Saturday, June 12, 2010

बुझाए ना बुझे ये प्यास--4

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बुझाए ना बुझे ये प्यास--4
.रजनी को एहसास हुआ की उसका कितना प्रभाव था महक पर। वैसे भी वो यहाँ चुड़वाने आई थी... उसने सोचा क्यों ना महक के साथ ही... कम से कम चूत का पानी तो चूतेगा... उसने अपनी स्कर्ट को कुल्हों से उपर तक उठाया और वापस बैठ गयी. "यहाँ मेरे पास आ छीनाल और मुझे बता की में तुम्हारे पास क्यों रुकु. ऐसा क्या दोगि तुम मुझे." रजनी ने कहा. महक उसके पास आई और उसकी टॅंगो के बीच बैठ गयी॥ रजनी ने कोई पॅंटी नही पहन रखी थी.. उसने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और बड़े प्यार से चाटने लगी. फिर अपने मुँह मे भर धीरे धीरे चूसने लगी.... "हां अब तुम सही मे छिनालों की तरह चूस रही हो... हां मेरी गरम और गीली चूत को चूस चूस कर मेरा पानी छूडाडे.. साली ." रजनी बड़बड़ा उठी. महक खुशी खुशी उसकी चूत को जोरों से चूसने लगी.. वो ज़ोर ज़ोर से अपनी जीब चला रही थी.... रजनी को मज़ा आता जा रहा था.. उसने महक के सिर को पकड़ अपनी छूट पर दबा दिया... महक ने उसकी चूत को खोल अपनी जीब अंदर बाहर करने लगी.. "श हां चूस चूस और ज़ोर से चूस ओःःः तुम कितना अछा चूस्टी हो ओःःः छुड़ा दो मेरा पानी और पी जा उस पानी को...." रजनी सिसक उठी. रजनी के इन शब्दों ने महक के शरीर मे एक ताक़त सी भर दी वो और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.. अपनी जीब से चाटने लगी.. खुद अपने हाथों से अपनी चूत को मसालने लगी.. रगड़ने लगी.. थोड़ी ही देर मे रजनी चल्ला उठी.. "ऑश में तो गयी.. ओह हाआँ मेरा छूटा." और उसकी चूत ने महक के मुँह मे पानी छोड़ दिया. महक की खुद की साँसे उखड रही थी.. चूत अपने पूरे उबाल पर थी.. उसका भी पानी छूटने वाला था... वो ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को मसालने लगी.. तभी दोनो के कानो मे किसी मर्द की आवाज़ सुनाई पड़ी. "क्या बात है क्या कर रही हो तुम दोनो?" राज ने एक बड़ी कातिल मुस्कान के साथ पूछा.. "म्र्स सहगल क्या यही वो सर्प्राइज़ है जो तुम मुझे देना चाहती थी... " महक वैसे ही चुप चाप रजनी की टॅंगो के बीच बैठी रही.. उसे नही पता था की राज की तरह पेश आएगा उसे इस हालत मे देख कर... शायद वो नाराज़ हो जाए की वो किसी और के साथ भी अपना दिल बहलाती है.. या फिर.. वो उसकी प्रतिक्रिया का इंतेज़ार करने लगी. वहीं रजनी खुस थी... उसकी चूत ने अभी अभी पानी छोड़ा था और वो एक अची चुदाई के लिए तय्यार थी.. वो अपनी जगह से हिली भी नही... ना ही उसने अपने कपड़े ठीक कर अपने आप को ढकने की कोशिश की.. उसे बिल्कुल भी शरम नही आ रही थी.. उसने राज की और देख कर आँख मारी और अपना हाथ अपनी चूत पर रख उसे मसालने लगी. राज थोड़ी देर तक तो दोनो को देखता रहा फिर महक से बोला, "लगता है की तुम अपनी जैसी ही किसी छीनाल रांड़ को साथ लाई हो खेलने के लिए... और तुमने इसे गरम भी कर रखा है." महक की समझ मे नही आया की वो क्या कहे इसलिए उसने वही किया जिससे की राज खुश होता था.. वो खिसक कर राज के पास आई और उसकी पॅंट की ज़िप खोलने लगी.... उसके ढीले लंड को बाहर निकल वो बोली. "ये रजनी है.. जब मेने इसे बताया की तुम मुझे कितना खुश करते हो तो इसने कहा की वो देखना चाहती है.." महक उसके लंड को मसालने लगी थी... "अरे ये देखेगी ही नही बहोत कुछ करेगी भी.. लेकिन वो सब बाद मे." राज ने कहा, "पहले तुम किसी अछी रांड़ की तरह मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसो." महक खुशी खुशी उसके लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी.. थोड़ी ही देर मे उसका लंड पूरी तरह तन गया था.. वहीं रजनी इन दोनो को देखते हुए अपनी चूत रगड़ रही थी.. वो सिसक रही थी...वो देख रही थी की किस तरह मान लगाकर महक राज के मोटे लंबे लंड को अपने मुँह मे गले तक ले चूस रही थी... उसका भी दिल करने लगा की इस भीमकाए लंड को चूसे.. वो उठ कर उनके पास जाने ही वाली थी की राज ने महक को अपने लंड से अलग किया, "अब जाकर रजनी की चूत चूसो" राज ने कहा. महक खिसक कर वापस अपनी पुरानी जगह पर आ गयी... रजनी ने अपनी टाँगे फैला उसे और जगह दे दी.. तभी राज ने महक के पीछे अपनी जगह बना ली.. महक ने जैसे ही अपना मुँह रजनी की चूत पर रखा राज ने अपना लंड उसकी चूत मे घुसा दिया.. और उसे चोद्ने लगा. रजनी पहले की जैसे सिसक रही थी फेडक रही थी.. उसकी चूत एक बार फिर पानी छोड़ने को तय्यार थी.. वो देख रही थी की किस तरह राज का विशाल लंड महक की चूत के अंदर बाहर हो रहा है... महक के गले से निकालने वाली आवाज़ें सुनाई दे रही थी... उसे पता था की राज का लंड महक को अछा लग रहा है.. उसे भी राज के लंड की तमन्ना होने लगी. "अपना ब्लाउस उत्तर दो" राज ने रजनी से कहा, "में तुम्हारी ये भारी भारी चुचियाँ देखना चाहता हूँ." रजनी ने धीरे से अपने ब्लुसे के बटन खोल दिए.. राज ने देखा की उसकी चुचियाँ काले रंग की ब्रा मे क़ैद थी.. निपल तन कर खड़े थे जिनका उभर ब्रा के उपर से दीखाई दे रहा था... रजनी ने अपने निपल को पकड़ा और ज़ोर से काट लिया फिर अपने हाथों को पीछे लेजकर उसने ब्रा का हुक खोला और अपनी चुचियों को आज़ाद कर दिया. वो अपने हहतों से अपनी चुचियों को मसालने लगी.. उन्हे भींचने लगी.. उसकी उसकी चूत पूरे उबाल पर थी.. वो सिसक रही थी. उसकी सिसकियों को सुन राज ज़ोर ज़ोर से महक को चोदने लगा.. उसने महक के कुल्हों को पकड़ा और किसी घोड़े की तरह उस पर चढ़ उसे चोदने लगा.... महक भी जोरों से रजनी की चूत चूस रही थी.. तभी रजनी की चूत ने पानी छोड़ दिया. महक खुद इतनी उत्तेजित थी की उसकी चूत भी झड़ने लगी.. उसकी सिसकियाँ गूंजने लगी.. दोनो को झाड़ते देख राज रुक गया और रजनी से बात करने लगा. "ये जो मेरी रांड़ है ना बहोत ही अछी तरह से चूत को चूस्ति और चाटती है.. है ना?" राज ने पूछा. "श हां बहोट अक्चा.. और ये कोई पहली बार नही है जो इसने मेरा पानी छुड़ाया है.. लगता है की काफ़ी कुछ सीखा दिया है तुमने इसे..." रजनी ने जवाब दिया. महक अपनी साँसों को संभाल चुकी थी और दोनो की बातों को सुन रही थी.. दोनो अभी भी उसके साथ एक रंडियों वाला ही व्यवहार कर रहे थे... राज अब धीरे धीरे उसे चोद रहा था और उसका मुँह अभी भी रजनी की चूत मे धंसा हुआ था.. "लेकिन एक बात की में शर्त लगा सकती हूँ की में इससे अछा लंड चूसना जानती हूँ." रजनी ने दावे के साथ कहा. "तुम्हे लगता है ऐसा." राज ने जवाब दिया. "मुझे लगता नही है में जानती हूँ," रजनी ने अपनी बात पर ज़ोर दिया और अपनी चुचियों को मसालते हुए उसे चिढ़ने लगी. "तो तुम मेरा लंड चूसना चाहती हो.. " राज ने मुस्कुराते हुए कहा. फिर उसने अपने लंड को महक की चूत से बाहर निकाला और अपने लंड को उसकी आँखों के सामने मसालने लगा. "क्या तुम चाहते हो की में अपनी बात को साबित करूँ?" रजनी ने पूछा. राज के मोटे लंड ने रजनी को काफ़ी आकर्षित कर दिया था.. और यही राज चाहता था.. महक के साथ साथ उसे एक और औरत मिल गये थी जो उसके इशारे पर नाचने को तेयार थी.. वो उसकी हो चुकी थी. "अगर तुम्हे मेरा लंड चूसना है तो तुम्हे गिड़गिडना पड़ेगा भीक माँगनी पड़ेगी.. क्या तुम तय्यार हो?" राज ने अपना लंड दीखा उसे चिढ़ाते हुए कहा. "मुझे नही तुम्हे गिड़गिडना पड़ेगा मेरे सामने." रजनी ने उसपर हावी होने की कोशिश की. "मुझे गिड़गिदाने की या भीक माँगने की कोई ज़रूरत नही है." कहकर राज ने अपना लंड वापस महक की चूत मे डाल दिया और उसे चोदने लगा. रजनी को लगा की राज के लंड का मज़ा लेने का मौका हाथ से निकल जाएगा.. वो घबराकर बोली. "नही... वापस उसकी चूत मे मत डालो में तुम्हारे लंड को देखना चाहती हूँ." राज चेहरे पर मुस्कान लिए महक को चोद्ता रहा और बोला, "मुझसे भीक माँगो" राज का महक को चोदना साथ ही खुद का अपनी चुचियों को मसलना... महक का उसकी चूत का चूसना... रजनी से अब सहन नही हो रहा था.. वो तड़प रही थी. आख़िर उसने राज के आगे हार मान ली. "प्लीज़ अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालो..ल. में तुम्हारे लंड को जी भर देखना चाहती हूँ.. चूसना चाहती हूँ.. तुम्हारे रस को पीना चाहता हूँ." "तो तुम मेरे रस का स्वाद चखना चाहती हो?" राज ने उसपर फिर टॉंट कसते हुए कहा. "हां.. मुझे महक ने बताया था की तुम्हारे वीर्या का स्वाद बहोत अछा है.. मुझे चाहिए.. मुझे ज़रूरत है" राज ने अपने लंड को महक की चूत से बाहर निकाला और रजनी के पास आ गया.. रजनी ने महक को अपनी टाँगों के बीच से हटाया और राज के नज़दीक आ कर उसके लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी तो राज ने उसे रोक दिया. "अभी नही.. किसी अची रंडी की तरह मेरे आगे गिद्गिदाओ.. मुझसे भीक माँगो.. फिर.. ही ये तुम्हे मिलेगा." राज ने कहा. "प्लीज़ दे दो ना...में हाथ जोड़ कर भीक मांगती हूँ.. मुझे अपना लंड चूसने दो.. मेरे मुँह मे अपना पानी छोड़ो... में चखना चाहती हूँ." रजनी गिड़गिदा कर बोल पड़ी. "ठीक है पहले अपनी जीब निकालो और इसे उपर से नीचे तक चतो..." राज ने उससे कहा. राज ने अपने लंड को पकड़ रखा था और रजनी अपनी जीब को बाहर निकाल उसके लंड को उपर से नीचे तक चाटने लगी.. जैसे की कोई बच्चा आइस क्रीम कोने को नीचे से उपर तक चाटता है..फिर राज ने उससे कहा की अब वो लंड को मुँह मे ले चूस सकती है.... राज को तो मज़ा आ रहा था.. वो रजनी से भी उसी तरह पेश आने लगा जैसे महक के साथ आता था. "तुम भी ठीक म्र्स सहगल की तरह छीनाल हो." रजनी किसी कुशल खिलाड़ी की तरह उसके लंड को चूसने लगी.. राज उसकी ये कला देख डांग रह गया... वो अपने हहतों का.. मुँह का.. जीब का इतनी कुशल तरीके से इस्टामाल कर रही थी की जल्दी ही राज का लंड अकड़ने लगा... राज को अपनी उम्र की लड़कियों के साथ बिताए पल याद आने लगे... कोई भी लड़की इतनी अची तरह लंड चूसना नही जानती थी... "हां मेरी बुद्धि छीनाल चूवस मेरे लंड को तुम्हे मेरी दूसरी छीनाल का रस का स्वाद मेरे लंड पर अछा लग रहा है ना.. हां चूस और चूस" रजनी ने उसके लंड को चूस्ते हुए अपनी गर्दन हिला दी.. राज ने उसके बालों को पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा... रजनी जोरों से सिसक रही थी







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