Saturday, June 12, 2010

सेक्सी कहानिया जुड़वा बहनो की जुड़वा चुदाई -4

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जुड़वा बहाने की जुड़वा चुदाई ---४ लास्ट पार्ट

हेमा बोली. "सीमा तैयार है तो भला मुझे क्या ऐतराज़ हो सकता है. आख़िर ये
मेरी बहन है."

अब आगे की कहानी सीमा की ज़ुबानी

रात के 7 बजे मैने धरम का लंड मूह मे लिया और चूसने लगी.
थोड़ी ही देर मे धरम का लंड खड़ा हो गया. धरम ने मुझे लिटा
दिया और मेरी टाँगो के बीच आ गये. उन्होने मेरी चूत को चाटना
शुरू कर दिया. मेरे सारे बदन ने सुरसुरी सी होने लगी. मैं जोश से
पागल हुई जा रही थी. 2 मीं मे ही मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.
मैने धरम को अपनी बहो मे ज़ोर से जाकड़ लिया. धरम मेरे होतो को
चूमने लगे. थोड़ी देर बाद धरम ने मुझसे डॉगी स्टाइल मे होने को
कहा. मैं बहुत ज़्यादा जोश मे थी और तुरंत ही डॉगी स्टाइल मे हो
गयी. धरम मेरे पिच्चे आ गये. उसने मेरी चूत की लिप्स को फैला
कर अपने लंड का टोपा बीच मे रख दिया. मेरे सारे बदन मे गुदगुदी
से होने लगी और मैं सिसकारिया भरने लगी. धरम ने मेरी कमर को
पकड़ा और बोले.

"सीमा, अब मैं तुम्हारी चूत मे अपना लंड घुसाने जा रहा हूँ. अब
तुम दर्द सहने के लिए तैयार हो जाओ." मैने कहा.

"मुझे चाहे जितना दर्द हो मैं तो बस केवल आप का पूरा लंड अपनी
चूत के अंदर लेना चाहती हूँ. आप ने मेरी सेक्स की आग को भड़का दिया
है. मैं आप से खूब चुड़वाना चाहती हूँ." हेमा बोली.

"अगर तू ही चुड़वति रहेगी तो मेरा क्या होगा. मैं तो चुडवाए बिना
नही रह सकती." मैने कहा.

"मुझे चुड़वा लेने दे फिर तू भी चुड़वा लेना." धरम ने अपना लंड
मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. उसका लंड धीरे धीरे
मेरी चूत के अंदर घुसता जा रहा था. पहले तो मुझे बहुत क़म दर्द
हुआ लेकिन जब उसका लंड और ज़्यादा गहराई तक मेरी चूत के अंदर
चला गया तो मुझे दर्द होने लगा. मैने धरम को रोका नही. वो अभी
भी अपना लंड मेरी चूत में दबाता जा रहा था. उसका लंड मेरी चूत
मे और ज़्यादा गहराई तक घुसता जा रहा था. मैने अपने होत जाकड़
लिए जिस से मेरे मूह से चीख ना निकले. जब मेरी चूत का दर्द
बर्दस्त से बाहर हो गया तो मैने धरम से रुक जाने को कहा. वो वो
रुक गया. मैने पुचछा.

"कितना घुसा है तुम्हारा लंड." वो बोला अभी तो केवल 5" ही घुस पाया
है. मैं राज के 5" के लंड से चुड़वाने की आदि थी और धरम का लंड
5" तक मेरी चूत में घुस चुका था. मुझे बहुत ज़्यादा दर्द इस लिए
भी हुआ क्यों की धरम का लंड राज के लंड से बहुत ज़्यादा मोटा था.
थोड़ी देर बाद मैने धरम से और ज़्यादा लंड चूत के अंदर ना गुसाते
हुए छोड़ने को कहा.

उसने अपना लंड 5" तक ही मेरी चूत मे डालते हुए अंदर बाहर करना
शुरू कर दिया. मेरी चूत ने धरम का लंड एक दम जाकड़ रखा था.
थोड़ी देर बाद जब मेरी चूत कुच्छ ढीली हो गयी तो मेरा दर्द क़म हो
गया.
मैं जोश मे आ कर सिसकारिया भरने लगी. मैने अपना चूतड़ भी आयेज
पिच्चे करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट मे ही मैं झाड़ गयी. झड़ने
के बाद मेरी चूत और ज़्यादा गीली हो गयी तो धरम ने एक धक्का लगा
दिया. मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और मैं चिल्लाने लगी. हेमा बोली.

"क्या हुआ. अभी तो धरम का लंड केवल 6" ही घुसा है और तू चिल्ला
रही है. अभी तो 2" बाकी है. जब धरम पूरा लंड अंदर दल देगा तो
तेरा क्या हाल होगा" .

"थोड़ा सबर कर. मैं तो जीजू का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर
लूँगी, चाहे जो हो जाए." धरम ने हेमा से कहा.

"तुम सीमा का मूह ज़ोर से दबा दो. जिस से मैं अपना पूरा लंड इसकी
चूत मे डाल दूं. नही तो जैसे पहले तुम चिल्लाति थी उसी तरह ये
भी बहुत चिलाएगी और मैं एक बार में पूरा लंड इसकी चूत मे
नही डाल पौँगा. पूरा लंड डालने के लिए मुझे सीमा की काई बार
चुदाई करनी पड़ेगी और उसे कई बार दर्द होगा." हेमा ने मेरे मूह
ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया.

धरम ने पुर ताक़त के साथ 3-4 जोरदार धक्के और लगा दिए. मैं
दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरा बदन तर तर काँपने लगा. मूह दबा
होने की वजह से मेरे मूह से केवल गू गू की आवाज़ ही निकल पा रही
थी. मेरा पूरा चेहरा पसीने से भीग गया. धरम का लंड अब एक दम
जड़ तक मेरी चूत मे समा चुका था. हेमा मेरा मूह दबाए रही और
धरम ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो अभी धीरे धीरे धक्के
लगा रहे थे.
4-5 मिनिट मे ही मैं फिर से झाड़ गयी तो मेरी चूत एक दम गीली हो
गयी. अब धरम का लंड मेरी चूत में थोड़ा आसानी से अंदर बाहर
होने लगा था. मेरा दर्द भी कुच्छ हद तक क़म हो चुका था. अब मैं
ज़्यादा नही चिल्ला रही थी. हेमा ने अपना हाथ मेरे मूह से हटा लिया.
हेमा ने मुझसे पूचछा.

"धरम का पूरा लंड अब तुम्हारी चूत के अंदर है. कैसा लग रहा
है." मैने कहा.

"अच्च्छा लग रहा है लेकिन अभी भी दर्द बहुत दर्द हो रहा है."
हेमा बोली.

"अभी जब धरम की स्पीड बढ़ जाएगी तब फिर से दर्द होगा. तुम ये
दर्द बर्दस्त कर लेना. फिर बाद मे तुझे बहुत मज़ा आएगा." इतना कह
कर हेमा ने अपनी चूत मेरे मूह के पास कर दिया और बोली.

"तुम मेरी चूत को चतो. इस से तुम्हे दर्द क़म महसूस होगा. मैं हेमा
की चूत को चाटने लगी. धरम ने अपनी स्पीड थोड़ा तेज़ कर दी. मुझे
फिर से दर्द होने लगा और मैं करहने लगी. मैने अपने दोनो होत एक
दूसरे पाक कस लिए. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैं फिर से झाड़
गयी. अब तक मेरा दर्द और क़म हो गया था. मेरे झाड़ जाने के बाद
धरम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. मैं फिर से करहने लगी.

लगभग 10 मिनिट तक और चुड़वाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. अब
धरम का लंड मेरी चूत मे आराम से अंदर बाहर होने लगा था. मेरा
दर्द एक दम क़म हो गया था. अब मैं भी अपना चूतड़ आगे पीच्चे कर
के धरम का साथ देने लगी थी. धरम ने मुझे अब ग़ज़ब की स्पीड से
चॉड्ना शुरू कर दिया. उसका हर धक्का मेरी बच्चेड़नी को पिच्चे
धकेल रहा था. मेरे पेट में भी दर्द होने लगा. उसका हर धक्का
मेरे उपर भारी पद रहा था. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था.
मेरी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. इस बार 5 मीं की चुदाई मे ही
मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. मैने हेमा से कहा.

"मैं नही जानती थी की चुड़वाने मे इतना मज़ा भी आता है. मैं राज
से चुड़वाने मे उसका साथ नही देती थी. मैने राज के साथ बहुत बुरा
किया है. राज तो धरम की तरह ही सेक्सी है. दोनो मे अंतर केवल लंड
के साइज़ का है. मुझे सेक्स मे मज़ा नही आता था. धरम जैसे तुम्हे
खूब छोड़ता है वैसे ही राज भी मुझे खूब चॉड्ना चाहता है. मैने
उसे बहुत तडपया है. अब मैं उसे बिल्कुल नही तड़पौँगी. उस से खूब
चड़वौनगी." हेमा ने कहा.

"चलो ठीक ही है. देर से ही सही तुम्हे ये बात तो समझ मे आ गयी.
जानती हो सीमा जब पती का पेट अपनी बीवी से नही भरता तो वो दूसरी
औरत के पास अपनी भूख मिटाने चला जाता है. इस लिए हर औरत को
अपने पती के सेक्स की भूख को शांत रखना चाहिए." मैने कहा.

"हन, अब मैं समझ गयी हूँ. तुमने मुझ पर बहुत उपकर किया है."
अब तक मुझे चुड़वते हुए 10 मिनिट और बीत चुके थे. मैं पहले ही
काई बार झाड़ चुकी थी. धरम अभी भी मुझे उसी स्पीड मे चोद रहा
था.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं चाहती थी की धरम मुझे इसी
तरह पूरी रात छोड़ता रहे. थोड़ी ही देर मे मेरी चूत से फिर से
पानी नियकालने लगा. मैं बहुत ज़्यादा जोश मे आ गयी थी और बड़े प्यार
से हेमा की चूत को छत रही थी. धरम ने अभी भी मुझे उसी स्पीड
मे चॉड्ना जारी रखा था.
अब तक मुझे चुड़वते हुए लगभग 20 मिनिट और हो गये थे. धरम
की स्पीड और तेज़ हो गयी तो मैं समझ गयी की अब धरम का नंबर आ
गया है. तभी मैने ने हेमा की चूत को और ज़्यादा तेज़ी से चाटना
शुरू कर दिय.शीम चिल्लती रही लेकिन धरम उसके चिल्लाने पर कोई ध्यान ही नही
दे रहे थे. वो बहुत ही तेज़ी के साथ सीमा की गांद मरने लगे.
थोड़ी देर बाद सीमा शांत हो गयी और उसने अपना चूतड़ आयेज पीच्चे
करते हुए धरम का साथ देना शर कर दिया. इस बार धरम ने
लगातार 1 घंटे तक बिना रुके सीमा की गांद मारी और फिर झाड़ गये.
सीमा और धरम दोनो पसीने से लत पाठ थे. उन्होने अपना लंड सीमा
की गांद से बाहर निकाला और हट गये. मैने देखा की अब सीमा की
गांद एक दम चौड़ी हो चुकी थी. उस रात धरम ने फिर किसी को नही
चोडा.

सुबह हम सब नहाने के लिए बातरूम गये. हम सबने अपने बदन पर
साबुन लगा रखा था. उसी समय धरम ने बातरूम में ही सीमा को
डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गयी. धरंने
उसकी गांद के च्छेद पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा.
साबुन लगा होने की वजह से इस बार एक ही धक्के में धरम का पूरा
का पूरा लंड सीमा की गांद में घुस गया. इस बार सीमा को ज़्यादा
दर्द भी नही हुआ. धरम ने उसकी गांद मारनी शुरू कर दी.

लगभग 10-15 मिनिट सीमा की गांद मरने के बाद धरम ने मुझसे
डॉगी स्टाइल में होने को कहा. मैं भी सीमा के बगल डॉगी स्टाइल
में हो गयी. मेरे बदन पर भी साबुन लगा हुआ था. धरम ने अपना
लंड सीमा की गांद से बाहर निकाला और एक ही जाहतके पूरा का पूरा लंड
मेरी गांद में दल दिया और मेरी गणन्ड़ मरने लगे. सीमा उतना चाहती
थी तो धरम ने कहा अभी तुम ऐसे ही रहो. मैं अभी तुम्हारी गांद
फिर से मारूँगा. सीमा बहुत ज़्यादा जोश में थी और वो उसी तरह
डॉगी स्टाइल में ही रही.

लगभग 10 मिनिट मेरी गांद मरने के बाद धरम ने अपना लंड मेरी
गांद से बाहर निकाला और फिर से सीमा की गांद मे पूरा का पूरा लंड
एक ही झटके से दल दिया. इस बार सीमा ने केवल एक आ सी भारी.
धरम ने तेज़ी के साथ सीमा की गांद मारनी शुरू कर दी. शवर का
पानी धरम के सिर पर गिर रहा था. इस स्टाइल में वो मुझे पहले भी
काई बार चोद चुके थे. मैं जानती थी की जब तक शवर का पानी बंद
नही होगा तब तक वो नही झड़ेंगे. . 10 मिनिट तक धरम ने सीमा की
गांद मारी और फिर मेरी गांद मरने लगे. इसी तरह वो अदल बदल कर
मेरी और सीमा की गांद मरते रहे. अब तक लगभग 11/2 घंटे हो
चुके थे. सीमा ने मुझसे कहा.

"आख़िर धरम कब झड़ेंगे." मैने कहा.

"तुम शवर बंद कर दो." सीमा ने उठ कर शवर बंद कर दिया. उसकी
प्यास अभी भी नही शांत हुई थी और वो फिर से धरम के सामने डॉगी
स्टाइल में हो गयी. धरम ने अपना लंड मेरी गांद से बाहर निकाला और
सीमा की गांद मे दल दिया. इस बार सीमा के मूह से कोई आवाज़ नही
निकली तो धरम ने सीमा से कहा.

"इस बार तुम्हारे मूह से कोई आवाज़ नही निकली. अब जाकर तुम्हारी गांद
एक दम मेरे लंड की साइज़ की हो चुकी है." धरम ने 10 मीं तक और
सीमा की गांद मारी और उसके बाद उसकी गांद में ही झाड़ गये. उसके
बाद हम सब ने नाहया फिर बातरूम असे बाहर आ गये. सीमा ने कहा.


"इस बार मुझे दर्द भी नही हुआ और गांद मरने में मज़ा आ गया.
अब मैं पूरी तरह समझ गयी की सेक्स में कितना मज़ा आता है."
दोपहर को मैने और सीमा ने खाना बनाया. खाना खाने के बाद हम
सब आराम करने लगे. शाम के लगभग 4 बजे कल्लबेल्ल बाजी तो मैने
दरवाज़ा खोला. वो राज थे. राज अंदर आ गये. सीमा ने नाश्ता लगाया
और हम सब नाश्ता करने लगे. राज ने मुझसे पूचछा.

"मेरा काम हो गया." मैने कहा.

"हन, हो गया." मैने देखा की सीमा नशीली निगाहो से राज को देख
रही थी. मैं समझ गयी वो अब जोश में है और राज से छुड़वाना
चाहती है. मैने धरम से कहा.

"चलो हम दोनो थोड़ा मार्केट हो आए." धरम समझ गये "मैं धरम
के साथ मार्केट चली गयी. हम दोनो मार्केट से 2 घंटे बाद वापस
आए तो देखा की सीमा एक दम नंगी ही एक चादर ओढ़ कर बेड पर लेती
थी और राज ने केवल एक लूँगी पहन रखी थी. मैं समझ गयी की
सीमा ने राज से चुड़वा लिया है. धरम ने मज़ाक करते हुए सीमा से
पुचछा.

"मज़ा आया." वो बोली.

"हन, बहुत मज़ा आया. आप ही ने तो मुझे सेक्सी बनाया है." राज ने
बड़े प्यार से मेरे गालो को चूम लिया और बोले.

"मैं तुम्हारा पूरी ज़िंदगी एहसानमंद रहूँगा." शाम के 8 बाज रहे
थे. मैं सीमा ने साथ खाना बनाने जाने लगी तो राज ने कहा.

"तुम सब जिस तरह रहते थे उसी तरह हो जाओ और तब खाना बनाओ."
धरम ने भी कहा.

"तुम दोनो एक दम नंगी हो जाओ. फिर खाना बनाओ." मैने और सीमा ने
अपने सारे कपड़े उतार दिए. राज ने अपने कपड़े नही उतरे थे. मैने
राज से कहा.

"आप क्यों लड़कियो की तरह शर्मा रहे हैं. आप भी तो कपड़े उतरिय.
राज ने भी थोड़ा शरमाते हुए अपने कपड़े उतार दिए. धरम कपड़े नही
उतार रहा था. मैने धरम से कपड़े उतरने को कहा तो वो बोला.

"सीमा जब मेरे कपड़े उतरेगी तब ही मैं अपने कपड़े उतरूँगा." राज ने
सीमा को इशारा किया तो उसने धरम के कपड़े उतार दिए. उसके बाद हम
दोनो खाना बनाने जाने लगे तो राज ने धरम से कहा.

"तुम एक बार मेरे सामने सीमा की चुदाई कर दो, उसके बाद ये दोनो खाना
बना लेंगी. धरम ने सीमा से पूचछा तो वो बोली.

"ठीक है." धरम ने सीमा को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसे
छोड़ने लगे. राज सीमा को चुड़वता देख रहे थे. तभी धरम ने राज
से कहा,

"आप क्यों चुप चाप बैठे देख रहे हैं. आप हेमा की चुदाई शुरू
कर दो. राज ने मुझे भी डॉगी स्टाइल में कर दिया और मुझे छोड़ने
लगे. धरम मुझे चुड़वता हुआ देख रहे थे और राज सीमा को.
लगभग 10 मिनिट की चुदाई के बाद जब धरम सीमा की चूत में
झाड़ गये तो उन्होने राज से कहा.

"आप कहो तो मैं सीमा की गांद भी मार लून. ये गांद भी बहुत
अच्च्छा मरवती है." राज ने कहा.

"ये तो बहुत अच्च्छा है. आप इसकी गांद मरो मैं हेमा की गांद मरता
हूँ. उसके बाद धरम ने अपना लंड सीमा की चूत से बाहर निकाला और
उसकी गांद मरने लगे. इधा राज ने भी मेरी गांद मारनी शुरू कर दी.

चुदाई का ये खेल लगभग 1 घंटे तक चलता रहा. हम सब बहुत
खुश थे. उसके बाद मैं और सीमा खाना बनाने चले गये. खाना बन
जाने के बाद हम सब ने खाना खाया. रात के 11 बाज रहे थे. धरम
और राज ने बारी बारी से पूरी रात मेरी और सीमा की खूब चुदाई की
और गांद भी मारी. पूरी रात हम सब नही सोए थे. सुबह हम सब
सोने लगे. दोपहर के 11 बजे हम सब उठ गये. नाश्ता करने के बाद
राज ने धरम से कहा.

"अब मैं वापस जाना चाहता हूँ." सीमा ने राज से कहा.

"अगर तुमको कोई एतराज़ ना हो तो मैं 8- 10 दिन धरम से और चुड़वा
लून." राज ने कहा.

"मुझे कोई एतराज़ नही है लेकिन तब तक मैं क्या करूँ." धरम ने
कहा.

"आप हेमा को साथ ले जाओ और उस से अपना काम चला लो." मैने कहा.

"ठीक है." मैं राज के साथ चली गयी. मैने राज से खूब चुडवाया
और गांद भी मरवाई. इधर सीमा ने भी धरम से जी भर कर
चुडवाया और खूब गांद मरवाई. 10 दिन बाद हम दोनो अपने अपने घर
आ गये.

थे एंड

















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