे बिना ज़िंदगी के तो अब मैं सोच भी नही सकता.मैं तुमसे प्यार करने लगा हू,रीमा & अपनी सारी ज़िंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हू.क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगी?,रवि ने उसके दोनो हाथ अपने हाथो मे ले उसकी आँखो मे झाँकते हुए पूचछा.
रीमा के माथे पे पसीना छल्छला आया & दिल ज़ोरो से धड़कने लगा.वो भी तो यही चाहती थी तो अब बोल क्यू नही पा रही थी..."रवि...मैं..."
"बोलो ना,रीमा!"
"तुम...इतने...अच्छे परिवार से हो....तुम्हारे पिता मानेंगे?"
"इसका मतलब तुम हा कह रही हो."
शर्म से रीमा के गाल लाल हो गये.
"1 बार बोलो रीमा.जब तक तुम जवाब नही दोगि मेरे दिल को चैन नही पड़ेगा."
"हा.",रीमा ने सर झुका कर धीरे से कहा.
रवि ने उसका चेहरा अपने हाथो मे भर कर उपर किया तो उसने शर्म से आँखे बंद कर ली.रवि ने उसका माथा चूम उसे बाहों मे भरा तो वो भी उस से लिपट गयी.
पर रीमा का डर सच साबित हुआ,रवि के पिता दोनो की शादी के लिए नही माने.रीमा से प्यार के इज़हार के कोई 6 महीने बाद रवि की नौकरी मेट्रोपोलिटन बॅंक के लोन्स डिविषन मे लग गयी तो उसने अपने पिता को रीमा के बारे मे बताया था पर उन्होने उसे साफ कह दिया कि या तो वो रीमा को चुने या उनको.रवि ने रीमा को चुना.
रीमा चाहती तो नही थी की उसके कारण रवि को अपने पिता से दूर होना पड़ा पर रवि नही माना,उसने बॅंगलुर मे अपनी पहली पोस्टिंग जाय्न करने के 1 महीने के अंदर ही रीमा से कोर्ट मे शादी कर ली.शादी मे उनके सभी दोस्त & मौसी शामिल हुए थे.वो रीमा की ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था.
शवर बंद कर तौलिए से अपना बदन पोंच्छ रीमा ने टवल को अपने जिस्म पे लपेटा & बाहर अपने बेडरूम मे आ गयी.कमर तक लहराते काले,घने बालों से घिरा उसका चेहरा जिसपे दो काली-2,बड़ी-2 आँखें चमक रही थी,कुच्छ ज़्यादा ही सुंदर लग रहा था.उसके दिल की खुशी ने उसके रूप को और भी निखार दिया था.
शीशे के सामने खड़ी हो रीमा ने तौलिया हटा दिया & उसमे अपने नंगे जिस्म को निहारने लगी.उसने गौर किया था की शादी के बाद उसमे 2 बड़े बदलाव आए थे.पहला तो ये की वो अब थोड़ा और खुल कर बात करती थी & हँसती थी.अपने दिल मे अपने जज़्बात दबाना तो वो अब भूल सी गयी थी.और दूसरा ये की उसका साइज़ 2 इंच बढ़ गया था.
ये रवि की मेहेरबानी थी,हर रात उसके साथ वो कमसे कम 2 बार उसे चोद्ता था.रीमा का 32-26-34 फिगर अब 34-28-36 हो गया था.वो शुरू से ही 1 भरे शरीर की मलिका थी,और अब तो उसका जिस्म और भी नशीला हो गया था.शीशे मे देखते हुए वो अपने शफ्फाक़ गोरे जिस्म पे हाथ फेरने लगी.
उसकी 34द साइज़ की चूचिया बिल्कुल कसी हुई थी & उनपे 2 गुलाबी रंग के निपल्स चमक रहे थे.जब भी वो ब्रा खरीदने जाती रवि कहता कि उसे ब्रा की ज़रूरत ही नही है,उसकी चुचियाँ तो ऐसे ही इतनी कसी हुई हैं.बिल्कुल सच कहना था रवि का.केवल चुचियाँ ही नही रीमा का पूरा जिस्म एकद्ूम कसा हुआ था.उसके हाथ उसके सीने से नीचे उसके सपाट पेट से फिसलते हुए उसकी गहरी नाभि पे आ गये,और वाहा से उसकी कमर पे.
रीमा ने नीचे का बदन घुमा कर अपनी भारी गंद को शीशे की ओर किया.उसकी गंद रवि को बहुत पसंद थी & चुदाई के अलावा भी वो उसे सहलाने या दबाने का कोई मौका नही छ्चोड़ता था.कभी-2 वो जब मार्केट या किसी और पब्लिक प्लेस मे उसकी गंद को लोगो की नज़र बचा सहला देता तो उसके गाल शर्म से लाल हो जाते.
उसने बदन सीधा कर अपनी भारी जाँघो को देखा & फिर उसकी नज़र गयी उनके बीच उसकी प्यारी,गुलाबी,चिकनी चूत पे जिसपे 1 बॉल भी नही था.1 साल से वो रोज़ रात को रवि से चुदती थी,बस इधर पिच्छाले एक-आध महीने से ये सिलसिला थोड़ा गड़बड़ा गया था & वो रोज़ के बजाय 2-3 दीनो मे 1 बार उसकी चुदाई करने लगा था.पता नही कौन सी बात उसे परेशान कर रही थी.रीमा ने सोच लिया था कि वो रवि से इस बात का कारण पुच्छ के रहेगी.
ख़यालो मे डूबे हुए कब उसका हाथ उसकी चूत को सहलाने लगा,उसे पता ही ना चला.जब होश आया तो उसे खुद की इस हरकत पे शर्म भी आई & हँसी भी.उसे अपनी सुहग्रात याद आ गयी,जब वो पहली बार रवि के साथ हुमबईस्तर हुई थी.वो अब गरम होने लगी थी.
वो वैसी ही नंगी अपने बिस्तर पे लेट गयी,उसका हाथ अभी भी उसकी चूत सहला रहा था & रीमा अपनी सुहग्रात की यादों मे खो गयी.रवि के दोस्तो ने उन दोनो के लिए लोनवाला के 1 होटेल मे 5 दीनो के लिए कमरा बुक करा दिया था & कोर्ट मे शादी करते ही दोनो वाहा के लिए निकल पड़े & शाम ढले पहुँच गये.
रवि तो टॅक्सी मे ही बेसबरा हुआ जा रहा था.पूरे रास्ते उसने रीमा को अपने से सताए रखा & हर थोड़ी देर पे चूम लेता.रीमा को टॅक्सी ड्राइवर की मौजूदगी मे शर्म आ रही थी & वो रवि को रोक रही था पर वो कहा सुनने वाला था.उसकी हर्कतो से वो भी थोड़ा मस्त हो गयी थी.
होटेल के कमरे मे पहुँचते ही रवि ने उसे बाहो मे भर लिया & लगा चूमने.रीमा ने भी उसके गले मे बाहें डाल दी & उसकी किस का जवाब देने लगी.दोनो काफ़ी देर तक 1 दूसरे के होंठो के चूमते हुए 1 दूसरे की जीभ से खेलते रहे.रवि ने उसके होटो को छ्चोड़ उसकी गर्दन का रुख़ किया & पागलो की तरह चूमने लगा.
"ऊओ...रवि....इतने बेसबरा क्यू हो रहे हो?मैं कही भागी थोड़े जा रही हू...आहह...!
"अब मुझ से सब्र नही हो सकता,मेरी जान!",रवि उसे लिए-दिए बिस्तर पे गिर गया.दोनो हंसते हुए बिस्तर पे लेटे फिर एक दूसरे के होटो का रस चखने लगे.रीमा चित लेटी थी & रवि उसके उपर झुका उसे चूम रहा था.
रवि उसके होटो को छ्चोड़ थोड़ी देर तक उसके चेहरे को चूमता रहा,उसने उसके कानो के झुमके हटा उनपे हल्के से काट लिया तो रीमा की मज़े से आह निकल गयी.उसकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी.अब रवि उसकी गर्दन चूम रहा था & उसके सीने से उसका आँचल हटा रहा था.रीमा की धड़कने तेज़ हो गयी.उसने अभी तक रवि को चूमने से ज़्यादा कुच्छ नही करने दिया था.शादी से पहले 1 बार रवि जोश मे उसकी छाती दबा बैठा था वो बहुत नाराज़ हो गयी थी.ऐसा नही था की उसे अच्छा नही लगा था पर वो इस के लिए तैय्यार नही थी.उसे मनाने मे रवि को 4 दिन लग गये थे.
पर आज की बात और थी,आज तो वो खुद अपने आशिक़ की बाहो मे पिघल कर उसके जिस्म को अपने जिस्म मे खोने देना चाहती थी.रवि उसका आँचल सरका उसके क्लीवेज को चूम रहा था,उसकी पलके मूंद गयी & वो आहें भरने लगी.रवि ने चूमते हुए उसके ब्लाउस के हुक्स खोल दिए,अब उसके सामने लाल रंग के लेस ब्रा मे क़ैद उसकी छातिया उसकी तेज़ सांसो की वजह से उपर नीचे हो रहा था.
रवि ब्रा के उपर से ही उन्हे चूमने लगा & चूमते हुए नीचे उसके पेट पे आ गया.उसकी ज़ुबान उसके चिकने पेट पे से फिसलती उसकी नाभि पे आ गयी & उसकी गहराई नापने लगी.रीमा पागल हो गयी & रवि के बालो को कस के पकड़ लिया & अपनी जांघे रगड़ने लगी.उसकी चूत पानी छ्चोड़ रही थी.आज जैसा उसे पहले कभी भी महसूस नही हुआ था.शादी से पहले जब भी वो रवि से मिलती तो दोनो 1 दूसरे को बाहों मे भर बहुत किस्सिंग करते & हुमेशा उसकी चूत गीली हो जाती थी.पिच्छले कुच्छ महीनो से रात को सोने से पहले वो अपनी चूत को अपनी उंगली से शांत करने लगी थी पर उसे आज जैसा एहसास कभी नही हुआ था.
रवि उसकी नाभि चूमते हुए 1 हाथ से सारी के उपर से ही उसकी जांघे सहला रहा था.सहलाते हुए उसका हाथ उसके पैरो तक चला गया & उसकी सारी उठाने की कोशिश करने लगा तो रीमा उठा बैठी & उसका हाथ वाहा से हटाने लगी,"..नही...प्लीज़..रवि.."
रवि ने उठा कर बैठे हुए ही उसे गले से लगा लिया & उसके गालो को चूमने लगा,"ओह्ह...रीमा..मुझे तो यकीन ही नही हो रहा की तुम मेरी हो गयी हो.",रवि ने उसकी कमर पे हाथ फिरते हुए उसके ढीले ब्लाउस मे हाथ घुसा दिया & पीठ पे फेरने लगा.
जवाब मे रीमा उसके होटो को चूमने लगी.रवि ने चूमते हुए ही उसका ब्लाउस उतार दिया & उसे अपने सीने से भींच कर उसके गले को चूमने लगा.रीमा को चूत मे अजीब सा लग रहा था,उसका दिल जैसे भर आया था,वो बेचैनी मे अपनी जाँघो मे अपनी चूत को भींच रही थी.रवि ने उसके ब्रा स्ट्रॅप्स उसके कंधो से सरका दिए और उसके कंधो को चूमने लगा,फिर उसने ब्रा स्ट्रॅप्स को उसके हाथो से भी निकाल दिया. अब ऐसा लग रहा था जैसे रीमा स्ट्रेप्लेस्स ब्रा पहने हो.
दोनो 1 दूसरे से लिपटे हुए पागलो की तरह 1 दूसरे को चूमने लगे,रवि उसकी पीठ पे तेज़ी से हाथ फेर रहा था & फेरते हुए उसने उसके ब्रा के हुक्स खोल दिए.अब ब्रा दोनो के जिस्मो के बीच रीमा की चुचियाँ ढँके बस अटका हुआ था.
"इसे हटा दू?.",रवि ने उसकी थोड़ी चूम ली.
"ना."
"क्यू?"
"बस ऐसे ही."
"मैं तो हताउन्गा."
रीमा ने शर्म से आँखे बंद कर ली,ये पहला मौका था जब वो किसी मर्द के सामने अपनी चूचिया नंगी कर रही थी.रवि ने उसे अपने से थोड़ा दूर किया तो ब्रा नीचे उनकी गोद मे गिर गया,रवि ने उसे उठा कर उच्छाल दिया.
"ओह्ह..रीमा मैने जैसा सोचा था ये तो उस से भी कही ज़्यादा खूबसूरत हैं.",रवि उसके सीने पे झुक गया & 1 चूची को अपने मुँह मे भर लिया.रीमा के बदन मे करेंट दौड़ गया,साथ ही अपनी तारीफ सुन उसे बहुत अच्छा लगा.उसका बदन जैसे टूट रहा था,वो बिस्तर पे लेट गयी तो रवि इतमीनान से उसकी चूचिया चूसने लगा.उसने जी भर कर उन्हे अपने हाथो से सहालाया,दबाया & मसला & अपने होटो से उसके निपल्स को चूसा.
जब उसने उसके 1 निपल को अपनी उंगलियो मे मसलकर दूसरे को मुँह मे भर कर ज़ोर से चूसा तो रीमा की चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.वो अपने हाथो पहले भी झड़ी थी पर आज जैसा उसने कभी महसूस नही किया था.उसने रवि का सर अपने सीने से अलग किया & करवट ले सूबकने लगी.रवि ने अपनी शर्ट उतारी & पीछे से उस से आ लगा & उसकी बाहें सहलाता उसके बाल चूमने लगा.
रीमा शांत हुई तो वो खुद ही घूम कर उसकी बाहों मे आ गयी & उसके सीने पे सर रख दिया.रवि ने 1 बाँह से उसे घेर उसके बालों मे उंगलिया फिराने लगा & दूसरे से उसकी कमर.रीमा उसके सीने पे हल्के-2 चूम रही थी.रवि ने उसके सर को अपने हाथ से अपने निपल की तरफ किया तो वो उसका इशारा समझ गयी.वो उठ कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराइ & फिर झुक कर उसके सीने पे चूमते हुए उसके निप्प्लेस्को वैसे ही चूसने लगी जैसे थोड़ी देर पहले रवि ने उसके निपल्स को चूसा था.
रवि जोश मे उसके सर को अपने सीने पे दबाने लगा.रीमा थोड़ी देर तक उसके निपल्स से खेलती रही,फिर चूमते हुए नीचे उसके पेट पे आ गयी,थोडा और नीचे हुई तो रवि ने कहा,"मेरी पॅंट खोल दो."
"धात.",रीमा ने शर्मा कर उपर आ उसके सीने पे अपनी भारी चूचिया दबा उसकी गर्दन मे अपना मुँह च्छूपा लिया.
"ना अपने कपड़े खुद खोलती हो ना मेरे,सारे काम मैं ही करूँगा क्या!",वो हाथ नीचे ले जा कर सारी के उपर से ही उसकी मस्त गंद सहलाने लगा.रीमा उसकी इस हरकत से कसमसने लगी.
"हा,ऐसे गंदे काम तुम ही करो."
"ये गंदे काम हैं?तो अभी थोड़ी देर पहले इतना मज़ा किसे आया था,मुझे?",रीमा ने बनावटी गुस्से से उठ कर उसकी छाती पे 1 मुक्का लगाया.ऐसा करने से उसकी चूचिया रवि की नज़रो के सामने आ गयी थी.उसने उसे बाहो मे भर पलट कर अपने नीचे ले लिया & उसकी चूचियाँ चूमने,चूसने लगा.रीमा फिर से मस्ती के सागर मे डूबने लगी.
रवि उठा & उसने अपनी पॅंट उतार दी.रीमा ने अधखुली आँखो से देखा तो पाया कि रवि केवल अंडरवेर मे उसके सामने था & अंडरवेर बहुत फूला हुआ था.उसने शर्म से आँखे बंद कर ली.रवि झुक कर उसके पैरो को चूमने लगा तो रीमा उसका इरादा भाँप गयी,वो फिर खुद उसे रोकने ही वाली थी की रवि ने 1 झटके मे उसकी सारी उसकी कमर तक उठा दी.
"हाई राम!ये क्या कर रहे हो?",रीमा उठा कर अपनी सारी नीचे करने लगी तो रवि ने उसके हाथ पकड़ कर उसे नीचे लिटा दिया & उसके 1 हाथ को अपने होटो से लगा लिया,फिर उसने उसकी कलईओं से चूड़िया उतार दी & 1-1 करके उसकी दोनो बाहो को चूमा.रीमा और मस्त हो गयी.
रवि उठा & उसकी कमर मे हाथ डाल उसकी सारी &पेटिकोट निकालने लगा.रीमा ने उसे रोकने की नाकाम कोशिश की.थोड़ी ही देर मे वो केवल लाल रंग के लेस पॅंटी मे रवि के सामने थी.रवि ने देखा की उसकी पॅंटी पे 1 गोल धब्बा पड़ा हुआ है & वो उसकी चूत से चिपकी हुई सी है.उसने झुक कर हल्के से उस धब्बे पेचुमा तो रीमा सिहर गयी.रवि नीचे गया & उसके पैरो को चूमता,सहलाता उपर आने लगा.
उसके घुटनो तक पहुँचते ही उसकी किस्सस बड़ी गहरी हो गयी & जाँघो तक पहुँचते ही तो वो किस्सस नही रह गयी बल्कि चूसा हो गयी.वो उसकी भारी जाँघो को इतनी ज़ोर से चूम रहा था कि उनपर निशान छूटने लगे.रीमा इस जोश से बेचैन हो उसकी गिरफ़्त से छूटने के लिए करवट लेने लगी तो उसने उसे पेट के बल लिटा दिया & उसकी पीठ चूमते हुए नीचे उसकी कमर पे आ गया.
कमरे मे रीमा की आँहे तेज़ हो गयी.रवि ने अपने अंगूठे उसकी दोनो तरफ पॅंटी के वेस्ट बंद मे फँसाए & उसे नीचे उतार दिया.उसकी मस्त कसी गांद उसके सामने थी.वो उसपे टूट पड़ा.उसने जम के उसकी गंद की फांको चाता & चूमा & फिर रीमा को पलट उसकी चूत को अपने सामने कर लिया.
रीमा की साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी.रवि ने उसकी जांघे फैलाई & अपने होठ उसकी गीली चूत पे रख दिए तो रीमा का बदन सनसना उठा.रवि अपनी जीभ से उसकी चूत से बहता रस चाटने लगा & उसकी चूत की गहराइयाँ नापने लगा.रीमा की कमर अपने-आप हिलने लगी & उसने अपने हाथों से रवि का सर पकड़ उसे अपनी चूत पे और दबा दिया.रवि ने उसकी जंघे अपने कंधो पे चढ़ा दी तो वो उसकेसर को अपनी जाँघो मे भींचने लगी.रवि के हाथ उपर चले गये & उसकी छातियो का मज़ा लेने लगे.
पता नही रीमा कितनी बार झड़ी.जब उसे थोड़ा होश आया तो उसने अपनी पलके खोली तो देखा की रवि अपना अंडरवेर उतार रहा है.वो उसकी टांगे फैला उनके बीच अपने घुटनो पे बैठ गया.उसका 5 1/2 इंच लंबा लंड उसके सामने था.रीमा उस से अपनी नज़रे हटा नही पा रही थी.लंड के मत्थे पे कुच्छ पानी सा चमक रहा था.रवि ने उसकी पॅंटी उठाई & उस से उस पानी को सॉफ कर दिया.फिर उसने 1 पॅकेट खोल 1 कॉंडम निकाला & उसे अपने लंड पे चढ़ा लिया.
रीमा को थोडा डर भी लग रहा था पर उसे इसका इंतेज़ार भी था.आज उसका आशिक़ जिसपे वो जान छिदक्ति थी उसका कुँवारापन ख़त्म कर उसे कली से फूल बनाने वाला था.रवि ने पहले 1 कुशन उसकी गंद के नीचे लगाया,फिर उसके घुटने मोड & अपने घुटनो पे बैठे हुए ही उसकी चूत पे लंड रख धक्का लगाया पर लंड अंदर नही गया.रीमा की चूत बहुत टाइट थी.रवि ने 1 हाथ की उंगलियो से उसकी चूत की दरार को फैलाया & फिर दुसररे हाथ से लंड पकड़ उसे अंदर ठेला,इस बार लंड 1 इंच तक अंदर चला गया.
अब रवि उसके घुटने पकड़ धक्के मार लंड & अंदर डालने की कोशिश करने लगा पर जैसे चूत के अंदर उसके लंड को कुच्छ रोक रहा था.
"आह...रवि...रुक जाओ..इसे बाहर निकाल लो मुझे दर्द हो रहा है."
"अभी ठीक हो जाएगा,रीमा.घबराओ मत.बस थोड़ी देर की बात है.",इस बार रवि ने इतनी ज़ोर का धक्का मारा की लंड जड़ तक उसकी चूत मे समा गया & वो दर्द से चिल्ला पड़ी,"एयेए....अहह.......ना...ह्हियी..!",उसका बदन कमान की तरह मूड गया & चेहरे पे दर्द की लकीरे खींच गयी & आँख से आँसू निकल पड़े.
रवि उसके उपर लेट गया & उसके आँसू अपने होटो से सॉफ कर उसके चेहरे को चूमने लगा,"बस रीमा...बस...अब दर्द नही होगा....",थोड़ी देर तक वो उसको चूमता रहा.
"अब तो दर्द नही हो रहा?"
"नही."
रवि धीरे-2 अपनी कमर हिलाने लगा.थोड़ी देर तक रीमा उसके नीचे शांत पड़ी रही पर फिर उसकी चूत मे अंदर-बाहर होते लंड ने उसकी मस्ती बढ़ानी शुरू कर दिया तो वो भी धीमे-2 अपनी कमर हिलाने लगी.रवि ने उसके होठ चूमे तो उसने भी जवाब मे अपनी जीभ उसके मुँह मे डाल दी.रवि जोश मे आ गया & अपने धक्के तेज़ कर दिए,बहुत देर से उसने अपने उपर काबू रखा था & अब वो बस अपनी नयी दुल्हन के अंदर झड़ना चाहता था.
रीमा भी इस नये एहसास सेगरम हो गयी थी उसने रवि को अपनी बाहो मे कस लिया & अपने नाख़ून उसकी पीठ मे गाड़ने लगी,अपनी टांगे उसने उसकी कमर पे लपेट दी जैसे कि चाहती हो कि उसका लंड उसके और अंदर तक चला जाए.
"श...हह...तुम्हारी चूत कितनी टाइट है,रीमा......कितना मज़ा आ रहा है....",उसने अपने होठ उसकी चूचियों से लगा दिए,"...और तुम्हारी...चा...ती..यान्न....कितनी मस्त & बड़ी हैं..."
रीमा उसके मुँह से ऐसी बातें सुन और मस्त हो गयी.उसे अपने उपर हैरत भी हुई की ऐसी बातें सुन उसे शर्म नही आ रही थी बल्कि मज़ा आ रहा था.
"जान,तुम्हे कैसा लग रहा है? बताओ ना.",रवि ने उसके निपल को दाँत से हल्के से काट लिया.
"बहुत अच्छा लग रा...है रवि...आ....अहह.....दिल कर रहा है बस यू ही तुम...हरी बा...हो...मे पड़ी तुमसे प्यार करवाती राहु...ऊओह..!"
उसकी बातें सुन रवि ने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी थी.,"प्यार नही,जान इसका नाम कुच्छ और है. वो बोलो,तुम मुझसे क्या करवा रही हो?"
"मुझे नही पता नाम-वाम.",रीमा को उस हाल मे भी शर्म आ गयी.
"चुदाई मेरी रानी,बोलो कि तुम मुझसे चूड़ना चाहती हो."
"नही."
"प्लीज़ बोलो ना."
"ना,मुझे शर्म आती है."
"ठीक है.फिर मैं इसे बाहर निकाल लेता हू.",रवि ने लगभग पूरा लंड उसकी चूत से खींच लिया,बस 1/2 इंच लंड अंदर था.
रीमा तड़प उठी & कमर उचका लंड को चूत के अंदर & अपनी बाहो से उसके जिस्म को अपने उपर लेने की नाकाम कोशिश करने लगी.
"पहले बोलो की तुम मुझसे चुदना चाहती हो & मेरा लंड अपनी चूत के अंदर चाहती हो."
रीमा को तो बस वो लंड अपने अंदर चाहिए था,वो अपनी शर्म भूल गयी,"मैं तुमसे चुदना चाहती हू, रवि.प्लीज़ डालो अपना लंड मेरी चूत मे & चोदो मुझे,प्लीज़!"
सुनते ही रवि ने 1 झटके मे ही पूरा लंड उसकी चूत मे पेल दिया,"लो मेरी जान.ये लो.."
कमरे मे दोनो की आनहो का शोर भर गया.रवि पागलो की तरह धक्के लगा रहा था & रीमा भी बेकाबू होकर अपनी कमर हिला धक्को का जवाब दे रही थी.
"रीमा,मैं झड़ने वाला हू."
"बस थोड़ी देर और रवि...आ...अहहह.....हहाअ.....आआआआण्ण्ण्ण्ण...!",रीमा के झाड़ते ही रवि ने भी 2-3 धक्के & लगाए & झाड़ गया.वो उसके सीने पे गिर गया & दोनो अपनी तेज़ सांसो को संभालने लगे.
KHILONA paart--2
Jab Ravi se vo 2 din baad mili to na chahte hue bhi uske dil ki betabi & us ladki se jalan uski baato me jhalane lagi.,"kya baat hai,Reema?aaj itne kharab mood me kyu ho,sab thik to hai?"
"sab thik hai.tumhe mere mood se kya?tum to jab marzi ho milo jab marzi ho mana kar do."
"are maine kab mana kiya milne se?"
"parso nahi kiya?central market ghumne ka time tha par mujhse milne ka nahi.10 dino se tumhari raah dekh rahi thi & tumhare paas to time hi nahi tha na!"
"are us din to main apna project type karwane vaha gaya tha.pura din project prepare kar submit karne me lag gaya."
"achha!apni girlfriend ke sath ghum rahe the tum.mujhe batan nahi chahte to mat batao par jhuth to mat bolo!"
"girlfriend?..",ravi ne hairat se dekha.fir jaise use kuchh yaad aya,"achha!vo...niki...meri girlfriend...ha...ha..ha!"ravi zor se hansne laga.reema use kuch gusse,kuch hairat se dekh rahi thi.
"vo niki hai meri batchmate & meri project partner & uska already boyfriend hai-vivek.tum bhi na,reema!",ravi ne apni hansi pe kabu kiya.
reema ko apni bevkufi pe badi sharm & gussa aya.,"sorry..vo main..."
"koi baat nahi?",chalo coke peete hain."
"..to tumhari koi girlfriend nahi hai,ravi?",reema ne straw se coke ka ghunt bhara.
nahi...par 1 ladki hai jo mujhe bahut achhi lagti hai."
"achha...kaun hai?",reema ka dil dhadakne laga.
"hai koi.bataoonga tumhe jab us se dil ki baat kahunga & maan gayi to milwaoonga bhi.ab chhodo ye baaten chalo kuchh khate hain."
Ravi se agli mulakat 2 din baad hui & in 2 dino reema yehi sochti rahi ki ravi kis ladki ke bare me baat kar raha tha.us din ravi ne use uske man me chal rahe is sawal ka jawab bhi de diya.
us din dono us park me ghumte hue 1 thode shant hisse me aa gaye the.
"reema."
"hmm."
"tum apne jazbat chehre pe nahi aane deti,sab apne dil me daba ke rakhti ho.abhi main tumse kuchh poochhunga to uska jawab fauran dena,baat buri lage to mujhe 1 chanta rasid kar dena par koi na koi reaction turant dena please!"
"ravi,kya kah rahe ho?mujhe kuchh samajh nahi aa raha."
"reema,aaj tak main tumhare jaisi ladki se nahi mila.tumhare sath baaten karne,waqt bitane me mujha kitna sukun milta hai,tum soch bhi nahi sakti.ab to tumhare bina zindagi ki to ab main soch bhi nahi sakta.main tumse pyar karne laga hu,reema & apni sari zindagi tumhare sath bitana chahta hu.kya tum meri zindagi ka hissa banogi?,ravi ne uske dono hath apne hatho me le uski aankho me jhankte hue poochha.
reema ke mathe pe paseena chhalchhala aya & dil zoro se dhadakne laga.vo bhi to yehi chahti thi to ab bol kyu nahi pa rahi thi..."ravi...main..."
"bolo na,reema!"
"tum...itne...achhe parivar se ho....tumhare pita maanenge?"
"iska matlab tum haa kah rahi ho."
sharm se reema ke gaal laal ho gaye.
"1 baar bolo reema.jab tak tum jawab nahi dogi mere dil ko chain nahi padega."
"haa.",reema ne sar jhuka kar dheere se kaha.
ravi ne uska chehra apne hatho me bhar kar upar kiya to usne sharm se aankhe band kar li.ravi ne uska matha chum use bahon me bhara to vo bhi us se lipat gayi.
Par Reema ka darr sach sabit hua,ravi ke pita dono ki shadi ke liye nahi mane.reema se pyar ke izhar ke koi 6 mahine baad ravi ki naukri Metropolitan Bank ke loans division me lag gayi to usne apne pita ko reema ke bare me bataya tha par unhone use saf keh diya ki ya to vo reema ko chune ya unko.ravi ne reema ko chuna.
reema chahti to nahi thi ki uske karan ravi ko apne pita se door hona pada par ravi nahi maana,usne bangalore me apni pehli posting join karne ke 1 mahine ke andar hi reema se court me shadi kar li.shadi me unke sabhi dost & mausi shamil hue the.vo reema ki zindagi ka sabse khubsurat din tha.
shower band kar tauliye se apna badan ponchh reema ne towel ko apne jism pe lapeta & bahar apne bedroom me aa gayi.kamar tak lehrate kale,ghane baalon se ghira uska chehra jispe do kali-2,badi-2 ankhen chamak rahi thi,kuchh zyada hi sundar lag raha tha.uske dil ki khushi ne uske roop ko aur bhi nikhar diya tha.
sheeshe ke samne khadi ho reema ne tauliya hata diya & usme apne nange jism ko niharne lagi.usne gaur kiya tha ki shadi ke baad usme 2 bade badlaav aaye the.pehla to ye ki vo ab thoda aur khul kar baat karti thi & hansti thi.apne dil me apne jazbat daban to vo ab bhul si gayi thi.aur dusra ye ki uska size 2 inch badh gaya tha.
ye ravi ki meherbani thi,har raat uske sath vo kamse kam 2 bar use chodta tha.reema ka 32-26-34 figure ab 34-28-36 ho gaya tha.vo shure se hi 1 bhare sharir ki malika thi,aur ba to uska jism aur bhi nashila ho gaya tha.sheeshe me dekhte hue vo apne shaffaq gore jism pe hath ferne lagi.
uski 34d size ki chhatiyan bilkul kasi hui thi & unpe 2 gulabi rang ke nipples chamak rahe the.jab bhi vo bra kharidne jati ravi kehta ki use bra ki zarurat hi nahi hai,uski chuchiyaan to aise hi itni kasi hui hain.bilkul sach kehna tha ravi ka.kewal chuchiyan hi nahi reema ka pura jism ekdum kasa hua tha.uske hath uske seene se neeche uske sapat pet se fisalte hue uski gehri nabhi pe aa gaye,aur vaha se uski kamar pe.
reema ne neeche ka badan ghuma kar apni bhari gand ko sheeshe ki or kiya.uski gand ravi ko bahut pasand thi & chudai ke alawe bhi vo use sehlane ya dabane ka koi mauka nahi chhodta tha.kabhi-2 vo jab market ya kisi aur public place me uski gand ko logo ki nazar bacha sehla deta to uske gaal sharm se laal ho jate.
usne badan seedha kar apni bhari jangho ko dekha & fir uski nazar gayi unke beech uski pyari,gulabi,chikni chut pe jispe 1 baal bhi nahi tha.1 saal se vo roz raat ko ravi se chudti thi,bas idhar pichhale ek-aadh mahine se ye silsila thoda gadbada gaya tha & vo roz ke bajay 2-3 dino me 1 baar uski chudai karne laga tha.pata nahi kaun si baat use pareshan kar rahi thi.reema ne soch liya tha ki vo ravi se is baat ka karn puchh ke rahegi.
khayalo me dube hue kab uska hath uski chut ko sehlane laga,use pata hi na chala.jab hosh aaya to use khud ki is harkat pe sharm bhi aayi & hansi bhi.use apni suhagraat yaad aa gayi,jab vo pehli baar ravi ke sath humbistar hui thi.vo ab garam hone lagi thi.
vo vaisi hi nangi apne bistar pe let gayi,uska hath abhi bhi uski chut sehla raha tha & reema apni suhagraat ki yadon me kho gayi.ravi ke dosto ne un dono ke liye lonavala ke 1 hotel me 5 dino ke liye kamra book kara diya tha & court me shadi karte hi dono vaha ke liye nikal pade & sham dhale pahunch gaye.
ravi to taxi me hi besabra hua ja raha tha.pure raste usne reema ko apne se sataye rakha & har thodi der pe chum leta.reema ko taxi driver ki maujudgi me sharm aa rahi thi & vo ravi ko rok rahi tha par vo kaha sunane wala tha.uski harkato se vo bhi thoda mast ho gayi thi.
hotel ke kamre me pahunchte hi ravi ne use baaho me bhar liya & laga chumne.reema ne bhi uske gale me baahen daal di & uski kiss ka jawab dene lagi.dono kafi der tak 1 dusre ke hotho ke chumte hue 1 dusre ki jibh se khelte rahe.ravi ne uske hotho ko chhod uski gardan ka rukh kiya & paaglo ki tarah chumne laga.
"ooohhh...ravi....itne besabra kyu ho rahe ho?main kahi bhagi thode ja rahi hu...aahhhh...!
"ab mujh se sabra nahi ho sakta,meri jaan!",ravi use liye-diye bistar pe gir gaya.dono hanste hue bistar pe lete fir ek dusre ke hotho ka ras chakhne lage.reema chit leti thi & ravi uske upar jhuka use chum raha tha.
ravi uske hotho ko chhod thodi der tak uske chehre ko chumta raha,usne uske kaano ke jhumke hata unpe halke se kaat liya to reema ki maze se aah nikal gayi.uski chut to puri gili ho chuki thi.ab ravi uski gardan chum raha tha & uske seene se uska aanchal hata raha tha.reema ki dhadkane tez ho gayi.usne abhi tak ravi ko chumne se zyada kuchh nahi karne diya tha.shadi se pehle 1 baar ravi josh me uski chhati daba baitha tha vo bahut naraz ho gayi thi.aisa nahi tha ki use achha nahi laga tha par vo is ke liye taiyyar nahi thi.use manane me ravi ko 4 din lag gaye the.
par aaj ki baat aur thi,aaj to vo khud apne aashiq ki baaho me pighal kar uske jism ko apne jism me khone dena chahti thi.ravi uska aanchal sarka uske cleavage ko chum raha tha,uski palke mund gayi & vo aahen bharne lagi.ravi ne chumte hue uske blouse ke hooks khol diye,ab uske samne laal rang ke lace bra me qaid uski chhatiyaan uski tez saanso ki wajah se upar neeche ho raha tha.
ravi bra ke upar se hi unhe chumne laga & chumte hue neeche uske pet pe aa gaya.uski zubaan uske chikne pet pe se fisalti uski nabhi pe aa gayi & uski gehrayi naapne lagi.reema pagal ho gayi & ravi ke baalo ko kas ke pakad liya & apni jaanghe ragadne lagi.uski chut pani chhod rahi thi.aaj jaisa use pehle kabhi bhi mehsus nahi hua tha.shadi se pehle jabh bhi vo ravi se milti to dono 1 dusre ko baahon me bhar bahut kissing karte & humesha uski chut gili ho jati thi.pichhle kuchh mahino se raat ko sone se pehle vo apni chut ko apni ungli se shant karne lagi thi par use aaj jaisa ehsas kabhi nahi hua tha.
ravi uski nabhi chumte hue 1 hath se sari ke upar se hi uski jaanghe sehla raha tha.sehlate hue uska hath uske pairo tak chala gaya & uski sari uthane ki koshish karne laga to reema utha baithi & uska hath vaha se hatane lagi,"..nahi...please..ravi.."
ravi ne utha kar baithe hue hi use gale se laga liya & uske gaalo ko chumne laga,"ohh...reema..mujhe to yakin hi nahi ho raha ki tum meri ho gayi ho.",ravi ne uski kamar pe hath firate hue uske dheele blouse me hath ghusa diya & pith pe ferne laga.
jawab me reema uske hotho ko chumne lagi.ravi ne chumte hue hi uska blouse utar diya & use apne seene se bheench kar uske gale ko chumne laga.reema ko chut me ajeeb sa lag raha tha,uska dil jaise bhar aaya tha,vo bechaini me apni jaangho me apni chut ko bhinch rahi thi.ravi ne uske bra straps uske kandho se sarka diye aur uske kandho ko chumne laga,fir usne bra straps ko uske hatho se bhi nikal diya. ab aisa lag raha tha jaise reema strapless bra pehne ho.
dono 1 dusre se lipte hue paglo ki tarah 1 dusre ko chumne lage,ravi uski pith pe tezi se hath fer raha tha & ferte hue usne uske bra ke hooks khol diye.ab bra dono ke jismo ke beech reema ki chuchiyan dhanke bas atka hua tha.
"ise hata du?.",ravi ne uski thodi chum li.
"na."
"kyu?"
"bas aise hi."
"main to hatunga."
reema ne sharm se aankhe band kar li,ye pehla mauka tha jab vo kisi mard ke samne apni chhatiyaa nangi kar rahi thi.ravi ne use apne se thoda dur kiya to bra neeche unki god me gir gaya,ravi ne use utha kar uchhal diya.
"ohh..reema maine jaisa socha tha ye to us se bhi kahi zyada khubsurat hain.",ravi uske seene pe jhuk gaya & 1 chhati ko apne munh me bhar liya.reema ke badan me current daud gaya,sath hi apni tareef sun use bahut achha laga.uska badan jaise tut raha tha,vo bistar pe let gayi to ravi itminan se uski chhatiyan chusne laga.usne ji bhar kar unhe apne hatho se sehalaya,dabaya & masla & apne hotho se uske nipples ko chusa.
jab usne uske 1 nipple ko apni ungliyo me masalkar dusre ko munh me bhar kar zor se choosa to reema ki chut ne pani chhod diya.vo apne hatho pehle bhi jhadi thi par aaj jaisa usne kabhi mehsus nahi kiya tha.usne ravi ka sar apne seene se alag kiya & karwat le subakane lagi.ravi ne apni shirt utari & peechhe se us se aa laga & uski baahen sehlata uske bal chumne laga.
reema shant hui to vo khud hi ghum kar uski baahon me aa gayi & uske seene pe sar rakh diya.ravi ne 1 baanh se use gher uske baalon me ungliya firane laga & dusre se uski kamar.reema uske seene pe halke-2 chum rahi thi.ravi ne uske sar ko apne hath se apne nipple ki taraf kiya to vo uska ishara samajh gayi.vo uth kar uski taraf dekh kar muskurayi & fir jhuk kar uske seene pe chumte hue uske nipplesko vaise hi chusne lagi jaise thodi der pehle ravi ne uske nipples ko chusa tha.
ravi josh me uske sar ko apne seene pe dabane laga.reema thodi der tak uske nipples se khelti rahi,fir chumte hue neeche uske pet pe aa gayi,thoda aur neeche hui to ravi ne kaha,"meri pant khol do."
"dhat.",reema ne sharma kar upar a uske seene pe apni bhari chhatiya daba uski gardan me apna munh chhupa liya.
"na apne kapde khud kholti ho na mere,sare kaam main hi karunga kya!",vo hath neeche le ja kar sari ke upar se hi uski mast gand sehlane laga.reema uski is harkat se kasmasane lagi.
"haa,aise gande kaam tum hi karo."
"ye gande kaam hain?to abhi thodi der pehle itna maza kise aaya tha,mujhe?",reema ne banawati gusse se uth kar uski chhati pe 1 mukka lagaya.aisa karne se uski chhatiya ravi ki nazro ke samne a gayi thi.usne use baaho me bhar palat kar apne neeche le liya & uski choochiyan chumne,chusne laga.reema fir se masti ke sagar me dubne lagi.
ravi utha & usne apni pant utar di.reema ne adhkhuli aankho se dekha to paya ki ravi kewal underwear me uske samne tha & underwear bahut phoola hua tha.usne sharm se aankhe band kar li.ravi jhuk kar uske pairo ko chumne laga to reema uska irada bhanp gayi,vo fir kuth use rokne hi wali thi ki ravi ne 1 jhatke me uski sari uski kamar tak utha di.
"hai raam!ye kya kar rahe ho?",reema utha kar apni sari neeche karne lagi to ravi ne uske hath pakad kar use neeche lita diya & uske 1 hath ko apne hotho se laga liya,fir usne uski kalaion se churiyan utar di & 1-1 karke uski dono baaho ko chuma.reema aur mast ho gayi.
ravi utha & uski kamar me hath daal uski sari &petticoat nikalne laga.reema ne use rokne ki nakaam koshish ki.thodi hi der me vo kewal laal rang ke lace panty me ravi ke samne thi.ravi ne dekha ki uski panty pe 1 gol dhabba pada hua hai & vo uski chut se chipki hui si hai.usne jhuk kar halke se us dhabbe pechuma to reema sihar gayi.ravi neeche gaya & uske pairo ko chumta,sehalat upar ane laga.
uske ghutno tak pahunchte hi uski kisses badi gehri ho gayi & jaangho tak pahunchte hi to vo kisses nahi rah gayi balki chusai ho gayi.vo uski bhari jangho ko itni zor se chum raha tha ki unpar nishan chhutne lage.reema is josh se bechain ho uski giraft se chhutne ke liye karwat lene lagi to usne use pet ke bal lita diya & uski pith chumte hue neeche uski kamar pe aa gaya.
kamre me reema ki aanhe tez ho gayi.ravi ne apne anguthe uski dono taraf panty ke waist band me phansaye & use neeche utar diya.uski mast kasi gaand uske samne thi.vo uspe tut pada.usne jam ke uski gand ki phanko chata & chuma & fir reema ko palat uski chut ko apne samne kar liya.
reema ki saanse bahut tez ho gayi thi.ravi ne uski jaanghe failayi & apne hoth uski gili chut pe rakh diye to reema ka badan sansana utha.ravi apni jibh se uski chut se behta ras chatne laga & uski chut ki gehraiyaan naapne laga.reema ki kamar apne-aap hilne lagi & usne apne hathon se ravi ka sar pakad use apni chut pe aur daba diya.ravi ne uski janghe apne kandho pe chadha di to vo uskesar ko apni jangho me bheenchne lagi.ravi ke hath upar chale gaye & uski chhatiyo ka maza lene lage.
pata nahi reema kitni baar jhadi.jab use thoda hosh aaya to usne apni palke kholi to dekha ki ravi apna underwear utar raha hai.vo uski taange phaila unke beech apne ghutno pe baith gaya.uska 5 1/2 inch lamba lund uske samne tha.reema us se apni nazre hata nahi pa rahi thi.lund ke matthe pe kuchh pani sa chamak raha tha.ravi ne uski panty uthai & us se us pani ko saaf kar diya.fir usne 1 packet khol 1 condom nikala & use apne lund pe chadha liya.
reema ko thoda darr bhi lag raha tha par use iska intezar bhi tha.aaj uska aashiq jispe vo jaan chhidakti thi uska kunwarapan khatm kar use kali se phool banane wala tha.ravi ne pehle 1 cushion uski gand ke neeche lagaya,fir uske ghutne mode & apne ghutno pe baithe hue hi uski chut pe lund rakh dhakka lagaya par lund andar nahi gaya.reema ki chut bahut tight thi.ravi ne 1 hath ki ungliyo se uski chut ki darar ko failaya & fir dusrre hath se lund pakad use nadar thela,is bar lund 1 inch tak andar chala gaya.
ab ravi uske ghutne pakad dhakke mar lund & andar dalne ki koshish karne laga par jaise chut ke andar uske lund ko kuchh rok raha tha.
"ah...ravi...ruk jao..ise bahar nikal lo mujhe dard ho raha hai."
"abhi thik ho jayega,reema.ghabrao mat.bas thodi der ki bat hai.",is baar ravi ne itni zor ka dhakka mara ki lund jad tak uski chut me sama gaya & vo dard se chilla padi,"AAA....AHHHHHH.......NA...HHHHII..!",uska badan kaman ki tarah mud gaya & chehre pe dard ki lakeere khinch gayi & aankh se anso nikal pade.
ravi uske upar let gaya & uske aansoo apne hotho se saaf kar uske chehre ko chumne laga,"bas reema...bas...ab dard nahi hoga....",thodi der tak vo usko chumta raha.
"ab to dard nahi ho raha?"
"nahi."
ravi dheere-2 apni kamar hilane laga.thodi der tak reema uske neeche shant padi rahi par fir uski chut me andar-bahar hote lund ne uski masti badhani shuru kar diya to vo bhi dheeme-2 apni kamar hilane lagi.ravi ne uske hoth chume to usne bhi jawab me apni jibh uske munh me dal di.ravi josh me a gaya & apne dhakke tez kar diye,abhut der se usne apne upar kabu rakha tha & ab vo bas apni nayi dulhan ke andar jhadna chahta tha.
reema bhi is naye ehsas segaram ho gayi thi usne ravi ko apni baaho me kas liya & apne nakhun uski pith me gadane lagi,apni taange usne uski kamar pe lapet di jaise ki chahti ho ki uska lund uske aur andar tak chala jaye.
"ohh...hhh...tumhari chut kitni tight hai,reema......kitna maza aa raha hai....",usne apne hoth uski choochiyon se laga diye,"...aur tumhari...chhhaa...ti..yaann....kitni mast & badi hain..."
reema uske munh se aisi baaten sun aur mast ho gayi.use apne upar hairat bhi hui ki aisi baaten sun use sharm nahi aa rahi thi balki maza aa raha tha.
"jaan,tumhe kaisa lag raha hai? batao na.",ravi ne uske nipple ko dant se halke se kaat liya.
"bahut achha lag ra...hai ravi...a....ahhhhhhh.....dil kar raha hai bas yu hi tum...hari ba...ho...me padi tumse pyar karwati rahu...ooohhhh..!"
uski baaten sun ravi ne apni raftar aur badha di thi.,"pyar nahi,jaan iska naam kuchh aur hai. vo bolo,tum mujhse kya karwa rahi ho?"
"mujhe nahi pata naam-vaam.",reema ko us haal me bhi sharm aa gayi.
"chudai meri rani,bolo ki tum mujhse chudna chahti ho."
"nahi."
"please bolo na."
"na,mujhe sharm aati hai."
"thik hai.fir main ise bahar nikal leta hu.",ravi ne lagbhag pura lund uski chut se khinch liya,bas 1/2 inch lund andar tha.
reema tadap uthi & kamar uchka lund ko chut ke andar & apni baaho se uske jism ko apne upar lene ki nakam koshish karne lagi.
"pehle bolo ki tum mujhse chudna chahti ho & mera lund apni chut ke andar chahti ho."
reema ko to bas vo lund apne andar chahiye tha,vo apni sharm bhul gayi,"main tumse chudana chahti hu, ravi.please dalo apna lund meri chut me & chodo mujhe,please!"
sunte hi ravi ne 1 jhatke me hi pura lund uski chut me pel diya,"lo meri jaan.ye lo.."
kamre me dono ki aanho ka shor bhar gaya.ravi paaglo ki tarah dhakke laga raha tha & reema bhi bekabu hokar apni kamar hila dhakko ka jawab de rahi thi.
"reema,main jhadne wala hu."
"bas thodi der aur ravi...A...AHAHHHHHHH.....HHAAA.....AAAANNNNN...!",reema ke jhadte hi ravi ne bhi 2-3 dhakke & lagaye & jhad gaya.vo uske seene pe gir gaya & dono apni tez sanso ko sambhalne lage.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
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