Saturday, June 5, 2010

मासूम मुन्नी पार्ट--3

raj sharma stories

मासूम मुन्नी पार्ट--3

गतांक से आगे.............................


मा ने मुन्नी को रोका और कहने लगी,"मेरे पास आ बेटी, आज पहली बार
मैं तुझे अपने हाथ से झार देती हूँ. तुझे ठीक से पता चल
जाएगा कैसे उंगली करते है." मुन्नी मा के गोद मे बैठ गयी. उसकी
मा ने मुन्नी की चड्डी उतार फेंकी और फ्रॉक उपर उठा कर अपनी
उंगली पर अपना ही थूक लगाया. फिर अपनी छोटी बेटी की चूत पर थूक
से सनी उंगली रगड़ने लगी. मुन्नी भी उचक रही थी. उसने सहारे के
लिए मा का एक चूची पकड़ लिया और मा की उंगली पर अपनी चूत
उड़ाने लगी.

मुन्नी की मा ने देर तक अपनी बच्ची की चूत रगड़ी. फिर एक उंगली
उसके छेद मे घुसाई और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगी. उसके
मंन मे मुन्नी के प्रति प्यार उमड़ आया और उसने झुक कर मुन्नी का मुँह
चुम्म लिया. मुन्नी ने मुँह खोल कर मा की जीभ को अंदर आने का रास्ता
दिया. उसकी मा ने अपनी जीब मुन्नी के मुँह मे गुसेड दी. एक ओर वो अपनी
बेटी की चूत उंगली से चोद रही थी और दूसरी ओर अपनी जीभ से मुन्नी
के मुँह को चोद रही थी. मुन्नी भी अपनी मा की जीभ को उसी तराहा
चूस रही थी जैसे उसने कल अंकल का लंड चूसा था.

दोहरा मज़ा पाकर मुन्नी ज़िंदगी मे पहली बार झरने लगी. गीली चूत
से भरपूर पानी फेंकने के बाद मुन्नी शांत हुई. उसकी मा ने अपनी बेटी
का वो पहला पानी बेकार नही जाने दिया. नीचे झुक कर उसने वो पूरा
पानी चाट लिया.

मुन्नी के सेक्स लाइफ की शुरुआत इस शानदार ढंग से हुई थी.

मुन्नी अपने नाज़ुक हाथो से अंकल का लंड हिला रही थी. वो बड़े ध्यान
से लंड को देख रही थी. उसने पिछले दीनो अंकल का लंड मुँह मे
लेकर एक दो बार चूसा था. पहली बार तो उसकी मा ने ही उसके मुँह मे
अंकल का लंड पकड़कर ठुसा था. बाद मे एक और बार अंकल का लंड
मुन्नी ने अपने आप चूसा था. मा ने उसकी चूत चाट कर मुन्नी को
पहली बार झाराया भी था. लेकिन अभी तक मुन्निने लंड अपनी छोटी
चूत मे नही लिया था. मुन्निने ज़िद की पर उसकी मा ने मना किया था.
छोटी उम्र मे ही मुंनिको सेक्स की बातों का पता चल गया था, जब
उसने अपनी मा को पड़ोस वाले अंकल आ के साथ चुदते देख लिया था.

आज मुन्नी के अंकल फिर उनके यहाँ आए थे. दोपहर का वक़्त था.
मुन्नी के पापा काम पर गये थे और इसी बात का फायेदा लेते हुए अंकल
घर मे घुस आए थे. मुन्नी की मा छिनार तो थी ही. तुरंत उसने
पड़ोसी का लंड चूस कर खड़ा किया और उसके उपर चढ़ बैठी थी.
मुन्नी दोपहर के बाद स्कूल से छुट्टी पाकर घर आई तो उसने मा को
अंकल के लंड पर उछलते हुए देख लिया. वैसे यहा पहली बार नही
हुआ था कि मुन्नी अपनी मा को अंकल के लंड पर धक्के मारते हुए
देखह रही थी. मा उससे खुल चुकी थी.

मा मुन्नी के सामने ही लंड पर उछलते हुए झार गयी. उसके चेहरे पर
झरते समय जो आनंद दिख रहा था, उसके कारण मुन्नी ने आज तय कर
लिया कि वो अंकल का लंड अपनी चूत मे ज़रूर लेगी. जब दूसरी बार
मा ने लंड खाने की बात की तो अंकल का लंड खड़ा नही हो रहा था.
थोड़ी देर पहले ही झार चुका चालीस साल के अंकल का लंड जल्दी
खड़ा नही हो रहा था. मुन्नी की मा ने उसे अपने हाथ से हिलाकर कड़ा
करने की कोशिश की पर उसके हाथ थक गये. लेकिन अंकल का लंड
वैसे ही मुरझाया हुआ था. मुन्नी के कमसिन हाथों का स्पर्श पाकर
शायद वो लंड जल्दी खड़ा हो जाएगा यहा सोचकर उसने मुन्नी को
अंकल का लंड हिलाने को कहा था.

मुन्नी लंड हिलाते हुए मन ही मन सोच रही थी कि उसकी छिनाल मा खुद
तो उसके सामने अंकल के लंड का मज़ा लेती है, लेकिन अपनी बेटी को वही
मज़ा लेने से रोकती है. आज मुन्नी की चूत बहुत चुलबुला रही थी.
उसकी सहेली बीना ने अपने भैया के साथ कल हुई चुदाई का मज़ा मुन्नी
को आज स्कूल मे सुनाया था. तब से मुन्नी की चूत खुजला रही थी.
उपेर से उसकी मा ने अंकल का लंड खड़ा करने के लिए मुन्नी के हाथ
मे दिया था. उसे मा पर गुस्सा आ रहा था.

मुन्नी बोल पड़ी,"मा अंकल का लंड खड़ा हो जाएगा तब आपको इस लंड
पर बैठने नही दूँगी मैं आज. मैं खुद उसे अपनी चूत मे लेना
चाहती हूँ. मैं अंकल के लंड को खड़ा करूँगी और आप उसपर चढ़
कर मज़ा लेंगी, ये हमेशा होता है. आज मैं अंकल का लंड लिए
बगैर नही रहूंगी."

उसकी मा सकते मे आ गयी. मुन्नी को समझाने लगी,"देख मुन्नी अभी तू
छोटी है. ज़िद मत कर. अगले साल मैं तुझे चुदवा दूँगी. तब तक
धीरज रख मेरी प्यारी बेटी." लेकिन मुन्नी माननेवाली नही थी. वो
बोली,"देखहो मा, अगर अपने मुझे आज अंकल के लंड का मज़ा नही लेने
दिया तो मैं पापा को सब बता दूँगी आपके और अंकल के बारे मे."

इसपर मुन्नी की मा के पास कोई जवाब नही था. जब वो पड़ोसी से
चुदते हुए मुन्नी द्वारा पकड़ी गयी थी तब मुन्नी के पापा के डर के
कारण ही उसे मुन्नी को अपने खेल मे शामिल करना पड़ा था. उसने अपनी
कमसिन बेटी को लाख समझाया पर मुन्नी नही मानी. इधर मा और बेटी
अपने लौदे के लिए झगड़ रही है ये देख कर अंकल के लंड मे जान आने
लगी. धीरे धीरे उनका लौदा मुन्नी के हाथों मे कड़ा होने लगा.
अंकल मुन्नी की मा को कहने लगे,"भाभी, अगर आज इसे नही लेने दोगि
तो मुन्नी अपने लिए मुसीबत खड़ी करेगी."

उस मोटे तगड़े लौदे को देख कर मुन्नी की मा भी यही सोचने लगी कि
अगर मुन्नी को माना करेगी तो मुन्नी अपने पापा को ज़रूर बताएगी. मगर
जब अंकल का मोटा लंड अंदर लेने का वक़्त आएगा तब शायद मुन्नी डर
जाएगी और उसकी छूट फटने से बच जाएगी. अगर मुन्नी लंड ले भी
लेती है तो फिर कभी अपने पापा से यहा बात बताने की धमकी वो
नही दे सकेगी. ये सोच कर मा ने मुन्नी से कहा,"ठीक है बेटी, अगर
तूने अपनी चूत फदवाने का इरादा पक्का कर ही लिया है तो मैं कैसे
रोक सकती हूँ तुझे?मई बाजू मे बैठ जाती हूँ. कर ले अपनी मन की
बात. डलवा ले अपनी चूत मे अंकल का मोटा लंड."

मुन्नी यह सुनकर खुशी से उछल पड़ी. उसने अंकल की तरफ देख कर
कहा,"डालेंगे ना अंकल आप मेरी चूत मे अपना लंड?" अंकल ने हँसकर
कहा, "हाँ बेटी, ज़रूर डालेंगे. जब मा बेटी राज़ी हो गयी है तब
मेरी क्या मज़ाल की तेरी छोटी चूत मे लौदा ना डालु? खूब चोदेन्गे आज
बिटिया रानी को. तू फिकर मत कर. चल आजा इधर. छोड़ लंड को
हिलना अब. तेरी चूत का नाम सुनते ही मेरे बूढ़े लंड मे जान आ गयी
है. अब उसे हिलाने की कोई ज़रूरत नही." यहा कहकर अंकल ने मुन्नी
की मा की तरफ देखहते हुए आँख मारी.

मा तिलबिलकार रहा गयी. "मेरी छोटी बेटी की कोरी चूत मिलते ही आप
के तेवर बदल गये लगते है भैसाहब. ये मत भूलिएगा कि अगर
मेरी सेवा करना अपने बंद किया तो मुन्नी और मैं दोनो मे से आप को
कोई भी नही मिलेगी." इसपर मुन्नी भी बोल पड़ी, "हाँ अंकल, मेरी मा
को चोदना आप बंद मत कीजिएगा. नही तो मैं फिर कभी नही
चुड़ावऊंगी आपसे." मुन्नी लंड पकड़े हुए बोली जा रही थी. अंकल ने
उसे भरोसा दिलाया कि वो दोनो की चूत मारते रहेंगे. और उसकी
हाथों से अपना लंड छुड़ा कर मुन्नी को उन्होने गोद मे उठा लिया.

अंकल ने पलंग पर ले जाकर मुन्नी को उसपर सुलाया और उसकी मा को
कहने लगे, "देखहो भाभी, मुन्नी की इच्छा तो पूरी करनी पड़ेगी.
वरना वो अपने पापा को बात बताने से नही चूकेगी. आप मेरी मदद
कीजिए. जहाँ तक हो सके, मैं मुन्नी को तकलीफ़ दिए बिना उसकी छेद
मे लंड डालने की कोशिश करूँगा. आप उसकी चूत चाट कर गीली कर
देंगी तो अछा रहेगा." मा ने हामी भर दी. अपने छिनरपन के कारण
ही उसे यहा करना पड़ रहा था. इतना मोटा लंड बच्ची के चूत मे
जाते हुए तकलीफ़ तो होगी ही, पर उसे थोड़ा कम करने के लिए जो किया
जा सकता है वो सब करने को मुन्नी की मा तैयार थी.

मुन्नी का फ्रा~म्सी उपर उठाकर उसने चड्डी नीचे खींची और झुक कर
अपनी बेटी की चूत पर जीभ लगाई. छेद मे जीभ ठेलते हुए वो मुन्नी
का छेद बड़ा करने का प्रयास करने लगी. बहुत देर तक मा ने मुन्नी
की चूत चॅटी. अंकल तब मुन्नी के मुँह मे अपना लौदा दे कर खड़े
खड़े उसकी छोटी छोटी चूची मसलते हुए मुन्नी की चूत चटाई देख रहे
थे. जब चाट कर मुन्नी की चूत गीली हो गयी तब उसकी मा ने मुन्नी
के छोटे छेद मे एक उंगली डाली और उसे घूमाते हुए छेद को बड़ा
करने की कोशिश करने लगी. मुन्नी भी मा की उंगली अंदर लेने के
लिए अपनी कमर उछालकर सहयोग दे रही थी. इधर अंकल का लंड
अपने मुँह मे चूस्ति हुई मुन्नी को महसूस हुआ कि लंड उसकी मुँह मे
लपक रहा था. अगर वो मुँह मे ही झार गया तो फिर जल्दी खड़ा
नही होगा ये बात मुन्नी को मालूम थी.

मुन्नी ने लंड को मुँह से बाहर किया और मा से बोली,"मा अब बंद करो
उंगली चलाना. अंकल का लंड एकदम कड़ा हो गया है. जल्दी से मेरी
चूत मे डलवाओ ये लंड नही तो बाहर ही झार जाएगा." मा ने चूत
से उंगली हटाई और अंकल से कहा,"आइए भाई सहाब, मुन्नी की चूत
मैने आपके लिए चटकार तैयार की है. अब डालिए मेरी बेटी की चूत
मे आपका मोटा लंड." अंकल हाथ मे अपना लपकता हुआ लौदा लेकर पलंग
पर चढ़ गये. मुन्नी की फैली हुई टाँगो के बीच आकर उन्होने मुन्नी की
मा को कहा," ज़रा अपने हाथों से फैला दीजिए भाभी मुन्नी की चूत."

मुन्नी की मा ने अपने दोनो हाथों से मुन्नी का छोटा छेद फैलाकर
चौरा किया. उस छेद पर थूक कर मा ने उसे और गीला कर दिया और
अंकल से बोली,"डालिए भाई, मेरी छोटी सी बेटी की चूत आज चोद
डालिए. साली मुझे धमकाती है कि अपने बाप से चुगली करेगी. इसके
बाप के लंड मे अगर इतना ज़ोर होता तो मैं क्यों लेती आपका लौदा? साला
उसका तो लाख चूसने पर भी खड़ा नही होता. डरे हुए कुत्ते की दूम
जैसा टाँगों के बीच छुप जाता है मुन्नी के पापा का लंड, जब मैं
हाथ लगाती हूँ. उस नरम लंड वाले से मेरी चुगली करेगी ये छीनाल?
ज़रा इसे बता दीजिए आज, कैसा होता है दम दार लंड खाने का मज़ा."

अंकल मुन्नी क़ी मा की ऐसी गंदी बाते सुनकर ताव मे आ गये और अपना लंड
मुन्नी की चूत के छेद पर लगाकर अंदर डालने की कोशिश करने
लगे. लंड की मोटी सुपारी बड़ी मुश्किल से छेद के अंदर गयी थी कि
मुन्नी चिल्ला पड़ी,"मा मैं मरी. अंकल को बोलिए ना लंड अभी बाहर
करे. बहुत दर्द हो रहा है मेरी चूत मे मा." इसपर मा बोली,"अब
क्यूँ चिल्लाति है छीनाल? मैं मना कर रही थी तब तूने ही अंकल का
लंड चूत मे लेने की ज़िद की. अब भुगत अपनी सज़ा. डालिए भाई सहाब ज़ोर
लगा कर. फटने दीजिए इस छिनाल की चूत. बड़ी आई बाप को बताने
वाली. पेल दीजिए आपका पूरा लौदा साली की छोटी चूत मे."

अंकल को इससे ज़्यादा कहने की ज़रूरत नही थी. उन्होने मुन्नी की आह
और कराह की पेरवा किए बिना ज़ोर ज़ोर से हूँक कर मुन्नी की छेद मे
अपना तगड़ा लंड पेलना शुरू किया. जब मुन्नी ज़ोर से चिल्लाने लगी तब
उसकी मा ने मुन्नी के मुँह पर अपना हाथ दबाकर उसे चुप किया. जब
आधे से ज़्यादा लंड मुन्नी की चूत निगल गयी तब अंकल ठहरे और
मुन्नी के मा से कहने लगे, "देखो भाभी. अब इससे ज़्यादा नही जाएगा.
इसकी चूत मे अब जगह बाकी नही है."

मा ने हाथ लगाकर देख की मुन्नी की चूत कितना लंड खा चुकी है
और बोली,"हाँ भाई. आप ठीक कहते है. अब इससे ज़्यादा लंड नही खा
सकती मेरी बेटी. अब थोड़ी देर ऐसे ही रहने दो लंड को. इसकी चूत
थोड़ी ढीली पड़ जाए तब चोदना साली को." मा और अंकल की बाते सुन
कर मुन्नी डर गयी. उसकी चूत दर्द के मारे फटी जा रही थी. उसने
मंडी हिला कर मा को इशारा किया.

तब मा ने उसके मुँह से अपना हाथ हटाया और बोली,"चिल्ला मत नादान
छोकरी. अब तूने ज़िद कर के लंड अपनी चूत मे ले ही लिया है तो उसे
सहेन करना सीख.. जब मैं तेरी उमर की थी तब मुझसे दस साल बड़े
तेरे मामा का लंड मैं हंसते हंसते झेल जाती थी. भैया और उनके
दोस्त नेमिलकर मेरी चूत को चौड़ा कर दिया था. शादी के बाद तेरे बाप
का लंड लेते हुए मैं भैया के मोटे तगड़े लौदे के बारे मे सोचते
हुए गरम होती थी और तेरा बाप समझता कि मैं उसकी छोटी नुन्नि का
मज़ा ले कर तरप रही हूँ. अंकल के लंड जैसा मोटा लंड तुझे
इतनी छोटी उमर मे खाने को मिल रहा है ये तेरा नसीब समझ."

मुन्नी ने थोड़ी राहत महसूस की. अब उसकी छोटी छेद उस बड़े लंड की
आदि हो गयी थी. मुन्नी बोली,"ठीक है मा, लेकिन अंकल से कहो कि
धीरे धीरे चोदे. नही तो मैं मर जाऊंगी." इस पर मा ने मुन्नी के
सिर पर अपना हाथ रखते हुए उसे चूम लिया और बोली,"हाँ बेटी घबरा
मत, अंकल तुझे बड़े प्यार से चोदेन्गे. तेरी यहा छोटी छोटी चुचि
मैं चूस्ति हूँ. फिर तुझे दर्द कम होगा." और मा ने मुन्नी की अभी
उठने लगी छाती के उपर वाली छोटी निपल्स को मुँह मे भर लिया.

अंकल ने धीरे धीरे लंड मुन्नी की चूत मे अंदर बाहर करना शुरू
किया. थोड़ी देर के बाद मुन्नी की पीड़ा ख़तम हो गयी. उसके चेहरे पर
मुस्कान आ गयी. तब अंकल ने अपनी रफ़्तार बढ़ाई. मज़ा ले ले कर अंकल
मुन्नी की छोटी चूत मारने लगे. मुन्नी ने मा से कहा,"मा अब मैं
आप की चुचि पियूँगी. मेरा दर्द अब कम हो गया है." तब उसकी मा
ने हंस कर मुन्नी का निपल मुँह से बाहर निकाला और अपनी चुचि
मुन्नी के मुँह मे दे कर चूसवाने लगी.

मुन्नी ने हाथ बढ़ाकर अपनी मा की झटों को पकड़ लिया और उसकी
चूत को सहलाने लगी. मुन्नी द्वारा चुचि चूसी जाने और चूत
सहलाने के कारण मुन्नी की मा गरम होने लगी. मुन्नी ने अपनी मा के
छेद मे उंगली डाल दी और मा से बोली,"मा आप ने अपने लिए अंकल का
लंड कड़क करने के लिए मेरे हाथ मे दिया था. और मैं खुद उस लंड
को खा बैठी. आप मेरे मुँह के उपर बैठ जाइए. मैं आप की चूत
चूसूंगी." मया इस पर हँस पड़ी,"कैसी प्यारी बेटी है मेरी? अपनी
चूत पहली बार मरवाते हुए मेरी फ़िक्र कर रही है. लेकिन तेरी बात
भी ठीक है बेटी. मैं कब्से तेरे अंकल का लंड दोबारा अपनी चूत मे
लेने के लिए उतावली हो रही हूँ. तुझे चुदते देख मेरी चूत गीली
हो गयी है. मैं बैठती हूँ तेरे मुँह पर. चातेगी तू?"

मुन्नी ने हामी भरते ही उसकी छिनाल मा अपनी चुदति बेटी के मुँह पर
चढ़ कर बैठ गयी. मुन्नी के पूरे चेहरे पर अपनी चूत नचाती हुई
उसकी मा अंकल की तरफ देखह कर बोली,"अब शुरू कीजिए भाई,
मारिए मेरी बेटी की चूत ज़ोर्से. चोद डालिए मेरी प्यारी मुन्नी को."
अंकल ने अपनी भाभी का कहा मान कर मुन्नी की चूत मे फँसे अपने
लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू किया. मुन्नी इन धक्कों की रफ़्तार
से छटपटाने लगी. लेकिन वो चिल्ला नही सकती थी. क्यूँ कि उसकी मा
ने अपनी चूत मुन्नी के मुँह पर दबा रखी थी. मुन्नी चिल्लाने के लिए
मुँह खोलने का प्रयास करती तो उसके होठों की रगड़ खा कर उसकी मा
और ज़ोर से अपनी चूत मुन्नी के मुँह पर दबा देती.

इधर अंकल भी मुन्नी को हूमच हूमच कर चोदने लगे. उन्होने
हाथ बढ़ा कर अपनी भाभी के हिलते हुए मम्मे पकड़ लिए. मा के
थन और बेटी की चूत इन दोनो का मज़ा एक साथ पा कर अंकल मुन्नी की
चूत मे झरने लगे. मुन्नी की छोटी सी चूत अंकल के भारी लंड से
निकले हुए गाढ़े पानी से भर गयी. उस पानी की चिकनाहट के कारण
अंकल का लौदा आसानी से अंदर बाहर फिसलने लगा. तब मुन्नी का दर्द
कम होकर उसकी चूत मे एक अजीब सी हलचल होने लगी. झरने के बाद
भी अंकल ने अपनी रफ़्तार कम नही की. मुन्नी भी थोड़ी देर मे अंकल के
लंड की ठोकरें खाती हुई झरने लगी. कमर उचकाते हुए
झरनेवाली अपनी लाडली बेटी को देखकर मुन्नी की मा भी अपनी चूत
बेटी के मुँह पर रगड़ते हुए झार गयी.

अंकल आ ने आगे झुक कर अपनी भाभी का चुंबन लिया. नीचे उनका लौदा
मुन्नी की भीगी चूत मे फसा पड़ा था. मुन्नी अपनी जीभ मा की चूत
के छेद मे डाल कर पड़ी रही. इस तराहा तीनो आपस मे जुड़ गये थे.

आगे कई साल तक वे तीनो इसी तरह आपस मे जुड़ कर सेक्स का मज़ा लेते
रहे.दोस्तो कैसी लगी ये कहानी लिखना ना भूले आपका दोस्त राज शर्मा

एंड










आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj

























राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँहिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया rajsharma ki kahaniya ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = राज शर्मा की कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ Raj sharma stories , kaamuk kahaaniya , rajsharma हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator